बछड़े की देखभाल शुरुआती दौर में अच्छी तरह से होना काफी महत्वपूर्ण है क्योकि आज की बछड़ी कल की होने वाली गाय-भैंस है। जन्म से ही उसकी सही देखभाल रखने से भविष्य में वह अच्छी गाय भैंस बन सकती है। स्वस्थ बचपन में अगर बछड़ियों का वजन लगातार तेजी से बढ़ता है तो वे सही समय पर गाय-भैंस बन जाती है।जन्म के ठीक बाद बछड़े के नाक और मुंह से कफ अथवा श्लेष्मा इत्यादि को साफ करें। आमतौर पर गाय बछड़े को जन्म देते ही उसे जीभ से चाटने लगती है। इससे बछड़े के शरीर को सूखने में आसानी होती है और श्वसन तथा रक्त संचार सुचारू होता है। यदि गाय बछड़े को न चाटे अथवा ठंडी जलवायु की स्थिति में बछड़े के शरीर को सूखे कपड़े या टाट से पोंछकर सुखाएं। हाथ से छाती को दबाकर और छोड़कर कृत्रिम श्वसन प्रदान करें। नाभ नाल में शरीर से 2-5 सेमी की दूरी पर गांठ बांध देनी चाहिए और बांधे हुए स्थान से 1 सेमी नीचे से काट कर टिंक्चर आयोडीन या बोरिक एसिड अथवा कोई भी अन्य एंटिबायोटिक लगाना चाहिए। बाड़े के गीले बिछौने को हटाकर स्थान को बिल्कुल साफ और सूखा रखना चाहिए।