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Impact of globalization on Hindi language n literature

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Impact of globalization on Hindi language n literature

  1. 1. -दे.भारती गोयल लेडी डोक कॉले द्वारा प्रस्तुत
  2. 2.  वैश्ववकरण-यह एक ऐसी प्रक्रिया जहााँ वववव भर के लोग, एक साथ मिल कर एक सिाज बनाते हैं और कायय करते हैं।  आि तौर पर इस शब्द का उपयोग आर्थयक वैश्ववकरण के संदभय िें क्रकया जाता है।
  3. 3.  इसके अलावा सिाज,भाषा,संस्कृ तत और साहहत्य आहद िें भी वैश्ववकरण हुआ है।
  4. 4. राम-सुग्रीव मैत्री और पंचवटी प्रसंग दोनों श्री राि को संबोर्ित करते हैं। राि-सुग्रीव िैत्री के कवव- गोस्वामी तुलसीदास पंचवटी प्रसंग के कवव-श्री मैथिलीशरण गुप्त तुलसीदास जी की रचना दोहे और चौपाई के रुप िें है।
  5. 5.  अलंकारों,छंद और रस का कि से कि उपयोग होना  कववताओं िें अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग होना  व्याकरण का गलत उपयोग  गेय कववताओं का लुप्त होना  नए शब्दों की वृद्र्ि  भाषा की नींव का डग-िगाना
  6. 6.  पश्वचिी संस्कृ तत को अपनाने के कारण सिाज और पररवार बबखर रहे हैं।  लोगों के बीच एक दूसरे के मलए प्रेि और सम्िान कि हो रहा है।  लोगों िें लालसा,ईर्षयाय और स्वाथय की भावना उत्पन्न हो रही है।  हि दुतनया को जीतना चाहते हैं।
  7. 7.  कववओं का लोगों के िन को पढ़ना  सिाज का पूणय ज्ञान प्राप्त होना  भश्तत की रचनाओं का लुप्त होना  सिाज िें हो रहे हर ववषय का लोगों से पररचय कराना  लोगों के बीच जागरुकता पैदा करना

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