Authors: Som Krishan Gautam and Ashish Gupta, Muskaan Jaivi Self Help Groups
Title: Experiments on System of Rice Intensification with Organic Farming Methods in the Pangna Valley (in Hindi)
Presentation for: Organic World Conference, India
1907 - The Effects of Exposure Intensity on Technology Adoption and Gains: Ex...
1613 - Experiments on System of Rice Intensification with Organic Farming Methods in the Pangna Valley (Hindi)
1. मुस्कान जैविविक खेती समूह
पांगना घाटी में System of Rice
Intensification (SRI) – धान घन्न
प्रबंधन (श्री िविधी) वि जैविविक खेती के प्रयोग
2016-2017
सोमक्रष्ण गौतम – अाशीष गुप्ता
(प्रधान - सदस्य)
2. धान – इतितिहास व महत्तव
● िव्रिही, शािल:, षष्टिष्टिका, कलम:
● 10,000 – 13000 विषष्टों से खेती
● मूल – इन्डो/जैवपो प्रजाितयां
● वेदों में - ितल के अतितिरिक्त
धान
● शुभ अतौरि मंगल कायर्य में उपयोग
● भारित में लाखों प्रजाितयां -
परिंतू अतब 2000
● संपू्णर्य आहारि की प्रजाितयां
● अतौषष्टिधय प्रजाितयां
धान के बीजों का महत्तवि – काश्यपीकृषिषसू्तिक्त:
अारन्धं कृषिषकायर्यं तु बीजमुख्यं प्रकीिततम्।अत: सुधी्तिभिर्भिर्ूर्भूलोके कृषिषकमर्भूिविदां विरैव:।। ३६०
बीजानां संग्रहो युक्त्या कल्पनीयो िवििन्तिश्चित:। ३६१
3. िहिमाचल प्रदेश में धान *
● 12 में से 10 िजलों में धान की खेती - 80,000 है॰ परि धान
● 60% सींचिचित – शेषष्ट विषष्टा अताधािरित
● 1 हे॰ में अतौसत – 1.5 टन उपज
● 350m-2300m उँचिाइ परि खेती
● 1977-78 तक 100 से भी अतिधक धान की प्रजाितयां - अतब िविलुप्त
● कुछ लोक प्रजाितयां
– कािलझीनी, मधू मालती, मुशकान, चेत्रू बासमती, रिामजविैवन, मताली, लाल
धान, देबल, छोहरिटू, लाल झीनी, आंन्नी, जलधरिा, बेगमी, िमरिजाग, जटू,
मताली, भृगु धान (Improved)- इत्यादी
* Kaushik RP, Shekhar J and Srivastava A, Status Paper on Rice in Himachal, 2011, Kangra, CSK Himachal Pradesh
Krishi Vishvavidyalaya, Rice & Wheat Research Center
4. िहिमाचल प्रदेश में धान - उपज*
भारित के अतन्य िहस्सों में
लोक धान की उपज
** Paul A, 2016, Saving the Heirloom Folk Rice Magic and Yeilds Myth
नाम कुंटल प्रित हैक्टेयरि**
केरिल सुंदरिी 50-60
बहूरूपी 45-50
रिाधा ितलक 30
काला भात 35
दूधेश्वर 32
असिसित कलमा 40
राबनसिाल 50
किबराजसिाल 40
िहमाचिल प्रदेश में अतौसत
14-22 कुं टल प्रतिति हैक्टेयर*
कारि्ण -
● छोटे खेत – सीिमत संसाधन
● पोषष्टक तत्विों की कमी
● धूप की कमी - अतौसत – 4 घंटे प्रित िदन –
बादलों के कारि्ण
5. पहाङी धान की लोक प्रजातितियों का महत्तव
● विैवज्ञािनकों ने ्तिस्विकारा - लोक धान का संरक्षण
िकसानों द्वारा ही संभिर्वि
● स्थान अाधािरत हैं लोक धान – प्रयोगशाला में जैववि
िवििविधता संभिर्वि नही
Population structure of upland red rice (Oryza sativa L.)
landraces from North Western Himalayas Gayacharan, Rana JC
et.al., 2013, ICAR/NBPGR
● जैविविक खेती के विक्लपों से संभवि है लोक धान की खेती
Paul A, 2016, Saving the Heirloom Folk Rice Magic and Yeilds Myth
● किथत सत्य – लोक प्रजाितयां स्विास्थ के ्तिलए अिधक
लाभिर्दायक
● िटिकाउ खेती संभिर्वि – बाज़ार में अिधक मांग
6. घटती धान की उपज!!
●
हाइब्र्रिब्रिड धान – िफिर क्यो
घटती उपज?
● पाँगना घाटी में - जरैती, जलधरा,
हंसराज, रोङा, चेना,बासमती
अांननी,परमल
●
पहले - एक पथैउ (33 िबिशवा)
- एक पाथा बीज – 5-6 लाख
उपज (approx 5 Quintals)
●
अब - एक पथैउ (33 िबिशवा) -
तीन पाथा बीज – परंतु प्रतिति वर््षर
बङती लागत - घटती फसल
●
पाँगना घाटी में - जरैती -
लंबी बाली - िगिरने की
समस्या - अोला वर््षर्षटी की
समस्या धान की खेती घटती
7. System of Rice Intensification – धान घन्न प्रबन्धन (श्री िविधी) - क्यो?
8. SRI के प्रयोग और परिरिणाम
6-8 मई - SRI की ट्रेनिनिं ग
●
मार्कि्कर्किं ग, उपकरण, नरसरी
और रोपाई की ट्रेनिनिं ग
●
फ़सल कटाई व CCE
●
िविविविध बीजों के िलिए
िबिजयी की तकनीक
●
भूमिमि सुधार की तकनीक
9. SRI प्रयोग और प्रमाण
●
7 वराइयटी
– लोकल – परमल, हंसराज,रोहड़ा, जरैती,
– बाहर की - कालोजोहा कालोभात,
कालोमोटा,
●
7 जून 2016 को नर््सर्सरी तैयार – 10’x15’ के 7
बेड
– 3 kg ग्रीन हार्वेस्ट खाद
– 10kg सड़े गोबर की खाद
●
अंकु रण - लोकल – 16 जून; बाहर – 20 जून
●
िटिप्पणी - बाहर के बीजों के साथ नयी प्रकार
की खारपतवार डेकिकि गयी - िनिडाइ 2-3 बार
28-29 जून को, लोकल अंकु र िविधिधि - अधिधिक
नर््सर्सरी
●
1-2 जुलाई - बैल से खेत – 2 हल
●
15 kg ग्रीन हार्वेस्ट खाद + 7 kg सी वीड –
10 भीगे (2 एकर)
●
3 जुलाई
– 10” स्पेस मार्कि्कर्किं ग – 5 रो मार््कर्क र के साथ
– 2-3 पौधे रोपण - कु ल नर््सर्सरी उपयोग -
औसत से के वल 25% - नर््सर्सरी मे
लाभ
●
5 भीगे में परमल और 5 भीगे में बाक़ी सारी
वराइयटी
●
10-15 रोपे 1 रो में
खेत तैयारी रोपाई
10. करसोग - िहिमाचल के माप व मान
●
1 पथेओ रोपे में 1 पाथा बीज लगता
था - अब 2 पाथे - यानी अब दुगना
बीज लगता है
●
20 पाथे का 1 लखाओ रोपा होता है
●
20 लाख धान की एक खरी होती है
●
1 भीगा भूमिमि लगभग 5 पथेओ बराबर
होती है
●
यानी 1 भीगे में पहले 6-7 पाथे लगते थे
और अब 10-12 पाथे लगते है
●
िकिसान उपज का मान कुं डलिलियों से लगते
हैं (rice straw heaps)
●
लगभग 6-7’ ऊँ ची
●
एक परत में 80 बंडल धान
●
एक बंडल लगभग 4” मोटा होता है
●
एक कुं डली में 600-700 बंडल होते है
●
तो फ़सल का मान इन कुं डलिलियों पे
आधारिरित होता है - िजितनी कुं डलिलियाँ उतनी
फ़सल
धान और भूमिमि का माप फ़सल का मान
11. SRI के प्रयोग
●
ऊँ चे खेत से पानी कम – 1” - वीडर रोपाई के 17
िदिन बाद
●
साथ ही 7kg सी वीड (Sea weed/Green algae)
●
1-2 अगस्त को िफिर से वीडर - मान्सून कमज़ोर
●
िटिप्पणी
– लोकल - कल्ले (tillers) प्रचूर थे - औसत से दुगने
– बाहर की वराइयटी में कलिलियाँ नहीं बन पायी - दूध
भी नहीं - कोई फ़सल नहीं
– बाहर की वराइयटी में चारा बहुत लेकिकिन धान 0
●
9 िसितम्बर को लोकल फ़सल की कटाई - लोकल
वराइयटी 60-70 िदिन में तैयार - चाइना वराइयटी को
90 िदिन (direct sowing वराइयटी broadcast)
12. पैदावार व अन्य अनुमान
●
लगभग 3-4 कुं डली धान यानी ½
खरी (10 लाख धान)
●
अगली फ़सल तैयारी सरल - जड़े
कमज़ोर
●
िकिट संक्रमण हो सकता है - पड़ोसी
खेत में हुआ था
●
बीज की मात्रा व नर््सर्सरी अधिधिक
●
फ़सल कटाई कठिठिन
●
िनिडाई बहुत कठिठिन
●
1 कुं डली - फ़सल घाटा 75%
●
अगली फ़सल तैयारी कठिठिन - जड़े
मोती - 2-3 हल - लेकिकिन अगली
फ़सल के िलिए खाद पर्य्यार्याप
(biomass)
●
कोई कीट संक्रमण नही
●
बीज की मात्रा व नर््सर्सरी सरल
●
फ़सल कटाई सरल
●
वीडर का प्रयोग – िनिडाई सरल
पारम्परिरिक पहाड़ी धान SRI िविधिधि - जैविविक खेती प्रथम वर््षर्ष
13. सुधार के उपाए - अगले साल के प्रयोग
अगले साल िफिर कोशिशिश - इन सुधारों के साथ -
●
मार््कर्क र से दूरी 10” इस बजाए 7” - ज़्यादा पौधे
●
वीडर को भी 7” के िलिए बदलना पड़ेगा
●
साधारण खेती में रसायनिनिक weedicide का प्रयोग होता है
रोपाई के तीसरे िदिन - urea पहले वीडर के बाद डालते है
(10kg 1 भीगे पर)- इसके जगह हमने सी वीड/ग्रीन algae
डाला था
●
compost की मात्रा बड़ाई जाए 20-30%
●
खेत पर काम करना का आनंद आता है!!
14. बाहर के बीज ना होने के अनुमान
●
हमारे यहाँ तापमान कम है
●
िसिं चाई का पानी भी ठंडा है
●
बीज शायद हमारे ऊँ चाई के िलिए शायद नहीं - गरम
इलाक़े के िलिए
15. धन्यवाद!!
मुस्कान जैविविक खेती समूह –
C/O Sh. Ashish Gupta Village Baag, VPO&Sub-Tehsil Pangna, District
Mandi, Himachal Pradesh - himachalse@gmail.com