हर ग्रह के अपने नैसर्गिक कारकत्व होते हैं लेकिन जब वे दूसरे ग्रहों से युति सम्बन्ध बनाते हैं तो इनकी अपनी शक्ति व गुणों में परिवर्तन आ जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, एक जन्मकुंडली में 12 भाव व 9 ग्रह होते हैं | किसी भी कुंडली में केवल अच्छे या बुरे ग्रह नहीं होते। कोई भी ग्रह चाहे वह किसी भी भाव में हों, कमज़ोर हो या मज़बूत हों, अपने आप परिणाम नहीं देते। सभी ग्रहों की भूमिका सैद्धांतिक रूप से एक जैसी ही रहती है। सबसे ज़रूरी है यह जानना कि कुंडली में विभिन्न ग्रहों का प्रभाव आपकी स्वतंत्र इच्छा/free will पर निर्भर करता है कि आप कैसे किसी ग्रह के साथ ताल-मेल बिठाते हैं।
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