1. नाम : अलका
कार्यक्रम का नाम: बी.ए – बी.एड एकीकृ त
पाठ्र्क्रम का नाम: हिन्दी शिक्षािा्त्र
विभाग : शिक्षा विभाग
विषर्: साथी हाथ बढ़ाना
04/30/2022 साथी हाथ बढ़ाना कविता का प्रस्तुतीक 1
3. प्र्तुत चित्रों क
े माध्यम से िमें यि किानी देखने को
शमलती िै कक ककस प्रकार जब िीहियाां एकजुि िो
जाती िै तब िि एक वििालकाय जानिर को भी िराने
में सक्षम रिती िैं।
अब िम इस प्र्तुतत क
े माध्यम से एक ऐसी िी
कविता को अध्ययन करेंगे जो िमें एकता एिां
एकजुिता क
े मित्ि को बताती िै।
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5. 1. जन्म : 8 मार्च 1921
2. जन्म स्थान : लुधियाना , भारत
3. मृत्यु: 25 अक्टूबर 1980 मुुंबई भारत
4. शिक्षा: लुधियाना के खालसा हाई स्कूल से
5. सन 1943 में साधहर लुधियानवी लोहारा गए और उसी वर्च उन्होंने अपनी पहली कधवता तधखखयााँ सुंग्रह छपाई I
6. पुरस्कार: धिखम िेयर अवार्च (2) , पदम श्री पुरस्कार
जीिन पर चर्
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6. कविता संग्रह :
• तल्खखयााँ
उर्दय पत्र :
• अदब-ए-लतीफ़
• िािकार
प्रससद्ि गीत:
• आना िै तो आ
• मैं दो पल दो का िायर िां
• ईश्िर अखलाि तेरे नाम
• ठांडी ििाएां लिरा क
े आएां
चनाएं
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7. जन्म ्थान
पिली कविता
किखम ि
े यर
कमम भशम
मुांबई
तल्खखयााँ
लुचियाना
दो बार
सदची - 1 सदची - 2
गीतका क
े जीिन पर चर् से संबंधित ननम्न विषर् िस्तु
का सही समलान क ें
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8. साहिर लुचियानिी का जन्म कब िुआ ?
A. 8 मािम 1921
B. 9 मािम 1921
C. 10 मािम 1921
D. 11 मािम 1921
प ीक्ष काल
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10. इन पुंधियों में कधव ने लोगों को साथ धमलकर काम करने को प्रेररत धकया है I एक अकेला काम करते-करते थक जाएगा
इसीधलए भारत के धनमाचण में सभी को साथ अIने के धलए कहा गया है। भारतीयों का हौसला अिजाई करने के धलए कधव ने
बताया है धक जब भी लोगों ने एकता के साथ काम धकया है तो समुुंदर ने अपना रास्ता छोड़ धदया और साथ ही जो पवचत है उसने
भी अपना सर झुकाया है।
कधव के अनुसार हमारी बाहें िौलाद से बने हैं धजससे हम मुधककल काम कर सकने की क्षमता रखते हैं I कधव याद धदलाते है धक
हमने पहले धिधटश सरकार के धलए काम धकया और आज हमें खुद आजाद भारत का धनमाचण करना है।
व्याख्या
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11. मुहाि ों का अथय समझक िाक्र्ों में प्रर्ोग क ें:-
1. िाथ को िाथ न सझना
2. िाथ साि करना
3. िाथ पैर िलना
4. िाथों िाथ लेना
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12. साथी िाथ बढाना गीत क
े अनुसार गीतकार किााँ रािें
पैदा करने की बात कि रिे िै?
(a) समुद्र में
(b) ििा में
(c) िन में
(d) िट्िानों में
प ीक्ष काल
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14. इन पांल्ततयों में कवि ने सुख-दुख को लोगों का साथ िी बताया िै तयोंकक इनका िक्र जीिन
में िमेिा िलता रिता िै I िमें दुख में घबराना निीां िाहिए , ििी सुख से ज्यादा उत्साहित
निीां िोना िाहिए और अपनी मांल्जल की ओर सदा कदम बढाते रिना िाहिए I
कवि ने एकता की ताकत को ्पष्ि करते िुए बताया िै कक एक-एक बांद में शमलने से दररया
बनता िै I छोिे-छोिे अांिों को शमलाकर सिारे का तनमामण िोता िै I छोिी राई क
े दानों से
पिमत बन जाता िै और उसी प्रकार अगर िर व्यल्तत एक दसरे से शमलकर काम करें तो िि
कक्मत को पलि कर उसे सुनिरा रूप हदया जा सकता िै। इसीशलए िमें शमलजुल कर काम
करना िाहिए।
व्र्ाख्र्ा
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15. इस कविता क
े माध्र्म से आपको क्र्ा सिक्षा समलती है एिं आप उसकी
अनुपालन अपने जीिन में क
ै से क ेंगे ?
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16. जीिन मखयों क
े आिार पर िमारी मांल्जल तया िै?
(a) सत्य
(b) झठ
(c) छल
(d) िरेब
प ीक्ष काल
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17. सा ांि
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गीतकार ने इस गीत में एकता सांगठन तथा पर्पर सियोग का मित्ि प्रकि ककया िै I
मुसीबतों का सामना शमलकर ककया जाता िै I पर्पर सियोग से सारी सम्याएां िल िो
जाती िैं शमलकर कायम करने से बडी-बडी बािाओां को पार ककया जा सकता िै िम बिुत
िल्ततिाली िैं I िमें पररश्रम से निीां घबराना िाहिए िम सबका सुख-दुख एक िै िमारी
मांल्जल सच्िाई और मागम अच्छा िै I सांगठन का बिुत मित्ि िै इसीशलए पर्पर सियोग
और मेल शमलाप से मनुष्य अपने भाग्य को अपने िि में कर सकता िै।
18. अपने उत्त ों की जााँच क ें
उत्तर 1)- 8 मािम 1921 (्लाइड नां. 8)
उत्तर 2)- िट्िानों में (्लाइड नां.12)
उत्तर 3)- सत्य (्लाइड नां. 16)
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