रामायण सार by सत्यम कुमार मिश्रा किताब के बारे में... श्रीराम को 14 वर्ष का ही वनवास क्यूँ हुआ था ? शिवलिंग वास्तव में क्या है ? सनातन धर्म की उत्पत्ति कैसे हुई? धर्म क्या है ? हमारे धर्म के वैज्ञानिक रहस्य क्या हैं? इसे अनेकों प्रश्नों के उत्तर तथा श्रीराम जी की संक्षिप्त जीवनी आपके समक्ष उपस्थित है हम यह देख भी रहे हैं कि अभी जो समय चल रहा है, इस समय पुस्तकों का चलन बहुत कम हो गया है। इस समय बच्चों के अन्दर मंदिर जाने तथा सत्संग से रूचि पूर्णतया हट गयी है, मोबाइल के आगे बालक व् बड़े किसी कि नहीं सुनते हैं, इसी बीच हमने चिंतन किया और प्रभु ने प्रेरणा दी कि क्यूँ न हम ही एक छोटा सा प्रयास करके आप सभी को उछ मर्यादा सिखाने का प्रयास करें ताकि आप सभी को देखकर आपके बालक, मित्र तथा आत्मीयजन इस सुन्दर पुस्तक का लाभ उठा सकें तथा इसको जानकार रामायण पढने की रूचि को बढ़ावा मिले ताकि उनके अन्दर भी धर्म का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। बहुत सरे मनुष्यों के अन्दर यह प्रश्न आता है कि जब भगवन इच्छा मात्र से सबकुछ कर सकते थे, मन के सोचने मात्र से रावण आदी का अंत कर सकते थे सो उन्हें अवतार लेने की क्या आवश्यकता क्या थी ? इसका सीधा सा उत्तर भगवन स्वयं देते हैं कि मेरी लीला को देखकर मानव मात्र को किस प्रकार का आचरण करना चाहिए। हमारे कर्म पथ को दिखाने के लिए ही श्रीमान नारायण ने श्रीराम का अवतार लिया ताकि जन-जन तक ज्ञान की गंगा को पहुंचा सकें एवं मानव को मोक्ष का मार्ग दिखा सकें। सरल भाषा में इस पुस्तक को बनाने का शुल्क मात्र इतना ही है कि इससे आप कुछ शिक्षा ले सकें और यदि कुछ अच्छा लगे तो और लोगों को इस पुस्तक को पढने की प्रेरणा प्रदान कर सकें। यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ! https://hindi.shabd.in/ramayan-sar-satyam-kumar/book/10105666 https://shabd.in/
रामायण सार by सत्यम कुमार मिश्रा किताब के बारे में... श्रीराम को 14 वर्ष का ही वनवास क्यूँ हुआ था ? शिवलिंग वास्तव में क्या है ? सनातन धर्म की उत्पत्ति कैसे हुई? धर्म क्या है ? हमारे धर्म के वैज्ञानिक रहस्य क्या हैं? इसे अनेकों प्रश्नों के उत्तर तथा श्रीराम जी की संक्षिप्त जीवनी आपके समक्ष उपस्थित है हम यह देख भी रहे हैं कि अभी जो समय चल रहा है, इस समय पुस्तकों का चलन बहुत कम हो गया है। इस समय बच्चों के अन्दर मंदिर जाने तथा सत्संग से रूचि पूर्णतया हट गयी है, मोबाइल के आगे बालक व् बड़े किसी कि नहीं सुनते हैं, इसी बीच हमने चिंतन किया और प्रभु ने प्रेरणा दी कि क्यूँ न हम ही एक छोटा सा प्रयास करके आप सभी को उछ मर्यादा सिखाने का प्रयास करें ताकि आप सभी को देखकर आपके बालक, मित्र तथा आत्मीयजन इस सुन्दर पुस्तक का लाभ उठा सकें तथा इसको जानकार रामायण पढने की रूचि को बढ़ावा मिले ताकि उनके अन्दर भी धर्म का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। बहुत सरे मनुष्यों के अन्दर यह प्रश्न आता है कि जब भगवन इच्छा मात्र से सबकुछ कर सकते थे, मन के सोचने मात्र से रावण आदी का अंत कर सकते थे सो उन्हें अवतार लेने की क्या आवश्यकता क्या थी ? इसका सीधा सा उत्तर भगवन स्वयं देते हैं कि मेरी लीला को देखकर मानव मात्र को किस प्रकार का आचरण करना चाहिए। हमारे कर्म पथ को दिखाने के लिए ही श्रीमान नारायण ने श्रीराम का अवतार लिया ताकि जन-जन तक ज्ञान की गंगा को पहुंचा सकें एवं मानव को मोक्ष का मार्ग दिखा सकें। सरल भाषा में इस पुस्तक को बनाने का शुल्क मात्र इतना ही है कि इससे आप कुछ शिक्षा ले सकें और यदि कुछ अच्छा लगे तो और लोगों को इस पुस्तक को पढने की प्रेरणा प्रदान कर सकें। यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ! https://hindi.shabd.in/ramayan-sar-satyam-kumar/book/10105666 https://shabd.in/