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सर्वनाम

26 Dec 2014
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सर्वनाम

  1. द्वारा हार्दिक वर्ाि आठव ीं एक
  2. पररचय  भाषा ववज्ञान और व्याकरण र्ें, एक सविनार् एक सींज्ञा या सींज्ञा वाकयाींश के लिए ववकल्प है कक एक शब्द है  सविनार् के छः प्रकार हैं- 1. पुरूषवाचक - र्ैं, तू, आप। 2. ननश्चयवाचक - यह, वह। 3. अननश्चयवाचक - कोई, कु छ। 4. सींबींधवाचक - जो, सो। 5. प्रश्रवाचक - कौन, कया। 6. ननजवाचक - आप।
  3. सविनार् के प्रकार  1. पुरूषवाचक सविनार्- जो सविनार् वकता (बोिनेवािे), श्रोता (सुननेवािे) तथा ककस अन्य के लिए प्रयुकत होता है, उसे पुरूषवाचक सविनार् कहते हैं। जैसे- र्ैं, तू, वह आर्द। पुरूषवाचक सविनार् के त न भेद हैं- अ. उत्तर् पुरूष- वकता या िेखक अपने लिए उत्तर् पुरूष का प्रयोग करते हैं। जैसे- र्ैं लिखता हूूँ। हर् लिखते हैं। इन वाकयों र्ें र्ैं और हर् शब्द उत्तर् पुरूष सविनार् हैं। आ. र्ध्यर् पुरूष- श्रोता के लिए र्ध्यर् पुरूष का प्रयोग होता है। जैसे- तुर् जाओ। आप जाइये। इन वाकयों र्ें तुर् और आप शब्द र्ध्यर् पुरूष हैं। इ. अन्य पुरूष- वकता या िेखक द्वारा श्रोता के अनतररकत ककस अन्य (त सरे) के लिए अन्य पुरूष का प्रयोग होता है। जैसे- वह पढ़ता है। 2 वे पढ़ते हैं। इन वाकयों र्ें वह और वे शब्द अन्य पुरूष हैं।
  4.  2. ननश्चयवाचक (सींके तवाचक) सविनार्- जो सविनार् ननकट या दूर की ककस वस्तु की ओर सींके त करे, उसे ननश्चयवाचक सविनार् कहते हैं। जैसे- यह िड़की है। वह पुस्तक है। ये र्हरन हैं। वे बाहर गए हैं। इन वाकयों र्ें यह, वह, ये और वे शब्द ननश्चयवाचक सविनार् हैं  3. अननश्चयवाचक सविनार्- जजस सविनार् से ककस ननजश्चत व्यजकत या पदाथि का बोध नह ीं होता, उसे अननश्चयवाचक सविनार् कहते हैं। जैसे- बाहर कोई है। र्ुझे कु छ नह ीं लर्िा। इन वाकयों र्ें कोई और कु छ शब्द अननश्चयवाचक सविनार् हैं। कोई शब्द का प्रयोग ककस अननजश्चत व्यजकत के लिए और कु छ शब्द का प्रयोग ककस अननजश्चत पदाथि के लिए प्रयुकत होता है।
  5.  4. सींबींधवाचक सविनार्- जो सविनार् ककस दूसर सींज्ञा या सविनार् से सींबींध र्दखाने के लिए प्रयुकत हो, उसे सींबींधवाचक सविनार् कहते हैं। जैसे- जो करेगा सो भरेगा। इस वाकय र्ें जो शब्द सींबींधवाचक सविनार् है और सो शब्द ननत्य सींबींध सविनार् है। अधधकतर सो लिए वह सविनार् का प्रयोग होता है।  5. प्रश्रवाचक सविनार्- जजस सविनार् से ककस प्रश्र का बोध होता है उसे प्रश्रवाचक सविनार् कहते हैं। जैसे- तुर् कौन हो ? तुम्हें कया चार्हए ? इन वाकयों र्ें कौन और कया शब्द प्रश्रवाचक सविनार् हैं। कौन शब्द का प्रयोग प्राणणयों के लिए और कया का प्रयोग जड़ पदाथों के लिए होता है।
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