2. आर्थिक साक्षर की पहचान:
आर्थिक साक्षरता की जरुरत
व्यक्ति र्ित्तीय संसाधन ं का सबसे क
ु शल उपय ग करने में सक्षम है
र्कसी भी अप्रत्यार्शत र्ित्तीय घटना का प्रबंधन करने की क्तथथर्त में है
ितिमान और भर्िष्य क
े र्ित्तीय लक्ष् ं क पूरा करने क
े र्लए टरैक पर है
र्ित्तीय जीिन क
े बारे में शांर्त और संतुर्ि की भािना रखता है
3. इस सत्र क
े अंत में, आप र्नम्नर्लक्तखत कर सक
ें गे:
उद्देश्य
खचि की आदत ं का मूल्ांकन
ज़रुरत ं और इच्छाओं क
े बीच फक
ि
बचत की मूल संकल्पना क समझाना
र्निेश की मूल संकल्पना क समझाना
चक्रिृक्ति ब्याज क
ै ल्क
ु लेट करना
र्निेश क
े र्िर्भन्न र्िकल्प ं की सूची बनाना और समझाना
इंश्य रेंस की ज़रुरत और महत्व क समझाना
4. इस सत्र क
े अंत में, आप र्नम्नर्लक्तखत कर सक
ें गे:
इंश्य रेंस क
े र्िर्भन्न प्रकार ं की पहचान करना
ल न क
े प्रकार ं क पहचानना
ल न देने िाले (ऋण प्रदाता)
ल न लेते िि क्या करें, क्या ना करें
र्िर्जटल पेमेंट और िॉलेट्स की जानकारी
िॉलेट क
े र्िर्भन्न प्रकार
ई-िॉलेट क
े ज़ररए पैसे टरान्सफर करना
उद्देश्य
6. क्या आप पयािप्त बर्त कर रहे हैं?
हमारे खर्ों को प्रभार्ित करिे िाला
सबसे महत्वपूर्ि कारक कौिसा है?
7. महंगाई दर / मुद्रास्फीर्त
दर का एक माप र्जसक
े अनुसार र्कसी भी
अथिव्यिथथा में समय क
े साथ चुनी हुई
िस्तुओं और सेिाओं क
े औसत मूल् स्तर में
िृक्ति ह ती है।
8. आर्थिक र्ियोजि / फायिांर्ियल प्लार्िंग क
े कदम
• आपकी मौजूदा आर्थिक स्थथर्त का पता लगाएँ
कदम 1:
• आर्थिक लक्ष्य र्िकर्सत करें
कदम 2:
• िैकस्िक तौर पर उठाए जािे िाले कदमों की पहर्ाि
करिा
कदम 3:
• र्िकिों का मूल्ांकि करें
कदम 4:
• एक फायिेंर्ियल एक्शि प्लाि (आर्थिक क
ृ र्त योजिा)
तैयार और लागू करें
कदम 5:
• अपिी योजिा का पुिमूिल्ांकि और सुधार करें
कदम 6:
9. बर्त
िकद बैंक में बर्त
बैंक र्फक्स्ड
डेपोऱ्िट में बर्त
म्यूर्ुअल फ
ं ड में
बर्त
डाइरेक्ट इस्िटी
में बर्त
र्ििेि
र्ििेि या र्ििेि करिे का मतलब है एक असेट (पररसंपर्ि) खरीदिा, या
एक बैंक में पैसा रखिा र्जससे भर्िष्य में ब्याज कमाया जा सक
े ।
र्ििेि करिा अर्ििायि है क्योंर्क यह पैसे क
े मूल् में कमी से बर्ािे और
महंगाई पर मात करिे का उपाय है।
10. लक्ष्य आधाररत र्ििेि
जीिि क
े लक्ष्यों क
े र्लए र्ििेि करिा और इस र्दिा में की गई प्रगर्त को
मापिे की प्रर्िया ही लक्ष्य आधाररत र्ििेि है, बजाय इसक
े र्क र्ििेि पर
सिािर्धक ररटिि पािे क
े र्लए र्ििेि करिा, या बा़िार को पीछे छोड़िा।
11. आपातकाल क
े र्लए पैसा
क्य ं - नौकरी छ
ू टना, व्यापार में र्गरािट, र्चर्कत्सा आपात क्तथथर्त, अर्नय र्जत और गैर-परक्राम्य व्यय
र्कतना - आदशि रूप से 6 -12 महीने का खचि
पैसे कहााँ रखें- सेर्िंग्स बैंक / एफिी या र्लक्तिि म्यूचुअल फ
ं ि
12. आर्थिक र्ियोजि अंगुष्ठ र्ियम / फायिांर्ियल प्लार्िंग क
े मुख्य र्ियम
छोटी अिर्ध क
े लक्ष्य
बच् ं क
े मूलभूत शैक्षर्णक लक्ष्
कार, घर खरीदने, र्िदेश घूमने का सपना पूरा
करना
कार, घर, र्िदेश में छु ट्टी अपग्रेि करना
30% खर्ि 30% ईएमआई 10% लाइफ स्टाईल
30% बर्त क
ु ल - 100%
30% बर्त का र्िभाजि
15% लंबी अिर्ध
15% छोटी अिर्ध
13. म्यूर्ुअल फ
ं ड्स (एमएफ)
यह एक प्रकार का र्ित्तीय मध्यथथ है ज ऐसे र्निेशक ं क
े फ
ं ि्स क इकठ्ठा करता है ज एक ही जैसे
सामान्य र्निेश उद्देश्य की मांग करते हैं और उन्हें र्िर्भन्न प्रकार क
े र्ित्तीय उत्पाद ं मे र्निेश करता है,
जैसे इक्तिटी शेयसि, बॉन्ड, िेट बॉन्ड, टरेज़री र्बल, सरकारी बॉन्ड इत्यार्द।
बर्त
घर में िकदी बैंक में बर्त
बैंक र्फक्स्ड
डेपोऱ्िट में बर्त
म्यूर्ुअल फ
ं ड में
बर्त
डाइरेक्ट इस्िटी
में बर्त
फायदे
पेशेिर र्निेश प्रबंधन
र्िर्िधीकरण क
े ज़ररए ज क्तखम कटौती
र्िर्िधता
सुर्िधा
तरलता (र्लक्तिर्िटी)
र्निेश लागत में कमी
र्िर्नयामक सुरक्षा
ज़्यादा उच् ररटन्सि
िुकसाि
शुल्क
फायदे क पहचानने क
े समय पर कम
र्नयंत्रण
आय का कम पूिािनुमान
कस्टमाइज़ करने का मौका नहीं
14. एसआईपी में इस्िटी म्यूर्ुअल फ
ं ड्स का इस्तेमाल
र्सस्टमैर्टक इन्वेस्टमेंस प्लान (एसआईपी) म्यूचुअल फ
ं ि्स (एमएफ) द्वारा र्निेशक ं क पेश र्कए जाने िाली
र्निेश की य जना है, ज उन्हें एकमुश्त रार्श की जगह समय समय पर छ टी रार्श का र्निेश करना संभि बनाती
है। र्निेश की र्िि
े न्सी साप्तार्हक, मार्सक या त्रैमार्सक ह सकती है। एक र्िर्शि एमएफ में एक र्नयत रार्श
र्निेश की जाती है। इसे बैंक क थथायी र्नदेश देकर र्कया जा सकता है। य जना क
े मौजूदा नेट असेट िैल्ू
(एनएिी) क
े अनुसार एमएफ यूर्नट्स की संख्या खरीदता है और र्निेशक क
े खाते में जमा कर देता है।
उदाहरर्:
मर्हिे र्ििेि की गई रार्ि एमएफ यूर्िट मूल् (एिएिी)
खरीदे गए एमएफ यूर्िट्स
की संख्या
10 जििरी 2017 5000 32 156
10 अप्रैल 2017 5000 36 139
10 जुलाई 2017 5000 30 167
10 अक्तूबर 2017 5000 28 179
क
ु ल 20000 31.23 (औसत कीमत) 1281
16. र्ििेि कहाँ करें? र्ििेि पर ररटिि का र्र्त्ांकि:
र्ििरर् डेट फ
ं ड (एमएफ का एक प्रकार) र्फक्स्ड डेपोऱ्िट
ररटिि का दर 7 – 9% 6 – 8%
र्डर्िडेंट हााँ नहीं
जोस्खम मध्यम कम
तरलता (र्लस्िर्डटी) उच् मध्यम
र्ििेि र्िकि एसआईपी या एकमुश्त
क
े िल एकमुश्त (ररकररंग िेप र्ज़ट में
एसआईपी है)
पैसे की पूिि र्िकासी
एमएफ क
े आधार पर एक्तजज़ट ल ि
क
े साथ या र्बना, पैसे र्नकालने की
अनुमर्त
समय से पहले पैसे र्नकालने पर
दंिात्मक ब्याज िसूला जाता है
इिकम टैक्स
इनकम में एसटीसीजी ज डे (36
मर्हन ं से पहले), इंिेक्सेशन क
े बाद
एलटीसीजी टैक्स @20%
टैक्स क
े र्लए ब्याज की इनकम अन्य
इनकम क
े साथ ज डी जाती है
र्ििेि व्यय
0.5-1.5% का औसत खचि अनुपात
शुल्क र्लया जाता है
क ई खचि नहीं
र्ििरर् डेट फ
ं ड र्फक्स्ड डेपोऱ्िट
र्ििेि की गई रार्ि 2,00,000 2,00,000
ररटिि का दर 7% 7%
लॉक-इि अिर्ध 3 साल 3 साल
अिर्ध क
े अंत में फ
ं ड का मूल् 2,45,000 2,45,000
महंगाई 6% 6%
इंडेक्स्ड इन्वेस्टमेंट रार्ि 2,38,000 -
रार्ि पर टैक्स 7,000 45,000
देय टैक्स 1,400 (@20%) 15,000 (@ 30%)
टैक्स क
े बाद ररटिि 43,600 30,000
18. इंश्योरेंस
इंश्य रेंस या बीमा इस शब्द क
े अथि क
े अनुसार, यह र्कसी भी व्यक्ति क
े जीिन या संपर्त्त क ह ने िाले नुकसान से
सुरक्षा प्रदान करने का साधन है।
19. इंश्योरेंस
इंश्योरेंस क
े प्रकार
लाइफ इंश्योरेंस
(जीिि बीमा)
जिरल या िॉि लाइफ
इंश्योरेंस (गैर-जीिि
बीमा)
क
ें द्र सरकार द्वारा पेि की जािे िाली
क
ु छ बीमा योजिाएँ हैं:
20. लोि / क़िि
ल न या कज़ि एक ऐसी िस्तु है र्जसे उधार र्लया जाता है, र्िशेष रुप से एक रार्श र्जसका ब्याज सर्हत भुगतान
करना ह ता है।
•ि
े र्डट काडि र्बल का भुगताि करिे क
े र्लए
आपक
े घर का ििीिीकरर् करिे क
े र्लए
िादी क
े खर्ि की व्यिथथा
खर्ि की व्यिथथा करिे क
े र्लए
इलाज क
े खर्ि क
े र्लए
कार खरीदिे क
े र्लए
•छुर्ियों क
े खर्ि क
े र्लए
हम लोि
क्यों लेते
हैं?
21. लोि क
े प्रकार
ल न का िगीकरण र्सक्य ररटी (ज़मानत), ररपेमेंट (चुकौती) और उद्देश्य क
े आधार पर र्कया जाता है।
र्सक्य ररटी (ज़मानत) क
े आधार पर:
र्सक्य िि ल न
अनर्सक्य िि यार्न गैर-
ज़मानती ल न
ररपेमेंट (चुकौती) क
े आधार पर:
र्िमांि ल न (मांग ऋण)
टमि ल न (मीयादी ऋण)
इन्स्टॉलमेंट ल न
उद्देश्य क
े आधार पर:
ह म ल न (एक घर खरीदने क
े र्लए)
कार ल न (एक कार खरीदने क
े र्लए)
एजुक
े शन / र्शक्षा ल न (कॉलेज फीस क
े
भुगतान क
े र्लए)
पसिनल ल न (व्यक्तिगत ज़रुरत ं क
े र्लए)
23. लोि लेते समय ये गलर्तयाँ िा करें
•ज़रुरत से ज़्यादा ल न लेना
अर्िश्वसनीय स्त्र त से ल न लेना
बहुत ऊ
ं चे ब्याज दर का भुगतान करना
(जैसे करीब 30% का क्र
े र्िट कािि कज़ि)
ऐसी चीज़ क
े र्लए ल न लेना र्जसक
े र्लए
आपने बचत करनी चार्हए थी
•एग्रीमेंट क र्िस्तार से ना पढ़ना
लोि लेते समय जाँर् करिे की र्ी़िें
•ल न रार्श
ब्याज दर
समान मार्सक र्कश्तें (ईएमआई)
ररपेमेंट (चुकौती) अिर्ध
कज़िदाता की र्िश्वसनीयता
ल न क
े र्लए संर्ितरण समय
•ल न प्रर्क्रया की सरलता
24. र्डर्जटल पैसे और भुगताि
भुगतान का क ई भी साधन ज शुि रुप से ईलेक्ट्र ॉर्नक रुप में र्कया गया ह । र्िर्जटल पैसा एक िॉलर र्बल या एक कॉइन की
तरह मूति नहीं है। स्माटिफ न, क्र
े र्िट कािि और ऑनलाइन र्क्रप्ट करंसी एक्सचेंज जैसी टेक्न लॉजी का इस्तेमाल करते हुए
र्िर्जटल पैस ं का लेन देन र्कया जाता है।
र्डर्जटल भुगताि भौर्तक या फीऱ्िकल भुगताि
25. मिी टर ान्सफर
मिी टर ान्सफर, भुगताि का एक तरीका है ज र्डर्जटल माध्यम से र्कया जाता है। र्डर्जटल पेमेंट्स क
े र्लए
भुगतानकताि और पैसे पानेिाला द न ं ही पैसे भेजने और प्राप्त करने क
े र्लए र्डर्जटल माध्यम का इस्तेमाल करते हैं। इसे
ईलेक्टर ॉर्िक पेमेंट भी कहा जाता है।
• आईएमपीएस भारत में तुरंत भुगतान र्कए जाने िाला
आंतर-बैंक ईलेक्ट्रॉर्नक फ
ं ि्स टरान्सफर र्सस्टम है।
•आईएमपीएस
(इमीर्िएट पेमेंट सर्ििसेज़
यार्न तुरंत भुगतान सेिाएाँ )
• एनईएफटी ईलेक्ट्रॉर्नक फ
ं ि्स टरान्सफर र्सस्टम है
र्जसका रखरखाि ररज़िि बैंक ऑफ इंर्िया द्वारा र्कया
जाता है।
एनईएफटी (नेशनल
ईलेक्ट्र ॉर्नक फ
ं ि्स
टर ान्सफर)
• आरटीजीएस र्सस्टम एक र्िशेष फ
ं ि टरान्सफर
र्सस्टम है र्जसमें पैस ं या र्सक्य ररटी (प्रर्तभूर्तय ं) का
टरान्सफर एक बैंक से दू सरे बैंक में र्कया जाता है।
आरटीजीएस (ररयल
टाइम ग्रॉस सेटलमेंट)
27. र्ििीय धोखाधड़ी से सािधाि रहें
इतना सतक
ि मत बन । क्या आपक मुझ पर भर सा
नहींहै? आपक र्निेश न करने का पछतािा ह गा
फ न पर, ईमेल द्वारा या र्कसी अज्ञात िेबसाइट
पर - हमें क
े िल आपकी जानकारी की पुर्ि करने
की आिश्यकता है। र्पन नंबर, क्र
े र्िट कािि नंबर,
पासििि दें, बैंर्क
ं ग खाते की जानकारी या
व्यक्तिगत जानकारी (जन्म र्तर्थ, पता, आधार
कािि नंबर, पैन नंबर)
बहुत कम या क ई ज क्तखम क
े साथ उच्
ररटनि – गारंटी| यह जर्टल है। आपक
र्ििरण जानने की आिश्यकता नहींहै।
Google पे या फ नपे में QR क ि स्क
ै न
करक
े पैसे प्राप्त करें
दस्तािेज़ क पढ़े र्बना साइन इन करें
क
े िल र्िश्वास पर ऋण लेना, धन उधार देना या
सुरक्षा क
े रूप में भूर्म / संपर्त्त देना या र्कसी
और क आपक
े नाम पर ऋण लेने देना
28. आपकी जािकारी को परखें
सही
चक्रिृक्ति ब्याज पिर्त में, आपक ब्याज पर ब्याज र्मलता है- सही या गलत?
क, ख, घ
म्यूचुअल फ
ं ि्स क
े र्नम्नर्लक्तखत में से कौनसे फायदे हैं?
क. पेशेिर र्निेश प्रबंधन
ख. र्िर्िधीकरण क
े ज़ररए ज क्तखम कटौती
ग. टैक्स देय नहीं
घ. र्निेश खचि में कमी
आपक
े लंबी अिर्ध क
े लक्ष् ं क हार्सल करने क
े र्लए महंगाई दर से बेहतर िृक्ति पर आपकी
बचत की बढ़ तरी करने क
े र्लए आपक
े सििश्रेष्ठ र्िकल्प क्या हैं? म्यूचुअल फ
ं ि, इक्तिटी
छ टी अिर्ध क
े लक्ष् ं क
े र्लए, हम र्फक्स्ड र्िप र्सट या सरकारी बॉन्ड जैसे सुरर्क्षत र्निेश क
े
तरीक ं क चुन सकते हैं – सही या गलत
सही
29. सही
एक ही बार में र्कए जाने िाले र्निेश से एसआईपी बेहतर है –
सही या गलत ?
घर ं की एक कॉल नी में आग लग गई और सभी घर जलकर
राख ह गए। जबर्क उस कॉल नी क
े सभी र्निार्सय ं ने अपने
घर और अन्य संपर्त्तयााँ ख दी, लेर्कन महेश इससे ज़्यादा
र्िचर्लत नहींहुआ क्य ंर्क उसने अपने घर का बीमा करिाया
था। र्कस प्रकार की क
ं पनी ने उसक
े घर का बीमा र्कया था?
फायर इंश्य रेंस पेश करने िाली क
ं पनी
राजेश, एक र्दहाडी मजदू र, दुघिटना में घायल ह गया और
उसे इलाज क
े र्लए अस्पताल में दाक्तखल करना पडा। लेर्कन
एक इंश्य रेंस क
ं पनी उसकी मदद क
े र्लए आगे आई। यह
र्कस प्रकार की क
ं पनी थी?
हेल्थ इंश्य रेंस (स्वास्थ्य बीमा)
आपकी जािकारी को परखें
30. र्निेशक
ह म ल न पर ब्याज का भुगतान कौन करता है?
र्नम्नर्लक्तखत में से कौनसा एक सिाल र्ित्त (फायनांस) से
संबंर्धत है ज एक व्यक्ति क
े पास ह सकता है:
क्या मैं ररटायरमेंट क
े र्लए पयािप्त बचत कर पाउाँगा?
र्निेश क
े र्लए सििश्रेष्ठ उत्पाद
क्या मुझे एक कार खरीदने क
े र्लए ल न लेना चार्हए?
ऊपर क
े सभी
ऊपर क
े सभी
महंगे गैजेट्स खरीदने क
े र्लए र्नम्नर्लक्तखत में से कौनसा ल न
लेने से बचना चार्हए:
ह म ल न
ऑट ल न
पसिनल ल न
इनमें से क ई नहीं
पसिनल ल न
आपकी जािकारी को परखें
31. मुद्रा न ट और र्सक् ं
भौर्तक पैसा ____________क
े रुप में ह ता है।
ई-िॉलेट्स .............................की तरह ही एक प्रीपेि खाता
ह ता है ।
एटीएम
क्र
े र्िट कािि
िेर्बट कािि
ऊपर क
े सभी
ऊपर क
े सभी
र्िर्जटल पैसे क
े उद् हारण
बैंक खाता
क्र
े र्िट कािि
ई-िॉलेट
ऊपर क
े सभी
ऊपर क
े सभी
आपकी जािकारी को परखें
32. • ज़रुरत और इच्छा क
े आधार पर खचों का इिमीकरण कर बचत क अर्धकतम
करने की आिश्यकता है
• नकद ना रखें, महंगाई दर क
े कारण बचत में िृक्ति करनी ही चार्हए
• लंबी अिर्ध और छ टी अिर्ध क
े लक्ष् क
े आधार पर र्फक्स्ड िेप र्ज़ट, म्यूचुअल
फ
ं ि या इक्तिटी में र्निेश का चुनाि र्कया जा सकता है
• एक ही बार में र्निेश करने की बजाय, एसआईपी का र्िकल्प चुनना बेहतर है
• आपकी आर्थिक क्तथथर्त क र्नयंर्त्रत करें और सुरक्षा और कम तनाि की भािना
उपलब्ध कराएाँ
• भर्िष्य की सुरक्षा क
े र्लए इंश्य रेंस में र्निेश करना एक अच्छा र्िचार है
संक्षेप में:
33. • एक ल न लेते समय चेकर्लस्ट (जााँच सूची) तैयार करें
• अनर्धक
ृ त स्त्र त ं क
े बजाय बैंक या एनबीएफसी (गैर बैंर्क
ं ग र्ित्तीय संथथाओं) से
ल न का लाभ उठाएाँ
• र्क्रप्ट करंसी की तुलना क
ु छ बेहद व्यापक रुप से फ
ै ले भुगतान क
े तरीक ं और
गेटिेज़ से करें
संक्षेप में (र्िस्तार):
34. र्ििीय कल्ार् क
े र्लए 09 सूत् हमेिा याद रखें
• खर्ि करिे से पहले बर्ाएं
सूत् 1:
• आपातकालीि र्िर्ध बर्ाएं
सूत् 2:
• टमि इंश्योरेंस पॉर्लसी खरीदें
सूत् 3:
• एक स्वास्थ्य बीमा पॉर्लसी खरीदें
सूत् 4:
• अपिी संपर्ि िगों में र्िर्िधता लाएं
सूत् 5:
• बुढापा क
े र्लए र्ििेि करिा िुरू करें
सूत् 6:
• लक्ष्य आधाररत र्ििेि करें
सूत् 7:
• कजि से बर्िे की कोर्िि करें
सूत् 8:
• अपिे आप को र्ििीय धोखाधड़ी से बर्ाएं
सूत् 9:
Editor's Notes
यह याद रखना ज़रुरी है कि “महंगाई” हमारे सभी खर्चों को प्रभावित करती है। लंबी अवधि में यानि एक साल से ज़्यादा के समय में हमारे नियत किए गए खर्चों पर भी प्रभाव पड़ता है।
एक चार पहिया वाहन, एक घर और कई चीज़ों जैसी महंगी संपत्ति खरीदने के लिए
अस्पताल में दाखिल करना, इलाज का खर्च, माता-पिता की देखभाल जैसे अप्रत्याशित खर्चों की व्यवस्था के लिए
ऐसे समय में परिवार बढ़ाना जब एक इनकम से एक पति/पत्नी और बच्चों और उनकी शिक्षा, शादी और ऐसे अन्य की व्यवस्था करनी हो
सेवानिवृत्ति और बुढ़ापे से जुड़े खर्चों की देखभाल करनी हो
परिवार के जीवित सदस्यों से लिए एक कॉर्पस (समग्र निधि) छोड़ने के लिए
जबकि हर व्यक्ति के अनुसार बचत की जाने वाली राशि अलग हो सकती है, लेकिन एक सामान्य अंगुष्ठ नियम के अनुसार, हर व्यक्ति को इनकम का 50% ज़रुरतों पर, 30% विभेदक वस्तुओं पर और 20% बचत करनी चाहिए।
अप्रैल 1989 में एक लीटर पेट्रोल की कीमत थी रु. 8.50 और जून 2018 में उतने ही पेट्रोल की कीमत थी रु. 75.55। यदि आप 1989 में पेट्रोल पंप में 100 रुपए की नोट खर्च करते तो आप 11.76 लीटर पेट्रोल खरीद सकते थे, लेकिन जून 2018 में वहीं 100 रुपए का नोट आपके लिए केवल 1.32 लीटर पेट्रोल दिला सकता है। देखिए किस प्रकार रुपए ने अपनी क्रय शक्ति खो दी है।
यह समझाता है कि जब कीमतें बढ़ती हैं तो किस प्रकार पैसे का मूल्य कम होता जाता है। इस प्रक्रिया को महंगाई कहते हैं।
कदम 1: आपकी मौजूदा आर्थिक स्थिति का पता लगाएँ
आर्थिक नियोजन प्रक्रिया के इस पहले कदम में इनकम, बचत, रहन-सहन खर्च, और कर्ज़ के संबंध में आप आपकी मौजूदा आर्थिक स्थिति का पता लगाएंगे। मौजूदा संपत्ति और शेष कर्ज़ और विभिन्न वस्तुओं पर खर्च की गई राशि की सूची तैयार करने पर आप आर्थिक नियोजन गतिविधियों के लिए एक नींव तैयार कर सकेंगे।
कदम 2: आर्थिक लक्ष्य विकसित करें
आपको समय समय पर आपके आर्थिक मूल्यों और लक्ष्यों का विश्लेषण करना चाहिए। इसमें आप पैसों के बारे में कैसा महसूस करते हैं और क्यों ऐसा महसूस करते हैं, इसको पहचानना शामिल है। इस विश्लेषण का उद्देश्य आपकी ज़रुरतों को आपकी इच्छाओं से अलग करना है।
आर्थिक नियोजन के लिए विशिष्ट आर्थिक लक्ष्य महत्वपूर्ण होते हैं। अन्य लोग आपके लिए आर्थिक लक्ष्यों की सलाह दे सकते हैं; हालाँकि, आपको यह तय करना चाहिए कि कौनसे लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश करनी है। आपकी सभी मौजूदा इनकम खर्च करने से लेकर आपके भविष्य की आर्थिक सुरक्षा के लिए एक विस्तृत बचत और निवेश कार्यक्रम तक आपके आर्थिक लक्ष्यों के कई प्रकार हो सकते हैं।
कदम 3: वैकल्पिक तौर पर उठाए जाने वाले कदमों की पहचान करना
अच्छे फैसले करने के लिए विकल्पों को विकसित करना महत्वपूर्ण है। हालाँकि कई कारक उपलब्ध विकल्पों को प्रभावित करेंगे, और वैकल्पिक तौर पर उठाए जाने वाले कदम इसी श्रेणी में आते हैं:
तय किए गए रास्ते पर आगे बढ़ना जारी रखें
मौजूदा परिस्थिति का विस्तार करें
मौजूदा स्थिति को बदलें
एक नया कदम उठाएँ
यह सभी श्रेणियाँ प्रत्येक फैसले वाली स्थिति में लागू नहीं होंगी; हालाँकि, यह संभावित तौर पर उठाए जाने वाले कदम का प्रतिनिधित्व करती हैं।
प्रभावी विकल्प चुनने के लिए फैसला करते समय रचनात्मक होना ज़रुरी है। सभी संभव विकल्पों पर विचार करने से ज़्यादा प्रभावी और संतोषजनक फैसले लेने में आपको मदद मिलेगी।
कदम 4: विकल्पों का मूल्यांकन करें
आपके जीवन की स्थिति, व्यक्तिगत मूल्यों और मौजूदा आर्थिक स्थितियों पर विचार करते हुए आपको उठाए जाने वाले संभावित कदमों का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।
विकल्पों का परिणाम। प्रत्येक निर्णय कुछ विकल्पों को समाप्त कर देता है। उदाहरण के लिए, स्टॉक्स या शेयर में निवेश करने का मतलब है आप छुट्टी मनाने के लिए नहीं जा सकते। स्कूल पूरे समय जाने के फैसले का मतलब है आप पूरे समय काम नहीं कर सकते। फैसला करते रहना आपके व्यक्तिगत और आर्थिक स्थिति का हमेशा एक भाग होगा। जोख़िम, अनिश्चितता का मूल्यांकन करना प्रत्येक फैसले का एक भाग है। कॉलेज में मुख्य विषय चुनना और करियर का चुनाव करने में जोखिम शामिल होता है।
कदम 5: एक फायनेंशियल एक्शन प्लान (आर्थिक कृति योजना) तैयार और लागू करें
आर्थिक नियोजन प्रक्रिया के इस चरण में आप एक एक्शन प्लान विकसित करते हैं। इसमें आपके लक्ष्य हासिल करने के लिए तरीकों को चुनने की ज़रुरत है। जैसे जैसे आप आपके तुरंत या छोटी अवधि के लक्ष्य हासिल करेंगे, आपकी प्राथमिकता वाले अगले लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित होता जाएगा।
आपका फायनेंशियल एक्शन प्लान लागू करने के लिए, आपको अन्य लोगों से सहायता की ज़रुरत पड़ सकती है। उदाहरण के लिए, प्रॉपर्टी इंश्योरेंस खरीदने के लिए आपको इंश्योरेंस एजेंट की सेवाओं या शेयर्स, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स खरीदने के लिए इन्वेस्टमेंट ब्रोकर की सेवाओं का उपयोग करना पड़ सकता है।
कदम 6: आपकी योजना का पुनर्मूल्यांकन और सुधार करें
आर्थिक नियोजन एक गतिशील प्रक्रिया है और आप जब एक विशेष एक्शन लेते हैं तो यह उसके साथ खत्म नहीं हो जाती। आपको नियमित रुप से आपके आर्थिक फैसलों का मूल्यांकन करने की ज़रुरत होती है। बदलनेवाले व्यक्तिगत, सामाजिक और आर्थिक कारकों के चलते ज़्यादा बार मूल्यांकन की आवश्यकता पड़ सकती है।
जब जीवन की घटनाएँ आपकी आर्थिक ज़रुरतों को प्रभावित करती हैं, तो यह आर्थिक नियोजन की प्रक्रिया उन बदलावों के अनुरुप खुद को बदलने के लिए एक साधन उपलब्ध कराती है। इस फैसला करने की प्रक्रिया का नियमित रुप से विश्लेषण करने पर आपको प्राथमिकता से उन एडजस्टमेंट को करने में मदद मिलती है जो आपके आर्थिक लक्ष्यों और गतिविधियों का आपकी मौजूदा जीवन परिस्थिति के साथ तालमेल स्थापित कर सकेंगे।
इस उदाहरण को साझा करें: एक निवेशक के बारे में विचार करें जो दस साल के बाद एक रिटायरमेंट कॉर्पस (समग्र निधि) या फंड के लिए बचत कर रहा है। वो फंड के लिए शेयर बाज़ार में निवेश करता है और बाज़ार 20% से क्रैश हो जाता है, हालाँकि उसने जिस शेयर में निवेश किया है वह 10% गिरता है। भले ही उसने बाज़ार को 10% से मात दी है, लेकिन वो उसके रिटायरमेंट फंड के लक्ष्य तक शायद नहीं पहुँचेगा और यही एक बात वह नहीं चाहता। इसलिए, वो कम जोखिम ले सकता है और ट्रेज़री बिल या सरकारी बॉन्ड में निवेश कर सकता है, जो कम रिटर्न देते हैं लेकिन इसमें जोखिम कम होती है।
वहीं दूसरी ओर, यदि निवेश करने का लक्ष्य आनंद लेने के लिए यात्रा करना है, तो वह ऊंचे रिटर्न वाले लेकिन जोखिमवाले असेट में निवेश कर सकता है।
आपका आपातकालीन कोष आपको एक अप्रत्याशित वित्तीय आघात की स्थिति में शामिल करता है, और आपको ऋण में जाने से रोकने में मदद कर सकता है।
यदि आप अपनी नौकरी खो देते हैं, यदि आप बहुत बीमार हो जाते हैं और काम नहीं कर सकते हैं या किसी बड़ी कार या घर की मरम्मत करनी पड़ती है तो आपातकालीन कोष आपातकालीन निधि आपकी सहायता करता है और मानसिक शांति
यह पूल किए गए फंड्स या म्यूचुअल फंड्स हजारों निवेशकों को पेशेवर निवेश मैनेजरों द्वारा प्रबंधित वैविध्यपूर्ण पोर्टफोलियो का आनुपातिक स्वामित्व उपलब्ध करता है।
‘म्यूचुअल’ इस शब्द का इस्तेमाल इस आशय से किया जाता है कि खर्चों को घटाकर इसके सभी रिटर्न फंड के निवेशकों द्वारा साझा किए जाते हैं।
जब यौगिक कार्य कर रहा है तब 10 साल के अंत में राशि : रु. 2,593.74
यदि आपको केवल सरल ब्याज का भुगतान किया गया हो तब 10 साल के अंत में राशि: रु. 2,000
इस प्रकार आपको रु. 2,593.74 – रु. 2,000 = रु. 593.74 अतिरिक्त की कमाई होगी, यदि आपका पैसा यौगिक की तरह काम करेगा।
आपके पैसों का निवेश करने के कई पर्याय हैं। बैंक डेपोज़िट और म्यूचुअल फंड्स (एमएफ) दो लोकप्रिय तरीके हैं। जबकि सेविंग अकाउंट या बचत खाता आपको औसत 3.5% का रिटर्न देता है वहीं फिक्स्ड डेपोज़िट (एफडी) 6-8% रिटर्न देता है। हम एफडी में निवेश की तुलना एमएफ में किए गए निवेश के साथ करेंगे।
अधिक लाभ, अधिक जोखिम
जोखिम को कम करने का एक तरीका विभिन्न वर्गों के बीच निवेश में विविधता लाना है। अपने सभी अंडों को एक टोकरी में रखना एक अच्छा विचार नहीं है। यदि आप अपना सारा पैसा एक जगह निवेश में लगाते हैं, तो यह अप्रत्याशित कारकों की एक विस्तृत श्रृंखला के आधार पर बढ़ सकता है या गिर सकता है। अगर तुम अपने पैसे का निवेश करें विभिन्न प्रकार की चीजें करते हो और एक या दो जगह हानि हो जाती हैं, अन्य निवेश लाभ देंगे जिससे आपकी समग्र बचत बढ़ेगी
इसे विविधीकरण के रूप में जाना जाता है।
जब आप निवेश कर रहे हों तो यह जोखिम को कम करने का एक तरीका है।
अचानक मृत्यु, बीमारी, एक प्राकृतिक आपदा, एक दुर्घटना, एक आग और एक चोरी, ऐसे कई खतरे हैं जिसके साथ हमें रहना होता है। ऐसे जोखिम हमारी सभी योजनाओं को खतरे में डाल सकते हैं और इसके कारण हमें पैसों या संपत्ति का नुकसान हो सकता है। जहाँ तक हो सके हमें इन जोखिमों के खिलाफ खुद को सुरक्षित करना चाहिए ताकि हम सुरक्षित रुप से शांति के साथ रह सकें।
सरकारी अनुदान और योजनाओं के बारे में खुद को शिक्षित करें|
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री जन धन योजना
कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) योजना
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (CGSS)
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
ग्रामीण कौशल योजना
लोन का वर्गीकरण सिक्योरिटी (ज़मानत), रिपेमेंट (चुकौती) और उद्देश्य के आधार पर किया जाता है।
सिक्योरिटी (ज़मानत) के आधार पर: लोन का वर्गीकरण सिक्योरिटी (ज़मानत), रिपेमेंट (चुकौती) और उद्देश्य के आधार पर किया जाता है।
सिक्योरिटी (ज़मानत) के आधार पर:
सिक्योर्ड लोन: जमानत द्वारा सुरक्षित लोन को सिक्योर्ड लोन कहते हैं। लोन द्वारा तैयार होने वाला कोई असेट (परिसंपत्ति) सिक्योरिटी या ज़मानत हो सकती है, उदा., एक होम लोन के लिए खरीदा जानेवाला घर या लोन से बनाया जानेवाला घर सिक्योरिटी यानि ज़मानत हो सकती है। एक ऑटो लोन के लिए, खरीदे जाने वाला वाहन सिक्योरिटी होगा।
इसके अलावा, सिक्योरिटी गिरवी रखी गई संपत्ति भी हो सकती है जैसे एक घर की प्रॉपर्टी, एफडी, एलआईसी पॉलिसी, इत्यादि।
कभी कभी, वित्त उपलब्ध करानेवाले किसी ऐसे व्यक्ति की व्यवस्था करने के लिए अनुरोध कर सकते हैं जो लोन के लिए गारंटी देने वाले के तौर पर खड़ा रहे।
अनसिक्योर्ड यानि ग़ैर-ज़मानती लोन: वो लोन जिस पर कोई संपत्ति सिक्योरिटी या ज़मानत के तौर पर गिरवी ना रखी गई हो उसे अनसिक्योर्ड लोन कहते हैं। एक पर्सनल लोन इसका एक उदाहरण है।
रिपेमेंट (चुकौती) के आधार पर:
डिमांड लोन (मांग ऋण): वो लोन जिसकी चुकौती या रिपेमेंट कर्ज़ दाता की मांग पर की जाती है उसे डिमांड लोन या मांग ऋण कहते हैं।
टर्म लोन (मीयादी ऋण): वो लोन जिसकी रिपेमेंट भविष्य की निर्दिष्ट की गई तारीख तक पूरी कर दी जाती है उसे टर्म लोन या मीयादी ऋण कहते हैं।
इन्स्टॉलमेंट लोन: ऐसे लोन जिसकी चुकौती या रिपेमेंट समान रुप से विभाजित मासिक किश्त में करनी होती है उसे समान मासिक किश्त (ईएमआई) लोन कहते हैं।
उद्देश्य के आधार पर:
होम लोन (एक घर खरीदने के लिए)
कार लोन (एक कार खरीदने के लिए)
एजुकेशन / शिक्षा लोन (कॉलेज फीस के भुगतान के लिए)
पर्सनल लोन (व्यक्तिगत ज़रुरतों के लिए)
लोन कई अन्य उद्देश्यों के लिए भी दिया जाता है जैसे डेयरी, कृषि, रिटेल बिज़नेस इत्यादि।
सिक्योर्ड लोन: जमानत द्वारा सुरक्षित लोन को सिक्योर्ड लोन कहते हैं। लोन द्वारा तैयार होने वाला कोई असेट (परिसंपत्ति) सिक्योरिटी या ज़मानत हो सकती है, उदा., एक होम लोन के लिए खरीदा जानेवाला घर या लोन से बनाया जानेवाला घर सिक्योरिटी यानि ज़मानत हो सकती है। एक ऑटो लोन के लिए, खरीदे जाने वाला वाहन सिक्योरिटी होगा।
इसके अलावा, सिक्योरिटी गिरवी रखी गई संपत्ति भी हो सकती है जैसे एक घर की प्रॉपर्टी, एफडी, एलआईसी पॉलिसी, इत्यादि।
कभी कभी, वित्त उपलब्ध करानेवाले किसी ऐसे व्यक्ति की व्यवस्था करने के लिए अनुरोध कर सकते हैं जो लोन के लिए गारंटी देने वाले के तौर पर खड़ा रहे।
अनसिक्योर्ड यानि ग़ैर-ज़मानती लोन: वो लोन जिस पर कोई संपत्ति सिक्योरिटी या ज़मानत के तौर पर गिरवी ना रखी गई हो उसे अनसिक्योर्ड लोन कहते हैं। एक पर्सनल लोन इसका एक उदाहरण है।
रिपेमेंट (चुकौती) के आधार पर:
डिमांड लोन (मांग ऋण): वो लोन जिसकी चुकौती या रिपेमेंट कर्ज़ दाता की मांग पर की जाती है उसे डिमांड लोन या मांग ऋण कहते हैं।
टर्म लोन (मीयादी ऋण): वो लोन जिसकी रिपेमेंट भविष्य की निर्दिष्ट की गई तारीख तक पूरी कर दी जाती है उसे टर्म लोन या मीयादी ऋण कहते हैं।
इन्स्टॉलमेंट लोन: ऐसे लोन जिसकी चुकौती या रिपेमेंट समान रुप से विभाजित मासिक किश्त में करनी होती है उसे समान मासिक किश्त (ईएमआई) लोन कहते हैं।
उद्देश्य के आधार पर:
होम लोन (एक घर खरीदने के लिए)
कार लोन (एक कार खरीदने के लिए)
एजुकेशन / शिक्षा लोन (कॉलेज फीस के भुगतान के लिए)
पर्सनल लोन (व्यक्तिगत ज़रुरतों के लिए)
लोन कई अन्य उद्देश्यों के लिए भी दिया जाता है जैसे डेयरी, कृषि, रिटेल बिज़नेस इत्यादि।
लोन लेते समय जाँच करने वाली चीज़ें:
लोन राशि: लोन के लिए आवेदन करने से पहले यह बहुत ही बुनियादी चीज़ है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए। आप जितना कम उधार लेंगे, उतनी ही तेज़ी से और ज़्यादा आसानी से आप आपके लोन का भुगतान कर सकते हैं। आदर्श स्थितियों में, आपको केवल सबसे ज़्यादा ज़रुरी राशि ही कर्ज़ के तौर पर लेनी चाहिए, जबकि अन्य राशि के लिए कोई दूसरी व्यवस्था करनी चाहिए।
ब्याज दर: इन्स्टॉलमेंट या किश्त पर और कभी कभी आपके रिपेमेंट अवधि की लंबाई पर भी ब्याज दर का प्रभाव होता है। आज, विभिन्न प्रकार के ऋण प्रदाता और उतने ही प्रकार के ब्याज दर उपलब्ध है। आपको सर्वश्रेष्ठ ब्याज दर का पता लगाने के लिए आपका रिसर्च करना चाहिए।
ईएमआई: जब आप होम लोन के लिए आवेदन करें तो ईएमआई और मासिक हफ्ते की राशि सबसे महत्वपूर्ण आँकड़ों में से एक है जिसे आपको ध्यान में रखना चाहिए। एक तरह से यह पहले तीन बिंदुओं – लोन राशि, ब्याज दर और ईएमआई की परिणति है, ताकि आप उस ईएमआई का अंदाजा लगा सकें जिसका आप आसानी से भुगतान कर सकें।
रिपेमेंट अवधि: रिपेमेंट या चुकौती अवधि वो समय है जिसमें आप मूलधन और ब्याज के साथ संपूर्ण लोन को लौटा देते हैं। रिपेमेंट अवधि को कम से कम रखना योग्य होता है। हालाँकि, ऐसा करने का एक पहलू यह है कि आप रिपेमेंट अवधि जितना कम रखेंगे, उतना ही मासिक किश्त की राशि बड़ी होती जाएगी।
कर्ज़दाता की विश्वसनीयता: एक ऐसा समय था जब कई शाखाओं वाली बैंके ही केवल कर्ज़दाता थी जिनसे आप बिना किसी चिंता के लोन ले सकते थे। हालाँकि, आज कई सरल और सुविधाजनक विकल्प मौजूद है। आप जिस भी कर्ज़दाता से लोन लेने का चुनाव करें, कृपया इस बात को सुनिश्चित कर लें कि वे रातों रात फायदा उठाकर भाग जाने वाले अविश्वसनीय लोग तो नहीं हैं।
लोन के संवितरण का समय: हमें अक्सर लोन काफी जल्दी पाने की ज़रुरत होती है। उदाहरण के लिए, आपने नए घर की पूजा और जश्न की योजना बना ली होती है और आखिरी समय तक डेकोरेशन का काम चल रहा होता है। अचानक आपका कॉन्ट्रैक्टर आपको बताता है कि पैसे पर्याप्त नहीं हैं और काम पूरा करने के लिए अतिरिक्त पैसों की ज़रुरत पड़ेगी। ऐसे समय में यह सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है कि आपका कर्जदाता कितनी तेज़ी से लोन का पैसा संवितरित यानि उपलब्ध कराता है।
लोन प्रक्रिया की सरलता: ज़्यादातर बैंकों में आपको अनेक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने पड़ते हैं। पहचान पत्र से लेकर पे-स्लिप और इनकम टैक्स रिटर्न तक ये दस्तावेज़ कई प्रकार के होते हैं। वहीं दूसरी ओर, विशेष रुप से यदि आपकी लोन राशि छोटी है, तो कई नए दौर के ऋण प्रदाताओं ने इस प्रक्रिया को सरल बना दिया है।
1. निवेश करने से पहले दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें; निवेश के जोखिम को समझें, निवेश की वापसी की अवधि, वह अवधि जिसके लिए आप निवेशित धन को नहीं निकाल सकते|
2. SEBI / RBI द्वारा विनियमित संस्थाओं में ही निवेश करें|
3. फोन, ईमेल या अज्ञात वेबसाइट पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। केवल इसे बैंकिंग प्रपत्रों पर साझा करें। बैंकिंग अधिकारियों के साथ डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड पिन साझा न करें।
4. डिजिटल वॉलेट का उपयोग करते समय हमेशा याद रखें - केवल भुगतान के लिए QR कोड स्कैन करें
5. किसी को किसी भी दस्तावेज के बिना ऋण या सुरक्षा न दें
6. ऋण लेते समय - भुगतान अवधि और भुगतान राशि के बारे में जागरूक रहें| बीमा लेते समय - हर साल भुगतान की जाने वाली प्रीमियम राशि के बारे में जागरूक रहें| पूछें - "अगर मैं किसी विशेष किश्त का भुगतान नहीं कर सका, तो क्या?"