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Hindi Report - Anti Christian Violence Narayanpur and Kondagaon.pdf

4 Jan 2023
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  1. “रोको, टोको, ठोको” छ ीसगढ़ क े ब र म नारायणपुर और कोंडागांव क े चच जाने वाले आिदवासी समुदाय क े खलाफ िहंसा पर एक संि रपोट छ ीसगढ़ बचाओ आंदोलन1 01.01.2023 सारांश छ ीसगढ़ बचाओ आंदोलन क े 6 सद ीय दल ने 24.12.2022 को नारायणपुर और कोंडागांव का दौरा कर चच जाने वाले उन समुदाय2 से मुलाकात की िज 18.12.2022 की ापक िहंसा क े बाद अपने पारंप रक गांवों से िनकाल िदया गया था और िज ोंने नारायणपुर इंडोर ेिडयम म शरण ली थी। नारायणपुर और कोंडागाँव क े लगभग 16 गाँवों क े 450 से अिधक चच जाने वाले ामीण इंडोर ेिडयम म रह रहे थे, िजनम से अिधकांश मिहलाएँ और छोटे ब े थे। ेिडयम म रह रहे इन ामीणों म क ु छ लोगों क े साथ मार-पीट की गई और जबरद ी उ घरों से बाहर िनकाल िदया था, जबिक अ लोग चच को छोड़ने की चेताविनयों और मार-पीट क े डर से अपने गांवों से भाग कर आये थे । इन िव थािपतों म से अिधकांश लोग िपछले 5-8 वष से िनयिमत प से चच जा रहे थे, लेिकन िपछले क ु छ महीनों म भाजपा-आरएसएस समिथत जनजाती सुर ा मंच क े गठन क े बाद से ही तनाव बढ़ा है, जो "प रवितत आिदवािसयों" को अनुसूिचत जनजाित समूह से बाहर कर उनक े आर ण को समा करने की मांग कर रहा है । हालांिक यह है िक यह िहंसा भाजपा/आरएसएस क े इशारे पर भड़काई गई थी, िफर भी लगभग सभी िव थािपत लोगों ने बताया िक िजन गाँव की बैठक म चच जाने वालों को गाँव से बाहर िनकालने क े िनणय िलए गए थे, उनम थानीय गाँव वाले ही शािमल थे िज ोंने मार-पीट की, घरों और चच को तोड़ा l थानीय शासन और पुिलस की िति या समान प से सु एवं उदासीन थी l गांवों से बड़े पैमाने पर लोगों क े िव थापन की ख़बर रा ीय समाचारों म आने क े बाद ही थानीय शासन और पुिलस ने कायवाही शु की। हालांिक नारायणपुर शासन ने गाँव से भागने वाले लोगों को इंडोर ेिडयम म शरण दी, लेिकन उ ोंने इनको कोई राहत साम ी नहीं दी। िव थािपतों को भोजन, राशन, गम कपड़े, िब र, दवाइयाँ आिद दान करने का काम थानीय ईसाई समुदाय पर छोड़ िदया | इस रपोट को िलखते समय, कोंडागांव और नारायणपुर क े िविभ गाँवों म चचजाने वाले लोगों क े खलाफ सभाएं , रैिलयों और मारपीट जारी है, पर इस िहंसा क े बीच भी शरणािथयों को जबरन उनक े गाँव लौटाया जा रहा है। िहंसा की मौजूदा थित और इसक े िवकराल होते प से आिदवासी समुदाय क े भीतर एक गहरी दरार पड़ने का भय है, और जब तक आिदवासी नेतृ और सामुदाियक संगठन इस नफरत और िहंसा को रोकने क े िलए त ाल उपाय नहीं करते ह, तब तक -शासन और ाय ता क े िलए सभी आिदवासी संघष पर ितक ू ल भाव पड़ेगा । 1 छ ीसगढ़ बचाओ आंदोलन पूरे छ ीसगढ़ क े जन आंदोलन और यिक्तगत कायर्कतार्ओं का एक समूह है| 2 नामकरण पर एक नोट - ब तर म ईसाई समुदाय चचर् म प्राथर्ना करने वाले िकसी यिक्त क े िलए "िव ववासी" श द का उपयोग करता है।एक िव वसी आव यक प से ईसाई नहीं है, क्य िक उनम से कई ईसाई धमर् वीकार करने क े िविभ न चरण म ह।नारायणपुर क े समुदाय ने हम िवशेष प से उ ह "यीशु मसीह की प्राथर्ना करने वाले लोग " क े प म संदिभर्त करने क े िलए कहा, परउ ह ने अपने जैसे लोग क े िलए "चचर् जाने वाले" लोग क े हमारे सुझाव को भी वीकार िकया।
  2. पृ भूिम िपछले क ु छ महीनों से ब र संभाग क े कांक े र, कोंडागांव और नारायणपुर िजलों म ईसाई िवरोधी िहंसा की घटनाएं बढ़ रही ह। इनम ामीणों ारा चच जाने वाले समुदाय क े घरों को तोड़ना3 ,चच और पाद रयों पर शारी रक हमला करना4 और गांव म चच जाने वालों क े गुज़र जाने पर गांव म कहीं भी दफनाने नहीं देना, यहां तक िक िनजी भूिम पर भी नहीं 5 – ऐसी घटनाय बार बार घिटत हो रही ह । िदनांक 18 िदसंबर, 2022 को नारायणपुर और कोंडागांव क े 20 से अिधक गांवों से चच जाने वाले समुदाय क े खलाफ िहंसा की खबर आई6 । इनम से अिधकांश गाँव बेनूर थाने क े े ािधकार क े अंतगत ह, और जबिक बेनूर थाना खुद नारायणपुर म है, इसका अिधकार े म नारायणपुर और कोंडागाँव दोनों िजलों क े गाँव ह । क ु छ भािवत गांव एड़का थाने क े थे, जो नारायणपुर म है। शाम क े समय तक, चच जाने वाले लगभग 300 लोग, िज उनक े गाँवों से जबरन िनकाल िदया गया था, नारायणपुर कले ेट क े सामने ता ािलक िवरोध दशन म इक े ए। दो िदन तक लोग खुले म, कले रेट क े सामने सड़क िकनारे ही डेरा डाले बैठे रहे ।आ खरकार, देश भर क े ईसाई / मानवािधकार संगठनों क े दबाव म शासन उ नारायणपुर क े इंडोर ेिडयम म रखने क े िलए तैयार हो गया। िदनांक 24 िदस र, 2022 को कांक े र से छ ीसगढ़ बचाओ आंदोलन क े 6 सद ों की टीम, िजनम कमल शु ा, क े शव शोरी, रामक ु मार दर , शािलनी गेरा, उिमला कांगे और िव रंजन परीछा थे, नारायणपुर क े इंडोर ेिडयम म शरणािथयों से िमले और मौजूदा थित को समझने का यास िकया। मु िन ष क. बेदखली और अिधकारों से वंिचत करने का एक सम त अिभयान हमने पाया िक इंडोर ेिडयम म लगभग 450 लोग आ य ले रहे थे, िजनम से अिधकांश छोटे ब ों क े साथ मिहलाएं थीं । सभी ामीण नारायणपुर और कोंडागांव क े लगभग 16 गांवों से थे । व थाओं क े भारी नारायणपुर क े िविभ चच से जुड़े युवा ईसाई लोग थे । शरण लेने वालों की सं ा िदन-ब-िदन बढ़ रही थी, और हर रोज़ नये नये लोग वहाँ प ँच रहे थे । िजन लोगों से हमने बात की सब ने लगभग एक जैसी कहािनयाँ सुनाई। िपछले दो-तीन महीनों से रिववार को गांव म बैठक हो रही थीं । चच जाने वालों को इन बैठकों क े बारे म पहले से सूिचत नहीं िकया जाता था,उ क े वल तभी पता चला जब 10-15 ामीण उनक े घर पर आते थे l उ गाँव वालो क े सामने आने क े िलए कहा जाता था, जो पहले से ही एकि त हो जाते थे | इस अिभयान की शु आत म, उ गाँव ारा चेतावनी दी गई िक वे आिदवासी धम म लौट आएँ , नहीं तो गाँव से बाहर िनकाल िदए जाएं गे । कई लोगों ने बताया िक इन सभाओं म उ बार-बार मारा- 3 उदाहरण क े िलए मसबरास, अंतागढ़ तहसील, कांक े र म हुई िहंसा की यह िरपोटर् देख िदनांक 20.09.2022https://www.naidunia.com/chhattisgarh/kanker‐demolition‐of‐four‐houses‐of‐converted‐villagers‐in‐ village‐masbaras‐of‐antagarh‐area‐7831177 4 22.11.2022 को नारायणपुर से एक उदाहरणhttps://www.jesusworld.co/2022/11/blog‐post.html 5 एक उदाहरण जहां गाँव क े िवरोध क े कारण चचर् जाने वाली एक मिहला की लाश को कब्र से िनकाला गया https://pragya24news.in/after‐four‐days‐the‐body‐of‐the‐woman‐was‐exhumed‐by‐digging‐the‐grave‐there‐was‐ a‐lot‐of‐ruckus‐in‐the‐village‐know‐the‐whole‐matter/ 6 https://thewire.in/communalism/protests‐in‐chhattisgarhs‐narayanpur‐over‐coordinated‐anti‐christian‐violence
  3. पीटा गया। पु षों और मिहलाओं दोनों क े साथ मार-पीट ई, और हमलावरों म भी पु ष और मिहला दोनों शािमल थे । कई गांवों म, चच जाने वालों को 01.01.2023 की समय सीमा दी गई - या तो नए साल तक चच छोड़ द, या गांव छोड़ द। कई लोगों ने चच जाने वालों क े खलाफ चल रहे आिथक बिह ार क े बारे म भी बात की । नारायणपुर इंडोर ेिडयम म शरण लेते िव थािपत लोग िदनांक 18 िदसंबर को एक साथ ब त लोगों को अपना गांव छोड़ने पर मजबूर िकया गया, जो िविभ गांवों म समान प से आ। चच जाने वालों को गाँव क े सामने बुलाया गया और उ मसीह म अपने िव ास को छोड़ने या गाँव छोड़ने का िवक िदया गया । उस समय, ेक गाँव म चच जाने वाले ब त से लोगों ने गाँव क े दबाव म आकर मसीह म अपने िव ास को ाग िदया । िजन लोगों ने मना िकया उ वहीँ बैठक से घसीटकर गाँव की सीमा तक ले जाया गया और कहा गया िक वे वापस नहीं आ सकते । मार-पीट क े कारण क ु छ लोग घायल हो गए थे और उ ोंने ए ुलस को बुलाया, लेिकन कम से कम एक मामले म, अ ामीणों ने ए ुलस को घायल लोगों को ले जाने से रोका, और उ पैदल ही गाँव छोड़ने पर मजबूर िकया । यहां तक िक क ु छ आव क सामान इक ा करने या अपनी संपि सुरि त करने क े िलए भी उ अपने घरों म लौटने की अनुमित नहीं थी। वे अपने पीछे अपने कपड़े, फोन, पैसे, मवेशी, फसल और मुग आिद छोड़कर िसफ िजन कपड़ों म थे वैसे ही आ गए । हम पता चला िक क ु छ लोग िदनांक 18 िदसंबर से क ु छ स ाह पहले भी ठीक िन ािसत ए ह, और उसक े बाद की भी क ु छ घटनाये हो रही ह। i. िवभािजत प रवारों म पु षों की तुलना म अिधक मिहलाएं िव थािपत इंडोर ेिडयम म मिहलाओं और ब ों की सं ा पु षों से कहीं अिधक थी। हम पता चला िक कई प रवार िवभािजत हो गए थे, औरत नारायणपुर म शरण ले रही थीं और उनक े पु ष गांव म रह रहे थे ।इसक े कारण पूछे जाने पर, हम अलग-अलग उ र िदए गए - ऐसा तीत होता है िक सामा तौर पर पु षों की तुलना म अिधक मिहलाएं चच जाती ह, और इसिलए वे गाँव वालों क े िनशाने पर थीं । क ु छ मामलों म, गाँव क े बाकी लोगों क े दबाव म, उनक े प रवारों ने खुद उन मिहलाओं को अपने घर से बाहर िनकाल िदया था, िज ोंने मसीह म अपना िव ास
  4. छोड़ने से इनकार कर िदया था । अ मामलों म, मिहलाओं ने हम बताया िक उनक े पु षों ने भी चच जाना शु कर िदया है, लेिकन उ ोंने गांव क े सामने ईसाई धम छोड़ने का नाटक िकया, तािक वे अपनी मिहलाओं और ब ों को नारायणपुर क े इंडोर ेिडयम की सुर ा म भेज कर अपने खेतों म काम करना जारी रख सक और अपने पशुओं की देखभाल कर सक| इंडोर ेिडयम म शरण लेने वालों म ादातर मिहलाएं और ब े ह ii. बेनूर े म चच जाने वाले समुदायों का इितहास किथत तौर पर चच ने बीस साल पहले बेनूर म वेश िकया था, पर िजन लोगों से हमने बात की उनम से अिधकांश ने लगभग 5-8 साल पहले ही एक चच म ाथना करना शु की थी। उन सबक े मुतािबक उनकी कोई बीमारी चच म की जाने वाली ाथनाओं ारा ठीक ई थी िजसक े बाद उ ोंने चच को अपनाया था। जहाँ तक हमे पता चला, िकसी भी धमा रत को कोई वा िवक िचिक ा उपचार नहीं िदया गया था । उन सभी ने कहा िक वे जानते ह िक अगर वे चच म शािमल नहीं भी होते ह तो भी उनक े िलए ाथना की जाएगी, लेिकन वे सभी िफर भी अपनी मज से इसम शािमल ए। लोगों ने बताया िक अिधकांश लोगों को पहले भी चच म शािमल होने क े िलए गांव से िवरोध का सामना करना पड़ा था। लेिकन ये इ ा-दु ा घटनाएं थीं और समय क े साथ खुद ही सुलझ गई थीं। एक ने हम बताया िक आठ साल पहले अपने पारंप रक देवी-देवताओं को ागने क े कारण उसक े साथ पूरे गांव क े सामने मारपीट की गई थी। लेिकन उस घटना क े बाद उसे अब तक िकसी िहंसा का सामना नहीं करना पड़ा था, िसवाये जब उसे नवंबर म तीन अलग-अलग रिववारों को पीटा गया और िदसंबर म गांव से बाहर कर िदया गया। एक और ने हमे बताया िक जब उसने अपनी िनजी ािम की भूिम पर एक ाथना क बनाने का फ ै सला िकया, गाँव क े लोगों ने राज अिधका रयों को आपि प िदया था। लेिकन उस प पर क ु छ कायवाही नहीं ई और ाथना क ब त पहले तैयार हो चुका था। बीच-बीच म चच जाने वालों को गांव की ओर से पारंप रक आिदवासी देवी-देवताओं की ओर लौटने क े िलए समझाइश दी जाती थी, लेिकन अब तक िहंसा क े क ु छ ही मामले सामने आए थे।
  5. जब से मसीह म िव ास करने लगे, अिधकांश चच जाने वाले लोगों ने गाँव क े अ लोगों क े िववाह, ज और मृ ु क े समारोहों म भाग लेना बंद कर िदया। ऐसा तीत होता है िक क ु छ मामलों म, इन लोगों ारा े ा से उन थाओं से दू री बनाई गई िजनम वे अब िव ास नहीं करते थे, जबिक अ मामलों म पारंप रक देवी देवताओं म िव ास करने वालों ने इस समुदाय को इन सामुदाियक सभाओं से िन ािसत कर िदया था । हालाँिक, चच जाने वाले अभी भी धमिनरपे उ े ों/ गैर-धािमक मामलों क े िलए ाम सभा की बैठकों म शािमल होते थे, और मनरेगा आिद जैसी सभी सरकारी योजनाओं म भाग लेते थे। आिदवासी समुदाय क े चच जाने वाले और पार रक व था मे रहने वाले, दोनों ही अब तक एक-दू सरे क े खेतों और घरों म तं प से काम करते थे। iii. रोको, टोको, ठोको - जनजाित सुर ा मंच ने धमा रतआिदवािसयों क े खलाफ िहंसा का खुला आ ान िकया ब सं क िहंसा की इन घटनाओं को 26.4.2022 को नारायणपुर म आरएसएस/ भाजपा समिथत ‘जनजाित सुर ा मंचʼ की महा-रैली से जोड़ क े देखा जा सकता है। आिदवािसयों क े मु म या ईसाई धम म धमातरण का िवरोध करने क े उ े से गिठत, इस मंच ने धमा रत आिदवािसयों को "डीिल ंग" करने का आ ान िकया है। डीिल ंग का ता य है िक वे आिदवासी जो मु म या ईसाई धम म चले गए ह, उ "अनुसूिचत जनजाित" क े सूिच से हटा िदया जाये और उ शै िणक सं थानों और सरकारी रोजगार म आर ण क े लाभों से वंिचत िकया जाये। ( ान द िक यह मांग उन आिदवािसयों का िवरोध नहीं करती है िज ोंने िहंदू धािमक थाओं को अपनाया है।) इसक े क ु छ महीने बाद रेमावंड (बेनूर थाना) म एक और सभा को बड़ा आयोजन आ, िफर 23.12.2022 को बेनूर थाने का घेराव आ, और 26.12.2022 को मेटावंड (बेनूर थाना) क े 57 गांवों क े इस मंच क े युवा भार ने एक िवशाल बैठक आयोिजत की। जनजाित सुर ा मंच ारा धमा रतआिदवािसयों को डी िल ंग करने की मांग को लेकर आयोिजत बैठक, नारायणपुर 26.4.2022
  6. इन सभाओं और रैिलयों ने अ धम को अपनाने वाले आिदवािसयों क े खलाफ खुले तौर पर िहंसा का आ ान िकया गया। इन बैठकों और सभाओं म "रोको, टोको, ठोको" का नारा सावजिनक प से उठाया गया है - आिदवािसयों को पहले अलग धम म जाने से रोकने का यास करना है; अगर वे नहीं सुनते ह, तो अगला कदम उ नये धम म जाने पर टोकना या परेशान करना है; और अगर वे िफर भी नहीं मानते ह, तो सलाह है िक उ ठोका अथात् मारा जाये। इनम से अिधकांश रैिलयों और महासभाओं का नेतृ भाजपा क े पदािधका रयों ने िकया, उनम से मुख ह भोजराज नाग (अंतागढ़ से भाजपा क े पूव िवधायक), पसाय सलाम (नारायणपुर िजला अ , भाजपा), नारायण मरकाम (बेनूर भाजपा), झाड़ी सलाम (मैनपुर भाजपा) आिद। iv. ाम रीय सं थाओं का क ा चच जानेवालों क े खलाफ हाल ही म ई िहंसा ‘जनजाित सुर ा मंचʼ की बैठकों से शु ज़ र ई, पर गाँव की बैठकों म, जहाँ चच जाने वालों को धमकाया गया या शारी रक प से पीटा गया, वहाँ िकसी "बाहरी" की उप थित की बात िकसी ने भी नहीं की। ऐसा तीत होता है िक पूरे ामीण समुदाय ने, िबना िकसी बाहरी समथन क े , चच जाने वालों क े खलाफ िहंसा म भाग िलया, और कई मामलों म, इनक े बिह ार क े िलये ाम सभा क े ाव भी पा रत िकए गए थे। ऐसा तीत होता है िक पारंप रक ाम मु खया लोगों ने, जैसे िक गायता, पटेलऔर परगना मुखों ने भी इस िहंसा म सि य भूिमका िनभाई है। यह िचंताजनक है िक कई गांवों ने पेसा अिधिनयम (पंचायत क े ावधान- अनुसूिचत े ों म िव ार -अिधिनयम) की धारा 4 (क) और 4 (घ) क े तहत पारंप रक थाओं और रीित- रवाजों की सुर ा और संर ण क े िलए ाम सभाओं की श की ा ा कर, और संिवधान क े पांचवीं अनुसूची क े तहत ाय ता क े मूल को आधार बनाकर चच जाने वालों को दंिडत िकया और उनक े बिह ार क े िलये आदेश िदये। क ु छ ऐसे भी उदाहरण ह, जहाँ "लोकसभा न िवधान सभा, सबसे ऊ ं ची ाम सभा" क े लोकता क नार लगाकर ही ामीणों ने चच जाने वालों क े आवास िकये। ऐसा लगता है िक जनजाित सुर ा मंच ारा ब सं क िहंसा का आ ान और ाय शासन क े िलए आिदवासी संघष क े दावे ब त सहजता से एक-दू सरे से िमलजुल रहे थे। ख. शासन/पुिलस ािधका रयों क े असंवेदनशील रवैये क े प रणाम प इस संकट से िनपटने म उनकी िनराशाजनक िवफलता ई है चच जाने वाले लोगों और पाद रयों क े खलाफ थानीय लोगों को खुलेआम लामबंद करने, भड़काने और माहौल खराब करने वाले जनजाित सुर ा मंच की रैिलयों और सभाओं को रोकने क े िलए न तो शासन और न ही थानीय पुिलस ने कोई कदम उठाया है, िजसक े कारण वतमान संकट का शांितपूण समाधान असंभव लग रहा है। हम ऐसे कई उदाहरण िमले जहां चच जाने वालों ने थानीय पुिलस थानों से संपक िकया था, जब उ पहली बार लगभग 1-2 महीने पहले िन ासन की धमकी और चेतावनी िमली थी, लेिकन अिधका रयों ने इस मु े को हल करने या चच जाने वालों की सुर ा सुिनि त करने क े िलए कोई कदम नहीं उठाया। अगर उस समय उप िवयों को कड़ा संदेश िदया जाता तो चच जाने वाले लोगों क े आंत रक िव थापन की वतमान थित पैदा ही नहीं होती। िन ासन और गंभीर शारी रक िहंसा की घटनाओं क े बाद भी पुिलस अिधकारी एफ आई आर करने या अपरािधयों क े खलाफ कोई कारवाई करने से प ा झाड़ रहे ह। शासन ने चच-जानेवालों क े पलायन क े मामले म भरपूर प से अिन ा, सु ी और िढलाई िदखाई। िदनांक 18 िदसंबर की रात को, जब लोग पहली बार नारायणपुर कले रेट म एकि त ए, तो उ प रसर से जबरन िनकाला
  7. गया था और दो िदनों तक उ ोंने सड़क क े िकनारे खुले म डेरा डाला । िफर उ बस से बेनूर पंचायत भवन म रहने क े िलए भेज िदया गया, जो पूरी तरह से उजाड़ और जजर था, िजसम िबजली या पानी की कोई सुिवधा भी नहीं थी। लोगों ारा ऐसे जीण-शीण भवन म रहने से इनकार करने क े बाद ही उनक े िलये नारायणपुर का इंडोर ेिडयम उपल कराया गया। पंचायत भवन, बेनूर, नारायणपुर हम यह देखकर चिकत रह गए िक शासन ारा इंडोर ेिडयम क े 450 से अिधक शरणािथयों क े िलये भी भोजन, राशन, क ं बल, गम कपड़े, दवाइयां या कोई अ साम ी उपल कराने की कोई व था नहीं थी। शासन ारा क े वल क ु छ ग े उपल कराए गए थे और शेष व था थानीय ईसाई समूहों ारा की जा रही थी। िदनांक 24.12.2022 को कले र नारायणपुर (अजीत वसंत) से जब हमने बात की, तो उनका कहना था िक इतनी बड़ी सं ा म लोगों क े िलए राशन जुटाने म समय लग रहा है, लेिकन हमारी जानकारी म तो इस रपोट क े िलखते तक (एक स ाह बाद) भी कोई खा साम ी उपल नहीं कराई गई है । यही नहीं, इंडोर ेिडयम म कोंडागांव िज़ले क े गांवों से आए लगभग 150 िव थािपतों को 24 िदसंबर को जबरन कोंडागांव की बस म िबठाकर अनाव क ज बाजी म फरसगांव सामुदाियक भवन भेज िदया गया । वे रात म (लगभग 7:30 बजे) वहां प ंचे और पाया िक सामुदाियक भवन म इतने लोगों क े रहने की जगह नहीं थी, और भोजन, पानी, ग े िकसी की भी कोई व था नहीं थी, न ही वहाँ का कोई शौचालय उपयोग करने यो था । लोगों क े कड़े िवरोध क े बाद आ खरकार देर रात उ पया सुिवधाओं यु पास ही क े मॉडल ू ल क े छा ावास म थानांत रत िकया गया। इस रपोट क े िलखते समय ताज़ा खबर आ रहीं ह िक ि समस क े िदन (25 िदसंबर 2022) से बेनूर थाने क े अंतगत आने वाले कोरदा, गरंजी, आमसरा, िशरपुर, झारा, पालना, िचंगनार और रेमावंड गांवों म, कोंडागाँव िज़ले क े उंडबेड़ा थाने क े अंतगत कसई फरसगाँव म, और फरासगांव थाना (नारायणपुर) अंतगत फरासगांव और बागझर गाँव म अभी िहंसा की नई घटनाय शु हो गई ह। पर ु इन मामलों म िव थािपत ामीणों को अिधकारीगण नारायणपुर या फरसगाँव म शरण लेने क े िलये सुरि त जगह उपल नहीं करवा रहे है, और उ अपने घरों म
  8. वापस जाने, या कहीं और शरण लेने क े िलए मजबूर कर रहे ह। िदनांक 26.12.2022 को नारायणपुर अिधका रयों ने उन चच-जानेवाले लोगों को भी बाहर िनकाल िदया, जो इंडोर ेिडयम म क े ए थे, और िदनांक 29.12.2022 को फरसगाँव क े मॉडल ु ल खाली करवा कर इन शरणािथयों को क ु छ अिधका रयों क े साथ इन प र थितयों म गाँव वापस भेज िदया गया जब उन े ों म ापक ईसाई िवरोधी िहंसा फ ै ली ई है। गाँव म वापस आये ए मसीही समाज क े साथ पुनः िहंसा क े मामले सामने आये ह। िक ीं गाँव म िफर से बैठक ईं और चच जाने वालों को नये अ ीमेटम िदये गये िक नये साल तक वापस आिदवासी धम को अपनाओ या िफर सरकारी फॉम म अपने आप को “आिदवासी” िलखने की बजाय “ईसाई” िलख (यािन जनजाित सुर ा मंच का उ े पूरा हो और लोग यं ही अनुसूिचत जनजाित की सूिच से िनकल जाय)। क ु छ और जगहों पर चच जानेवाल लोग नई िहंसा की वारदातों क े बाद जंगल भाग गये और उसक े बाद उ ोंने अपनी व था खुद ही बनाई। क ु छ ऐसी भी घटनाय सुनने म आई ह िक जब चच जानेवालों को बाकी गाँव वालों ने वापस गाँव आने से मना कर िदया, उसक े बाद उनक े साथ आये ए अिधका रयों ने इ सड़क िकनारे ही छोड़ िदया और अपनी व था बनाने की सलाह दी। पालना, गोहड़ा और पावड़ा क े लगभग 70 चच जानेवालों को गाँव वापस आने नहीं िदया तो राज और पुिलस अिधका रयों ारा उ जुआरी कलार सुर ा क ै म ताला लगाकर रखा गया। तब भी अगले िदन जुआरी कलार क े गाँव वालों ने क ै क े सामने इक े होकर यह माँग की िक इन लोगों को शी गाँव से िनकाला जाये, तो अभी उनको अपनी व था करने को कहा जा रहा है। इस कार से अिधका रयों क े गैर िज ेदाराना और शमनाक रवैये से तौर पर नारायणपुर और कोंडागाँव क े चचजाने वाले समुदायों को खतरे म डाला जा रहा है और यह समझ से परे है। ग. िसिवल सोसाईटी और राजनैितक दलों की दबी ई िति या यह देखना िनराशाजनक था िक क े वल ईसाई समुदाय क े संगठन ही िव थािपतों को राहत दान करने म लगे ए थे। िभलाई तक क े ईसाई समूहों ने िव थािपत ामीणों क े िलए राहत साम ी का सं ह िकया और उ यहां लाये। एक ईसाई अ ताल ने लोगों की ा संबंधी ज रतों को पूरा करने क े िलए एक िचिक क भेजा था। इंडोर ेिडयम म सभी संभव चच सं दायों क े पादरी और अ सद िव थािपतों की मदद क े िलए मौजूद थे, लेिकन इस समुदाय से बाहर क े कम ही लोग मदद कर रहे थे। मु िवप ी दल, भाजपा क े वैचा रक झुकाव को देखते ए, उनसे ती िकसी कार की मदद की उ ीद नहीं की जा सकती है । पर ु िवडंबना यह है िक रा म स ाधारी कां ेस पाट ने भी इस मु े पर िन य हो कर धमिनप ता और सवधम समभाव क े नैितक मू ों को ाग िदया है, और वह भी उस समय जब कां ेस क े व र नेता “भारत जोड़ो या ा” म लगे ए ह। आिदवािसयों क े सामुदाियक संगठन, जैसे सव आिदवासी समाज और गोंडवाना समाज, भी इस मु े चु ी धारण िकये ए ह। रा ीय और थानीय मीिडया ने नारायणपुर कले रेट क े सामने िवरोध दशन को तो कवर िकया, पर इस मु े क े साथ जुड़े नहीं रहे, और गांवों म अभी भी जारी अ ाचारों को दज करने म िवफल रहे है। िवचार-िवमश चच जाने वाले आिदवािसयों क े खलाफ मौजूदा अिभयान भाजपा ारा आिदवासी समुदाय को धम क े आधार पर िवभािजत करने की िनंदनीय और जहरीली चाल तीत होता है। आगामी चुनावों को ान म रखते ए यह ऐसे े
  9. म पैर जमाने का यास है जहां िपछले िवधानसभा चुनावों म भाजपा गोल थी। यह ान म रखा जाये िक आिदवासी पर रा िह दु धािमक रीितयों से िभ होती ह और उनक े िवपरीत भी होती ह, पर तब भी आिदवािसयों क े िह दुकरण को लंबा इितहास है, और इसक े खलाफ एक लंबा संघष भी है। नारायणपुर िज़ले म आिदवािसयों क े िहंदू करण को तो सरकारी अनुमित जैसे दान की गई है – इसका माण है यहाँ का अ भावशाली रामक ृ िमशन, जो िजले म कई सरकारी योजनाओं और प रयोजनाओं को संचािलत करता है। इन इलाकों म गाय ी प रवार और राधा ामी सं दाय भी उप थत है। कई मामलों म, चच जाने वालों का आिदवासी धम म वापस "पुनप रवतन" म गंगाजल का िछड़काव होता है, जो िक पारंप रक आिदवासी सं ृ ित क े िवपरीत है। हालांिक ब त आिदवासी संगठन एक अलग आिदवासी पहचान को अपनाते ह और उसका चार करते ह, तब भी इस बात से इंकार नहीं िकया जा सकता िक आिदवासी धम और सं ृ ित का िहंदू करण आ है, और इसक े खलाफ न तो िहंसा ई है और न ही ापक िवरोध। इसी िह दुकरण क े कारण आरएसएस जैसे संगठन यहाँ आसानी से घुस पाये ह । दू सरी ओर, यह भी ीकार करना होगा िक आरएसएस उसी दरार को चीर रहा है जो पहले से ही इवजेिलकल चच क े कारण आिदवासी समाज म मौजूद थी। आिदवािसयों का िहंदू करण छोटे छोटे कदमों की एक ृंखला म होता है, जो अपने आप म ान आकिषत नहीं करते ह – पर इवजेिलकल धम को अपनाने पर अपने अतीत से एक सावजिनक और अलगाव करना पड़ता है, जो अ र एक प रवार या समुदाय क े भीतर तनाव पैदा करता है। जहाँ उ र छ ीसगढ़ और झारखंड म क ै थोिलक चच ने अपने आचरण को आिदवासी सं ृ ित म समा िलया है, वहीं ब र म िजस इवजेिलकल धम का चलन है वह अपने आप को आिदवासी रीित रवाज़ों से अलग रखता है। इवजेिलकल चच ारा अपने धम को या अ प से े ठहराने, और सामूिहक काय म चच जाने वालों की गैर-मौजूदगी से होने वाली सामािजक दू री क े कारण आिदवासी समुदाय म ापक आ ोश है, िजसका लाभ िहंदु वादी ताकत ले रही ह। आिदवासी ाय ता क े झूठे आवेश म धम क े नाम पर आिदवासी सामाज का िबखरना ऐसे समय पर हो रहा है जब संसाधनों क े सामुदाियक िनयं ण क े िलए ब र क े संघष को िनदयता से क ु चला जा रहा है। आमदई घाटी म खनन-िवरोधी दशनका रयों को िगर ार िकया गया है; रावघाट खदानों क े खलाफ आंदोलन को एक पुिलस समिथत थानीय लोगों क े समूह ारा पीछे धक े ल िदया गया है; और ब र म पुिलस और अधसैिनक िशिवरों क े खलाफ चल रहे अनेकों िवरोधों को पुिलस की िपटाई और ू र बल (बुज , क ुं देड़) और गोलीबारी (िस ेर) ारा िततर-िबतर िकया गया है। खनन प रयोजनाओं, अधसैिनक िशिवरों और इ ात कारखानों क े िलए ाम सभा की मंजूरी क े सवाल को उ ीं लोगों ने नजरअंदाज िकया है जो अब िकसी क े धमप रवतन क े िलए ाम सभा की मंजूरी की आव कता की ऊ ं ची र म माँग कर रहे ह। अपने से अिधक श शाली सं थानों को चुनौती देने वाली सामूिहक आवाज बनने क े बजाय ाम सभा अब कमज़ोर और हािशए क े समुदायों पर ब सं क वच का एक उपकरण बन गई है। िजस डी-िल ंग अिभयान को जनजाित सुर ा मंच ने संरिचत िकया है, वह न क े वल आिदवासी एकता, परंतु आिदवासी पहचान को ही ख कर देगा। यह आिदवासी धम को िह दु धम म िवलु करता है, और अलग धम म जाने वाले आिदवािसयों की आिदवासी पहचान क े अ िच ों, जैसे भाषा, सं ृ ित, इितहास, भूगोल और साझा आिथक संघष को भी नकारता है। अगर यह अिभयान ऐसा अलगाव करने म सफल होता है, तो शासन क े िलये और संसाधनों की काप रेट लूट क े खलाफ िविभ आिदवासी संघष को काफी नुकसान होगा। साथ ही आिदवािसयों की िगनती म भी िगरावट आयेगी, िजस कारण उ र छ ीसगढ़ और झारखंड की आरि त चुनावी सीट
  10. सामा ेणी म प रवितत हो जायगी, और पांचवी अनुसूिच क े अंतगत े फल िसक ु ड़ जायेगा । ऐसे अिभयान से अंततः आिदवासी समुदायों की राजनैितक स ा ही कमज़ोर होगी। अनुशंसाएँ 1. यह अ ाव क है िक जनजाित सुर ा मंच और अ ऐसी िवभाजनकारी ताकतों की रैिलयों और बैठकों पर रोक लगाई जाए, और िजन लोगों ने नफरत और असिह ुता क े अपराध िकये हों, उन पर त ाल पुिलस कारवाई हो। 2. आिदवासी संगठनों क े नेताओं को इस गंभीर थित का त ाल सं ान लेने की, और आिदवासी समुदाय को सां दाियकता क े आधार पर िवभािजत करने क े यासों का कड़ािवरोध करने की आव कता है । 3. शासन को अ सं कों की ज रतों क े ित संवेदनशील होना चािहए और िव थािपत समुदायों को उिचत सहायता और राहत दान करनी चािहए। िव थािपतों को नारायणपुर/ फरसगांव म तब तक रहने िदया जाए जब तक िक वे गांवों म असुरि त महसूस करते ह और उ भय और घृणा क े माहौल म वापस जाने क े िलए मजबूर नहीं िकया जाना चािहए। 4. ईसाई समुदाय क े मुखों और आिदवासी नेताओं को एक दू सरे क े साथ संवाद कर ऐसे सामुदाियक िदशािनदशों को तैयार करने की आव कता है िजनसे आपसी भाईचारा बढ़े, सभी धम का स ान हो, और सभी क े नाग रक अिधकार भी सुरि त हों । 5. चच-जानेवाले समुदाय क े खलाफ िहंसा म भाग लेने वाले लोगों क े खलाफ शी ाथिमकी दज कर कड़ी कायवाही करनी चािहए।
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