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Srimad Bhagavata katha 2022.pdf

12 Jan 2023
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Srimad Bhagavata katha 2022.pdf

  1. श्रीमद-भागवताची आरती
  2. जय हो जय हो श्री भागवता | आरती करू तुज भगवंता ||
  3. श्री शुकमुनििे | परम भनििे | िािा परीिे | गाईले ज्या हररचररता | आरती करर तुज भगवंता || धृ. ||
  4. जय हो जय हो श्री भागवता | आरती करू तुज भगवंता ||
  5. वेदतरुचे मधुर फळ | स्वादुरसे जे सोज्वळ | आत्माराम मुनि अचळ | सेवुिी कररती जि सफळ ||
  6. महापववणी | आली अविी | की अघहरणी | भव जल-तरणी, ती पनतता | आरती करर तुज भगवंता || १ ||
  7. जय हो जय हो श्री भागवता | आरती करू तुज भगवंता ||
  8. येथे व्यासाची वाणी | साथवक हररगुण गावोिी | शास्त्र पूराणी मुकु टमणी | परम प्रेमामृत जििी ||
  9. सहज सेवता | भानवक भिा | उदार दाता | मोक्ष तत्वता, दे हाता | आरती करर तुज भगवंता || २ ||
  10. जय हो जय हो श्री भागवता | आरती करू तुज भगवंता ||
  11. गमते जणू मािस तीथव | द्वादश सौपाि युि | निमवल भनि–जले भररत | नवहरे हरर हंसची तेथ ||
  12. श्लोक सुकमले | सत अनलकु ळ | सेवूनि रमले | भाि नवसरले, रस नपता | आरती करर तुज भगवंता || ३ ||
  13. जय हो जय हो श्री भागवता | आरती करू तुज भगवंता ||
  14. अपार मनहमा ग्रंथाचा | वदवेिा कोणा साचा | मेवा कनवकर संताचा | प्राणची कीतविकारांचा ||
  15. जणु बोधाचा | स्वयप्रभेचा | द्वादश कळीचा | रवी अंतरीचा तमहताव | आरती करर तुज भगवंता || ४ ||
  16. जय हो जय हो श्री भागवता | आरती करू तुज भगवंता ||
  17. ग्रंथ िव्हे हा श्रीकृ ष्ण | गीत वेधी मिपूणव | अिन्य होता या शरण | खनचत तळे जन्म मरण ||
  18. निताप जाती | चीर ये शांती | िाथ ही वदनत | राम पदी ठेवा माथा | आरती करर तुज भगवंता || ५ ||
  19. जय हो जय हो श्री भागवता | आरती करू तुज भगवंता ||
  20. हरे कृ ष्ण हरे कृ ष्ण | कृ ष्ण कृ ष्ण हरे हरे || हरे राम हरे राम | राम राम हरे हरे ||
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