http://spiritualworld.co.in घोड़े का इलाज़:
शाहजहाँ घोड़े को देख कर बहुत खुश हो गया| उसकी सेवा व देखभाल के लिए उसने सेवादार भी रख लिया| परन्तु घोड़ा थोड़े ही दिनों में बीमार हो गया| उसने चारा खाना और पानी पीना छोड़ दिया| एक पाँव जमीन से उठा लिया और लंगड़ा होकर चलने लगा|
शाहजहाँ के स्लोत्री ने घोड़े को देखकर सलाह दी कि इसे जल्दी जी तबेले से बाहर निकाल दो| अगर इसे बाहर नहीं निकाला तो इसकी मुँह खुर की छूत वाली बीमारी से दूसरे घोड़ों के बीमार होने का डर है| बादशाह ने उसकी सलाह मानकर घोड़ा पने काजी रुस्तम खां को दे दिया| काजी घोड़ा लेकर बहुत खुश हुआ और इलाज करने लगा|
more on http://spiritualworld.co.in
2. शाहजहाँ घोड़े को देख कर बहुत खुश हो गया|
उसकी सेवा व देखभाल के िलए उसने
सेवादार भी रख िलया| परन्तु घोड़ा थोड़े ही
िदनो मे बीमार हो गया| उसने चारा खाना
और पानी पीना छोड़ िदया| एक पाँव जमीन
से उठा िलया और लंगड़ा होकर चलने लगा|
शाहजहाँ के स्लोत्री ने घोड़े को देखकर सलाह
दी िक इसे जल्दी जी तबेले से बाहर िनकाल
दो|
1 of 5 Contd…
3. अगर इसे बाहर नही िनकाला तो इसकी मुँह
खुर की छूत वाली बीमारी से दूसरे घोड़ो के
बीमार होने का डर है| बादशाह ने उसकी
सलाह मानकर घोड़ा पने काजी रुस्तम खां को
दे िदया| काजी घोड़ा लेकर बहुत खुश हुआ
और इलाज करने लगा|
एक िदन भाई सुजान जी जो यह घोड़ काबुल
से लाए थे उन्होने यह घोड़ा काजी के पास देख
िलया|
2 of 5 Contd…
4. उन्होने गुरु जी को भी यह बताया िक घोड़ा
काजी के पास है और कुछ बीमार भी लगता
है| गुरु जी ने काजी को अपने पास बुलाया
और घोड़ा खरीदने की बात की| उन्होने कहा
हम इसका दस हजार रुपया देंगे| इलाज करके
हम इसे स्वस्थ भी कर लेंगे| काजी ने गुरु जी
को घोड़ा बेच िदया|
गुरु जी ने घोड़े का इलाज अपने स्लोत्री से
कराया| घोड़ा जल्दी ही स्वस्थ हो गया|
3 of 5 Contd…
5. वह घास दाना भी खाने लगा| उसने अपनी
लंगडी टांग भी जमीन पर लगा दी| भाई
सुजान को अपना घोड़ा स्वस्थ देखकर बहुत
खुशी हुई| गुर जी ने उसके ऊपर सुनहरी
पालना डलवा कर जब सवारी की तो भाई
सुजान जी कहने लगे, गुर जी! अब मेरा
मनोरथ पूरा हो गया है| आपने मेरी भावना
पूरी कर दी है|
गुर जी बोले भाई सुजान! तुम िनहाल हो गए
हो| तेरा प्रेम और श्रद्धा धन्य है|
4 of 5 Contd…
6. For more Spiritual Content Kindly visit:
http://spiritualworld.co.in
5 of 5 End
इस प्रकार भाई सुजान अपनी मनोकामना
पूरी करके अपने देश काबुल चला गया|
7. For more Spiritual Content Kindly visit:
http://spiritualworld.co.in
5 of 5 End
इस प्रकार भाई सुजान अपनी मनोकामना
पूरी करके अपने देश काबुल चला गया|