Vashishthasana in Sanskrit: Vashishta - wealthy, Asana - posture; Pronounced as vah-sish-TAHS-anna. Vashishta was one of the most revered sages among the Saptarishis (seven seers). He was one of the prominent writers of Mandala. Seven Vashisthas had a cow named Kamadhenu. This divine cow gave whatever the sage asked for, and hence, he became incredibly wealthy. This asana is the powerhouse of health, and hence, it is named after Vasishtha Rishi.
How to do vasisthasana (side plank pose) and what are its benefits
1. How to do Vasisthasana (Side Plank Pose) and What are its Benefits
वशिष्ठासन हाथो को िक्तििाली औय कलाई को भजफूत फनाता है, अऩने दोनो हाथो को संतुलन क
े रूऩ भें अगले स्तय
ऩय ले जाता है।
क
ै से करें वशिष्ठासन (साइड प्ाांक पॊज़) और क्या हैं इसक
े फायदे
संस्क
ृ त भें वशिष्ठासन: वशिष्ठ - धनवान, आसन - भुद्रा; उच्चायण क
े रूऩ भें vah-sish-TAHS-anna। वशिष्ठ
सप्तऋषिमों (सात द्रष्टाओं) भें सफसे सम्माक्तनत संतों भें से एक थे। वह भंडला क
े प्रभुख लेखकों भें से एक थे। सात
वशिष्ठ क
े ऩास काभधेनु नाभक एक गाम थी। इस ददव्य गाम ने वशिष्ठऋषि ने जो क
ु छ बी भााँगा, वह ददमा औय
इसशलए, वह अषवश्वसनीम रूऩ से धनवान फन गमा। मह आसन स्वास्थ्य का ऩावयहाउस है, औय इसशलए, इसका नाभ
वशिष्ठऋषि क
े नाभ ऩय यखा गमा है।
1. इस आसन कॊ करने से पहले आपकॊ ये पता हॊना चाहहए
इस आसन का अभ्यास कयने से ऩहले आऩ अऩने ऩेट औय आंतों को खाली यखना सुक्तनश्चित कयें मा आसन को कयने
से कभ से कभ चाय से छह घंटे ऩहले अऩना बोजन कयें ताषक आऩका बोजन ऩच जाए औय अभ्यास क
े दौयान खचच
कयने क
े शलए ऩमाचप्त ऊजाच हो। सुफह सफसे ऩहले मोग का अभ्यास कयना सफसे अच्छा है। लेषकन अगय आऩ मह सुफह
नहीं कय सकते हैं, तो िाभ को इसका अभ्यास कयना ठीक है।
स्तर: फुक्तनमादी
िैली: हठ मोग
अवधि: प्रत्येक ऩक्ष ऩय 30 से 60 सेक
ं ड
पुनरावृत्ति: एक फाय प्रत्येक ऩक्ष ऩय
स्ट्रेच: कलाई, ऩीछे क
े ऩैय
मजबूती: हथथमाय, कलाई, ऩैय, नाभब
2. क
ै से करें वशिष्ठासन (साइड प्ाांक पॊज़)
1. इस आसन को िुरू कयने क
े शलए, पालकासन से िुरू कयें।
2. धीये से अऩने वजन को अऩने हाथ से ऩैय तक दादहनी ओय शिफ्ट कयें।
3. अऩने फाएं हाथ औय फाएं ऩैय को घुभाएं औय फाएं ऩैय को अऩने क
ू ल्हे ऩय अऩने फाएं हाथ क
े आयाभ क
े रूऩ भें छोड़ दें।
4. अऩने दादहने हाथ को क
ं धे से थोड़ा आगे यखें, उसक
े नीचे नहीं। सुक्तनश्चित कयें षक हथेली को पिच क
े खखलाप दफामा
गमा है, औय हाथ बफल्क
ु ल सीधा है।
5. श्वास लें औय अऩने फाएं हाथ को ऐसे उठाएं षक मह पिच से सीधा हो। अऩनी उंगशलमों को छत की तयप जाने दें।
6. जैसे ही आऩ क
ु छ सेक
ं ड क
े शलए आसन को कयते हैं, अऩनी टकटकी को अऩनी उबयी हुई बुजा भें घुभाएं औय
उंगशलमों को देखें।
2. 7. अऩनी फांह को ऐसे भोड़ें औय नीचे लाएं षक वह आऩक
े क
ू ल्हे ऩय षटकी हो।
8.पालकासन भें वाऩस आएं। श्वास लें, औय जैसे ही आऩ सााँस छोड़ते हैं, इस आसन को अऩनी फाईं ओय दोहयाएं।
3. साविाधनयाां और अांतर्विरॊि
मदद आऩको कोई कोहनी की गंबीय इजा, कलाई मा क
ं धे की चोट है, तो आऩको इस आसन से फचना चादहए।
4. िुरुआत क
े र्िप्स
1. घुटने को क्तनचे यखें। इससे आऩको अऩने कोय औय फाहों भें ताकत फनाने क
े शलए आवश्यक सहामता क्तभलेगी।
2. अऩने ऩैयों को एक दूसये क
े ऊऩय न यखें। उन्हें थोड़ा अलग यखें, जैसे षक दाएं ऩैय का फाहयी षकनाया औय फाएं ऩैय का
बीतयी षकनाया पिच ऩय हो।
3. मदद आऩ दृढ़ता से अऩने हाथ क
े दफाते हैं, तो आऩ ऊऩयी ियीय भें हल्का भहसूस कयेंगे।
4. अऩने ऩैयों को एक साथ दफाव फनामे ताषक वे औय भजफूत हों।
5. एडवाांस्ट्ड पॊज़ वहरएिन्स
इस आसन को अगले स्तय ऩय ले जाने क
े शलए, ऊऩय की औय यखा गमा ऩैय इस तयह उठाएं षक वह पिच से सीधा हो।
उस हाथ का उऩमोग कयना जो फाहय की तयप प
ै ला हुआ है, अऩनी उंगशलमों को अऩने फड़े ऩैय क
े अंगूठे ऩय षटकाएं ,
औय ऩैय को 90 दडग्री क
े कोण ऩय पिच तक खींच लें। मह खखिंचाव फढ़ाएगा औय भुद्रा को अक्तधक तीव्र फना देगा।
6. वशिष्ठासन (साइड प्ाांक पॊज़) क
े लाभ
1. मह ऩैय, ऩेट औय फाहों को भजफूत फनाता है।
2. मह न क
े वल कलाई को प
ै लाता है फल्कल्क उन्हें भजफूत बी फनाता है।
3. ऩैयों क
े षऩछले दहस्से को एक अच्छा खखिंचाव क्तभलता है।
4. इस आसन से संतुलन की बावना फेहतय होती है।
7. वशिष्ठासन (साइड प्ाांक पॊज़) क
े पीछे का र्वज्ञान
जफ आऩ इस आसन का अभ्यास कयते हैं, तो आऩका भन िांत औय तनाव भुि यहता है। लेषकन जफ आऩ डी-स्ट्रेशसिंग
कय यहे होते हैं, तो आऩक
े हाथ औय क
ं धे इस आसन क
े भाध्यभ से ताकत ऩैदा कय यहे होते हैं। इस आसन को वन आभच
फैलेंस ऩोज बी कहा जाता है। मह आसन एक िक्तििाली आसन है जो आऩको आंतरयक िक्ति षवकशसत कयने भें बी
भदद कयता है। इस आसन को कयते सभम अऩने ियीय को ऩूयी तयह से संयेखखत कयना माद यखें। अऩने ऩैयों को एक
दूसये क
े ऊऩय यखें। जफ आऩ इस आसन का अभ्यास कयने क
े शलए दीवाय क
े सभथचन का उऩमोग कयते हैं, तो आऩ
सभझेंगे षक इस आसन भें यहने क
े दौयान ियीय का वजन क
ै से षवतरयत षकमा जाता है।
8. प्रारांधभक पॊज़
अधोभुख श्वानासन
अधच चंद्रासन
पलकासन
प्रसारयता ऩादोत्तनासन
सुप्त ऩादांगुष्ठासन
सुप्त वीयासन
9. फॉल-अप पॊज़
अधो भुखा वृक्षासन
अधोभुख श्वानासन
चतुयंग दंडासन
षऩिंच भमूयासन
िीिाचसन
वीयबद्रासन-2
उश्चित ऩाश्वचकोणासन
3. उश्चित बिकोणासन
अफ जफ आऩ जानते हैं षक साइड प्लैंक ऩोज़ क
ै से कयते है, मह आसन आऩक
े ऩूये ियीय को व्यस्त कयता है।
जफषक आंतरयक रूऩ से चल यहा है, खींच यहा है, औय टोक्तनिंग कय यहा है, अऩने भन औय ियीय को िांत होने दें, जैसे षक
मह फाहयी रूऩ से प्रथतबफिंबफत होता है।