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शैक्षिक सत्र 6.
ज्ञान-विज्ञान और रोजगार की भाषा के रूप में ह िंदी
व्यािसययक ह िंदी:िैश्विक रोजगार की सिंभािनाएँ
प्रो.िशशनी शमाा
कें .ह िं.सिं.आगरा
िैश्विक सिंदभा में ह िंदी
वैश्ववक संदर्भ में हिंदी अब साहिश्यिक अध्ििन और
अध्िापन की सीमाओं से बािर आ कर ववभर्न्न प्रौद्िोगिकीि और
व्िावसायिक क्षेत्रों में अपना स्थान बना चुकी िै ।
इन हदनों देश में िी निीं ववदेश में र्ी व्िावसायिक पाठ्िक्रमों में
हिंदी (अन्ि र्ाषाएँ) की व्िाविाररक कािभपरक कु शलता पर बल हदिा जा
रिा िै |
र्ारतीि व्िावसायिक जित में अपने व्िश्ततिों को कािभक्षम
बनाने की दृश्टि से बबज़नेस हिंदी के पाठ्िक्रम चलाए जा रिे िैं ।
ककसी संस्था िा सरकारी नौकरी के अयतररतत अनेक क्षेत्र ऐसे िैं श्जन
में हिंदी में कािभ कु शलता वैश्ववक स्तर की स्व-रोजिार संर्ावनाओं के
भलए नए दरवाजे खोल देिी ।
ििाँ तक कक हिंदी के वैश्ववक प्रचार-प्रसार और अध्ििन को र्ी बल
भमलेिा और िमारे अंतराभटरीि छात्र हिंदी को अपने रोजिार के भलए र्ी
उपिोिी बना सकें िे ।
िैश्विक सिंदभा में ह िंदी
स्व-रोजिार के दो क्षेत्र िो सकते िैं –
अ )र्ाषा परक
ब) कौशलपरक ।
भाषापरक स्ि-रोजगार
ऑन लाइन हिंदी भशक्षण के कई यनजी पाठ्िक्रम स्व -रोजिार की हदशा
में मियवपूणभ वैश्ववक प्रिास िो सकते िैं ।संचार -सूचना प्रौद्िोगिकी में
हदनों-हदन बढ़ रिी हिंदी की उपिोगिता और अयनवािभता अगिक से
अगिक कािभ-सक्षम िुवाओं को रोजिार हदला सके िी । ऑन लाइन
शॉवपंि और माके हिंि और ववकीपीडििा के भलए हिंदी में लेखन
सृजनायमक संतुश्टि के साथ ववत्तीि लार् का अवसर र्ी हदला सके िा ।
विदेशी कायाक्रमों का ह िंदी में अनुसृजन
डिस्कवरी चैनल , नेशनल ज्िाग्राकिकल चैनल और
िेलीशॉवपंि ,ऑनलाइन हिंदी भशक्षण िी निीं कई ववदेशी चैनल्स
पर प्रसाररत किल्में ,कॉिूभन सीररिल्स हिंदी में अनुसृजन के कारण अब
लोकवप्रि व्िावसायिक क्षेत्र बन चुके िैं और रोजिार का निा क्षेत्र र्ी ।
एक चैनल जैसे किरंिी अंतराभटरीि ववदेशी र्ाषाई किल्मों को हिंदी में िब
करके प्रस्तुत करता िै ।
हिंदी किल्मों के अयतररतत अन्ि र्ाषाओं में सब िाइिल्स का कािभ
र्ी िमारे संस्थान के कई देशों के िुवा छात्रों के भलए ऐसा िी एक
रोजिार का क्षेत्र बना िुआ िै ।
जन सिंचार माध्यमों में अिसर
सर्ी जन संचार माध्िमों में- किल्मी िा िैर किल्मी सर्ी
कािभक्रमों में एंकररंि िा कािभक्रम संचालन/ संिोजन के भलए
हिंदी की अयनवािभता और उपिोगिता िर तरि से भसद्ि िो चुक
िै ।
चािे नृयि,संिीत,िािन की प्रयतिोगिताओं के रीिभलिी शोज़
िो िा सम्मान / पुरस्कार ववतरण समारोि –हिंदी की कु शल
संप्रेषणीिता के बबना िे सिल िो िी निीं सकते ।
इनके भलए हिंदी में अभर्व्िश्तत परक प्रभशक्षण की ज़रूरत
िोिी ताकक रोजिार के नए द्वार खुले।
पिभिन में व्िवश्स्थत प्रबंिन और द्ववर्ाषी कु शल िाइि और आशु
अनुवादक का कािभ हिंदी में रोजिार की अनंत संर्ावनाएँ जिाता िै।
बीश्जंि ओलश्म्पक में हिंदी संस्थान की एक छात्रा को पिलवान सुशील
कु मार के साथ चीनी अगिकाररिों द्वारा हिंदी दुर्ावषए की तरि तैनात
ककिा ििा था ।
इतना िी निीं मेडिकल िूररज्म,सांस्कृ यतक पिभिन , आहद में हिंदी के
ज्ञान का वैश्ववक दृश्टि से ब-खूबी इस्तेमाल संर्व िो सकता िै।
पयाटन: चचककत्सा और सािंस्कृ यिक
मीडिया और विज्ञापन
ववज्ञापन का मनमोिक जित हिंदी में कु शल और
सृजनायमक संर्ावनाओं को यनमंत्रण देता िै और सर्ी
लोकवप्रि कािभक्रमों में बार-बार हदखाए जानेवाले इन
ववज्ञापनों में िर कं पनी के करोिों का वारा-न्िारा िोता िै।
श्स्क्रप्ि लेखन, एयनमेशन,िीत लेखन और कं प्िूिर का ज्ञान
स्व-रोजिार के मोिक अवसर प्रदान करता िै।
हिन्दी में आकषभक और प्रर्ावी ववज्ञापन तैिार करने के भलए
िुवाओं की मांि बढ़ी िै। प्रसून जोशी जैसे कई लेखकों ने
ववज्ञापन की दुयनिा में एक अलि पिचान कािम की िै।
ट्वविर - ऑनलाइन पैसे कमाने का सातवा तरीका
अयतगथ लेखन - ऑनलाइन पैसे कमाने का छठा तरीका
फ्रीलांभसंि - ऑनलाइन पैसे कमाने का चौथा तरीका
ववज्ञापन : ऑनलाइन पैसे कमाने का तीसरा तरीका
अकिभलएि/रीसेलर : ऑनलाइन पैसे कमाने का दूसरा तरीका
ऐिसेंस : ऑनलाइन पैसे कमाने का पिला तरीका
ऑनलाइन पैसे कमाने का तरीका
अयतगथ लेखन : कमाई का निा सािन
इंिरनेि पर कं िेन्ि राइहिंि और अनुवाद के भलए र्ी हिन्दी के
ववशेषज्ञों और र्ाषाववदों की जरूरत बढ़ाई िै।व्िापार लेखन की ववभशटि
जहिलता इस कािभ कोबिुत िी चुनौतीपूणभ बनाता िै, और पेशेवर लेखकों
और शोिकताभओं के भलए अवसरों का एक निा प्रवेश द्वार बनाता िै।
बबजनेस और कॉरपोरेि लेखन पूरी तरि से अलि बात िै,
व्िावसायिक प्रिोजनों के भलए सामग्री लेखन और िा सवभर कं पयनिों
की जरूरत के भलए आपरेशन क्षेत्रों के भलए पिाभप्त ज्ञान के साथ िी
उद्िोि की र्ी उगचत ज्ञान लार्कारी िोिा।
श्स्क्रप्ट और किं टेन्ट लेखन
िीवी सीररिल िो किल्म की दुयनिा, ववज्ञापन संस्थाएं, कोगचंि सेंिर,
प्रकाशन संस्थान िा अन्ि यनजी कं पयनिां, अपने ििां श्स्क्रप्ि लेखन
और कं िेन्ि राइहिंि के भलए हिन्दी के लेखकों को ढेरों अवसर मुिैिा
करा रिी िैं। बॉलीवुि में इन हदनों श्स्क्रप्ि लेखकों की अच्छी-खासी
मांि िै।
खाना पकाने (कु ककं ि) के कािभक्रम
िीवी के ववभर्न्न चैनल खाना ,नावते , भमठाई और
ववभर्न्न व्िंजनों के हिंदी कािभक्रमों में बनाने की
ववगि ,सामग्री और प्रस्तुयत में रोचकता और वववविता
लाने का पूरा प्रिास करते िैं।
इन कािभक्रमों में हिंदी के जानकार लोिों के भलए
रोजिार के अनेक अवसर िैं एंकर के रूप में र्ी और
प्रस्तुयत के भलए र्ी।
अगिकांश कािभक्रम हिंदी में प्रस्तुत िोता िै पर सामग्री
का उल्लेख कर्ी-कर्ी अंग्रेज़ी में र्ी ककिा जाता िै।
िेलीशॉवपंि के कािभक्रम
•िेलीमाके हिंि और िेलीशॉवपंि आज िीवी का बिुचगचभत कािभक्रम िै और
कई चैनल इस कािभक्रम के प्रसारण का समि पिले से यनिाभररत करते िैं
ताकक उपर्ोतता को ऑिभर देने में सुवविा िो सके ।
• इिंफोमशशायल ( infomercials) ऐसे िेलीववज़न कािभक्रम िैं जो ककसी
लोकवप्रि कािभक्रम के दौरान हदखाए जाते िै |ववज्ञापन के अन्ि प्रकारों
की तरि इनमें र्ी कथ्ि व्िावसायिक उद्देवि भलए िोता िै जो प्रािोजक
के दृश्टिकोण और लार् को प्रस्तुत करता िै |
•इिंफोमशशायल अतसर वास्तववक िेलीववज़न कािभक्रम की तज़भ पर िी
बनते िैं जैसे िॉक शोज़ और साक्षायकार जो ववज्ञापन जैसे निीं
लिते।
•इन कािभक्रमों में प्रस्तुयत के भलए हिंदी अभर्व्िश्तत में कु शल और
आकषभक नौजवानों की आवविकता िोती िै अतः िि र्ी रोजिार का
अच्छा क्षेत्र िै।
यनजी व्िवसायिक भशक्षण कें ्र
कोगचंि सेंिर
कई व्िवसायिक पाठ्िक्रमों और र्ारत सरकार के ववभर्न्न पदों के
भलए प्रभशक्षण के दौरान हिंदी एक ववषि की तरि िोती िै।
आजकल र्ारत िी निीं अमेररका में र्ी एम.बी.ए.में बबज़नेस हिंदी
की शुरुआत िो चुकी िै।
कई प्रदेशों के छात्र अंिेज़ी में दक्ष न िोने पर ववषि को हिंदी
माध्िम से पढ़ना पसंद करते िैं। इन कें ्रों में ववभर्न्न ववषिों में
दक्ष हिंदी अध्िापकों की आवविकता िोिी ।
परामशभदाता (कौंसलर)
स्व-रोजिार के अन्ि आिुयनक क्षेत्र िैं श्जनमें जनसंचार
माध्िमों ने अनेक अवसर हदए िैं चािे ई-अख़बार िों िा अन्ि
माध्िम। एक स्तंर् िा लेख अववि इन से संबंगित
समस्िाओं पर अववि कें ह्रत िोता िै।
व्िवसाि(कै ररिर)
वववाि
पाररवाररक समस्िाएँ
गचककयसा संबंिी समस्िाएँ
वाक गचककयसा
स्वास्थ्ि
सौंदिभ और कििनेस
िृिसज्जा
अंतराभटरीि और राटरीि खेल
देश में एभशिाि , कॉमनवेल्थ और ओलंवपक खेलों के दौरान िर
चैनल पर समाचार के अलावा ढेर सारे खेल संबंिी चैनल लिातार सीिा
प्रसारण ,पुनःप्रसारण ,पररचचाभ ,साक्षायकार के किभक्रम प्रसाररत करते िैं।
इसके अयतररतत कक्रके ि जैसा सदाबिार खेल साल र्र ववभर्न्न रूपों में
सबको व्िस्त रखता िै - कर्ी िेस्ि मैच ,कर्ी IPL , कर्ी वन-िे कर्ी
और 20-20 ।
अंतराभटरीि और राटरीि ववभर्न्न खेलों में हिंदी में ववशेषज्ञ वतता ,
कमेंरेिर और पररचचाभ आहद के भलए अिली पीढ़ी र्ी तो तैिार की
जानी िै।
।
िोि और र्ारतीि गचककयसा पद्ियत
इिर कु छ वषों से िोि की क्रांयत ने स्वास्थ्ि और
व्िश्ततित किट्नेस को वववव स्तर पर जन-सामान्ि के भलए
सुलर् और लोकवप्रि क्षेत्र बना हदिा।
अनेक अंतराभटरीि और राटरीि िश्स्तिों ने इसे अपनी जीवन-
शैली का अंि बनािा और अपने अभ्िास संबंिी वीडििोज़ र्ी
बनाए।
बाबा रामदेव के वववव व्िापी भशववरों ने र्ी इसे इतना सुलर्
और व्िापक बनािा ।
आज स्थान-स्थान पर यनजी तौर र्ी इसके स्वैश्च्छक कें ्र
चल रिे िैं ।इसे र्ी रोजिार का सािन बनािा जा सकता िै।
ररिभलिी शोज़: प्रयतिोगिता और कमाई का निा क्षेत्र
संिीत /नृयि / िास्ि / श्तवज़ / पाररवाररक / सामाश्जक/ खेल
संबंिी शोज़
तिों खींचते िैं अपनी तरि ररिभलिी शो
ररिभलिी शो भसिभ र्ारत में िी निीं, बश्ल्क दुयनिा र्र में िूम मचा
रिे िैं. िर देश में इंडििन आििल, रोिीज़ और बबि बॉस जैसे
ररिभलिी शोज़ का अपना एक अवतार िै. लेककन ऐसा तिा िै कक
लोि इनकी तरि खखंचे चले जाते िैं.
युिा प्रयिभाओिं को मिंच देिे ैं ररयशलटी शो
कौन बनेिा करोड़पयत िा इंडििन आििल को तो िम सर्ी जानते
िैं. वपछले कई सालों से िे शो र्ारत में सब की श्जंदिी का हिस्सा
बन िए िैं और रातों-रात अमीर बनने का सच िोता सपना र्ी।इस
बार का एक ववज्ञापन तो हिंदी जानने वाले अनजान ,सब और से
असिल िुवक के करोड़पयत बन जाने पर िै।नृयि ,संिीत,िास्ि,
िेम शोज़ र्ी लोकवप्रि यनणाभिकों के कारण और तिड़ी स्पिाभ के
कारण िूम मचाए िुए िैं ।
लोकवप्रयिा के साथ रोजगार:सब के शलए
प्रयत वषभ िज़ारों प्रयतर्ािी सपररवार इसमें र्ाि लेते िैं और
लाखों-करोड़ों का इनाम र्ी पाते िैं और कु छ को िीवी में िा किल्म
में अपनी प्रयतर्ा हदखाने का अवसर र्ी भमल जाता िै ।
पदे के पीछे श्स्क्रप्ि लेखन ,शीषभक िीत लेखन आहद कई कािभ हिंदी
की िोग्िता और क्षमता से संबंगित िैं। सृजनायमक िोग्िता और
कलायमक अभर्रुगच प्रदशभन का र्रपूर अवसर ििाँ िै।
इन सर्ी हिंदी में प्रस्तुत कािभक्रमों में प्रयतिोिी , एंकर/ववशेष
अयतगथ /यनणाभिक आहद पदे पर सकक्रि िोते िैं और सबके भलए
रोजिार के नए आिाम िैं ।
िद तो िि िै कक िर आिु विभ के भलए िे शोज़ िैं और बच्चे-बूढ़े
.महिला-पुरुष ,देशी-ववदेशी सर्ी के भलए कमाई के मौके िी मौके िैं
।
कािभक्रम प्रबंिन Event Management
आए हदन देश-ववदेश में र्व्ि समारोि और आिोजन िोते रिते िैं -
पाररवाररक /सामाश्जक/िाभमभक/किल्मी /मनोरंजन/ पुरस्कार/सम्मान
समारोि /शैक्षक्षक /राजनीयतक आहद।
इन आिोजनों की व्िवस्था करना िी इवेंि मनैजमेंि किलाता
िै।पिले के वल बड़ी कं पयनिाँ अपने उयपादों के लांच के भलए िे
आिोजन करती थीं पर अब िर आिोजन का मानदंड़ इवेंि की
र्व्िता से आंका जाता िै।
इनकी सिलता के पीछे श्जन लोिों की कु शल व्िवस्था और
मेिनत िोती िै वे इवेंि मैनेजर किलाते िैं।इवेंि मैनेजर इन
आिोजनों की ग्रािक की माँि और बजि के अनुरूप शुरु से अंत
तक िर पड़ाव की तैिारी करते िैं।
िि क्षेत्र ववज्ञापन और माके हिंि जित का एक उच्च स्वरूप
िै।वतभमान समि में जनसंचार के क्षेत्र में िि उर्रते कै ररिर के रूप
में सामने आ रिा िै ।
आिोजनों की बढ़ती संख्िा और संपन्न विभ की प्रदशभनवप्रि
मानभसकता के चलते इन आिोजनो की र्व्िता में आपसी िोड़ र्ी
खूब िै और नई पीढ़ी के भलए रोजिार का अनोखा अवसर र्ी।
अनुवाद और अनुसृजन: ववदेशी कािभक्रमों के संदर्भ में
आज ववदेशी चैनल र्ी हिंदी में कािभक्रमों की बाध्िता को बखूबी समझते
िैं अतः सर्ी चैनल अपने कािभक्रमों का हिंदी में अनुसृजन करने की
िोजना के तित ववभर्न्न प्रिास करते नजर आ रिे िैं ।
इसे इस तरि किा जा सकता िै कक हिंदी अनुसृजन में ववदेशी कािभक्रम
का मौभलक पररवेश, वेशर्ूषा , कथानक सर्ी हिंदी में प्रस्तुत ककिे जा रिे
िैं।ििाँ तक कक शीषभक िीत ,मुिावरे, लोकवप्रि कथाओं का र्ी रोचक
अनुसृजन िो रिा िै।
इन ववदेशी कािभक्रमों की हिंदी र्ारतीि कािभक्रमों की हिंदी से कई
दृश्टििों से अलि िै। नई शैली, नई शब्दावली, कोि भमश्रण, कोि अंतरण
सर्ी कु छ अलि तरि का।
िि र्ी ध्िान रखने िोग्ि बबंदु िै कक इनके र्ाषांतररत कािभक्रम अंग्रेजी
में र्ी ककसी अन्ि ववदेशी र्ाषा से र्ी र्ाषांतररत िोकर प्रस्तुत ककिे
जाते रिे िैं।
हिंदी के र्ंिार की श्री-वृद्गि के भलए नए-नए ववषि, नए कथानक एवं
वविाएं हिंदी की अनेक संर्ावनाओं के मािभ प्रशस्त करते िैं और
यनश्वचत िी हिंदी में सृजनायमकता के रोजिार के एक मौका र्ी ।
अनुवाद और अनुसृजन की अयनवािभता इन हदनों सर्ी
मनोरंजन और सूचना प्रिान संचार माध्िमों की सामग्री
में खास कर सर्ी र्ारतीि र्ाषा की किल्मों ,ववज्ञापनों
और अन्ि मनोरंजक कािभक्रमों के हिंदी में प्रसारण के
संदर्भ में अनदेखी निीं की जा सकती ।
वेब पर किल्म,िीत और संवाद के अनुवाद के वैिश्ततक
और संस्थाित यनजी प्रिास िो रिे िैं और हिंदी किल्मों
की प्रादेभशक और वैश्ववक र्ूभमका इसे एक उवभर कािभर्ूभम
बना चुकी िै।
र्ारतीि र्ाषाओं से हिंदी में इस कािभ की माँि उन देशों
में र्ी िै जिाँ िमारे अन्ि र्ाषा-र्ाषी र्ारतीि बसे िुए िैं
।
अनुिाद और अनुसृजन: भारिीय भाषाएँ
हिंदी कं प्िूहिंि में रोजिार
ज्ञान-ववज्ञान के क्षेत्र में हिन्दी लेखन ने रोजिार के नए अवसर पैदा
ककए िैं। आने वाले समि में इसे और बढ़ावा देने की जरूरत िै। हिन्दी
प्रौद्िोगिकी के क्षेत्र में र्ी बढ़ रिी िै।
िूयनकोि के आने से अब हिन्दी में िाइप करना आसान िो ििा िै।
इससे हिन्दी से जुड़े लोिों को रोजिार के नए अवसर उपलब्ि िो रिे िैं।
मीडििा के क्षेत्र में देखें तो तरि-तरि के चैनल हिन्दी के जानकारों के
भलए अवसर उपलब्ि करा रिे िैं।
हिन्दी पत्रकाररता ने हिन्दी के कारोबार को अच्छा-खासा बढ़ावा हदिा िै।
आने वाले समि में हिन्दी को वैश्ववक र्ाषा बनाने की हदशा में और
काम करने की जरूरत िै।
आशा िै हिंदी में वैश्ववक स्व-रोजिार की संर्ावनाओं के संदर्भ में इस
वववव हिंदी सम्मेलन में ििन ववचार-ववमशभ िोिा ।
समाप्ि

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  • 1.
  • 2. शैक्षिक सत्र 6. ज्ञान-विज्ञान और रोजगार की भाषा के रूप में ह िंदी व्यािसययक ह िंदी:िैश्विक रोजगार की सिंभािनाएँ प्रो.िशशनी शमाा कें .ह िं.सिं.आगरा
  • 3. िैश्विक सिंदभा में ह िंदी वैश्ववक संदर्भ में हिंदी अब साहिश्यिक अध्ििन और अध्िापन की सीमाओं से बािर आ कर ववभर्न्न प्रौद्िोगिकीि और व्िावसायिक क्षेत्रों में अपना स्थान बना चुकी िै । इन हदनों देश में िी निीं ववदेश में र्ी व्िावसायिक पाठ्िक्रमों में हिंदी (अन्ि र्ाषाएँ) की व्िाविाररक कािभपरक कु शलता पर बल हदिा जा रिा िै | र्ारतीि व्िावसायिक जित में अपने व्िश्ततिों को कािभक्षम बनाने की दृश्टि से बबज़नेस हिंदी के पाठ्िक्रम चलाए जा रिे िैं । ककसी संस्था िा सरकारी नौकरी के अयतररतत अनेक क्षेत्र ऐसे िैं श्जन में हिंदी में कािभ कु शलता वैश्ववक स्तर की स्व-रोजिार संर्ावनाओं के भलए नए दरवाजे खोल देिी । ििाँ तक कक हिंदी के वैश्ववक प्रचार-प्रसार और अध्ििन को र्ी बल भमलेिा और िमारे अंतराभटरीि छात्र हिंदी को अपने रोजिार के भलए र्ी उपिोिी बना सकें िे । िैश्विक सिंदभा में ह िंदी
  • 4. स्व-रोजिार के दो क्षेत्र िो सकते िैं – अ )र्ाषा परक ब) कौशलपरक । भाषापरक स्ि-रोजगार ऑन लाइन हिंदी भशक्षण के कई यनजी पाठ्िक्रम स्व -रोजिार की हदशा में मियवपूणभ वैश्ववक प्रिास िो सकते िैं ।संचार -सूचना प्रौद्िोगिकी में हदनों-हदन बढ़ रिी हिंदी की उपिोगिता और अयनवािभता अगिक से अगिक कािभ-सक्षम िुवाओं को रोजिार हदला सके िी । ऑन लाइन शॉवपंि और माके हिंि और ववकीपीडििा के भलए हिंदी में लेखन सृजनायमक संतुश्टि के साथ ववत्तीि लार् का अवसर र्ी हदला सके िा ।
  • 5. विदेशी कायाक्रमों का ह िंदी में अनुसृजन डिस्कवरी चैनल , नेशनल ज्िाग्राकिकल चैनल और िेलीशॉवपंि ,ऑनलाइन हिंदी भशक्षण िी निीं कई ववदेशी चैनल्स पर प्रसाररत किल्में ,कॉिूभन सीररिल्स हिंदी में अनुसृजन के कारण अब लोकवप्रि व्िावसायिक क्षेत्र बन चुके िैं और रोजिार का निा क्षेत्र र्ी । एक चैनल जैसे किरंिी अंतराभटरीि ववदेशी र्ाषाई किल्मों को हिंदी में िब करके प्रस्तुत करता िै । हिंदी किल्मों के अयतररतत अन्ि र्ाषाओं में सब िाइिल्स का कािभ र्ी िमारे संस्थान के कई देशों के िुवा छात्रों के भलए ऐसा िी एक रोजिार का क्षेत्र बना िुआ िै ।
  • 6. जन सिंचार माध्यमों में अिसर सर्ी जन संचार माध्िमों में- किल्मी िा िैर किल्मी सर्ी कािभक्रमों में एंकररंि िा कािभक्रम संचालन/ संिोजन के भलए हिंदी की अयनवािभता और उपिोगिता िर तरि से भसद्ि िो चुक िै । चािे नृयि,संिीत,िािन की प्रयतिोगिताओं के रीिभलिी शोज़ िो िा सम्मान / पुरस्कार ववतरण समारोि –हिंदी की कु शल संप्रेषणीिता के बबना िे सिल िो िी निीं सकते । इनके भलए हिंदी में अभर्व्िश्तत परक प्रभशक्षण की ज़रूरत िोिी ताकक रोजिार के नए द्वार खुले।
  • 7. पिभिन में व्िवश्स्थत प्रबंिन और द्ववर्ाषी कु शल िाइि और आशु अनुवादक का कािभ हिंदी में रोजिार की अनंत संर्ावनाएँ जिाता िै। बीश्जंि ओलश्म्पक में हिंदी संस्थान की एक छात्रा को पिलवान सुशील कु मार के साथ चीनी अगिकाररिों द्वारा हिंदी दुर्ावषए की तरि तैनात ककिा ििा था । इतना िी निीं मेडिकल िूररज्म,सांस्कृ यतक पिभिन , आहद में हिंदी के ज्ञान का वैश्ववक दृश्टि से ब-खूबी इस्तेमाल संर्व िो सकता िै। पयाटन: चचककत्सा और सािंस्कृ यिक
  • 8. मीडिया और विज्ञापन ववज्ञापन का मनमोिक जित हिंदी में कु शल और सृजनायमक संर्ावनाओं को यनमंत्रण देता िै और सर्ी लोकवप्रि कािभक्रमों में बार-बार हदखाए जानेवाले इन ववज्ञापनों में िर कं पनी के करोिों का वारा-न्िारा िोता िै। श्स्क्रप्ि लेखन, एयनमेशन,िीत लेखन और कं प्िूिर का ज्ञान स्व-रोजिार के मोिक अवसर प्रदान करता िै। हिन्दी में आकषभक और प्रर्ावी ववज्ञापन तैिार करने के भलए िुवाओं की मांि बढ़ी िै। प्रसून जोशी जैसे कई लेखकों ने ववज्ञापन की दुयनिा में एक अलि पिचान कािम की िै।
  • 9. ट्वविर - ऑनलाइन पैसे कमाने का सातवा तरीका अयतगथ लेखन - ऑनलाइन पैसे कमाने का छठा तरीका फ्रीलांभसंि - ऑनलाइन पैसे कमाने का चौथा तरीका ववज्ञापन : ऑनलाइन पैसे कमाने का तीसरा तरीका अकिभलएि/रीसेलर : ऑनलाइन पैसे कमाने का दूसरा तरीका ऐिसेंस : ऑनलाइन पैसे कमाने का पिला तरीका ऑनलाइन पैसे कमाने का तरीका
  • 10. अयतगथ लेखन : कमाई का निा सािन इंिरनेि पर कं िेन्ि राइहिंि और अनुवाद के भलए र्ी हिन्दी के ववशेषज्ञों और र्ाषाववदों की जरूरत बढ़ाई िै।व्िापार लेखन की ववभशटि जहिलता इस कािभ कोबिुत िी चुनौतीपूणभ बनाता िै, और पेशेवर लेखकों और शोिकताभओं के भलए अवसरों का एक निा प्रवेश द्वार बनाता िै। बबजनेस और कॉरपोरेि लेखन पूरी तरि से अलि बात िै, व्िावसायिक प्रिोजनों के भलए सामग्री लेखन और िा सवभर कं पयनिों की जरूरत के भलए आपरेशन क्षेत्रों के भलए पिाभप्त ज्ञान के साथ िी उद्िोि की र्ी उगचत ज्ञान लार्कारी िोिा। श्स्क्रप्ट और किं टेन्ट लेखन िीवी सीररिल िो किल्म की दुयनिा, ववज्ञापन संस्थाएं, कोगचंि सेंिर, प्रकाशन संस्थान िा अन्ि यनजी कं पयनिां, अपने ििां श्स्क्रप्ि लेखन और कं िेन्ि राइहिंि के भलए हिन्दी के लेखकों को ढेरों अवसर मुिैिा करा रिी िैं। बॉलीवुि में इन हदनों श्स्क्रप्ि लेखकों की अच्छी-खासी मांि िै।
  • 11. खाना पकाने (कु ककं ि) के कािभक्रम िीवी के ववभर्न्न चैनल खाना ,नावते , भमठाई और ववभर्न्न व्िंजनों के हिंदी कािभक्रमों में बनाने की ववगि ,सामग्री और प्रस्तुयत में रोचकता और वववविता लाने का पूरा प्रिास करते िैं। इन कािभक्रमों में हिंदी के जानकार लोिों के भलए रोजिार के अनेक अवसर िैं एंकर के रूप में र्ी और प्रस्तुयत के भलए र्ी। अगिकांश कािभक्रम हिंदी में प्रस्तुत िोता िै पर सामग्री का उल्लेख कर्ी-कर्ी अंग्रेज़ी में र्ी ककिा जाता िै।
  • 12. िेलीशॉवपंि के कािभक्रम •िेलीमाके हिंि और िेलीशॉवपंि आज िीवी का बिुचगचभत कािभक्रम िै और कई चैनल इस कािभक्रम के प्रसारण का समि पिले से यनिाभररत करते िैं ताकक उपर्ोतता को ऑिभर देने में सुवविा िो सके । • इिंफोमशशायल ( infomercials) ऐसे िेलीववज़न कािभक्रम िैं जो ककसी लोकवप्रि कािभक्रम के दौरान हदखाए जाते िै |ववज्ञापन के अन्ि प्रकारों की तरि इनमें र्ी कथ्ि व्िावसायिक उद्देवि भलए िोता िै जो प्रािोजक के दृश्टिकोण और लार् को प्रस्तुत करता िै | •इिंफोमशशायल अतसर वास्तववक िेलीववज़न कािभक्रम की तज़भ पर िी बनते िैं जैसे िॉक शोज़ और साक्षायकार जो ववज्ञापन जैसे निीं लिते। •इन कािभक्रमों में प्रस्तुयत के भलए हिंदी अभर्व्िश्तत में कु शल और आकषभक नौजवानों की आवविकता िोती िै अतः िि र्ी रोजिार का अच्छा क्षेत्र िै।
  • 13. यनजी व्िवसायिक भशक्षण कें ्र कोगचंि सेंिर कई व्िवसायिक पाठ्िक्रमों और र्ारत सरकार के ववभर्न्न पदों के भलए प्रभशक्षण के दौरान हिंदी एक ववषि की तरि िोती िै। आजकल र्ारत िी निीं अमेररका में र्ी एम.बी.ए.में बबज़नेस हिंदी की शुरुआत िो चुकी िै। कई प्रदेशों के छात्र अंिेज़ी में दक्ष न िोने पर ववषि को हिंदी माध्िम से पढ़ना पसंद करते िैं। इन कें ्रों में ववभर्न्न ववषिों में दक्ष हिंदी अध्िापकों की आवविकता िोिी ।
  • 14. परामशभदाता (कौंसलर) स्व-रोजिार के अन्ि आिुयनक क्षेत्र िैं श्जनमें जनसंचार माध्िमों ने अनेक अवसर हदए िैं चािे ई-अख़बार िों िा अन्ि माध्िम। एक स्तंर् िा लेख अववि इन से संबंगित समस्िाओं पर अववि कें ह्रत िोता िै। व्िवसाि(कै ररिर) वववाि पाररवाररक समस्िाएँ गचककयसा संबंिी समस्िाएँ वाक गचककयसा स्वास्थ्ि सौंदिभ और कििनेस िृिसज्जा
  • 15. अंतराभटरीि और राटरीि खेल देश में एभशिाि , कॉमनवेल्थ और ओलंवपक खेलों के दौरान िर चैनल पर समाचार के अलावा ढेर सारे खेल संबंिी चैनल लिातार सीिा प्रसारण ,पुनःप्रसारण ,पररचचाभ ,साक्षायकार के किभक्रम प्रसाररत करते िैं। इसके अयतररतत कक्रके ि जैसा सदाबिार खेल साल र्र ववभर्न्न रूपों में सबको व्िस्त रखता िै - कर्ी िेस्ि मैच ,कर्ी IPL , कर्ी वन-िे कर्ी और 20-20 । अंतराभटरीि और राटरीि ववभर्न्न खेलों में हिंदी में ववशेषज्ञ वतता , कमेंरेिर और पररचचाभ आहद के भलए अिली पीढ़ी र्ी तो तैिार की जानी िै। ।
  • 16. िोि और र्ारतीि गचककयसा पद्ियत इिर कु छ वषों से िोि की क्रांयत ने स्वास्थ्ि और व्िश्ततित किट्नेस को वववव स्तर पर जन-सामान्ि के भलए सुलर् और लोकवप्रि क्षेत्र बना हदिा। अनेक अंतराभटरीि और राटरीि िश्स्तिों ने इसे अपनी जीवन- शैली का अंि बनािा और अपने अभ्िास संबंिी वीडििोज़ र्ी बनाए। बाबा रामदेव के वववव व्िापी भशववरों ने र्ी इसे इतना सुलर् और व्िापक बनािा । आज स्थान-स्थान पर यनजी तौर र्ी इसके स्वैश्च्छक कें ्र चल रिे िैं ।इसे र्ी रोजिार का सािन बनािा जा सकता िै।
  • 17. ररिभलिी शोज़: प्रयतिोगिता और कमाई का निा क्षेत्र संिीत /नृयि / िास्ि / श्तवज़ / पाररवाररक / सामाश्जक/ खेल संबंिी शोज़ तिों खींचते िैं अपनी तरि ररिभलिी शो ररिभलिी शो भसिभ र्ारत में िी निीं, बश्ल्क दुयनिा र्र में िूम मचा रिे िैं. िर देश में इंडििन आििल, रोिीज़ और बबि बॉस जैसे ररिभलिी शोज़ का अपना एक अवतार िै. लेककन ऐसा तिा िै कक लोि इनकी तरि खखंचे चले जाते िैं. युिा प्रयिभाओिं को मिंच देिे ैं ररयशलटी शो कौन बनेिा करोड़पयत िा इंडििन आििल को तो िम सर्ी जानते िैं. वपछले कई सालों से िे शो र्ारत में सब की श्जंदिी का हिस्सा बन िए िैं और रातों-रात अमीर बनने का सच िोता सपना र्ी।इस बार का एक ववज्ञापन तो हिंदी जानने वाले अनजान ,सब और से असिल िुवक के करोड़पयत बन जाने पर िै।नृयि ,संिीत,िास्ि, िेम शोज़ र्ी लोकवप्रि यनणाभिकों के कारण और तिड़ी स्पिाभ के कारण िूम मचाए िुए िैं ।
  • 18. लोकवप्रयिा के साथ रोजगार:सब के शलए प्रयत वषभ िज़ारों प्रयतर्ािी सपररवार इसमें र्ाि लेते िैं और लाखों-करोड़ों का इनाम र्ी पाते िैं और कु छ को िीवी में िा किल्म में अपनी प्रयतर्ा हदखाने का अवसर र्ी भमल जाता िै । पदे के पीछे श्स्क्रप्ि लेखन ,शीषभक िीत लेखन आहद कई कािभ हिंदी की िोग्िता और क्षमता से संबंगित िैं। सृजनायमक िोग्िता और कलायमक अभर्रुगच प्रदशभन का र्रपूर अवसर ििाँ िै। इन सर्ी हिंदी में प्रस्तुत कािभक्रमों में प्रयतिोिी , एंकर/ववशेष अयतगथ /यनणाभिक आहद पदे पर सकक्रि िोते िैं और सबके भलए रोजिार के नए आिाम िैं । िद तो िि िै कक िर आिु विभ के भलए िे शोज़ िैं और बच्चे-बूढ़े .महिला-पुरुष ,देशी-ववदेशी सर्ी के भलए कमाई के मौके िी मौके िैं ।
  • 19. कािभक्रम प्रबंिन Event Management आए हदन देश-ववदेश में र्व्ि समारोि और आिोजन िोते रिते िैं - पाररवाररक /सामाश्जक/िाभमभक/किल्मी /मनोरंजन/ पुरस्कार/सम्मान समारोि /शैक्षक्षक /राजनीयतक आहद। इन आिोजनों की व्िवस्था करना िी इवेंि मनैजमेंि किलाता िै।पिले के वल बड़ी कं पयनिाँ अपने उयपादों के लांच के भलए िे आिोजन करती थीं पर अब िर आिोजन का मानदंड़ इवेंि की र्व्िता से आंका जाता िै। इनकी सिलता के पीछे श्जन लोिों की कु शल व्िवस्था और मेिनत िोती िै वे इवेंि मैनेजर किलाते िैं।इवेंि मैनेजर इन आिोजनों की ग्रािक की माँि और बजि के अनुरूप शुरु से अंत तक िर पड़ाव की तैिारी करते िैं। िि क्षेत्र ववज्ञापन और माके हिंि जित का एक उच्च स्वरूप िै।वतभमान समि में जनसंचार के क्षेत्र में िि उर्रते कै ररिर के रूप में सामने आ रिा िै । आिोजनों की बढ़ती संख्िा और संपन्न विभ की प्रदशभनवप्रि मानभसकता के चलते इन आिोजनो की र्व्िता में आपसी िोड़ र्ी खूब िै और नई पीढ़ी के भलए रोजिार का अनोखा अवसर र्ी।
  • 20. अनुवाद और अनुसृजन: ववदेशी कािभक्रमों के संदर्भ में आज ववदेशी चैनल र्ी हिंदी में कािभक्रमों की बाध्िता को बखूबी समझते िैं अतः सर्ी चैनल अपने कािभक्रमों का हिंदी में अनुसृजन करने की िोजना के तित ववभर्न्न प्रिास करते नजर आ रिे िैं । इसे इस तरि किा जा सकता िै कक हिंदी अनुसृजन में ववदेशी कािभक्रम का मौभलक पररवेश, वेशर्ूषा , कथानक सर्ी हिंदी में प्रस्तुत ककिे जा रिे िैं।ििाँ तक कक शीषभक िीत ,मुिावरे, लोकवप्रि कथाओं का र्ी रोचक अनुसृजन िो रिा िै। इन ववदेशी कािभक्रमों की हिंदी र्ारतीि कािभक्रमों की हिंदी से कई दृश्टििों से अलि िै। नई शैली, नई शब्दावली, कोि भमश्रण, कोि अंतरण सर्ी कु छ अलि तरि का। िि र्ी ध्िान रखने िोग्ि बबंदु िै कक इनके र्ाषांतररत कािभक्रम अंग्रेजी में र्ी ककसी अन्ि ववदेशी र्ाषा से र्ी र्ाषांतररत िोकर प्रस्तुत ककिे जाते रिे िैं। हिंदी के र्ंिार की श्री-वृद्गि के भलए नए-नए ववषि, नए कथानक एवं वविाएं हिंदी की अनेक संर्ावनाओं के मािभ प्रशस्त करते िैं और यनश्वचत िी हिंदी में सृजनायमकता के रोजिार के एक मौका र्ी ।
  • 21. अनुवाद और अनुसृजन की अयनवािभता इन हदनों सर्ी मनोरंजन और सूचना प्रिान संचार माध्िमों की सामग्री में खास कर सर्ी र्ारतीि र्ाषा की किल्मों ,ववज्ञापनों और अन्ि मनोरंजक कािभक्रमों के हिंदी में प्रसारण के संदर्भ में अनदेखी निीं की जा सकती । वेब पर किल्म,िीत और संवाद के अनुवाद के वैिश्ततक और संस्थाित यनजी प्रिास िो रिे िैं और हिंदी किल्मों की प्रादेभशक और वैश्ववक र्ूभमका इसे एक उवभर कािभर्ूभम बना चुकी िै। र्ारतीि र्ाषाओं से हिंदी में इस कािभ की माँि उन देशों में र्ी िै जिाँ िमारे अन्ि र्ाषा-र्ाषी र्ारतीि बसे िुए िैं । अनुिाद और अनुसृजन: भारिीय भाषाएँ
  • 22. हिंदी कं प्िूहिंि में रोजिार ज्ञान-ववज्ञान के क्षेत्र में हिन्दी लेखन ने रोजिार के नए अवसर पैदा ककए िैं। आने वाले समि में इसे और बढ़ावा देने की जरूरत िै। हिन्दी प्रौद्िोगिकी के क्षेत्र में र्ी बढ़ रिी िै। िूयनकोि के आने से अब हिन्दी में िाइप करना आसान िो ििा िै। इससे हिन्दी से जुड़े लोिों को रोजिार के नए अवसर उपलब्ि िो रिे िैं। मीडििा के क्षेत्र में देखें तो तरि-तरि के चैनल हिन्दी के जानकारों के भलए अवसर उपलब्ि करा रिे िैं। हिन्दी पत्रकाररता ने हिन्दी के कारोबार को अच्छा-खासा बढ़ावा हदिा िै। आने वाले समि में हिन्दी को वैश्ववक र्ाषा बनाने की हदशा में और काम करने की जरूरत िै। आशा िै हिंदी में वैश्ववक स्व-रोजिार की संर्ावनाओं के संदर्भ में इस वववव हिंदी सम्मेलन में ििन ववचार-ववमशभ िोिा ।