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पद परिचय

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पद परिचय

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पद-परिचय- वाक्यगत शब्दों के रूप और उनका पारस्परिक संबंध बताने में जिस प्रक्रिया की आवश्यकता पड़ती है वह पद-परिचय या शब्दबोध कहलाता है। परिभाषा-वाक्यगत प्रत्येक पद (शब्द) का व्याकरण की दृष्टि से पूर्ण परिचय देना ही पद-परिचय कहलाता है।
शब्द आठ प्रकार के होते हैं-
1.संज्ञा- भेद, लिंग, वचन, कारक, क्रिया अथवा अन्य शब्दों से संबंध।
2.सर्वनाम- भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया अथवा अन्य शब्दों से संबंध। किस संज्ञा के स्थान पर आया है (यदि पता हो)।

3.क्रिया- भेद, लिंग, वचन, प्रयोग, धातु, काल, वाच्य, कर्ता और कर्म से संबंध।
4.विशेषण- भेद, लिंग, वचन और विशेष्य की विशेषता।
5.क्रिया-विशेषण- भेद, जिस क्रिया की विशेषता बताई गई हो उसके बारे में निर्देश।
6.संबंधबोधक- भेद, जिससे संबंध है उसका निर्देश।
7.समुच्चयबोधक- भेद, अन्वित शब्द, वाक्यांश या वाक्य।
8.विस्मयादिबोधक- भेद अर्थात कौन-सा भाव स्पष्ट कर रहा है

पद-परिचय- वाक्यगत शब्दों के रूप और उनका पारस्परिक संबंध बताने में जिस प्रक्रिया की आवश्यकता पड़ती है वह पद-परिचय या शब्दबोध कहलाता है। परिभाषा-वाक्यगत प्रत्येक पद (शब्द) का व्याकरण की दृष्टि से पूर्ण परिचय देना ही पद-परिचय कहलाता है।
शब्द आठ प्रकार के होते हैं-
1.संज्ञा- भेद, लिंग, वचन, कारक, क्रिया अथवा अन्य शब्दों से संबंध।
2.सर्वनाम- भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया अथवा अन्य शब्दों से संबंध। किस संज्ञा के स्थान पर आया है (यदि पता हो)।

3.क्रिया- भेद, लिंग, वचन, प्रयोग, धातु, काल, वाच्य, कर्ता और कर्म से संबंध।
4.विशेषण- भेद, लिंग, वचन और विशेष्य की विशेषता।
5.क्रिया-विशेषण- भेद, जिस क्रिया की विशेषता बताई गई हो उसके बारे में निर्देश।
6.संबंधबोधक- भेद, जिससे संबंध है उसका निर्देश।
7.समुच्चयबोधक- भेद, अन्वित शब्द, वाक्यांश या वाक्य।
8.विस्मयादिबोधक- भेद अर्थात कौन-सा भाव स्पष्ट कर रहा है

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पद परिचय

  1. 1. पद परिचय
  2. 2. कें द्रीय विद्यालय , गोमतीनगर , लखनऊ कक्षा – 10 ,बी द्िारा विषय – ह िंदी  १.म ीप स िं ( मू नेता)  २.अपराजिता स िं ( मू उपनेता)  ३.विद्या ागर पन्त  ४.लततका स िं  ५.देशराि  ६.असमतेश यादि
  3. 3. पद-परिचय- वाक्यगत शब्दों के रूप औि उनका पािस्परिक संबंध बताने में जिस प्रक्रिया की आवश्यकता पड़ती है वह पद-परिचय या शब्दबोध कहलाता है। पररभाषा-िाक्यगत प्रत्येक पद (शब्द) का व्याकरण की दृजटि े पूणण पररचय देना ी पद-पररचय क लाता ै।
  4. 4. * मेरा नाम क्षक्षतति ै। * मैं रायगिंि में र ता ूूँ। * मैं शारदा विद्या मिंहदर में पढ़ता ूूँ। * मुझे खेलना ब ुत प िंद अच्छा लगता ै।  इ प्रकार अपने बारे में बताने को पररचय देना क ते ैं। िै े म अपना पररचय देते ैं, ठीक उ ी प्रकार एक िाक्य में जितने शब्द ोते ैं, उनका भी पररचय ुआ करता ै।िाक्य में िो शब्द ोते ैं,उन् ें ‘पद’ क ते ैं।उन पदों का पररचय देना ‘पद पररचय’ क लाता ै।
  5. 5. 1. िंज्ञा- भेद, सलिंग, िचन, कारक, क्रिया अथिा अन्य शब्दों े िंबिंध। शब्द आठ प्रकाि के होते हैं-  2. िणनाम- भेद, पुरुष, सलिंग, िचन, कारक, क्रिया अथिा अन्य शब्दों े िंबिंध। क्रक िंज्ञा के स्थान पर आया ै (यहद पता ो)।
  6. 6. 3.क्रिया- भेद, सलिंग, िचन, प्रयोग, धातु, काल, िाच्य, कताण और कमण े िंबिंध। 4.विशेषण- भेद, सलिंग, िचन और विशेटय की विशेषता।  5.क्रिया-विशेषण- भेद, जि क्रिया की विशेषता बताई गई ो उ के बारे में तनदेश।
  7. 7. 6. िंबिंधबोधक- भेद, जि े िंबिंध ै उ का तनदेश। 8.विस्मयाहदबोधक- भेद अथाणत कौन- ा भाि स्पटि कर र ा ै।  7. मुच्चयबोधक- भेद, अजन्ित शब्द, िाक्यािंश या िाक्य।
  8. 8. िंज्ञा का पद पररचय िंज्ञा का पद पररचय देते मय तनम्नसलखखत प लुओिं की िानकारी देनी चाह ए :-- 1. िंज्ञा का भेद 2.सलिंग 3.िचन 4.कारक 5.क्रिया के ाथ पद का िंबिंध
  9. 9. पत्र -- िाततिाचक , पुज्लिंग , एकिचन , कमणकारक , ‘सलखती ै’ क्रिया का कमण। अपूिाण -- व्यजक्तिाचक िंज्ञा, स्त्रीसलिंग,एकिचन, कताण कारक, 'सलखती ै' क्रिया का कताण।
  10. 10. िणनाम का पद पररचय 5.क्रिया के साथ संबंध िणनाम का पद पररचय देते मय तनम्नसलखखत प लुओिं की िानकारी देनी चाह ए:- 1. िणनाम का भेद उपभेद 2.सलिंग 3.िचन 4.कारक
  11. 11. उदा रण 2 .मेघा और म मेला देखने गए। उ े --पुरूषिाचक िणनाम,अन्य पुरूष,उभय सलिंग,एकिचन,कमण कारक,‘मारा’ क्रिया का कमण। म - पुरूषिाचक िणनाम,उत्तम पुरूष,पुज्लिंग, ब ुिचन, कताण कारक ‘देखने गए’ क्रिया का कताण। िै े- 1. गोलू ने उ े ब ुत मारा।
  12. 12. विशेषण का पद पररचय विशेषण का पद पररचय देते मय तनम्नसलखखत प लुओिं की िानकारी देनी चाह ए:- 1.भेद,उपभेद 2.सलिंग 3.िचन 4.कारक 5.विशेटय
  13. 13. उदा रण 1.तनशा दशिी कक्षा में पड़ती ै *दशिी- िंख्यािाचक विशेषण , तनजचचत िंख्यािाचक विशेषण, स्त्रीसलिंग , एकिचन , अधधकरण कारक, ‘कक्षा’ का विशेषण |
  14. 14. 2. य पुस्तक अप्पू की ै। * य - ािणनासमक विशेषण,स्त्रीसलिंग, एकिचन,‘पुस्तक’ का विशेषण। 3. अथिण ब ुत शैतान लड़का ै। *ब ुत प्रविशेषण, पुज्लिंग, एकिचन, कमणकारक, ‘शैतान’ का विशेषण । *शैतान- गुणिाचक विशेषण, पुज्लिंग, कमणकारक, ‘लड़का’ का विशेषण ।
  15. 15. क्रिया का पद पररचय क्रिया का पद पररचय देते मय तनम्नसलखखत प लुओिं की िानकारी देनी चाह ए:- 1.भेद (कमण के आधार पर) 2.सलिंग 3.िचन 4.धातु 5.काल 6.कताण का िंके त
  16. 16. 1 .जस्नग्धा तनबिंध सलखती ै। ' उ*सलखती ै - कमणकक्रिया, स्त्रीसलिंग, एकिचन, ‘सलख’धातु, ितणमानकाल, जस्नगधा इ की कताण 2. बच्चे रोज़ स्कू ल िाते ैं।’ *िाते ैं- अकमणक क्रिया, पुज्लिंग, ब ुिचन, ‘िा’ धातु , ितणमान काल, ‘बच्चे’ इ के कताण ।’
  17. 17. अव्यय : क्रिया विशेषण क्रिया विशेषण का पद पररचय देते मय तनम्नसलखखत प लुओिं की िानकारी देनी चाह ए :-- 1.भेद 2.उपभेद 3.विशेटय-क्रिया का तनदेश।
  18. 18. 1. रोि िेरे-क्रिया विशेषण, कालिाचक क्रिया विशेषण, ‘ि लती ै’ क्रिया का विशेषण िीणा रोि िेरे धीरे-धीरे ि लती ै। 2 .धीरे धीरे-क्रिया विशेषण, रीततिाचक क्रिया विशेषण, ‘ि लती ै’ क्रिया की विशेषता बताता ै।
  19. 19. अव्यय : मुच्चयबोधक (योिक) मुच्चयबोधक का पद पररचय देते मय तनम्नसलखखत प लुओिं की िानकारी देनी चाह ए :-- 1.भेद 2.उपभेद 3. िंयुक्त शब्द अथिा िाक्य
  20. 20. 1.देििानी और श्रेयािंश भाई-ब न ैं। और – मुच्यबोधकअव्यय, माधधकरण योिक, ‘देििानी’ और ‘श्रेयािंश’ शब्दों को समला र ा ै। 2. भी लड़क्रकयाूँ खाती ैं िबक्रक प्लिी बचाती ै। *िबक्रक- मुच्चयबोधक अव्यय, व्यधधकरण योिक, ‘ भी लड़क्रकयाूँ खाती ैं’, तथा ‘प्लिी बचाती ै’ दो िाक्यों को समला र ा ै।
  21. 21. संबंधबोधक का पद परिचय देते समय निम्िनिनित पहिुओंकी जािकािी देिी चानहए। अव्यय : संबंधबोधक. 1.भेद 2.पदों/पदबिंधों/िाक्यािंशों े िंबिंध का तनदेश
  22. 22. 1.हमािे विद्यालय के पीछे खेल का मैदान है। * के पीछे - िंबिंधबोधक अव्यय, स्थानिाचक, ‘विद्यालय’ का िंबिंध अन्य शब्दों े िोड़ने िाला। 2. चोि के कारण हदव्या ो भी न ीिं पा र ी ै । * के कारण- िंबिंधबोधक अव्यय,कारण ूचक,‘चोि’ का िंबिंध अन्य शब्द े िोड़ता ै।
  23. 23. अव्यय : निस्मयानदबोधक 1.भेद 2.उपभेद 3. ूचक-भाि
  24. 24. उद ारण 1.शाबाश ! बबट्िू ने तो कमाल कर हदया।  * शाबाश ! - अव्यय , विस्मयाहदबोधक - अव्यय, षण ूचक |
  25. 25. *. ाय ! -अव्यय, विस्मयाहदबोधक,शोक ूचक | 2 . ाय ! बाढ़ ने तो ब कु छ डूबो हदया।
  26. 26. *धन्यिाद

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