ब्रह्मचारी गिरीश ने कहा कि वे सन्तों, साधुओं, सन्यासियों और धर्म गुरुओं के श्रीचरणों में दण्डवत प्रणाम करते हैं और उनसे निवेदन करते हैं कि वे अपने शिष्यों, भक्तों को सत्यमेव जयते की विद्या प्रदान कर भारतीय और विश्व परिवार के नागरिकों का जीवन धन्य करें और सत्य पर आधारित अजेयता का उपहार आशीर्वाद में दें। भारत और विश्व सदा भारतीय साधकों और धर्म गुरुओं का ऋणी और कृतज्ञ रहेगा।
ब्रह्मचारी गिरीश ने कहा कि वे सन्तों, साधुओं, सन्यासियों और धर्म गुरुओं के श्रीचरणों में दण्डवत प्रणाम करते हैं और उनसे निवेदन करते हैं कि वे अपने शिष्यों, भक्तों को सत्यमेव जयते की विद्या प्रदान कर भारतीय और विश्व परिवार के नागरिकों का जीवन धन्य करें और सत्य पर आधारित अजेयता का उपहार आशीर्वाद में दें। भारत और विश्व सदा भारतीय साधकों और धर्म गुरुओं का ऋणी और कृतज्ञ रहेगा।