SlideShare une entreprise Scribd logo
1  sur  6
Télécharger pour lire hors ligne
Surya Ashtakam Lyrics | श्री सूर्य अष्टकम और
इसे पढ़ने क
े अनोखे फायदे
सूर्य अष्टकम, जिसे आदित्य हृदयम क
े नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को समर्पित
एक शक्तिशाली स्तोत्र है। ऋषि वाल्मीकि द्वारा रचित, यह युद्ध कांड में वाल्मीकि रामायण में पाया
जाता है। सूर्य अष्टकम में आठ छंद होते हैं जो भगवान सूर्य की महिमा और भव्यता का बखान करते हैं।
प्रत्येक छंद में गहरा आध्यात्मिक और दार्शनिक महत्व है, जो पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में सूर्य क
े
महत्व पर जोर देता है और आध्यात्मिक ज्ञान और कल्याण क
े लिए भगवान सूर्य क
े आशीर्वाद का
आह्वान करता है।
भजन "जय जय सूर्य भगवान" वाक्यांश से शुरू होता है जिसका अर्थ है "विजय, भगवान सूर्य की विजय।"
यह आह्वान सूर्य देव क
े प्रति श्रद्धा और आराधना व्यक्त करते हुए पूरे भजन क
े लिए स्वर निर्धारित
करता है। सूर्य अष्टकम में भगवान सूर्य को दिव्यता का अवतार, प्रकाश, गर्मी और ब्रह्मांड को जीवन देने
वाली ऊर्जा क
े रूप में वर्णित किया गया है। यह सभी जीवन क
े स्रोत और सृष्टि क
े निर्वाहक क
े रूप में सूर्य
की भूमिका पर प्रकाश डालता है।
सूर्य अष्टकम क
े पहले श्लोक में भगवान सूर्य की स्तुति अंधकार को दूर करने वाले, पाप का नाश करने
वाले और स्वास्थ्य और कल्याण क
े दाता क
े रूप में की गई है। यह अज्ञानता को दूर करने और ज्ञान और
ज्ञान को लाने क
े लिए सूर्य की शक्ति को स्वीकार करता है। छंद भी भगवान सूर्य को सभी कार्यों और
विचारों क
े साक्षी क
े रूप में पहचानता है, जीवन में धर्मी आचरण और ध्यान क
े महत्व पर जोर देता है।
बाद क
े छंद भगवान सूर्य क
े लौकिक महत्व में तल्लीन करते हैं। वे उसे सभी प्राणियों की आत्मा, आकाशीय
पिंडों क
े नियंत्रक और ब्रह्मांड क
े शासक क
े रूप में वर्णित करते हैं। भजन सूर्य को ब्रह्मांडीय आदेश और
सद्भाव क
े स्रोत क
े रूप में चित्रित करता है, और यह ब्रह्मांड में सभी तत्वों क
े परस्पर संबंध को रेखांकित
करता है। भगवान सूर्य को एक ऐसे व्यक्ति क
े रूप में दर्शाया गया है जो भौतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों क
े
बीच संतुलन बनाए रखता है, मानवता को धार्मिकता और मुक्ति की ओर ले जाता है।
सूर्य अष्टकम भगवान सूर्य से जुड़ी भौतिक विशेषताओं और प्रतीकों को भी स्पष्ट करता है। यह उसे
सुनहरे अंगों, एक उज्ज्वल मुक
ु ट और सात घोड़ों द्वारा खींचे गए एक तेजोमय रथ क
े साथ चित्रित करता
है जो सप्ताह क
े सात दिनों का प्रतिनिधित्व करता है। भजन में भगवान सूर्य को दिव्य चिकित्सक क
े रूप
में दर्शाया गया है, जो अपने भक्तों को शक्ति, जीवन शक्ति और दीर्घायु प्रदान करते हैं।
भगवान सूर्य क
े लौकिक और भौतिक पहलुओं की प्रशंसा करने क
े अलावा, सूर्य अष्टकम भक्ति की
परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर देता है। यह ईमानदार साधकों को विश्वास और भक्ति क
े साथ भगवान सूर्य
की पूजा करने क
े लिए प्रोत्साहित करता है, बाधाओं को दूर करने, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने और
आंतरिक शांति का अनुभव करने क
े लिए उनका आशीर्वाद मांगता है। भजन व्यक्तियों से अपने अहंकार
और इच्छाओं को सूर्य भगवान को समर्पित करने का आग्रह करता है, यह पहचानते हुए कि वह अनुग्रह
और मुक्ति का परम स्रोत है।
सूर्य अष्टकम सभी प्राणियों की भलाई क
े लिए प्रार्थना क
े साथ समाप्त होता है। यह एक धार्मिक और पूर्ण
जीवन क
े लिए भगवान सूर्य की सुरक्षा, आशीर्वाद और मार्गदर्शन चाहता है। भजन सूर्य की परोपकारिता
और प्रकृ ति की ताकतों को स्वीकार करने और उनका सम्मान करने क
े महत्व की याद दिलाता है जो हमें
बनाए रखते हैं और पोषण करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि भक्ति क
े साथ सूर्य अष्टकम का पाठ या श्रवण करने से कई लाभ मिलते हैं। ऐसा
कहा जाता है कि यह दैवीय कृ पा प्रदान करता है, नकारात्मकता को दूर करता है और आध्यात्मिक उत्थान
प्रदान करता है। भजन अक्सर सूर्योदय क
े दौरान या दैनिक आध्यात्मिक प्रथाओं क
े एक भाग क
े रूप में
गाया जाता है, जो जीवन शक्ति, स्पष्टता और दिव्य चमक क
े साथ भगवान सूर्य की ऊर्जा और आशीर्वाद
का आह्वान करता है।
अंत में, सूर्य अष्टकम एक गहरा स्तोत्र है जो भगवान सूर्य, सूर्य देव को श्रद्धांजलि देता है।
1.श्री सूर्य अष्टकम लिरिक्स हिंदी में
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर ।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥1॥
सप्ताश्व रथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्।
श्वेत पद्माधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥2॥
लोहितं रथमारूढं सर्वलोक पितामहम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥3॥
त्रैगुण्यश्च महाशूरं ब्रह्माविष्णु महेश्वरम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥4॥
बृहितं तेजः पुञ्ज च वायु आकाशमेव च ।
प्रभुत्वं सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥5॥
बन्धूकपुष्पसङ्काशं हारक
ु ण्डलभूषितम्।
एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥6॥
तं सूर्यं लोककर्तारं महा तेजः प्रदीपनम्।
महापाप हरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥7॥
तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानप्रकाशमोक्षदम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥8॥
सूर्याष्टक
ं पठेन्नित्यं ग्रहपीडा प्रणाशनम्।
अपुत्रो लभते पुत्रं दारिद्रो धनवान्भवेत्॥9॥
अमिषं मधुपानं च यः करोति रवेर्दिने ।
सप्तजन्मभवेत्रोगि जन्मजन्म दरिद्रता ॥10॥
स्त्री-तैल-मधु-मांसानि ये त्यजन्ति रवेर्दिने ।
न व्याधि शोक दारिद्र्यं सूर्य लोक
ं च गच्छति ॥11॥
3. श्री सूर्य अष्टकम पढ़ने क
े फायदे
श्री सूर्य अष्टकम का पाठ या जप करना, जिसे श्री सूर्य अष्टकम का पाठ करने क
े लाभ क
े रूप में
भी जाना जाता है, असंख्य हैं। हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को समर्पित यह शक्तिशाली स्तोत्र माना
जाता है कि यह व्यक्तियों क
े शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण पर विभिन्न
सकारात्मक प्रभाव लाता है। श्री सूर्य अष्टकम का पाठ करने से जुड़े क
ु छ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
1. आध्यात्मिक उत्थान: श्री सूर्य अष्टकम को अत्यधिक पवित्र और दिव्य स्तोत्र माना जाता है।
माना जाता है कि इस भजन का नियमित पाठ मन को शुद्ध करता है, आध्यात्मिक चेतना को
बढ़ाता है और परमात्मा क
े साथ संबंध को गहरा करता है। यह व्यक्तियों को उनकी आध्यात्मिक
यात्रा, भक्ति को बढ़ावा देने और उच्च स्व की प्राप्ति में सहायता करने में मदद करता है।
2. स्वास्थ्य और जीवन शक्ति: भगवान सूर्य स्वास्थ्य और जीवन शक्ति क
े दाता क
े रूप में
पूजनीय हैं। माना जाता है कि श्री सूर्य अष्टकम का पाठ भगवान सूर्य क
े आशीर्वाद का आह्वान
करता है, जिससे शारीरिक कल्याण और उपचार को बढ़ावा मिलता है। यह विभिन्न स्वास्थ्य
समस्याओं को कम करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और समग्र जीवन शक्ति और ऊर्जा क
े
स्तर को बढ़ाने क
े लिए कहा जाता है।
3. आंतरिक शक्ति और साहस भगवान सूर्य को आंतरिक शक्ति और साहस का स्रोत माना जाता
है। माना जाता है कि श्री सूर्य अष्टकम का नियमित पाठ करने से लोगों में निडरता, आत्मविश्वास
और दृढ़ संकल्प पैदा होता है। यह उन्हें बाधाओं को दूर करने, चुनौतियों का सामना करने और
सकारात्मक मानसिकता विकसित करने में मदद करता है, जिससे व्यक्तिगत विकास और
सफलता प्राप्त होती है।
4. मानसिक स्पष्टता और ध्यान: श्री सूर्य अष्टकम का पाठ मानसिक स्पष्टता, एकाग्रता और
ध्यान को बढ़ाने क
े लिए कहा जाता है। यह मन को शांत करने, विकर्षणों को दूर करने और
संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करने में मदद करता है। इस भजन को अक्सर बौद्धिक खोज,
अध्ययन, या किसी भी गतिविधि में शामिल होने से पहले सुनाया जाता है जिसमें मानसिक
तीक्ष्णता की आवश्यकता होती है।
5. नकारात्मकता को दूर करता है भगवान सूर्य को अंधकार और नकारात्मकता का नाश करने
वाला माना जाता है। माना जाता है कि श्री सूर्य अष्टकम नकारात्मक ऊर्जाओं, विचारों और प्रभावों
क
े मन और परिवेश को शुद्ध करता है। यह सद्भाव, शांति और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा
देते हुए एक सकारात्मक और उत्थानशील वातावरण बनाता है।
6. समृद्धि और सफलता: भगवान सूर्य बहुतायत, समृद्धि और सफलता से जुड़े हैं। माना जाता है
कि श्री सूर्य अष्टकम का नियमित पाठ वित्तीय स्थिरता, व्यावसायिक विकास और जीवन में समग्र
सफलता क
े लिए दैवीय आशीर्वाद आकर्षित करता है। यह व्यक्तियों को उनक
े प्रयासों में मदद
करता है और अवसरों क
े द्वार खोलता है।
7. सुरक्षा और मार्गदर्शन: श्री सूर्य अष्टकम का पाठ भगवान सूर्य की सुरक्षात्मक और मार्गदर्शक
उपस्थिति का आह्वान करने क
े लिए कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह लोगों को
नकारात्मक शक्तियों, दुर्घटनाओं और नुकसान से बचाता है। यह भजन ढाल क
े रूप में कार्य करता
है, दिव्य मार्गदर्शन प्रदान करता है और जीवन क
े माध्यम से एक सुरक्षित और शुभ यात्रा
सुनिश्चित करता है।
8. शांति और सद्भाव: भगवान सूर्य एकता और सद्भाव क
े प्रतीक हैं। श्री सूर्य अष्टकम का पाठ
करने से रिश्तों में शांति, सहयोग और समझ को बढ़ावा मिलता है। यह संघर्षों को सुलझाने में
मदद करता है, एकता की भावना को बढ़ावा देता है, और बड़े पैमाने पर परिवारों, समुदायों और
समाज में एक सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनाता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि श्री सूर्य अष्टकम का पाठ करते समय, इसे ईमानदारी, भक्ति
और इसक
े अर्थ को समझने क
े साथ करना चाहिए। भगवान सूर्य की दिव्य उपस्थिति को स्वीकार
करते हुए और उनका आशीर्वाद मांगते हुए, भजन को श्रद्धा और विश्वास क
े साथ संपर्क किया
जाना चाहिए। अनुशासित जीवन शैली और सकारात्मक दृष्टिकोण क
े साथ श्री सूर्य अष्टकम का
पाठ करने का नियमित अभ्यास, लाभों को बढ़ा सकता है और अधिक पूर्ण और आध्यात्मिक रूप
से समृद्ध जीवन की ओर ले जा सकता है।
अंत में, श्री सूर्य अष्टकम का पाठ शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक कल्याण, आध्यात्मिक विकास,
सफलता और सुरक्षा सहित कई लाभ प्रदान करता है। यह एक पवित्र अभ्यास है जो व्यक्तियों को
भगवान सूर्य की दिव्य ऊर्जा से जोड़ता है, जिससे जीवन क
े विभिन्न पहलुओं में सकारात्मक
परिवर्तन और आशीर्वाद आता है।
4. श्री सूर्य अष्टकम लिरिक्स English में
Adi deva Namasthubhyam,
Praseeda mama Bhaskara,
Divakara namasthubhyam,
Prabha kara Namosthu they.
Saptha aswa radha roodam,
Prachandam, Kasypathmajam,
Swetha padma dharma devam,
Tham Suryam pranamamyaham
Lohitham Radhamaroodam,
Sarvaloka pithamaham,
Maha papa haram devam,
Tham Suryam pranamamyaham
Trigunyam cha maha sooram,
Brahma Vishnu Maheswaram,
Maha papaharam devam,
Tham Suryam pranamamyaham
Bramhitham teja punjam cha,
Vayu makasa meva cha,
Prubhustwam sarva lokaanam,
Tham Suryam pranamamyaham
Bandhooka pushpa sankaasam,
Hara kundala bhooshitham,
Eka chakra dharma devam ,
Tham Suryam pranamamyaham
Viswesam Viswa karthaaram,
Maha Theja pradheepanam,
Maha papa haram devam,
Tham Suryam pranamamyaham
Sri Vishnum jagathaam nadam,
Jnana Vijnana mokshadham,
Maha papa haram devam,
Tham Suryam pranamamyaham
Suryashtakam idham nithyam,
Gruha peeda pranasanam,
Aputhro labhathe puthram,
Daridhro dhanavan Bhaveth.
Aamisham madhu panam cha,
Ya karothi raver dhine,
Saptha janma bhaved rogi,
Janma janma dharidhratha.
Sthree thails madhu maamsani.,
Yasth yejathu raver dhine,
Na vyadhi soka dharidhryam,
Surya lokam sa gachathi.
दोस्तों आशा करता हु की आप लोगों को श्री सूर्य अष्टकम का लिरिक्स अच्छा लगा होगा। अगर
आप और भी भक्ति क
े भजन लउरिक्स चाहते है तो निचे दिए गए लिस्ट पर क्लिक करे।

Contenu connexe

Similaire à Surya Ashtakam benefits.pdf

अध्याय ४ योग
अध्याय ४ योगअध्याय ४ योग
अध्याय ४ योगVibha Choudhary
 
सृष्टि निर्माण की सरल व्याख्या !.pdf
सृष्टि निर्माण की सरल व्याख्या !.pdfसृष्टि निर्माण की सरल व्याख्या !.pdf
सृष्टि निर्माण की सरल व्याख्या !.pdfMukesh Kumar
 
दर्शन सिद्धान्त
दर्शन सिद्धान्तदर्शन सिद्धान्त
दर्शन सिद्धान्तSanjayakumar
 
Guru poornimasandesh
Guru poornimasandeshGuru poornimasandesh
Guru poornimasandeshgurusewa
 

Similaire à Surya Ashtakam benefits.pdf (10)

SAANKHYA-1.odp
SAANKHYA-1.odpSAANKHYA-1.odp
SAANKHYA-1.odp
 
अध्याय ४ योग
अध्याय ४ योगअध्याय ४ योग
अध्याय ४ योग
 
theshanidev.pdf
theshanidev.pdftheshanidev.pdf
theshanidev.pdf
 
introduction of yoga and definitions.pdf
introduction of yoga and definitions.pdfintroduction of yoga and definitions.pdf
introduction of yoga and definitions.pdf
 
सृष्टि निर्माण की सरल व्याख्या !.pdf
सृष्टि निर्माण की सरल व्याख्या !.pdfसृष्टि निर्माण की सरल व्याख्या !.pdf
सृष्टि निर्माण की सरल व्याख्या !.pdf
 
दर्शन सिद्धान्त
दर्शन सिद्धान्तदर्शन सिद्धान्त
दर्शन सिद्धान्त
 
GuruPoornimaSandesh
GuruPoornimaSandeshGuruPoornimaSandesh
GuruPoornimaSandesh
 
Guru poornimasandesh
Guru poornimasandeshGuru poornimasandesh
Guru poornimasandesh
 
Japa जप
Japa जपJapa जप
Japa जप
 
Mudra and bandh
Mudra and bandhMudra and bandh
Mudra and bandh
 

Surya Ashtakam benefits.pdf

  • 1. Surya Ashtakam Lyrics | श्री सूर्य अष्टकम और इसे पढ़ने क े अनोखे फायदे सूर्य अष्टकम, जिसे आदित्य हृदयम क े नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है। ऋषि वाल्मीकि द्वारा रचित, यह युद्ध कांड में वाल्मीकि रामायण में पाया जाता है। सूर्य अष्टकम में आठ छंद होते हैं जो भगवान सूर्य की महिमा और भव्यता का बखान करते हैं। प्रत्येक छंद में गहरा आध्यात्मिक और दार्शनिक महत्व है, जो पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में सूर्य क े महत्व पर जोर देता है और आध्यात्मिक ज्ञान और कल्याण क े लिए भगवान सूर्य क े आशीर्वाद का आह्वान करता है। भजन "जय जय सूर्य भगवान" वाक्यांश से शुरू होता है जिसका अर्थ है "विजय, भगवान सूर्य की विजय।" यह आह्वान सूर्य देव क े प्रति श्रद्धा और आराधना व्यक्त करते हुए पूरे भजन क े लिए स्वर निर्धारित करता है। सूर्य अष्टकम में भगवान सूर्य को दिव्यता का अवतार, प्रकाश, गर्मी और ब्रह्मांड को जीवन देने वाली ऊर्जा क े रूप में वर्णित किया गया है। यह सभी जीवन क े स्रोत और सृष्टि क े निर्वाहक क े रूप में सूर्य की भूमिका पर प्रकाश डालता है। सूर्य अष्टकम क े पहले श्लोक में भगवान सूर्य की स्तुति अंधकार को दूर करने वाले, पाप का नाश करने वाले और स्वास्थ्य और कल्याण क े दाता क े रूप में की गई है। यह अज्ञानता को दूर करने और ज्ञान और ज्ञान को लाने क े लिए सूर्य की शक्ति को स्वीकार करता है। छंद भी भगवान सूर्य को सभी कार्यों और विचारों क े साक्षी क े रूप में पहचानता है, जीवन में धर्मी आचरण और ध्यान क े महत्व पर जोर देता है। बाद क े छंद भगवान सूर्य क े लौकिक महत्व में तल्लीन करते हैं। वे उसे सभी प्राणियों की आत्मा, आकाशीय पिंडों क े नियंत्रक और ब्रह्मांड क े शासक क े रूप में वर्णित करते हैं। भजन सूर्य को ब्रह्मांडीय आदेश और सद्भाव क े स्रोत क े रूप में चित्रित करता है, और यह ब्रह्मांड में सभी तत्वों क े परस्पर संबंध को रेखांकित करता है। भगवान सूर्य को एक ऐसे व्यक्ति क े रूप में दर्शाया गया है जो भौतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों क े बीच संतुलन बनाए रखता है, मानवता को धार्मिकता और मुक्ति की ओर ले जाता है।
  • 2. सूर्य अष्टकम भगवान सूर्य से जुड़ी भौतिक विशेषताओं और प्रतीकों को भी स्पष्ट करता है। यह उसे सुनहरे अंगों, एक उज्ज्वल मुक ु ट और सात घोड़ों द्वारा खींचे गए एक तेजोमय रथ क े साथ चित्रित करता है जो सप्ताह क े सात दिनों का प्रतिनिधित्व करता है। भजन में भगवान सूर्य को दिव्य चिकित्सक क े रूप में दर्शाया गया है, जो अपने भक्तों को शक्ति, जीवन शक्ति और दीर्घायु प्रदान करते हैं। भगवान सूर्य क े लौकिक और भौतिक पहलुओं की प्रशंसा करने क े अलावा, सूर्य अष्टकम भक्ति की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर देता है। यह ईमानदार साधकों को विश्वास और भक्ति क े साथ भगवान सूर्य की पूजा करने क े लिए प्रोत्साहित करता है, बाधाओं को दूर करने, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने और आंतरिक शांति का अनुभव करने क े लिए उनका आशीर्वाद मांगता है। भजन व्यक्तियों से अपने अहंकार और इच्छाओं को सूर्य भगवान को समर्पित करने का आग्रह करता है, यह पहचानते हुए कि वह अनुग्रह और मुक्ति का परम स्रोत है। सूर्य अष्टकम सभी प्राणियों की भलाई क े लिए प्रार्थना क े साथ समाप्त होता है। यह एक धार्मिक और पूर्ण जीवन क े लिए भगवान सूर्य की सुरक्षा, आशीर्वाद और मार्गदर्शन चाहता है। भजन सूर्य की परोपकारिता और प्रकृ ति की ताकतों को स्वीकार करने और उनका सम्मान करने क े महत्व की याद दिलाता है जो हमें बनाए रखते हैं और पोषण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भक्ति क े साथ सूर्य अष्टकम का पाठ या श्रवण करने से कई लाभ मिलते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह दैवीय कृ पा प्रदान करता है, नकारात्मकता को दूर करता है और आध्यात्मिक उत्थान प्रदान करता है। भजन अक्सर सूर्योदय क े दौरान या दैनिक आध्यात्मिक प्रथाओं क े एक भाग क े रूप में गाया जाता है, जो जीवन शक्ति, स्पष्टता और दिव्य चमक क े साथ भगवान सूर्य की ऊर्जा और आशीर्वाद का आह्वान करता है। अंत में, सूर्य अष्टकम एक गहरा स्तोत्र है जो भगवान सूर्य, सूर्य देव को श्रद्धांजलि देता है। 1.श्री सूर्य अष्टकम लिरिक्स हिंदी में आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर । दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥1॥
  • 3. सप्ताश्व रथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्। श्वेत पद्माधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥2॥ लोहितं रथमारूढं सर्वलोक पितामहम्। महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥3॥ त्रैगुण्यश्च महाशूरं ब्रह्माविष्णु महेश्वरम्। महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥4॥ बृहितं तेजः पुञ्ज च वायु आकाशमेव च । प्रभुत्वं सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥5॥ बन्धूकपुष्पसङ्काशं हारक ु ण्डलभूषितम्। एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥6॥ तं सूर्यं लोककर्तारं महा तेजः प्रदीपनम्। महापाप हरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥7॥ तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानप्रकाशमोक्षदम्। महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥8॥ सूर्याष्टक ं पठेन्नित्यं ग्रहपीडा प्रणाशनम्। अपुत्रो लभते पुत्रं दारिद्रो धनवान्भवेत्॥9॥ अमिषं मधुपानं च यः करोति रवेर्दिने । सप्तजन्मभवेत्रोगि जन्मजन्म दरिद्रता ॥10॥ स्त्री-तैल-मधु-मांसानि ये त्यजन्ति रवेर्दिने । न व्याधि शोक दारिद्र्यं सूर्य लोक ं च गच्छति ॥11॥ 3. श्री सूर्य अष्टकम पढ़ने क े फायदे श्री सूर्य अष्टकम का पाठ या जप करना, जिसे श्री सूर्य अष्टकम का पाठ करने क े लाभ क े रूप में भी जाना जाता है, असंख्य हैं। हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को समर्पित यह शक्तिशाली स्तोत्र माना जाता है कि यह व्यक्तियों क े शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण पर विभिन्न सकारात्मक प्रभाव लाता है। श्री सूर्य अष्टकम का पाठ करने से जुड़े क ु छ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं: 1. आध्यात्मिक उत्थान: श्री सूर्य अष्टकम को अत्यधिक पवित्र और दिव्य स्तोत्र माना जाता है। माना जाता है कि इस भजन का नियमित पाठ मन को शुद्ध करता है, आध्यात्मिक चेतना को बढ़ाता है और परमात्मा क े साथ संबंध को गहरा करता है। यह व्यक्तियों को उनकी आध्यात्मिक यात्रा, भक्ति को बढ़ावा देने और उच्च स्व की प्राप्ति में सहायता करने में मदद करता है।
  • 4. 2. स्वास्थ्य और जीवन शक्ति: भगवान सूर्य स्वास्थ्य और जीवन शक्ति क े दाता क े रूप में पूजनीय हैं। माना जाता है कि श्री सूर्य अष्टकम का पाठ भगवान सूर्य क े आशीर्वाद का आह्वान करता है, जिससे शारीरिक कल्याण और उपचार को बढ़ावा मिलता है। यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और समग्र जीवन शक्ति और ऊर्जा क े स्तर को बढ़ाने क े लिए कहा जाता है। 3. आंतरिक शक्ति और साहस भगवान सूर्य को आंतरिक शक्ति और साहस का स्रोत माना जाता है। माना जाता है कि श्री सूर्य अष्टकम का नियमित पाठ करने से लोगों में निडरता, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प पैदा होता है। यह उन्हें बाधाओं को दूर करने, चुनौतियों का सामना करने और सकारात्मक मानसिकता विकसित करने में मदद करता है, जिससे व्यक्तिगत विकास और सफलता प्राप्त होती है। 4. मानसिक स्पष्टता और ध्यान: श्री सूर्य अष्टकम का पाठ मानसिक स्पष्टता, एकाग्रता और ध्यान को बढ़ाने क े लिए कहा जाता है। यह मन को शांत करने, विकर्षणों को दूर करने और संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करने में मदद करता है। इस भजन को अक्सर बौद्धिक खोज, अध्ययन, या किसी भी गतिविधि में शामिल होने से पहले सुनाया जाता है जिसमें मानसिक तीक्ष्णता की आवश्यकता होती है। 5. नकारात्मकता को दूर करता है भगवान सूर्य को अंधकार और नकारात्मकता का नाश करने वाला माना जाता है। माना जाता है कि श्री सूर्य अष्टकम नकारात्मक ऊर्जाओं, विचारों और प्रभावों क े मन और परिवेश को शुद्ध करता है। यह सद्भाव, शांति और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देते हुए एक सकारात्मक और उत्थानशील वातावरण बनाता है। 6. समृद्धि और सफलता: भगवान सूर्य बहुतायत, समृद्धि और सफलता से जुड़े हैं। माना जाता है कि श्री सूर्य अष्टकम का नियमित पाठ वित्तीय स्थिरता, व्यावसायिक विकास और जीवन में समग्र सफलता क े लिए दैवीय आशीर्वाद आकर्षित करता है। यह व्यक्तियों को उनक े प्रयासों में मदद करता है और अवसरों क े द्वार खोलता है। 7. सुरक्षा और मार्गदर्शन: श्री सूर्य अष्टकम का पाठ भगवान सूर्य की सुरक्षात्मक और मार्गदर्शक उपस्थिति का आह्वान करने क े लिए कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह लोगों को नकारात्मक शक्तियों, दुर्घटनाओं और नुकसान से बचाता है। यह भजन ढाल क े रूप में कार्य करता है, दिव्य मार्गदर्शन प्रदान करता है और जीवन क े माध्यम से एक सुरक्षित और शुभ यात्रा सुनिश्चित करता है। 8. शांति और सद्भाव: भगवान सूर्य एकता और सद्भाव क े प्रतीक हैं। श्री सूर्य अष्टकम का पाठ करने से रिश्तों में शांति, सहयोग और समझ को बढ़ावा मिलता है। यह संघर्षों को सुलझाने में
  • 5. मदद करता है, एकता की भावना को बढ़ावा देता है, और बड़े पैमाने पर परिवारों, समुदायों और समाज में एक सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनाता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि श्री सूर्य अष्टकम का पाठ करते समय, इसे ईमानदारी, भक्ति और इसक े अर्थ को समझने क े साथ करना चाहिए। भगवान सूर्य की दिव्य उपस्थिति को स्वीकार करते हुए और उनका आशीर्वाद मांगते हुए, भजन को श्रद्धा और विश्वास क े साथ संपर्क किया जाना चाहिए। अनुशासित जीवन शैली और सकारात्मक दृष्टिकोण क े साथ श्री सूर्य अष्टकम का पाठ करने का नियमित अभ्यास, लाभों को बढ़ा सकता है और अधिक पूर्ण और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध जीवन की ओर ले जा सकता है। अंत में, श्री सूर्य अष्टकम का पाठ शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक कल्याण, आध्यात्मिक विकास, सफलता और सुरक्षा सहित कई लाभ प्रदान करता है। यह एक पवित्र अभ्यास है जो व्यक्तियों को भगवान सूर्य की दिव्य ऊर्जा से जोड़ता है, जिससे जीवन क े विभिन्न पहलुओं में सकारात्मक परिवर्तन और आशीर्वाद आता है। 4. श्री सूर्य अष्टकम लिरिक्स English में Adi deva Namasthubhyam, Praseeda mama Bhaskara, Divakara namasthubhyam, Prabha kara Namosthu they. Saptha aswa radha roodam, Prachandam, Kasypathmajam, Swetha padma dharma devam, Tham Suryam pranamamyaham Lohitham Radhamaroodam, Sarvaloka pithamaham, Maha papa haram devam, Tham Suryam pranamamyaham Trigunyam cha maha sooram, Brahma Vishnu Maheswaram, Maha papaharam devam, Tham Suryam pranamamyaham Bramhitham teja punjam cha, Vayu makasa meva cha,
  • 6. Prubhustwam sarva lokaanam, Tham Suryam pranamamyaham Bandhooka pushpa sankaasam, Hara kundala bhooshitham, Eka chakra dharma devam , Tham Suryam pranamamyaham Viswesam Viswa karthaaram, Maha Theja pradheepanam, Maha papa haram devam, Tham Suryam pranamamyaham Sri Vishnum jagathaam nadam, Jnana Vijnana mokshadham, Maha papa haram devam, Tham Suryam pranamamyaham Suryashtakam idham nithyam, Gruha peeda pranasanam, Aputhro labhathe puthram, Daridhro dhanavan Bhaveth. Aamisham madhu panam cha, Ya karothi raver dhine, Saptha janma bhaved rogi, Janma janma dharidhratha. Sthree thails madhu maamsani., Yasth yejathu raver dhine, Na vyadhi soka dharidhryam, Surya lokam sa gachathi. दोस्तों आशा करता हु की आप लोगों को श्री सूर्य अष्टकम का लिरिक्स अच्छा लगा होगा। अगर आप और भी भक्ति क े भजन लउरिक्स चाहते है तो निचे दिए गए लिस्ट पर क्लिक करे।