SlideShare a Scribd company logo
1 of 17
संचार एवं मीडिया अध्ययन केंद्र 
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हहंदी ववश्वववव्यालय 
सन्नी कुमार गोंड़ 
एम.फिल जनसंचार 
ननदेशक 
िॉ अख्तर आलम 
संगोष्ट्ठी पत्र- वरटं मीडिया शोध 
्ववतीय रश्वन-पत्र
वरटं मीडिया शोध
मीडिया शोध क्या है? 
मीडिया के संदर्भ में शोध ‘मीडिया शोध’ कहलाता है। मीडिया शोध का 
अर्भ समाचारपत्र, पत्रत्रका, समाचार सममनतयां, ववज्ञापन, जनसंपकभ, 
रेडियो, टेलीववजन, इंटरनेट, ननजी चैनल, संचार की पारस्पररक 
प्धनतयां व रणामलयां आहद से संबंधधत तथ्यों तर्ा घटनाओं के संदर्भ 
में ज्ञान राप्त करने या उनकी जांच परीक्षण करने के मलए वैज्ञाननक 
प्धनतयों या रणामलयों से की गयी व्यवस्स्र्त खोज है।
मीडिया शोध में हम फकसका शोध 
करते हैं? 
मीडिया शोध में हम जनसंचार रफिया के ववमर्न्न 
पहलुओं व उनके अंत: संबंधों का वैज्ञाननक अध्ययन 
करते हैं। 
जनसंचार रफकया में एक व्यस्क्त, संगठन, समूह 
आहद के ्वारा सूचना एक माध्यम से ववस्तृत 
जनसमूह तक पहुंचाई जाती है।
जनसंचार रफिया 
संचारक संदेश माध्यम रापक रर्ाव िीिबैक
वरटं मीडिया 
 छपे हुए मैटीररयल से आम जनता तक सूचना 
पहुिंचाने का काय तही प्रिटिं मीडडया है। 
भरत झुनझुनवाला 
 प्रिटिं मीडडया साक्षरता पर आिाररत ज्ञान और 
सूचनाओिं के व्यापक िसार का सबसे पहला 
माध्यम है। 
मिंजरी जोशी 
 भारत में मुद्रण कला को लाने का श्रेय पुततगाल 
ममशननररयों को जाता है। सन ्1556 में यह ममशनरी 
इस कला को भारत लेकर आए थे और गोवा में पहला 
प्रिन्टिंग िेस स्थाप्रपत ककया। 
 भारत का पहला समाचार-पत्र 29 जनवरी 1780 को 
छपा। जेम्स अगस्टस हहक्की ने बिंगाल गजट या 
कलकत्ता जनरल एडवाइजर के नाम से साप्ताहहक पत्र 
शुरू ककया। 
 इसी हिन से भारत में पत्रकाररता प्रवधिवत आरिंभ 
माना जाता है।
वरटं मीडिया शोध 
वरटं मीडिया शोध का संबंध रकामशत मीडिया से है। इसके 
अंतगभत समाचार-पत्र, पत्रत्रकाएं, पुस्तक आहद आते हैं। 
 प्रिटिं मीडडया शोि की शुरुआत सन ्1830-40 के िौरान हुई जब फ्ािंस के 
इनतहासकार एलेनक्सस िे टोक्यूप्रवल ने यह अध्ययन ककया कक फ्ािंस के 
अखबार अमेररका के अखबार से ताकतवर कैसे हैं? 
 उ्होंने पाया कक अमेररका में ज्यािा अखबार िकामशत होते हैं और फ्ािंस 
में कम तब भी ताकतवर। अमेररका के अखबारों में तीन चौथाई पेज 
प्रवज्ञापनों से भरे रहते और एक चौथाई पर छोटे मुद्िे छाए रहते थे। 
जबकक फ्ािंस के अखबार छोटे व बेमतलब के मुद्िों से बचते थे और फ्ािंस 
के अखबारों में प्रवज्ञापन की मात्रा भी कम थी।
सन ्1900 से पहले अलबटत स्टेफल जो की समाजशास्त्री थे उ्होंने िेस का 
राजनीनतक िलों एविं जनता पर िभाव का अध्ययन ककया। उ्होंने यह अध्ययन 
ककया कक राजनीनतक िलों जो मुद्िा बना रहे हैं उसमें वह समाचार-पत्र से 
सामग्री ले रहे हैं या नहीिं। 
मैक्स प्रवबर ने 1910 में समाचार-पत्रों के किंटेंट का अध्ययन ककया। उ्होंने 
जनता पर समाचार-पत्रों के किंटेंट के िभाव का अध्ययन ककया और राजनीनतक, 
सामानजक, राष्ट्रीय मुद्िों को समाचार-पत्र ककतना महत्व िेते हैं। 
िथम प्रवश्वयुद्ि के बाि जेजी टेडेट ने समाचार के मनोप्रवज्ञान का अध्ययन 
ककया। िथम प्रवश्वयुद्ि के बाि पत्र पढ़ने के बाि लोगों कक क्या मानमसकता 
थी। 
इिंग्लैंड के एफ डब्ल्यू स्रेटक ने िथम और द्प्रवतीय प्रवश्व युद्ि के बीच 
अखबारों राजनेताओिं और नेताओिं से सिंबिंधित छह मामलों का अध्ययन ककया। 
इस अध्ययन में उ्होंने िेखा की पीत पत्रकाररता के द्वारा नेताओिं को िभाप्रवत 
ककया जा सकता है।
वरटं मीडिया शोध में ननम्न का 
अध्ययन फकया जाता है। 
समाचारपत्र रबंध या संगठन शोध 
1990 के िशक में पाया गया कक समाचारपत्र िबिंि शोि का काफी त्वररत 
गनत से प्रवकास हुआ। यह प्रवकास प्रवमभ्न कारणों से हुआ। समाचारपत्र का 
आकार व्यापक एविं प्रवस्तृत हो गया। िनतस्ििात बढ़ी, आकार बढ़ने के कारण 
समाचारपत्र उद्योग िक्ष एविं व्यावसानयक मीडडया कममतयों पर अधिक आधश्रत 
होने लगे। 
इसके साथ ही सिंगठन या कहें कौन सा ब्ािंड है यह भी महत्वपूणत है। क्योंकक 
लोगों को ककसी समाचारपत्र या पत्रत्रका पर ज्यािा भरोसा होता है िूसरे पर 
कम। हर सिंगठन की खबर चुनने की नीनत अलग होती है। वह अपने 
वैचाररक और व्यवसानयक हहतों को ध्यान में रखकर खबर का चयन करते हैं। 
इस प्रवषय पर भी शोि क्या जा सकता है कक एक सिंस्थान में खबर चुनने में 
कौन-कौन से चीजों का ध्यान रखा जाता है। 
इसके अलावा सिंगठन अपने पाठक बढ़ाने के मलए कौन-कौन सी नीनत बना 
रहा है आहि शोि इसके अिंतगतत होते हैं।
ववषय शोध या संदेश शोध- 
यह माध्यमों के सिंिेशों या प्रवषय-सामाग्री का अध्ययन है। प्रवषय सामग्री की 
कई श्रेणणयािं हैं जैसे समाचार, प्रवचार, मनोरिंजन, प्रवज्ञापन आहि। इस शोि में 
समाचारपत्र में िी जानेवाली खबरों और प्रवषय का शोि करते हैं। आज के 
समय में राजनीनत, खेल, आधथतक, मशक्षा, साहहत्य, प्रवज्ञान आहि कई तरह के 
क्षेत्रों की खबरें समाचारपत्र में िी जा रही है। सभी समाचारपत्र अपनी 
प्रवचारिारा और नीनत के अनुरूप इन प्रवषयों को कम या ज्यािा स्थान िेते हैं। 
इसके साथ ही हर समाचारपत्र का राजनीनतक और आधथतक दृनष्ट्टकोण अलग 
होता है। एक ही नीनत की कोई आलोचना करता है और कोई उसका पक्ष लेता 
है। यह सब प्रवषय भी शोि के अिंतगतत आते हैं। इसके अलावा समाचारपत्र की 
भाषा का भी अध्ययन ककया जाता है। इस तरह के शोि में गुणात्मक और 
गणनात्मक िोनों तरह का अध्ययन होता है। 
जैसे एक समाचारपत्र ने महहलों से सिंबिंधित ककतनी खबरें िी यह गणनात्मक 
शोि हुआ जबकक खबरों में महहलाओिं के बारे को कैसे पेश ककया गया यह 
गुणात्मक शोि हुआ।
टाइपोग्रािी एवं साज-सज्जा शोध- इसमेंप्रवमभ्न टाइपोग्राफी एविंसाज-सज्जा 
तत्वों का परीक्षण ककया जाता है। इसमेंग्राकफक्स का िभाव पाठकों पर िेखा 
जाता है। टाइपोग्राफी एविंसाज-सज्जा का अध्ययन प्रवमभ्न िकार के 
समाचारपत्रों एविंपत्रत्रकाओिंके डडजाइन तत्वों का पाठकों एविंपाठकों की 
समाचार िाथममकता पर िभाव िेखने के मलए ककया जाता है।
रीिरमशप शोध या पाठक शोध- 
समाचारपत्र का लक्ष्य होता है अपने पाठक को िभाप्रवत करना। द्प्रवतीय प्रवश्व 
युद्ि के बाि अमेररका में अनेक रीडरमशप शोि ककए गए। जाजत गैलोप 
सिंगठन को इस िकार के शोि प्रवधि के प्रवकास का जनक माना जाता है, 
इसमें पाठकों को समाचारपत्र की िनतयािं हिखाई गयीिं और उन आलेखों को 
पहचानने को कहा गया, नज्हें उन लोगों ने पढ़ा था। इस शोि के द्वारा 
ननिातररत ककया जाता है कक समाचारपत्र कौन पढ़ रहा है? ककस िकार का 
पाठक इनमें क्या पड़ता है? पाठक इ्हें क्यों पढ़ता है? ककस िकार के पाठक 
को ककस िकार सिंतुनष्ट्ट ममलती है? पाठक इ्हें ककतनी िेर पढ़ता है? 
मीडडया के मामलक अपने पाठक की िकृनत जानने के इच्छुक रहते हैं ताकक 
उनकी जरूरतों व रुधचयों के अनुसार मीडडया समाग्री तैयार की जाए। 
प्रवपज्ञापनिाता भी अपने लक्षक्षत पाठक की प्रवशेषताओिं की जानकारी रखते हैं। 
पाठक सवेक्षण इसका उत्त्म उिाहरण है।
रर्ाव का अध्ययन- इसमेंसमाचारपत्र और उसमें िी गई सामग्री का पाठकों 
पर िभाव का अध्ययन ककया जाता है। समाचारपत्र में छपी खबरों ने लोगों के 
प्रवचारों व व्यवहार को कैसे िभाप्रवत ककया। शोिकतात मीडडया के व्यनक्तगत, 
सामानजक, सािंस्कृनतक व राजनीनतक आहि के िभावों का वणतन करने की 
कोमशश करता है। िभाव सिंबिंिी शोि अध्ययन प्रवज्ञापन, जनसिंपकत व चुनावी 
अमभयानों के क्षेत्रों में बहुत महत्व रखता है। 
िीिबैक का अध्ययन- फीडबैक ककसी भी सिंचार को िभावी बनाने के मलए एक 
आवश्यक तत्व है। प्रिटिं मीडडया में फीडबैक की गनत काफी िीमी होती है। 
िीि िॉरवि भअध्ययन- प्रिटिं मीडडया में इस तरह के शोि ककए जाते हैं। ककसी 
तरह के सिंचार को शुरू करने पहले अपने पाठक वगत जान लेना एक अच्छा 
ननणतय हो सकता है।
जनसंचार रफिया 
संचारक संदेश माध्यम रापक रर्ाव िीिबैक 
समाचार पत्र रबंध 
या संगठन शोध 
टाइपोग्रािी एवं 
साज-सज्जा शोध 
ववषय शोध या 
संदेश शोध 
रीिरमशप शोध या 
पाठक शोध 
रर्ाव का 
अध्ययन 
िीिबैक 
अध्ययन
शोध की उपयोधगता 
बेहतर कंटेंट और कुछ नया करने के मलए- हमेंशोि के द्वारा ही यह 
जानकारी ममलती है कक पाठक क्या चीज पढ़ता है और उसे क्या चीज ज्यािा 
िभाप्रवत करती है। साथ ही शोि से यह भी पता चल सकता है कक पाठक 
अपने समाचारपत्र मेंऔर कौन सी चीजे पढ़ना चाहता है। यह जानकारी 
ककसी भी समाचारपत्र सिंगठन के मलए काफी आवश्यकत सूचना है। नजससे 
वह अपने किंटेंट को बेहतर बना सकता है। 
मस्धांत ननमाभण के मलए- मसद्िािंत ननमातण शोि के उद्िेश्यों मेंशाममल है। 
मीडडया शोि भी इससे अछूता नहीिंहै। जैसे एजेंडा सेहटिंग थ्योरी आहि। 
नकारात्मक रर्ावों को जानने मेंसहायक- मीडडया एक समय मेंकाफी 
जानकारी सिंचाररत करती है। नजसके नकारात्मक और सकारात्मक िोनों तरह 
के असर पड़ते हैं। नकारात्मक िभावों को जानने के मलए भी मीडडया शोि 
ककया जाता है। नजससे उसे नस्थनत से आगे बचा जा सके।
र्ववष्ट्य की योजना और तैयाररयों में सहायक- शोि का एक सबसे बड़ा फायिा 
या लाभ यह होता है कक इससे हम भप्रवष्ट्य की प्लाननगिं या योजनाएिं बना 
सकते हैं। शोि के द्वारा हमें समस्या या सिंभावनाओिं का सही-सहीिं औसत िाप्त 
होता है। उसी आिार पर सिंगठन खुि को भप्रवष्ट्य के मलए तैयार कर लेगा। 
लोगों की बदली हुई रूधच को जानने में सहायक- आज समाज तेजी से बिल 
रहा है और उसमें लोगों की रूधच भी बिल रही है। शोि के द्वारा ही यह पता 
चलती है कक उनकी रूधच में कैसे बिलाव आ रहे हैं। उनकी सोच क्या बिलाव 
आ रहे हैं और उनके कारण क्या है।
सिंिभत 
मीडडया शोि (डॉ ियाल शमात) 
मीडडया शोि (ऋतु गोठी) 
प्रिटिं मीडडया मसद्िािंत एविं व्यवहार (रूपचििं गौतम) 
क्लास नोट्स

More Related Content

What's hot

Role of newspaper in indian freedom movement
Role of newspaper in indian freedom movementRole of newspaper in indian freedom movement
Role of newspaper in indian freedom movementAmal Jith
 
Hypodermic Needle Theory
Hypodermic Needle TheoryHypodermic Needle Theory
Hypodermic Needle Theoryalexeglen
 
विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन.pptx
विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन.pptxविभिन्न माध्यमों के लिए लेखन.pptx
विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन.pptxBenTen424254
 
Structure of newspaper organization
Structure of newspaper organizationStructure of newspaper organization
Structure of newspaper organizationDaljitkaur70
 
Traditional Audience vs. Fan Culture: How Social Media Research Connects Comm...
Traditional Audience vs. Fan Culture: How Social Media Research Connects Comm...Traditional Audience vs. Fan Culture: How Social Media Research Connects Comm...
Traditional Audience vs. Fan Culture: How Social Media Research Connects Comm...Alterian
 
Exploring Media Theory L1 Mass Society Theory
Exploring Media Theory L1 Mass Society TheoryExploring Media Theory L1 Mass Society Theory
Exploring Media Theory L1 Mass Society TheoryMarcus Leaning
 
5.growth of indian language press edited
5.growth of indian language press edited5.growth of indian language press edited
5.growth of indian language press editedvishavprabha
 
सूरदास Ke pad
सूरदास Ke padसूरदास Ke pad
सूरदास Ke padkishlaykumar34
 
What is Digital Journalism?
What is Digital Journalism?What is Digital Journalism?
What is Digital Journalism?Syed Mohsin Raja
 
Participatory Development Communication
   Participatory Development Communication   Participatory Development Communication
Participatory Development CommunicationFatima Muritala
 

What's hot (20)

Role of newspaper in indian freedom movement
Role of newspaper in indian freedom movementRole of newspaper in indian freedom movement
Role of newspaper in indian freedom movement
 
Hypodermic Needle Theory
Hypodermic Needle TheoryHypodermic Needle Theory
Hypodermic Needle Theory
 
Introduction to Communication Theory
Introduction to Communication TheoryIntroduction to Communication Theory
Introduction to Communication Theory
 
विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन.pptx
विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन.pptxविभिन्न माध्यमों के लिए लेखन.pptx
विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन.pptx
 
Structure of newspaper organization
Structure of newspaper organizationStructure of newspaper organization
Structure of newspaper organization
 
Traditional Audience vs. Fan Culture: How Social Media Research Connects Comm...
Traditional Audience vs. Fan Culture: How Social Media Research Connects Comm...Traditional Audience vs. Fan Culture: How Social Media Research Connects Comm...
Traditional Audience vs. Fan Culture: How Social Media Research Connects Comm...
 
Exploring Media Theory L1 Mass Society Theory
Exploring Media Theory L1 Mass Society TheoryExploring Media Theory L1 Mass Society Theory
Exploring Media Theory L1 Mass Society Theory
 
Meera bhai
Meera bhaiMeera bhai
Meera bhai
 
Section 2 yellow journalism
Section 2 yellow journalismSection 2 yellow journalism
Section 2 yellow journalism
 
Media definition
Media definitionMedia definition
Media definition
 
5.growth of indian language press edited
5.growth of indian language press edited5.growth of indian language press edited
5.growth of indian language press edited
 
सूरदास Ke pad
सूरदास Ke padसूरदास Ke pad
सूरदास Ke pad
 
Przybory do pisania
Przybory do pisaniaPrzybory do pisania
Przybory do pisania
 
What is Digital Journalism?
What is Digital Journalism?What is Digital Journalism?
What is Digital Journalism?
 
2. Media audiences
2. Media audiences2. Media audiences
2. Media audiences
 
Writing for media 1
Writing for media 1Writing for media 1
Writing for media 1
 
Hypodermic Needle Theory
Hypodermic Needle TheoryHypodermic Needle Theory
Hypodermic Needle Theory
 
News Agencies
News AgenciesNews Agencies
News Agencies
 
Participatory Development Communication
   Participatory Development Communication   Participatory Development Communication
Participatory Development Communication
 
Notes on news agencies
Notes on news agenciesNotes on news agencies
Notes on news agencies
 

Viewers also liked

Print Media Research References
Print Media Research ReferencesPrint Media Research References
Print Media Research ReferencesLewisB2013
 
Measure of dispersion part I (Range, Quartile Deviation, Interquartile devi...
Measure of dispersion part   I (Range, Quartile Deviation, Interquartile devi...Measure of dispersion part   I (Range, Quartile Deviation, Interquartile devi...
Measure of dispersion part I (Range, Quartile Deviation, Interquartile devi...Shakehand with Life
 
Types & Uses of PR Research
Types & Uses of PR ResearchTypes & Uses of PR Research
Types & Uses of PR Researchmargyparker
 
Chapter 5 : Conclusion & Suggestion
Chapter 5 : Conclusion & SuggestionChapter 5 : Conclusion & Suggestion
Chapter 5 : Conclusion & SuggestionMei Poe
 
A" Research Methods Reliability and validity
A" Research Methods Reliability and validityA" Research Methods Reliability and validity
A" Research Methods Reliability and validityJill Jan
 
Hypothesis and its types
Hypothesis and its typesHypothesis and its types
Hypothesis and its typesrajukammari
 
Common Errors in Writing
Common Errors in WritingCommon Errors in Writing
Common Errors in Writingguest706d886
 
Report Writing - Conclusions & Recommendations sections
Report Writing - Conclusions & Recommendations sectionsReport Writing - Conclusions & Recommendations sections
Report Writing - Conclusions & Recommendations sectionsSherrie Lee
 

Viewers also liked (12)

Print Media Research References
Print Media Research ReferencesPrint Media Research References
Print Media Research References
 
RESEARCH WRITING - Apa References Style
RESEARCH WRITING - Apa References StyleRESEARCH WRITING - Apa References Style
RESEARCH WRITING - Apa References Style
 
Measure of dispersion part I (Range, Quartile Deviation, Interquartile devi...
Measure of dispersion part   I (Range, Quartile Deviation, Interquartile devi...Measure of dispersion part   I (Range, Quartile Deviation, Interquartile devi...
Measure of dispersion part I (Range, Quartile Deviation, Interquartile devi...
 
Types & Uses of PR Research
Types & Uses of PR ResearchTypes & Uses of PR Research
Types & Uses of PR Research
 
Chapter 5 : Conclusion & Suggestion
Chapter 5 : Conclusion & SuggestionChapter 5 : Conclusion & Suggestion
Chapter 5 : Conclusion & Suggestion
 
A" Research Methods Reliability and validity
A" Research Methods Reliability and validityA" Research Methods Reliability and validity
A" Research Methods Reliability and validity
 
Writing a research report
Writing a research reportWriting a research report
Writing a research report
 
Hypothesis and its types
Hypothesis and its typesHypothesis and its types
Hypothesis and its types
 
Common Errors in Writing
Common Errors in WritingCommon Errors in Writing
Common Errors in Writing
 
Errors in research
Errors in researchErrors in research
Errors in research
 
Advertising research
Advertising researchAdvertising research
Advertising research
 
Report Writing - Conclusions & Recommendations sections
Report Writing - Conclusions & Recommendations sectionsReport Writing - Conclusions & Recommendations sections
Report Writing - Conclusions & Recommendations sections
 

Similar to Print media research

Presentation2.pptx
Presentation2.pptxPresentation2.pptx
Presentation2.pptxAshish Kumar
 
निष्पक्ष पत्रकारिता क्या है?
निष्पक्ष पत्रकारिता क्या है?निष्पक्ष पत्रकारिता क्या है?
निष्पक्ष पत्रकारिता क्या है?thinkwithniche
 
AMRIT LAL AND AGHAV PRIYOJNA VIJAY KUMAR.pdf
AMRIT LAL AND AGHAV PRIYOJNA VIJAY KUMAR.pdfAMRIT LAL AND AGHAV PRIYOJNA VIJAY KUMAR.pdf
AMRIT LAL AND AGHAV PRIYOJNA VIJAY KUMAR.pdfVikasKumar833747
 
सामाजिक एवं राजनीतिक अनुसंधान
सामाजिक एवं राजनीतिक अनुसंधानसामाजिक एवं राजनीतिक अनुसंधान
सामाजिक एवं राजनीतिक अनुसंधानDr. Mamata Upadhyay
 
Samajik evam rajnitik anusandhan
Samajik evam rajnitik anusandhanSamajik evam rajnitik anusandhan
Samajik evam rajnitik anusandhanDr. Mamata Upadhyay
 
शोध प्रविधि.pdf
शोध प्रविधि.pdfशोध प्रविधि.pdf
शोध प्रविधि.pdfDr. Mamata Upadhyay
 
antarrashtriya rajniti ke drishtikon ya upagam
antarrashtriya rajniti ke drishtikon ya upagamantarrashtriya rajniti ke drishtikon ya upagam
antarrashtriya rajniti ke drishtikon ya upagamDr. Mamata Upadhyay
 
BHARATIYA RAJYON ME VIRODH ANDOLAN
BHARATIYA RAJYON ME VIRODH ANDOLANBHARATIYA RAJYON ME VIRODH ANDOLAN
BHARATIYA RAJYON ME VIRODH ANDOLANDr. Mamata Upadhyay
 
Manish saket
Manish saketManish saket
Manish saketitrewa
 
Ayodhya singh
Ayodhya singhAyodhya singh
Ayodhya singhitrewa
 
Chapter 1 political theory an introduction XI Political Science
Chapter  1 political theory an introduction XI Political Science Chapter  1 political theory an introduction XI Political Science
Chapter 1 political theory an introduction XI Political Science Directorate of Education Delhi
 

Similar to Print media research (14)

Presentation2.pptx
Presentation2.pptxPresentation2.pptx
Presentation2.pptx
 
निष्पक्ष पत्रकारिता क्या है?
निष्पक्ष पत्रकारिता क्या है?निष्पक्ष पत्रकारिता क्या है?
निष्पक्ष पत्रकारिता क्या है?
 
Laski ke rajnitik vichar
Laski ke rajnitik vicharLaski ke rajnitik vichar
Laski ke rajnitik vichar
 
Case study method
Case study methodCase study method
Case study method
 
AMRIT LAL AND AGHAV PRIYOJNA VIJAY KUMAR.pdf
AMRIT LAL AND AGHAV PRIYOJNA VIJAY KUMAR.pdfAMRIT LAL AND AGHAV PRIYOJNA VIJAY KUMAR.pdf
AMRIT LAL AND AGHAV PRIYOJNA VIJAY KUMAR.pdf
 
सामाजिक एवं राजनीतिक अनुसंधान
सामाजिक एवं राजनीतिक अनुसंधानसामाजिक एवं राजनीतिक अनुसंधान
सामाजिक एवं राजनीतिक अनुसंधान
 
Samajik evam rajnitik anusandhan
Samajik evam rajnitik anusandhanSamajik evam rajnitik anusandhan
Samajik evam rajnitik anusandhan
 
शोध प्रविधि.pdf
शोध प्रविधि.pdfशोध प्रविधि.pdf
शोध प्रविधि.pdf
 
antarrashtriya rajniti ke drishtikon ya upagam
antarrashtriya rajniti ke drishtikon ya upagamantarrashtriya rajniti ke drishtikon ya upagam
antarrashtriya rajniti ke drishtikon ya upagam
 
BHARATIYA RAJYON ME VIRODH ANDOLAN
BHARATIYA RAJYON ME VIRODH ANDOLANBHARATIYA RAJYON ME VIRODH ANDOLAN
BHARATIYA RAJYON ME VIRODH ANDOLAN
 
Manish saket
Manish saketManish saket
Manish saket
 
Ayodhya singh
Ayodhya singhAyodhya singh
Ayodhya singh
 
Chapter 1 political theory an introduction XI Political Science
Chapter  1 political theory an introduction XI Political Science Chapter  1 political theory an introduction XI Political Science
Chapter 1 political theory an introduction XI Political Science
 
Research design
Research designResearch design
Research design
 

More from Amit Mishra

आज की मीडिया
आज की मीडियाआज की मीडिया
आज की मीडियाAmit Mishra
 
अंतरराष्ट्रीय विकाश संचार
अंतरराष्ट्रीय विकाश संचार अंतरराष्ट्रीय विकाश संचार
अंतरराष्ट्रीय विकाश संचार Amit Mishra
 
मीडिया सर्वे
मीडिया सर्वे मीडिया सर्वे
मीडिया सर्वे Amit Mishra
 
न्यूज चैनलों में इंटर्न की भूमिका
न्यूज चैनलों में इंटर्न की भूमिकान्यूज चैनलों में इंटर्न की भूमिका
न्यूज चैनलों में इंटर्न की भूमिकाAmit Mishra
 
विशिष्ट कार्यक्रम निर्माण व फोन इन कार्यक्रम
विशिष्ट कार्यक्रम निर्माण व  फोन इन कार्यक्रमविशिष्ट कार्यक्रम निर्माण व  फोन इन कार्यक्रम
विशिष्ट कार्यक्रम निर्माण व फोन इन कार्यक्रमAmit Mishra
 
डिजिटल सूचना भंडारण तकनीक और प्रबंधन व चुनौतियाँ
डिजिटल सूचना भंडारण तकनीक और प्रबंधन व चुनौतियाँडिजिटल सूचना भंडारण तकनीक और प्रबंधन व चुनौतियाँ
डिजिटल सूचना भंडारण तकनीक और प्रबंधन व चुनौतियाँAmit Mishra
 
मात्रात्मक एवं गुणात्मक शोध
मात्रात्मक एवं गुणात्मक शोधमात्रात्मक एवं गुणात्मक शोध
मात्रात्मक एवं गुणात्मक शोधAmit Mishra
 
वीडियो सम्पादन तकनीक व महत्व
वीडियो सम्पादन तकनीक व महत्ववीडियो सम्पादन तकनीक व महत्व
वीडियो सम्पादन तकनीक व महत्वAmit Mishra
 
शोध प्रविधि
शोध प्रविधिशोध प्रविधि
शोध प्रविधिAmit Mishra
 

More from Amit Mishra (11)

आज की मीडिया
आज की मीडियाआज की मीडिया
आज की मीडिया
 
अंतरराष्ट्रीय विकाश संचार
अंतरराष्ट्रीय विकाश संचार अंतरराष्ट्रीय विकाश संचार
अंतरराष्ट्रीय विकाश संचार
 
मीडिया सर्वे
मीडिया सर्वे मीडिया सर्वे
मीडिया सर्वे
 
न्यूज चैनलों में इंटर्न की भूमिका
न्यूज चैनलों में इंटर्न की भूमिकान्यूज चैनलों में इंटर्न की भूमिका
न्यूज चैनलों में इंटर्न की भूमिका
 
Iptv
IptvIptv
Iptv
 
विशिष्ट कार्यक्रम निर्माण व फोन इन कार्यक्रम
विशिष्ट कार्यक्रम निर्माण व  फोन इन कार्यक्रमविशिष्ट कार्यक्रम निर्माण व  फोन इन कार्यक्रम
विशिष्ट कार्यक्रम निर्माण व फोन इन कार्यक्रम
 
डिजिटल सूचना भंडारण तकनीक और प्रबंधन व चुनौतियाँ
डिजिटल सूचना भंडारण तकनीक और प्रबंधन व चुनौतियाँडिजिटल सूचना भंडारण तकनीक और प्रबंधन व चुनौतियाँ
डिजिटल सूचना भंडारण तकनीक और प्रबंधन व चुनौतियाँ
 
मात्रात्मक एवं गुणात्मक शोध
मात्रात्मक एवं गुणात्मक शोधमात्रात्मक एवं गुणात्मक शोध
मात्रात्मक एवं गुणात्मक शोध
 
वीडियो सम्पादन तकनीक व महत्व
वीडियो सम्पादन तकनीक व महत्ववीडियो सम्पादन तकनीक व महत्व
वीडियो सम्पादन तकनीक व महत्व
 
Iptv
IptvIptv
Iptv
 
शोध प्रविधि
शोध प्रविधिशोध प्रविधि
शोध प्रविधि
 

Print media research

  • 1. संचार एवं मीडिया अध्ययन केंद्र महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हहंदी ववश्वववव्यालय सन्नी कुमार गोंड़ एम.फिल जनसंचार ननदेशक िॉ अख्तर आलम संगोष्ट्ठी पत्र- वरटं मीडिया शोध ्ववतीय रश्वन-पत्र
  • 3. मीडिया शोध क्या है? मीडिया के संदर्भ में शोध ‘मीडिया शोध’ कहलाता है। मीडिया शोध का अर्भ समाचारपत्र, पत्रत्रका, समाचार सममनतयां, ववज्ञापन, जनसंपकभ, रेडियो, टेलीववजन, इंटरनेट, ननजी चैनल, संचार की पारस्पररक प्धनतयां व रणामलयां आहद से संबंधधत तथ्यों तर्ा घटनाओं के संदर्भ में ज्ञान राप्त करने या उनकी जांच परीक्षण करने के मलए वैज्ञाननक प्धनतयों या रणामलयों से की गयी व्यवस्स्र्त खोज है।
  • 4. मीडिया शोध में हम फकसका शोध करते हैं? मीडिया शोध में हम जनसंचार रफिया के ववमर्न्न पहलुओं व उनके अंत: संबंधों का वैज्ञाननक अध्ययन करते हैं। जनसंचार रफकया में एक व्यस्क्त, संगठन, समूह आहद के ्वारा सूचना एक माध्यम से ववस्तृत जनसमूह तक पहुंचाई जाती है।
  • 5. जनसंचार रफिया संचारक संदेश माध्यम रापक रर्ाव िीिबैक
  • 6. वरटं मीडिया  छपे हुए मैटीररयल से आम जनता तक सूचना पहुिंचाने का काय तही प्रिटिं मीडडया है। भरत झुनझुनवाला  प्रिटिं मीडडया साक्षरता पर आिाररत ज्ञान और सूचनाओिं के व्यापक िसार का सबसे पहला माध्यम है। मिंजरी जोशी  भारत में मुद्रण कला को लाने का श्रेय पुततगाल ममशननररयों को जाता है। सन ्1556 में यह ममशनरी इस कला को भारत लेकर आए थे और गोवा में पहला प्रिन्टिंग िेस स्थाप्रपत ककया।  भारत का पहला समाचार-पत्र 29 जनवरी 1780 को छपा। जेम्स अगस्टस हहक्की ने बिंगाल गजट या कलकत्ता जनरल एडवाइजर के नाम से साप्ताहहक पत्र शुरू ककया।  इसी हिन से भारत में पत्रकाररता प्रवधिवत आरिंभ माना जाता है।
  • 7. वरटं मीडिया शोध वरटं मीडिया शोध का संबंध रकामशत मीडिया से है। इसके अंतगभत समाचार-पत्र, पत्रत्रकाएं, पुस्तक आहद आते हैं।  प्रिटिं मीडडया शोि की शुरुआत सन ्1830-40 के िौरान हुई जब फ्ािंस के इनतहासकार एलेनक्सस िे टोक्यूप्रवल ने यह अध्ययन ककया कक फ्ािंस के अखबार अमेररका के अखबार से ताकतवर कैसे हैं?  उ्होंने पाया कक अमेररका में ज्यािा अखबार िकामशत होते हैं और फ्ािंस में कम तब भी ताकतवर। अमेररका के अखबारों में तीन चौथाई पेज प्रवज्ञापनों से भरे रहते और एक चौथाई पर छोटे मुद्िे छाए रहते थे। जबकक फ्ािंस के अखबार छोटे व बेमतलब के मुद्िों से बचते थे और फ्ािंस के अखबारों में प्रवज्ञापन की मात्रा भी कम थी।
  • 8. सन ्1900 से पहले अलबटत स्टेफल जो की समाजशास्त्री थे उ्होंने िेस का राजनीनतक िलों एविं जनता पर िभाव का अध्ययन ककया। उ्होंने यह अध्ययन ककया कक राजनीनतक िलों जो मुद्िा बना रहे हैं उसमें वह समाचार-पत्र से सामग्री ले रहे हैं या नहीिं। मैक्स प्रवबर ने 1910 में समाचार-पत्रों के किंटेंट का अध्ययन ककया। उ्होंने जनता पर समाचार-पत्रों के किंटेंट के िभाव का अध्ययन ककया और राजनीनतक, सामानजक, राष्ट्रीय मुद्िों को समाचार-पत्र ककतना महत्व िेते हैं। िथम प्रवश्वयुद्ि के बाि जेजी टेडेट ने समाचार के मनोप्रवज्ञान का अध्ययन ककया। िथम प्रवश्वयुद्ि के बाि पत्र पढ़ने के बाि लोगों कक क्या मानमसकता थी। इिंग्लैंड के एफ डब्ल्यू स्रेटक ने िथम और द्प्रवतीय प्रवश्व युद्ि के बीच अखबारों राजनेताओिं और नेताओिं से सिंबिंधित छह मामलों का अध्ययन ककया। इस अध्ययन में उ्होंने िेखा की पीत पत्रकाररता के द्वारा नेताओिं को िभाप्रवत ककया जा सकता है।
  • 9. वरटं मीडिया शोध में ननम्न का अध्ययन फकया जाता है। समाचारपत्र रबंध या संगठन शोध 1990 के िशक में पाया गया कक समाचारपत्र िबिंि शोि का काफी त्वररत गनत से प्रवकास हुआ। यह प्रवकास प्रवमभ्न कारणों से हुआ। समाचारपत्र का आकार व्यापक एविं प्रवस्तृत हो गया। िनतस्ििात बढ़ी, आकार बढ़ने के कारण समाचारपत्र उद्योग िक्ष एविं व्यावसानयक मीडडया कममतयों पर अधिक आधश्रत होने लगे। इसके साथ ही सिंगठन या कहें कौन सा ब्ािंड है यह भी महत्वपूणत है। क्योंकक लोगों को ककसी समाचारपत्र या पत्रत्रका पर ज्यािा भरोसा होता है िूसरे पर कम। हर सिंगठन की खबर चुनने की नीनत अलग होती है। वह अपने वैचाररक और व्यवसानयक हहतों को ध्यान में रखकर खबर का चयन करते हैं। इस प्रवषय पर भी शोि क्या जा सकता है कक एक सिंस्थान में खबर चुनने में कौन-कौन से चीजों का ध्यान रखा जाता है। इसके अलावा सिंगठन अपने पाठक बढ़ाने के मलए कौन-कौन सी नीनत बना रहा है आहि शोि इसके अिंतगतत होते हैं।
  • 10. ववषय शोध या संदेश शोध- यह माध्यमों के सिंिेशों या प्रवषय-सामाग्री का अध्ययन है। प्रवषय सामग्री की कई श्रेणणयािं हैं जैसे समाचार, प्रवचार, मनोरिंजन, प्रवज्ञापन आहि। इस शोि में समाचारपत्र में िी जानेवाली खबरों और प्रवषय का शोि करते हैं। आज के समय में राजनीनत, खेल, आधथतक, मशक्षा, साहहत्य, प्रवज्ञान आहि कई तरह के क्षेत्रों की खबरें समाचारपत्र में िी जा रही है। सभी समाचारपत्र अपनी प्रवचारिारा और नीनत के अनुरूप इन प्रवषयों को कम या ज्यािा स्थान िेते हैं। इसके साथ ही हर समाचारपत्र का राजनीनतक और आधथतक दृनष्ट्टकोण अलग होता है। एक ही नीनत की कोई आलोचना करता है और कोई उसका पक्ष लेता है। यह सब प्रवषय भी शोि के अिंतगतत आते हैं। इसके अलावा समाचारपत्र की भाषा का भी अध्ययन ककया जाता है। इस तरह के शोि में गुणात्मक और गणनात्मक िोनों तरह का अध्ययन होता है। जैसे एक समाचारपत्र ने महहलों से सिंबिंधित ककतनी खबरें िी यह गणनात्मक शोि हुआ जबकक खबरों में महहलाओिं के बारे को कैसे पेश ककया गया यह गुणात्मक शोि हुआ।
  • 11. टाइपोग्रािी एवं साज-सज्जा शोध- इसमेंप्रवमभ्न टाइपोग्राफी एविंसाज-सज्जा तत्वों का परीक्षण ककया जाता है। इसमेंग्राकफक्स का िभाव पाठकों पर िेखा जाता है। टाइपोग्राफी एविंसाज-सज्जा का अध्ययन प्रवमभ्न िकार के समाचारपत्रों एविंपत्रत्रकाओिंके डडजाइन तत्वों का पाठकों एविंपाठकों की समाचार िाथममकता पर िभाव िेखने के मलए ककया जाता है।
  • 12. रीिरमशप शोध या पाठक शोध- समाचारपत्र का लक्ष्य होता है अपने पाठक को िभाप्रवत करना। द्प्रवतीय प्रवश्व युद्ि के बाि अमेररका में अनेक रीडरमशप शोि ककए गए। जाजत गैलोप सिंगठन को इस िकार के शोि प्रवधि के प्रवकास का जनक माना जाता है, इसमें पाठकों को समाचारपत्र की िनतयािं हिखाई गयीिं और उन आलेखों को पहचानने को कहा गया, नज्हें उन लोगों ने पढ़ा था। इस शोि के द्वारा ननिातररत ककया जाता है कक समाचारपत्र कौन पढ़ रहा है? ककस िकार का पाठक इनमें क्या पड़ता है? पाठक इ्हें क्यों पढ़ता है? ककस िकार के पाठक को ककस िकार सिंतुनष्ट्ट ममलती है? पाठक इ्हें ककतनी िेर पढ़ता है? मीडडया के मामलक अपने पाठक की िकृनत जानने के इच्छुक रहते हैं ताकक उनकी जरूरतों व रुधचयों के अनुसार मीडडया समाग्री तैयार की जाए। प्रवपज्ञापनिाता भी अपने लक्षक्षत पाठक की प्रवशेषताओिं की जानकारी रखते हैं। पाठक सवेक्षण इसका उत्त्म उिाहरण है।
  • 13. रर्ाव का अध्ययन- इसमेंसमाचारपत्र और उसमें िी गई सामग्री का पाठकों पर िभाव का अध्ययन ककया जाता है। समाचारपत्र में छपी खबरों ने लोगों के प्रवचारों व व्यवहार को कैसे िभाप्रवत ककया। शोिकतात मीडडया के व्यनक्तगत, सामानजक, सािंस्कृनतक व राजनीनतक आहि के िभावों का वणतन करने की कोमशश करता है। िभाव सिंबिंिी शोि अध्ययन प्रवज्ञापन, जनसिंपकत व चुनावी अमभयानों के क्षेत्रों में बहुत महत्व रखता है। िीिबैक का अध्ययन- फीडबैक ककसी भी सिंचार को िभावी बनाने के मलए एक आवश्यक तत्व है। प्रिटिं मीडडया में फीडबैक की गनत काफी िीमी होती है। िीि िॉरवि भअध्ययन- प्रिटिं मीडडया में इस तरह के शोि ककए जाते हैं। ककसी तरह के सिंचार को शुरू करने पहले अपने पाठक वगत जान लेना एक अच्छा ननणतय हो सकता है।
  • 14. जनसंचार रफिया संचारक संदेश माध्यम रापक रर्ाव िीिबैक समाचार पत्र रबंध या संगठन शोध टाइपोग्रािी एवं साज-सज्जा शोध ववषय शोध या संदेश शोध रीिरमशप शोध या पाठक शोध रर्ाव का अध्ययन िीिबैक अध्ययन
  • 15. शोध की उपयोधगता बेहतर कंटेंट और कुछ नया करने के मलए- हमेंशोि के द्वारा ही यह जानकारी ममलती है कक पाठक क्या चीज पढ़ता है और उसे क्या चीज ज्यािा िभाप्रवत करती है। साथ ही शोि से यह भी पता चल सकता है कक पाठक अपने समाचारपत्र मेंऔर कौन सी चीजे पढ़ना चाहता है। यह जानकारी ककसी भी समाचारपत्र सिंगठन के मलए काफी आवश्यकत सूचना है। नजससे वह अपने किंटेंट को बेहतर बना सकता है। मस्धांत ननमाभण के मलए- मसद्िािंत ननमातण शोि के उद्िेश्यों मेंशाममल है। मीडडया शोि भी इससे अछूता नहीिंहै। जैसे एजेंडा सेहटिंग थ्योरी आहि। नकारात्मक रर्ावों को जानने मेंसहायक- मीडडया एक समय मेंकाफी जानकारी सिंचाररत करती है। नजसके नकारात्मक और सकारात्मक िोनों तरह के असर पड़ते हैं। नकारात्मक िभावों को जानने के मलए भी मीडडया शोि ककया जाता है। नजससे उसे नस्थनत से आगे बचा जा सके।
  • 16. र्ववष्ट्य की योजना और तैयाररयों में सहायक- शोि का एक सबसे बड़ा फायिा या लाभ यह होता है कक इससे हम भप्रवष्ट्य की प्लाननगिं या योजनाएिं बना सकते हैं। शोि के द्वारा हमें समस्या या सिंभावनाओिं का सही-सहीिं औसत िाप्त होता है। उसी आिार पर सिंगठन खुि को भप्रवष्ट्य के मलए तैयार कर लेगा। लोगों की बदली हुई रूधच को जानने में सहायक- आज समाज तेजी से बिल रहा है और उसमें लोगों की रूधच भी बिल रही है। शोि के द्वारा ही यह पता चलती है कक उनकी रूधच में कैसे बिलाव आ रहे हैं। उनकी सोच क्या बिलाव आ रहे हैं और उनके कारण क्या है।
  • 17. सिंिभत मीडडया शोि (डॉ ियाल शमात) मीडडया शोि (ऋतु गोठी) प्रिटिं मीडडया मसद्िािंत एविं व्यवहार (रूपचििं गौतम) क्लास नोट्स