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Ethno Museology of Bhunjiya Tribe by Shubham Singh Rajput Anthropologist

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Ethno Museology of Bhunjiya Tribe by Shubham Singh Rajput Anthropologist

  1. 1. भुंजिया िनिाजि क े मत्स्याखेट उपकरण ुं एवुं खखलौन ुं का एक नृिजि-सुंग्रहालय वैज्ञााजनक अध्ययन (छत्तीसगढ़ राज्य क े गररयाबंद जिले क े महुआभाठा एवं बोइरगाओं क े जवशेष संदभभ में) क्षेत्रकायय प्रजिवेदन शुभम जसह रािपुत सामाजिक-सांस्क ृ जतक मानवजवज्ञान
  2. 2. जवषय पररचय  संस्क ृ जत  संग्रहालय जवज्ञान  नृिाजत संग्रहालय  मत्स्याखेट  खखलौने
  3. 3. िनिाजि पररचय  भुंजिया िनिाजत का पररचय  भुंजिया िनिाजत की उत्पजत्त  भुंजिया िनिाजत की भौजतक संस्क ृ जत  सामाजिक संरचना  लाल बंगला  जवकास एवं पररवतभन
  4. 4. क्षेत्र पररचय  छत्तीसगढ़ का पररचय  गररयाबुंद का पररचय  ग्राम पररचय (मौहा भाटा)
  5. 5. पूवय साजहत्य की समीक्षा  प्रधान एुं व अन्य (2011) :- आजदवाजसयो क े िीवन क े संस्क ृ जतयो मे मचचली पकड़ना भी शाजमल है, िो की इनक े प्राचीन समय से इनक े भोिन का अजभन्न अंग है। बरसात क े समय मे आजदवाजसयो द्वारा मच्छली पकड़ने क े कई उपकरणो का उपयोग जकया िाता है उदाहरण -मच्छली पकड़ने क े जगयर, बांस क े फ्र े म, ठं डे तथा बरसात मे तथा स्थानीय उपकरणो मे िाली, पेलन, थापा, जबसर, दंदर आजद जिससे भूतयत रूप से छोटे मच्छजलयों को पकड़ा िाता है।  बरुआह एुं व अन्य (2013) : - ब्ांहापुत्र की घाटी मे मच्छली J पकड़ने क े वहााँ क े मौसम , वातावरण , मछजलयों मे जवजभन्नता क े आधार पर पकड़ने क े उपकरणो मे पररवतभन हुई है तथा यहा नए प्रकार क े तथ आधुजनक प्रकार क े होते है इनामे ये श्क्वकर आयताकार , जत्रभुिाकार इत्याजद रूप में होते है िो की बांस पतली पजियों क े जवभािन से बने होते है।  मिूमदार एुं व अन्य (2014) :- पजशचम बंगाल क े जिला बीरभूर क े छः िनिातीय मे आभी भी पारंपररक रूप से देशी उपकरणो का प्रयोग मच्छली पकड़ने क े जलए जकया िाता है परंतु इनामे आधुजनकता क े कारण आमूलचुल पररवतभन हुई है िीनामे अभी भी बांस से बने मच्छली पकड़ने क े उपकरण भी प्रयोग मे लाये िाते है।
  6. 6. अध्ययन क े उद्येश्य  नृिाजत सग्रहालय का वैज्ञाजनक अजभलेखीकरण  नृिाजत संग्रहालय का वैज्ञाजनक वणभन  भौजतक संस्क ृ जत में पररवतभन का अध्ययन  सांस्क ृ जतक जवरासतो का सरक्षण एवं पुनजनभमाभण  भौजतक संस्क ृ जत का सामाजिक, सांस्क ृ जतक एवं धाजमभक महत्व प्रस्तुत करना
  7. 7. अध्ययन का महत्व  भुंजिया िनिाजत की भौजतक संस्क ृ जत को समझने मे सहायक  िनिाजत पर वैश्वीकरण, संस्क ृ जतकरण क े प्रभाव का अध्ययन  लूप्त होती संस्क ृ जत का दस्तावेिी करण  िनिाजत को मुख्यधारा मे िोड़ने मे सहायक
  8. 8. जनदशभन उद्देश्य पूणभ जनदशभन छतीसगढ़ राज्य गररयाबंद जिला गररयाबंद जवकासखंड मौहाभाटा श ध प्रजवजध तथ्य संकलन जद्वतीयक तथ्य संकलन प्राथजमक तथ्य संकलन शोध पत्र ,इन्टरनेट, पुस्तक अध्ययन सामाग्री एवुं प्रजवजधया िथ्य जवश्लेषण एम एस वडभ अध्ययन क्षेत्र का चयन अध्ययन समूह का चयन भुंजिया िनिाजत अध्ययन की प्रक ृ जत वणभनात्मक साक्षात्कार जनदेजशका असहभागी अवलोकन समूह वाताभ मानवजमजत माप आजडयों-जविुवल ररकाजडिंग छायाजचत्र
  9. 9. भुंजिया िनिाजि में मत्स्याखेट उपकरण प्रदशय क्रमाुंक-1 च भा स्थानीय नाम चोभा नृिातीय नाम चोभा जहंदी नाम अंग्रेिी नाम क्र. तत्व स्थानीय नाम जहंदी नाम अंग्रेिी नाम 1 लोहा लुहा लोहा IRON 2 लकड़ी (बांस) बांस बांस BAMBOO 3 धागा रस्सी धागा THREAD क्र. प्रदशय का भाग वास्तजवक माप 1 पूणभ लम्बाई 137 से.मी. 2 लोहे की लम्बाई 14 से.मी. 3 पंख भाग की लम्बाई 16.5 से.मी. 4 लकड़ी का व्यास 4 से.मी. • जनमाभण करने की तकनीक एवं पद्धजत- • उपयोग का अवसर – • महत्व- अन्तिाभतीय महत्व अंत:िातीय महत्व धाजमभक महत्व • प्रदशभ का संरक्षण एवं परररक्षण- स्थानांतरण
  10. 10. भुंजिया िनिाजि में मत्स्याखेट उपकरण प्रदशय क्रमाुंक-2 दाुंदर स्थानीय नाम दांदर नृिातीय नाम दांदर जहंदी नाम क ु मान अंग्रेिी नाम क्र. तत्व स्थानीय नाम जहंदी नाम अंग्रेिी नाम 1 लकड़ी (बांस) बांस बांस BAMBOO 2 धागा रस्सी धागा THREAD क्र. प्रदशय का भाग वास्तजवक माप 1 पूणभ लम्बाई 122 से.मी. 2 ऊपर की चौड़ाई 70 से.मी. 3 नीचे की चौड़ाई 31 से.मी. • जनमाभण करने की तकनीक एवं पद्धजत- • उपयोग का अवसर – • महत्व- अन्तिाभतीय महत्व अंत:िातीय महत्व धाजमभक महत्व • प्रदशभ का संरक्षण एवं परररक्षण- स्थानांतरण
  11. 11. भुंजिया िनिाजि में मत्स्याखेट उपकरण प्रदशय क्रमाुंक-3 थापा स्थानीय नाम थापा नृिातीय नाम थापा जहंदी नाम अंग्रेिी नाम क्र. तत्व स्थानीय नाम जहंदी नाम अंग्रेिी नाम 1 लकड़ी (बांस) बांस बांस BAMBOO 2 धागा रस्सी धागा THREAD 3 मेराभ मेराभ मेराभ क्र. प्रदशय का भाग वास्तजवक माप 1 पूणभ लम्बाई 50 से.मी. 2 ऊपर की चौड़ाई 67 से.मी. 3 नीचे की चौड़ाई 176 से.मी. • जनमाभण करने की तकनीक एवं पद्धजत- • उपयोग का अवसर – • महत्व- अन्तिाभतीय महत्व अंत:िातीय महत्व धाजमभक महत्व • प्रदशभ का संरक्षण एवं परररक्षण- स्थानांतरण
  12. 12. भुंजिया िनिाजि में मत्स्याखेट उपकरण प्रदशय क्रमाुंक-4 सुंकी िाल थापा स्थानीय नाम सौकी नृिातीय नाम सौकी जहंदी नाम संकी िाल अंग्रेिी नाम FREAK TRAP क्र. तत्व स्थानीय नाम जहंदी नाम अंग्रेिी नाम 1 कोसा सुत कोसा सुत रेशम धागा SILK THREAD 2 लोहे का गोला लोहे का गुल्ला लोहे की गोली IRON BULLET 3 प्लाखिक धागा प्लाखिक रस्सी प्लाखिक धागा PLASTIC THREAD क्र. प्रदशय का भाग वास्तजवक माप 1 पूणभ लम्बाई 220 से.मी. 2 होल की लंबाई एवं चौड़ाई 3.5 से.मी. • जनमाभण करने की तकनीक एवं पद्धजत- • उपयोग का अवसर – • महत्व- अन्तिाभतीय महत्व अंत:िातीय महत्व धाजमभक महत्व • प्रदशभ का संरक्षण एवं परररक्षण- स्थानांतरण
  13. 13. भुंजिया िनिाजि में मत्स्याखेट उपकरण प्रदशय क्रमाुंक-5 पेलना िाली थापा स्थानीय नाम पेलना नृिातीय नाम पेलना जहंदी नाम अंग्रेिी नाम क्र. तत्व स्थानीय नाम जहंदी नाम अंग्रेिी नाम 1 लकड़ी (बांस) बांस बांस BAMBOO 2 नाइलोन िाल िाली िाल NILON TRAP 3 प्लाखिक धागा प्लाखिक रस्सी प्लाखिक धागा PLASTIC THREAD क्र. प्रदशय का भाग वास्तजवक माप 1 बांस की पूणभ लम्बाई 190 से.मी. 2 िाल की गहराई 185 से.मी. • जनमाभण करने की तकनीक एवं पद्धजत- • उपयोग का अवसर – • महत्व- अन्तिाभतीय महत्व अंत:िातीय महत्व धाजमभक महत्व • प्रदशभ का संरक्षण एवं परररक्षण- स्थानांतरण
  14. 14. भुंजिया िनिाजि क े खखलौने प्रदशय क्रमाुंक-6 गलेल थापा स्थानीय नाम गुिा नृिातीय नाम गुिा जहंदी नाम गुलेल अंग्रेिी नाम CATAPULT क्र. तत्व स्थानीय नाम जहंदी नाम अंग्रेिी नाम 1 लकड़ी लकड़ी लकड़ी WOOD 2 नाइलोन धागा नाइलोन रस्सी नाइलोन धागा NILON THREAD 3 रबर क े ट्यूब ट्यूब रबर RUBBER TUBE क्र. प्रदशय का भाग वास्तजवक माप 1 गुलेल की पूणभ लम्बाई 30 से.मी. 2 लकड़ी की लंबाई 10 से.मी. 3 रबर की लंबाई 18 से 20 से.मी. • जनमाभण करने की तकनीक एवं पद्धजत- • उपयोग का अवसर – • महत्व- अन्तिाभतीय महत्व अंत:िातीय महत्व धाजमभक महत्व • प्रदशभ का संरक्षण एवं परररक्षण- स्थानांतरण
  15. 15. भुंजिया िनिाजि क े खखलौने प्रदशय क्रमाुंक-7 गजिया थापा स्थानीय नाम गुजड़या नृिातीय नाम पुतला जहंदी नाम पुतला अंग्रेिी नाम DOLL क्र. तत्व स्थानीय नाम जहंदी नाम अंग्रेिी नाम 1 लकड़ी (बीिा या सरई) लकड़ी लकड़ी WOOD क्र. प्रदशय का भाग वास्तजवक माप 1 पुतले की पूणभ लम्बाई 28 से.मी. 2 पुतले की चौड़ाई 8 से.मी. 3 पैर की लंबाई 11.5 से.मी. 4 मुह की लंबाई 7 से.मी. • जनमाभण करने की तकनीक एवं पद्धजत- • उपयोग का अवसर – • महत्व- अन्तिाभतीय महत्व अंत:िातीय महत्व धाजमभक महत्व • प्रदशभ का संरक्षण एवं परररक्षण- स्थानांतरण
  16. 16. जनष्कषय  मत्स्याखेट तथा खखलौनों से संबंजधत उपकरणों क े उपयोग और उनक े स्वरूप में पररवतभन आते िा रहे हैं।  आधुजनकता क े संपक भ में आने क े कारण मत्स्य आखेट और खखलौनों में नए उपकरणों का उपयोग जकया िाने लगे हैं  भुंजिया िनिाजत क े बच्चे खखलौने क े रूप में प्लाखिक से बनी वस्तुओं का उपयोग करते हैं।  मत्स्य आखेट संबंधी उपकरणों को धाजमभक जक्रयाओं में सखिजलत नहीं जकया िाता है , यह क े वल उनक े आजथभक जक्रयाकलाप से संबंजधत होता है, मत्स्य आखेट उनकी अथभव्यवस्था का महत्वपूणभ अंग है।
  17. 17. सझाव  इस प्रकार क े अध्ययन से हम जवजभन्न भौजतक संस्क ृ जत का संकलन उनका साजहत्यकरण कर संरक्षण कर सकते हैं।  इस अध्ययन और संरक्षण क े आधार पर आने वाली पीढ़ी को इसक े बारे में ज्ञान जदया िा सकता है और उसका पुनजनभमाभण भी जकया िा सकता है।  चोभा, टोहेला, झोपनी, थापा आजद भुंजिया िनिाजत का मत्स्य आखेट उपकरण एवं परंपरागत संस्क ृ जत का जहस्सा है, इसको सुरजक्षत करक े रखना चाजहए ताजक वतभमान में आने वाली पीढ़ी अपनी संस्क ृ जत से अवगत हो सक े ।
  18. 18. सुंदभय सूची  एस.क े .पाजटल, एस.क े .नाग, ए . प्रधान .(2011) छत्तीसगढ़ क े बस्तर जिले क े िनिाजतयों में मछली पकड़ने की तकनीक , इंजडया: एन.आई.एस.सी.ए.आई.आर. सी . एस .आई .आर.  एस.क े जतवारी, एस.क े शमाभ , (1999) मध्य प्रदेश की िनिाजतयां, भोपाल: जहंदी ग्रंथ अकादमी।  श्री िय शमाभ . (2006) . िनिाजतय समाि शास्त्र (संस्क .4) . भोपाल : मध्य प्रदेश जहंदी ग्रंथ अकादमी  जबंदु साहू व झा, (2004) . सामान्य मावनशास्त्र जदल्ली : धवन बूक पखिशन,  प्रफ ु ल्ल रंिन झा, (2016) . सामाजिक एं व सांस्क ृ जतक मानवशास्त्र, जदल्ली : धवन बूक पखिक े शन  नजदम हुसैन, (1997) सामान्य मानवशास्त्र (संस्क .1) नयी जदल्ली िवाहर पखिसर एव जडखििब्युशन  भुंजिया, एक जवशेष जपछड़ी िनिाजत,(2020), आजदमिाजत अनुसंधान एवं प्रजशक्षण संस्थान, नवा रायपुर  ई.बी.टायलर,(1871), जप्रजमजटव कल्चर  हषभकोजवट्स,(1948), मैन एण्ड जहि वक भ  ऑक्स्फ़ोडभ यूजनवजसभटी
  19. 19. क्षेत्र कायय की कछ िस्वीरे

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