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मथुरा | वर्तमान दौर में उच्च
शिक्षा हासिल कर रहे अथवा
उच्च शिक्षा के लिए विषय संबंधी
योजना बना रहे विद्यार्थियों के लिए
निसंदेह बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। विश्व
जिन हालातों से गुजर रहा है उसको
देखते हुए उच्च शिक्षा में भी व्यापक
परिवर्तन का परिदृश्य बन रहा है।
इसको ध्यान में रख कर ही हमारी आने
वाली पीढ़ी को अपनी शैक्षिक योजना
तैयार करनी चाहिए।
यह बात विद्यार्थियों के नाम से जारी
एक संदेश में संस्कृति विश्वविद्यालय
के कुलाधिपति ने कही है। उन्होंने कहा
कि आज का समय ऐसा है जिसमें की
हम घर पर बैठे ही अपने भविष्य को
निर्धारित कर सकते हैं। इसके लिए
विद्यार्थी जोकि उच्च शिक्षा में पदार्पण
करने वाले हैं, उनको सबसे पहले
अपना लक्ष्य निर्धारित करना होगा।
अपने लक्ष्य के अनुसार विषय का चयन
करना होगा। विषय चयन करने के बाद
उनको वह शिक्षण संस्थान तलाशना
होगा जिससे कि वह अपने भविष्य का
निर्माण कर सकें। उन्होंने अपने संदेश
में जानकारी देते हुए बताया कि संस्कृति
विश्वविद्यालय ने कोरोना महामारी
के संकट को देखते हुए प्रारंभ में ही
ऑनलाइन शिक्षा की तैयारियां शुरू कर
दी थीं। यह सब छात्रों की आवश्यकता
और सुविधा की दृष्टि से किया गया था।
विश्वविद्यालय की एकेडमिक टीम ने
सभी विषयों के पाठ्यक्रम को ऑनलाइन
के लिए सहज बनाते हुए, तैयार किया
है। आज संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा
सभी पाठ्यक्रम विभिन्न ऐप के माध्यम
से विषय के अनुसार लोड किए जा चुके
हैं। ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था
है और विशेष दक्षता हासिल करने के
लिए निरंतर वेबिनार आयोजित की
जा रही हैं, जिनके द्वारा विषय विशेषज्ञ
विषय संबंधी नवीनतम जानकारियां
उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि
संस्कृति विश्वविद्यालय के माध्यम से
विद्यार्थी अपनी कक्षाएं, विषय संबंधी
पाठ्यक्रम, विषय विशेषज्ञों की सेमिनार
और फैकल्टी से सीधे संपर्क कर अपने
विषय संबंधी समस्याओं का निराकरण
ऑनलाइन कर रहे हैं और कर सकते
हैं। कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने अपने
संदेश में स्पष्ट करते हुए कहा है कि
हमने सिर्फ विद्याध्ययन के लिए ही
नहीं बल्कि उच्च शिक्षा के लिए योजना
बना रहे विद्यार्थियों के प्रवेश हेतु भी
विस्तृत प्रवेश प्रणाली तैयार की हुई है।
विद्यार्थी उन रोजगारपरक पाठ्यक्रमों में
ऑनलाइन प्रवेश सहजता से ले सकता
है, जिसमें कि उसकी रुचि है। प्रवेश
संबंधी प्रक्रिया अथवा अन्य कोई भी
जानकारी संस्कृति विश्वविद्यालय की
वेबसाइट से , दिए गए फोन नंबरों से
की जा सकती है। कुलाधिपति सचिन
गुप्ता ने सभी विद्यार्थियों को वर्तमान
स्थिति से ना घबराते हुए अपनी शिक्षा
को निरंतर जारी रखने की अपील करते
हुए कहा है कि इस देश को योग्य और
कुशल विद्यार्थियों की बहुत जरूरत
है। यही विद्यार्थी हमारे देश का भविष्य
निर्माण करेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से
यह भी कहा है कि वह इस महामारी
के दौरान आने वाली समस्याओं का
सरकार के दिए गए निर्देशों के अनुरूप
ही समाधान करें। स्वयं तो उनका पालन
करें ही साथ में अपने परिवार और
आसपास के लोगों को इस महामारी की
गंभीरता से परिचय कराते हुए सावधान
रहने के लिए और आवश्यक सभी
निर्देशों का पालन करने के लिए प्रेरित
करते रहें।
www.sanskriti.edu.in
ASSOCHAM
THE TIMES OF INDIA
EstablishednUnder Section 2(f) of UGC Act, 1956
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Awarded
"MostPreferred
Universitywith
Exposure"BY
Institutes-Research
Capabilityby
inEmerging
Engg.
Ranked
Thetimesofindia
मथुरा| उत्तर प्रदेश के
विश्वविख्यात शहर मथुरा की
तहसील छाता स्थित संस्कृति
विश्वविद्यालय द्वारा उच्च शिक्षा और
शोध के क्षेत्र में लगातार कीर्तिमान
स्थापित किए जा रहे हैं। भारतीय शिक्षा
संस्कृति की मजबूत नींव के साथ खड़े
हुए इस विवि की टीम द्वारा ऐसे
प्रोफेशनल तैयार किए जा रहे हैं जिनकी
विश्व की नामी गिरामी कंपनियों को
जरूरत है।
विश्वविद्यालय ने थोड़े ही समय में उच्च
शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कामयाबी
हासिल करने में सफलता अर्जित की
है। विभिन्न मौकों पर विश्वविद्यालय का
दौरा करने वाले विदेशी और देश की
ख्याति प्राप्त कंपनियों के विशेषज्ञों ने इस
सच्चाई की खुले मंच पर स्वीकारोक्ति
की है। सफलताओं ने विश्वविद्यालय
को और आधुनिक संसाधनों से युक्त
करने के लिए प्रोत्साहित किया है। आज
संस्कृति विश्वविद्यालय का दुनिया के
चुनिंदा विश्वविद्यालयों से शैक्षणिक
करार है, जिसके कारण विवि के
विद्यार्थियों को दुनिया की ताजातरीन
तकनीक की जानकारी तो हासिल
होती ही है साथ ही उन्हें अत्याधुनिक
शोध के मौके भी मिलते हैं। संस्कृति
विश्वविद्यालय विश्व के श्रेष्ठ उच्च
शिक्षण संस्थानों में स्थान पाने के
संकल्प तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।
ऐसा देखने में आया है और यह प्रमाणित
भी है कि देश में जिन क्षेत्रों में समृद्ध
और संकल्पित शिक्षण संस्थान हैं, उस
क्षेत्र के नौजवानों ने तेजी से तरक्की
की है और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ख्याति
अर्जित की है। इस बात को ध्यान में
रखते हुए ही ब्रज क्षेत्र में उच्च शिक्षा
के संपूर्ण साधन संपन्न केंद्र के रूप में
संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना
की गई है। संस्कृति विश्वविद्यालय के
कुलाधिपति सचिन गुप्ता का कहना है
कि हमारा लक्ष्य है कि देश का कोई भी
युवा जो उच्च शिक्षा के क्षेत्र एक मुकाम
हासिल करना चाहता है, वह यहां
अध्ययन कर अपना सपना पूरा करे।
आज ब्रज में रहने वाला हर विद्यार्थी
जो उच्च शिक्षा हासिल कर रोजगार
पाना चाहता है, गर्व के साथ कह
सकता है कि उसे अब कहीं और जाने
की जरूरत नहीं क्योंकि उसके अपने
क्षेत्र में ही संस्कृति विश्वविद्यालय
है। छात्र-छात्राओं को प्रवेश लेने में
किसी प्रकार की कोई कठिनाई न आए,
इसके लिए विश्वविद्यालय में प्रवेश
की सहज प्रक्रिया निर्धारित की गई है।
विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की
शिक्षा मिले इसके लिए विश्वविद्यालय
द्वारा फैकल्टी चयन की विशेष और
विस्तृत प्रक्रिया अपनाई जाती है। विवि
विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय संसाधन
और शैक्षणिक माहौल देने के लिए
संकल्पित हैं।
अंतरराष्ट्रीय जरूरतों के अनुसार
शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर बदलाव हो
रहे हैं। रोजगारपरक शिक्षा के आज के
पाठ्यक्रम कल के लिए पुराने हो रहे हैं।
इस तेजी से बदलाव के दौर में शिक्षण
संस्थानों के सामने भी कड़ी चुनौतियां
हैं। कंपनियों और अपना व्यवसाय
चुनने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों
के सामने यदि जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा
है तो मौके भी अनेक हैं, नया कुछ
करने के। संस्कृति विश्वविद्यालय इस
मायने में ऐसे विद्यार्थियों के अध्ययन
के लिए एक उपयुक्त केंद्र सिद्ध हो रहा
है। विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति
राजेश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया
कि विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही
शिक्षा का ढांचा ऐसा तैयार किया गया
है जो अंतर्राष्ट्रीय जरूरतों के मुताबिक
हो। निसंदेह यह कठिन कार्य था। एक
तो ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों को
अत्याधुनिक शिक्षा के लिए तैयार करना
और दूसरा उनको इस योग्य बनाना
ताकि वे विश्व के उच्च स्तरीय शिक्षण
संस्थानों के विद्यार्थियों के समकक्ष उसी
योग्यता और कौशल के साथ खड़े हो
सकें। हमारे विश्वविद्यालय के शिक्षकों
ने इस चुनौती का डटकर सामना किया
और उसपर खरे उतर रहे हैं। आज
संस्कृति विश्वविद्यालय से पढ़ने वाले
छात्र विश्व की नामी गिरामी कंपनियों
में अच्छे पैकेज पर नौकरियां पा रहे हैं।
इससे अधिक खुशी का विषय तो यह
है कि यहां अध्ययन पाए छात्र अपना
रोजगार खड़ा करने में अधिक रुचि रख
रहे हैं और रोजगार देने वाले बन रहे
हैं। निकट भविष्य में विश्वविद्यालय
की योजना अन्य तमाम ऐसे पाठ्यक्रम
शुरू करने की है जो आज की जरूरतों
के मुताबिक महत्व रखते हैं।
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Highway, Chhata, Mathura (U.P.)
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विवि विद्यार्थियों को उच्च
स्तरीय संसाधन और
शैक्षणिक माहौल देने के
लिए संकल्पित
सचिन गुप्ता कुलाधिपति संस्कृति विश्वविद्यालय
¥´ÌÚUÚUæCþèØ âãØô»
¥õlôç»·¤ ÅUæ§ü-¥Â
Santhigiri Ashram
भारतीय चिकित्सा प्रणाली को
प्रतिष्ठापित करने के साथ ही
ब्रजवासियों को आयुर्वेदिक
चिकित्सा तथा सिद्धा प्रणाली के
जरिये निरोगी रखने के लिए
संस्कृति यूनिवर्सिटी ने शांतिगिरि
आश्रम से अनुबंध किया है। इस
अनुबंध से ब्रज क्षेत्र ही नहीं समूचे
उत्तर भारत में आयुर्वेदिक चिकित्सा
को नया आयाम मिलेगा।
MoU with ICAR,
Government of India
कृषि एवं बायोटेक्नोलाजी के छात्र-
छात्राओं के सपनों को नया आयाम
देने के लिए संस्कृति यूनिवर्सिटी
प्रबंधन ने एक ऐतिहासिक निर्णय
लेते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान
परिषद के अंतर्गत कार्यरत राष्ट्रीय
पादप आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो
से अनुबंध किया है। इस अनुबंध
से संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्र-
छात्राएं लाभान्वित हो सकेंगे।
Nayati Medicity
छात्र-छात्राओं के विश्वस्तरीय ज्ञान-
कौशल एवं क्षमताओं को विकसित
करनेकेलिएसंस्कृतिविश्वविद्यालय
ने चिकित्सा क्षेत्र में देश के अग्रणी
अस्पतालों में शुमार नयति मेडिसिटी
के साथ दीर्घकालिक अनुबंध किया
है। यह छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण
क्षमता विकास में मील का पत्थर
साबितहोगा।इससेयुवापीढ़ीकेलिए
अनेकसम्भावनाओंकेद्वारखुलेंगे।
NIESBUD
ई-कॉमर्स में कारोबार के बढ़ते
अवसरों को देखते हुए संस्कृति
यूनिवर्सिटी ने नेशनल इंस्टीट्यूट
फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एण्ड स्मॉल
बिजनेस डेवलपमेंट (निसबड) से
अनुबंध किया है। इस महत्वाकांक्षी
निर्णय से अब युवा पीढ़ी ई-कॉमर्स
बिजनेस शुरू कर सकती है। इस
अनुबंध से संस्कृति यूनिवर्सिटी के
छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो सकेंगे।
Red Hat Academy
रेड हैट एकेडमी के साथ हमारी
सहयोगात्मक साझेदारी हमारे
छात्रों को खुले स्रोत और रेड
हैट प्रौद्योगिकियों के भीतर एक
आशाजनक कैरियर मार्ग स्थापित
करने के लिए सशक्त बनाना है।
रेड हैट एकेडमी एक सम्मानित
एकेडमी में से एक है। इस अनुबंध
से संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्राें के
लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे।
MSME (CNC)
सूक्ष्म,लघुऔरमध्यमउद्यम(एमएसएमई)
भारत सरकार का उपक्रम है। एमएसएमई
के सहयोग से संस्कृति यूनिवर्सिटी में खुले
सेण्टर आफ एक्सीलेंस का लाभ तकनीकी
शिक्षा के छात्र-छात्राओं को स्मार्ट इंजीनियर
बनने में मददगार है। आज की इंडस्ट्रियल
डिमांड को देखते हुए संस्कृति यूनिवर्सिटी में
छात्र-छात्राओं को आटोकैड, एन्सिस और
मैन्यूफैक्चरिंग में सीएनसी की ट्रेनिंग भी
प्रदान की जा रही है।
MSME (Agriculture)
बेरोजगारी हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या
है। इस समस्या से निजात के लिए संस्कृति
यूनिवर्सिटी ने एमएसएमई के साथ सेंटर ऑफ
एक्सीलेंस खोला है ताकि छात्र-छात्राओं को
व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर स्वावलम्बी बनाया
जा सके। इकोलॉजिकल फॉर्मिंग सेण्टर में
देश के किसी भी राज्य का छात्र तथा किसान
प्रशिक्षण हासिल कर अपने सपनों को पंख
लगा सकता है। कृषि युवा पीढ़ी को रोजगार
देने वाला दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है।
MSME for setting up
Centre of Excellence
संस्कृति यूनिवर्सिटी में संचालित सेण्टर ऑफ
एक्सीलेंस में अध्ययन-अध्यापन के साथ
लेटेस्ट टेक्नीक में दक्षता हासिल करने की
सभी तरह की व्यवस्थाएं हैं। मानव विकास
के क्रम में सीएनसी मशीन और रोबोटिक्स
की कार्यप्रणाली एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
भविष्यकेअधिकांशअनुसंधानअबपूरीतरह
सीएनसी मशीन और रोबोटिक तकनीक पर
हीआधारितहोंगे।रोबोटमेंकम्प्यूटरप्रोग्राम
कार्यविशेषकेलिएआवश्यकहैं।
Sri Aurobindo Society
संस्कृति यूनिवर्सिटी और श्री अरबिन्दो
सोसाइटी फॉर इण्डियन कल्चर (सैफिक)
पांडिचेरी के साथ अनुबंध होना ब्रज मण्डल के
लिएकिसीसौगातसेकमनहींहै।फाउण्डेशन
भारतीय संस्कृति, शिक्षा, अनुसंधान में
विनिमय और सहयोग प्रदान करेगा। दोनों
संस्थानमिलकरडिग्री-डिप्लोमासहितविभिन्न
पाठ्यक्रम तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित
कर भारतीय संस्कृति और संस्कारों पर
आधारित वैज्ञानिक शिक्षण को आगे बढ़ाएंगे।
संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों से किए गए समझौते शिक्षण प्रक्रिया के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। यह समझौते अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर ख्यातिप्राप्त शिक्षण संस्थानों से किए गए हैं। इनका लाभ उठाकर विश्वविद्यालय के छात्र अनेक उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। इन समझौतों से विश्व विद्यालय
की शिक्षण क्षमताओं में भी बड़ी वृद्धि हुई है। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह विश्वास है कि विशेषज्ञता और अनुभव से शिक्षण कार्य के उत्तरोत्तर विकास में बड़ा सहयोग
मिलता है। इसी सोच पर विश्वास करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थानों से अपने समझौतों और पार्टनरशिप को लगातार विस्तार दे रहा है ताकि
विश्वस्तरीय शिक्षण कार्य और व्यवसायों के ज्ञान क्षेत्र का लाभ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को मिल सके।
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COURSES TO INSPIRE YOU
Name of the
Programme
Minimum
Duration
Branch/ Specialization Eligibility
Annual Fee
(R)
Semester
Fee (R)
School of Engineering & Information Technology
B.Tech. 4 Years CS&E / CE / EE / ECE / ME
10+2 with minimum 50% marks in
PCM. (Admission on merit of SEE/
JEE/ Qualifying exam)
1,15,000/- 59,500/-
B.Tech. in
collaboration
with Xcelerator
4 Years
Computer Science &
Engineering (CS&E) with
specialization in:
• Cloud Computing & DevOps
• Data Science
10+2 with minimum 50% marks in
PCM.(Admission on merit of SEE/
JEE/Qualifying exam)
1,30,000/- 65,000/-
B.Tech. in
collaboration
with MSME
4 Years
• Artificial Intelligence
• Internet of Things (IOT)
10+2 with minimum 50% marks. 1,15,000/- 59,500/-
B.Tech.
(Lateral Entry)/
Migration
3 Years
• Computer Science &
Engineering
• Civil Enginedering
• Mechanical Engineering
Lateral Entry: Minimum 55%
marks in 3 years Diploma
recognized by Board of technical
education in appropriate branch
of Engineering/B.Sc. (PCM) with
minimum 60% marks in the above
subjects taken together.
Migration: Clear pass in B.Tech.
first year from a recognized
University in the same discipline,
subject to matching of courses.
1,15,000/- 59,500/-
M.Tech. 2 Years
• CS&E
• CE (Structural Engineering)
• EE (Power System &
Engineering)
• ECE (VLSI) • ME
B.Tech. with Minimum 55% marks
in the relevant branch or 60%
in MCA for Computer Science &
Engineering.
60,000/- 32,000/-
Manufacturing Technology &
Automation [In Collaboration
with MSME-Technology
Development Centre (PPDC),
Govt. of India]
B.Tech. or B.E. in Metallurgy/
Mechanical/ Material Science/
Production/Mechatronics or
equivalent with a minimum 55%
marks in aggregate.
70,000/-
(Tuition fee waiver
Rs. 60000/- for
SC/ST students)
BCA 3 Years • Computer Applications
10+2 with Mathematics/
Computer Science/ Information
Practices etc. with minimum
50% marks in best four subjects
including the above subjects.
50,000/- 27,500/-
MCA 3 Years • Computer Applications
BCA/Bachelor degree with
Mathematics at 10+2 level or at
graduation level, with minimum
50% marks in aggregate.
60,000/- 32,000/-
MCA
(Lateral Entry)
2 Years • Computer Applications
BCA with minimum 50% marks in
aggregate.
60,000/- 32,000/-
Integrated
BCA + MCA
5 Years • Computer Applications
10+2 with Mathematics/Computer
Science/ Information Practices etc.
With minimum 50% marks in best four
subjects including the above subjects
50,000/- 27,000/-
University Polytechnic
Diploma in
Engineering
3 Years
• CS&E/CE/EE/ECE
• ME (Automobile/Production)
10th with minimum 35% marks in
aggregate.
42,000/- 23,000/-
Diploma in
Engineering in
collaboration
with MSME
3 Years • Foundry Technology
10th with minimum 50% marks in
aggregate.
42,000/- 23,000/-
Lateral Entry
in 2nd year
of Diploma in
Engineering
After 10+2
2 Years
• CS&E / CE / EE / ECE
• ME (Automobile/
Production)
• Foundry Technology
10+2 with Science/ Mathematics/
Vocational subject or 10th + 2 Year
ITI in appropriate Specialization
with 50% marks.
45,000/- 24,500/-
School of Management & Commerce
BBA 3 Years
10+2 with minimum 50% marks in
best four relevant subjects.
45,000/- 24,500/-
B.Com. 3 Years
10+2 with minimum 50% marks in
best four relevant subjects.
30,000/- 17,000/-
B.Com. (Hons.) 3 Years
10+2 with minimum 50% marks in
best four relevant subjects.
45,000/- 24,500/-
M.Com. 2 Years
B.Com. (pass) or B.Com. (Hons.) with
minimum 50% marks in aggregate.
30,000/- 17,000/-
MBA 2 Years
With Dual Specialization in
any two of below:
• Human Resource
• Finance
• International Business
• Marketing Management
• Hospital & Health Care
• Hospitality & Tourism
Bachelor’s Degree (any discipline)
with 50% marks in aggregate.
Preference will be given to
candidates who qualified CAT/
MAT/XAT/ NMAT with good score.
1,15,000/- 59,500/-
Integrated
BBA+MBA
5 Years
10+2 with minimum 50% marks in
best four relevant subjects.
50,000/- 27,500/-
School of Tourism & Hospitality
B.Sc. 3 Years • Hotel Management
10+2 with minimum 50% marks in
best four subjects.
60,000/- 32,000/-
P.G. Diploma 1 Year • Hotel Management
Graduate in any stream with
minimum 50% marks in aggregate.
60,000/- 32,000/-
School of Agriculture
B.Sc. 4 Years • Agriculture
10+2 with PCM/PCB/Agriculture
with minimum 50% marks in
aggregate.
67,000/- 35,500/-
M.Sc. 2 Years • Agriculture (Agronomy)
Graduate in relevant subject with
minimum 50% marks in aggregate.
50,000/- 27,000/-
School of Education
BA B.Ed / B.Sc.
B.Ed.
4 Years • Education
10+2 with at least 50% aggregate
marks in Humanities/ Science.
40,000/- 22,000/-
B.Ed. 2 Years • Education
Graduation in any stream with
minimum 50% marks in aggregate.
60,000/- 32,000/-
D.El.Ed. 2 Years • Education
Graduation in any stream with
minimum 50% marks in aggregate.
(Through state Govt. Counselling)
- -
B. El Ed. 4 Years • Education
10+2 in any stream with minimum
50% marks in aggregate.
40,000/- 22,000/-
M.Ed. 2 Years • Education
B.Ed. with 50% marks in aggregate
or equivalent.
50,000/- 27,000/-
School of Rehabilitation (Approved by RCI)
B.Ed. (Spl.) 2 Years
• Special Education
(LD, HI & MR)
Candidates with at least 50%
marks either in the Bachelors
Degree and / or in the Master
degree in Sciences/ Social
Sciences/ Humanities/ Bachelors
in engineering or Technology With
Specialization in science and
Mathematics with 55% marks or
any other qualification equivalent
thereto, are eligible for admission
to the programme. (As per RCI
Norms)
60,000/- 32,000/-
D.Ed. (Spl.) 2 Years
• Special Education
(CP, ASD & MR)
10+2 with minimum 50% marks.
(As per RCI Norms)
- -
School of Law & Legal Studies
LLB (Hons.) 3 Years • Law
Graduate in any stream with
minimum 45% marks in aggregate.
75,000/- 39,500/-
BA LLB (Hons.)
Integrated
5 Years • Law
10+2 with minimum 45% marks in
aggregate.
80,000/- 42,000/-
B. Com
LLB (Hons.)
Integrated
5 Years • Law
10+2 with minimum 45% marks in
aggregate.
80,000/- 42,000/-
School of Humanities & Social Science
B.A. (Pass) 3 Years
10+2 with minimum 50% marks in
best four subjects.
30,000/- 17,000/-
B.A. 3 Years
• Indian Cultural Studies
• Psychology
10+2 with minimum 50% marks in
best four subjects.
30,000/- 17,000/-
M.A. 2 Years • Economics
Bachelor’s degree or equivalent
with relevant subjects with
minimum 50% marks in aggregate.
25,000/- 14,500/-
Name of the
Programme
Minimum
Duration
Branch/ Specialization Eligibility
Annual Fee
(R)
Semester
Fee (R)
School of Fashion Designing
Diploma 3 Years • Fashion Designing
10th with minimum 50% marks in
aggregate.
42,000/- 23,000/-
Lateral Entry
in 2nd year of
Diploma After
10+2
2 Years • Fashion Designing
10+2 with minimum 50% marks in
best four subjects.
45,000/- 24,500/-
B.A. 3 Years • Fashion Designing
10+2 with minimum 50% marks in
best four subjects.
50,000/- 27,000/-
School of Yoga & Naturopathy
BNYS 4.5 Years
• Naturopathy and
Yogic Sciences
10+2 with Physics, Chemistry &
Biology as compulsory subjects,
having obtained minimum 50%
marks in the above subjects taken
together.
1,20,000/- 62,000/-
B.Sc. Yoga &
Naturopathy
3 Years • Yoga & Naturopathy
10+2 with Science with Minimum
50% Marks in aggregate.
40,000/- 22,000/-
Post Graduate
Diploma
1 Year
(including
6 months
internship)
• Yoga & Naturopathy
Graduate in any stream with
minimum 45% marks in aggregate.
24,000/- 14,000/-
School of Basic & Applied Sciences
B.Sc. 3 Years
• Biotech
• General (PCM)
• General (ZBC)
10+2 or equivalent with Agriculture/
Biology/ Biotechnology/PCM with
minimum 50% marks in best four
including the relevant subject.
45,000/- 24,500/-
B.Sc. 3 Years • Forensic Science
Pass with 60% aggregate marks
in 10+2 with English, Physics,
Chemistry and Maths/ Biology/
Biotechnology or equivalent subject.
1,00,000/- 52,000/-
M.Sc. 2 Years
• Biotech
• Industrial Chemistry
Graduation in science with
minimum 50% marks in aggregate
with relevant subject.
30,000/- 17,000/-
M.Sc. 2 Years • Solar Technology
Graduation in science with
minimum 50% marks in aggregate.
60,000/- 32,000/-
School of Medical & Allied Sciences
DMLT 3 Years • Medical Lab Technology
10th with minimum 50% marks in
aggregate.
50,000/- 27,000/-
DMLT 2 Years • Medical Lab Technology
10+2 examination with Physics,
Chemistry & Biology as compulsory
subjects, having obtained minimum
50% marks in the above subjects
taken together.
50,000/- 27,000/-
BPT
4.5 Years
including
6 months
Internship
• Physiotherapy
10+2 with Physics, Chemistry &
Biology as compulsory subjects
having obtained minimum 50%
marks in the above subjects taken
together.
75,000/- 40,000/-
B.Sc. (MLT) 3 Years • Medical Lab Technology
10+2 with Physics, Chemistry &
Biology as compulsory subjects,
having obtained minimum 50%
marks in the above subjects taken
together.
60,000/- 32,000/-
Bachelor of
Optometry
(B.Optom.)
4 Years • Optometry
10+2 with Physics, Chemistry
& Biology/ Mathematics as
compulsory subjects, having
obtained minimum 50% marks in
the above subjects taken together.
60,000/- 32,000/-
B.Sc. 3 Years • Cardiovascular Technology
10+2 with Physics, Chemistry &
Biology as compulsory subjects,
having obtained minimum 50%
marks in the above subjects taken
together.
60,000/- 32,000/-
MPT 2 Years
• Orthopedics • Sports
• Neurology • Pediatrics
BPT with minimum 50% marks
in aggregate and completion of
compulsory internship of 6 months.
50,000/- 27,000/-
Sanskriti Ayurvedic Medical College & Hospital [Approved by CCIM, New Delhi, Ministry of AYUSH (GOI) & Govt. of U.P.]
BAMS
5.5 Years 100
Seats
• Ayurvedic Medicine &
Surgery
10+2 examination with Physics,
Chemistry, & Biology as
compulsory subjects, having
obtained minimum 50% marks in
the above subjects taken together.
(As per Council/ Ayush/ NEET/
CET/ CPAT norms
- -
Sanskriti Unani Medical College & Hospital [Approved by CCIM, New Delhi, Ministry of AYUSH (GOI) & Govt. of U.P.]
BUMS
5.5 Years 60
Seats
• Unani Medicine & Surgery
10+2 examination with Physics,
Chemistry, & Biology as compulsory
subjects, having obtained minimum
50% marks in the above subjects
taken together. (As per Council/
Ayush/NEET/CET/CPAT norms)
- -
School of Pharmacy (Approved by PCI)
B.Pharm. 4 Years • Pharmacy
Passed 10+2 examination with
English as one of the subjects
and PCM and/or PCB/ PCMB As
optional subjects individually (As
per PCI norms).
1,00,000/- 52,000/-
B.Pharm.
Lateral Entry
(to second year/
third semester)
3 Years • Pharmacy
Pass in D. Pharm course from an
institution approved by PCI under
section 12 of the Pharmacy Act.
(As per PCI norms)
1,10,000/- 57,000/-
D.Pharm. 2 Years • Pharmacy As per PCI norms. 1,25,000/- 64,500/-
Ph.D Programme Full Time Part Time
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Masters degree in relevant
subjects with a minimum of
55% marks (CGPA 5.5 on a 10
point scale) or equivalent from a
recognized University/Institution.
75,000/- 60,000/-
Rankings & Awards
×ÍéÚUæ|w®w® 3www.sanskriti.edu.in
मथुरा | संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल
कालेज एंड हास्पिटल द्वारा आयोजित
“इम्युनिटी बूस्टर एंड कोविड-19
प्रिंवेटिव मेसर्स फार चिल्डरन” विषयक
सेमिनार में मुख्यवक्ता यूपी यूनिवर्सिटी
आफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सैफईं
इटावा के कुलपति प्रोफेसर (डा.)
राजकुमार ने विश्व को झकझोरने वाली
महामारी कोरोना से बचाव के लिए
आयुर्वेद के प्रभावकारी इस्तेमाल के
बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए
कहा कि आयुर्वेद में उल्लेखित ऐसी
अनेक जड़ी बूटियां हैं जिनका इस्तेमाल
कर लोग इस कोविड-19 के प्रकोप से
अपना बचाव कर सकते हैं। उन्होंने
बताया कि आयुर्वेद के माध्यम से शीघ्र
ही विश्व कोरोना से मुक्त पाएगा। हमने
इससे निपटने के लिए औषधि तैयार कर
ली है, लगातार प्रशिक्षण चल रहे हैं।
इस औषधि का नाम ‘राज निर्वाण’ बूटी
दिया गया है।
सेमिनार में गेस्ट आफ आनर निदेशक
उप्र आयुर्वेदिक सेवाएं ने कहा कि आज
कोरोना महामारी से जूझने में आयुर्वेद
एक बड़ी भूमिका निर्वाह कर रहा है।
संस्कृति विवि के चेयरमैन और देश
के सबसे युवा कुलाधिपति सचिन
गुप्ता के नेतृत्व में संस्कृति आयुर्वेद
कालेज बच्चों की इम्युनिटी में सरकार
के कार्यक्रमों में विशेष सहयोग प्रदान
कर सकता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि
प्रदेश सरकार की आयुर्वेदिक सेवाओं
द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं,
जिसमें आयुष आपके द्वार, स्कूल हेल्थ
प्रोग्राम, स्वर्ण पाशन्न संस्कार आदि हैं।
इनके द्वारा आयुर्वेद के उपयोगी प्रयोग के
प्रति लोगों को जागरूक तो किया ही जा
रहा है, साथ ही साथ उनको स्वास्थ्य
संबंधी सेवाएं भी दी जा रही हैं। संस्कृति
विवि द्वारा भी ग्रामीण क्षेत्र में आयुष
मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार
तैयार काढ़ा वितरित किया गया है।
जहां तक बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने की
बात है तो उसके लिए हमारे कार्यक्रमों
द्वारा बच्चों के खानपान, व्यायाम तथा
आयुर्वेद की औषधियों की जानकारी दी
जा रही है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता
को आयुर्वेद के पारंपरिक तरीकों को
अपनाकर बढ़ाया जा सकता है। इस बारे
में वेबिनार में ज्ञानवर्धक जानकारी भी
दी। साथ ही भारत में कोरोना महामारी
का मुकाबला करने के लिए पारंपरिक
उपचार पद्धति में आयुर्वेद के प्रयोग
की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
राजकीय आयुर्वेदिक कालेज लखनऊ
में कौमार्य भृत्य विभाग के विभागाध्यक्ष
प्रोफेसर (डा.) मिथलेश वर्मा ने बाल
स्वास्थ्य पर कोविड-19 के संदर्भ में
उपयोगी वक्तव्य दिया। आल इंडिया
इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद नई दिल्ली
के एसोसिएट प्रोफेसर ने बच्चों पर
इस महामारी के कारण पड़ने वाले
मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर विस्तार से
प्रकाश डाला और बच्चों की देखभाल
के लिए रसायन के प्रयोग के महत्व को
बताया। वेबिनार में आयुर्वेद कालेज के
सभी छात्र-छात्राओं और चिकित्सकों ने
बड़ी संख्या में भाग लिया। इससे पूर्व
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति
डा. राणा सिंह व एकेडमिक डीन सुरेश
कासवान में अतिथियों का परिचय देते
हुए स्वागत किया। वेबिनार का समापन
संस्कृति विवि की विशेष कार्याधिकार
मीनाक्षी शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
मथुरा |संस्कृति विश्वविद्यालय
के स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड
कामर्स द्वारा 'कैरियर अपोर्चुनिटीस पोस्ट
कोविड-19' विषयक एक महत्वपूर्ण
राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया
गया। वेबिनार को दिल्ली विश्वविद्यालय
के वरिष्ठ प्रोफेसर, अंतरराष्ट्रीय
मोटिवेटर डा. संजय सिंह बघेल द्वारा
मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया
गया। जूम ऐप पर संचालित यह वेबिनार
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यू ट्यूब के द्वारा
प्रसारित हुई। वेबिनार में अनेक पुरस्कारों
से पुरस्कृत डॉक्टर संजय सिंह बघेल ने
कोरोना की विभीषिका की जानकारी देते
हुए कहा कि इस महामारी से पूरा यूरोप
जूझ रहा है और भारत पर भी इसका
काफी प्रभाव हुआ है। उन्होंने कहा कि
आने वाला समय रोजगार के लिए बहुत
ही चुनौतीपूर्ण होगा। ऐसे समय में हमारे
देश में छात्र-छात्राओं को रोजगार के
अवसर तलाश कर विश्व में अपनी एक
पहचान बनाना ही उचित है। शिक्षकों को
चाहिए कि वे इस काम में विद्यार्थियों की
मदद करें, उनकी समस्याओं का
समाधान करें, उन्हें वह रास्ते बताएं
जिससे कि वे अपने रोजगार को आगे
बढ़ा सकें। उन्हें वह क्षेत्र बताएं जहां पर
कि वह अपने उत्पादों का सरलता से
व्यवसाय कर सकें। ऐसा करने से हमारा
देश न केवल मजबूत होगा वरन विश्व
में एक बड़े उत्पादनकर्ता के रूप में
पहचान बनाएगा। अंत में विद्यार्थियों ने
अनेक प्रश्न पूछकर अपनी समस्याओं
का समाधान किया। वेबीनार में जीवाजी
विश्वविद्यालय ग्वालियर(मध्यप्रदेश),
डीएबीवीवीइंदौर,दिल्लीविश्वविद्यालय
दिल्ली, एमसीआरपीवी विश्वविद्यालय
भोपाल, एमिटी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर,
आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर, सेंट्रल
यूनिवर्सिटी राजस्थान, एलएनपीई
यूनिवर्सिटी ग्वालियर ग्वालियर,
हिन्दुस्तान यूनिवर्सिटी चेन्नई, लवली
प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी पंजाब आदि के
शिक्षकों, विद्यार्थियों ने भाग लिया।
वेबिनार में 105 फैकल्टीज और 514
विद्यार्थी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।
संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित
सेमिनार में संस्कृति विश्वविद्यालय के
डीन डॉ. कल्याण कुमार, डॉ. डीसी
वशिष्ठ, डॉ. जयदेव शर्मा, डा. निर्मल
कुंडू, डॉ. पल्लवी श्रीवास्तव, डॉ.
अनामिका सक्सेना, डा.मृणाल
पालीवाल, डॉ.प्रवीन कुमार, डॉ. दुर्गेश
बाधवा, डॉक्टर हरविंदर कौर, डॉ.
गोपाल अरोड़ा, सुधांशु शाह, प्रवीण शर्मा
आदि अनेक शिक्षक एवं तकनीक
विशेषज्ञ उपस्थित थे। वेबिनार में भाग
ले रहे प्रमुख लोगों का परिचय संस्कृति
विवि के स्कूल आफ मैनेजमेंट के
विभागाध्यक्ष डा.सीपी वर्मा ने कराया।
छाता (मथुरा) | वास्तुकला की सुंदरता
बिखेरता संस्कृति विश्वविद्यालय सोमवार को
अपने स्थापना दिवस समारोह पर जगमगा रहा था।
मुख्य आयोजन स्थल के मंच से मुंबई के ख्यातिप्राप्त
गायक तोषी साबरी और शारिब साबरी के सुर हवाओं
में रूमानियत बिखेर रहे थे तो दूसरी ओर आकर्षक रैंप
वाक करने वाले माडल खादी की सुंदरता को बता रहे
थे। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा भारत की
विविध संस्कृति को अपने नृत्य और गायन से प्रस्तुत
किय़ा। दीप प्रज्ज्वलन के बाद विश्वविद्यालय के
चेयरमैन सचिन गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने
शिक्षण-प्रशिक्षण के साथ उच्च आदर्शों को स्थापित
करने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। विश्वविद्यालय
परिवार चाहे वे कुलपति हों, प्रोफेसर हों या लेक्चरर
सभी अंतर्राष्ट्रीय जरूरतों और वर्तमान चुनौतियों के
अनुरूप प्रोफेशनल तैयार करने में जुटे हैं। हमारा
मानना है कि शिक्षा मानव के व्यक्तित्व निर्माण के
साथ ही किसी भी मुल्क के विकास की आधार शिला
है। इस मौके पर विशेष रूप से उपस्थित नाइजीरिया
दूतावास के प्रथम सचिव मुस्तफा अबूबकर ने संस्कृति
विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था की भूरी-भूरी
प्रशंसा करते हुए विश्वविद्यालय के चेयरमैन सचिन
गुप्ता और शैक्षणिक टीम को शुभकामनाएं दी।
समारोह के दौरान छात्र-छात्राओं को उनके उत्कृष्ट
कार्यों के लिए सम्मानित व पुरुस्कृत किया गया। इसी
क्रम में मुंबई से आए ख्यातिप्राप्त गायक तोषी और
शारिब साबरी ने अपनी सूफियाना गायकी से उपस्थित
श्रोताओं का दिल जीत लिया। विद्यालय के छात्र-
छात्राओं ने खादी के बने वस्त्र पहनकर रैंप वाक की।
एकल गायन, समूह गायन, एकल नृत्य, समूह नृत्य का
सिलसिला देर रात तक अनवरत चलता रहा।
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मथुरा |संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष
2019 के दिसंबर माह तक 150 से अधिक
पेटैंट(बौद्धिक संपदा) के मामले दाखिल किए हैं,
स्वीकृत होने की प्रक्रिया में हैं। गत वर्ष में विवि के
विभिन्न विभागों से जुड़े लगभग एक हजार शोध पत्र
जर्नल के लिए तैयार किये गए हैं। शैक्षणिक और
शोध की दृष्टि से किसी विवि के द्वारा अर्जित की गई
बड़ी सफलता है। विश्वविद्यालय के एक्जीक्यूटिव
डाइरेक्टर पीसी छाबड़ा ने जानकारी देते हुए बताया
कि विवि द्वारा डोर एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, सिस्टम
फार इमेजिंग बाइलोजिकल माइक्रोमोलिक्यूल्स,
आटोमैटिक इर्रिगेशन सिस्टम, लिक्विड फ्लो
मैनेजमेंट सिस्टम, फाल प्रोटेक्शन सिस्टम,
डाइग्नोसिस एंड मैटेनैंस सिस्टम फार आटोमोबाइल्स,
काम्पैक्ट इलेक्ट्रिसिटी जनरेटिंग डिवाइस, आप्टीमल
पावर जनरेटिंग डिवाइस, एक्जास्ट गैस फिल्ट्रेशन
सिस्टम, ड्रायर कम वाटर हीटिंग सिस्टम, क्लोजर
सिस्टम फार प्रैशर वैसेल्स, सिस्टम एंड मैथड फार
एनहांसिंग सिक्योरिटी क्लाउड कंप्युटिंग, हेल्थ
मैनेजमैंट डिवाइस फार एक्वाटिक एनिमल्स, कंटेनर
क्लीनिंग एपरेटस, इलेक्ट्रि प्रोपल्सन जेट इंजिन,
सिस्टम एंड मैथड फार कंडक्टिंग प्वाइंट आफ सेल
ट्रांसेक्शन्स, मैथड फार इन्हेबिशन आफ कोरोसन,
आटोमैटिक पैराशूट रिलीज सिस्टम, आटोमैटिक
फिल्टर क्लीनिंग डिवाइस जैसे महत्वपूर्ण 45 से
अधिक पेटैंट (बौद्धिक संपदा) का स्वामित्व हासिल
करने लिए दाखिल किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि
विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों का किसी भी
देश की तरक्की में बड़ा योगदान होता है। ये वो
स्थान हैं जहां नई-नई खोजों के लिए शोध किए जाते
हैं। पेटैंट (बौद्धिक संपदा) कानून इन खोजों के
दुरुपयोग को रोकने के लिए संरक्षण प्रदान करता है।
विश्व में आज पेटैंट (बौद्धिक संपदा) का महत्व
तेजी से बढ़ता जा रहा है। यह ज्ञान आधारित
अर्थव्यवस्था का आधार है। अर्थ व्यवस्था के सभी
क्षेत्रों में इसका महत्व होने के कारण यह उद्यमों की
प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरोत्तर
प्रासंगिक व महत्वपूर्ण होती जा रही है। पेटैंट
(बौद्धिक संपदा) में ऐसी वस्तुएं आती हैं जो व्यक्ति
द्वारा बुद्धि के प्रयोग से उत्पन्न होती हैं। किसी व्यक्ति
या संस्था द्वारा सृजित कोई मौलिक कृति, डिजाइन,
ट्रेडमार्क इत्यादि बौद्धिक संपदा है। विश्वविद्यालयों
द्वारा होने वाली शोध से अर्जित बौद्धिक संपदा का
स्वामित्व हासिल करने के लिए पेटैंट कानून के तहत
आवेदन किया जाता है। भौतिक धन की तरह ही
बौद्धिक संपदा का स्वामित्व लिया जा सकता है।
स्वामित्व के लिए बौद्धिक संपदा कानून बनाए गए
हैं। इसके अंतर्गत कोई अपनी बौद्धिक संपदा का
नियंत्रण कर सकता है और साथ ही उसका उपयोग
करके बौद्धिक संपदा अर्जित कर सकता है। किसी
विवि द्वारा शिक्षण, प्रशिक्षण, अनुसंधान क्षमताओं
को मजबूत बनाना और बौद्धिक संपदा अधिकारों में
कौशल निर्माण करना महत्वपूर्ण कार्य है। संस्कृति
विवि ने इस कार्य में गंभीरता बरतते हुए विशेष
उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष
विवि के एग्रीकल्चर, मैनेजमैंट, इंजीनियरिंग आदि
विभागों में एक हजार से अधिक शोध पत्र लिखे गए
हैं। ये शोधपत्र जर्नल में प्रकाशित होने के लिए
स्वीकृत और स्कोपस (SCOPUS, SCI, SSCI)
जर्नल में लिस्टेड हो चुके हैं। ईडी छाबड़ा ने बताया
कि संस्कृति विश्वविद्यालय के शिक्षकों की टीम द्वारा
लगातार विवि को ऊंचाइयां देने के लिए प्रयास किया
जा रहा है। आज विवि अपने अनूठे शैक्षणिक कार्यों
के लिए देश में अलग पहचान बना चुका है।
मथुरा | संस्कृति विश्वविद्यालय
में पूर्व से ही व्यक्तिगत रूप से,
फोन से अथवा आनलाइन काउंसलिंग
और प्रवेश की सुविधा दी जा रही है।
वर्तमान परिस्थितियों और विद्यार्थियों की
सुविधा को देखते हुए विश्वविद्यालय ने
आनलाइन प्रवेश प्रक्रिया को और आसान
व सुविधाजनक बनाया है। देश-विदेश के
किसी भी हिस्से में रहने वाले विद्यार्थी
निर्धारित वेबसाइट और फोन नंबरों पर
संपर्क करके अपने चयनित पाठ्यक्रमों में
आसानी से प्रवेश ले सकते हैं।
संस्कृति विवि के कुलपति डा. राणा
सिंह ने जारी एक बयान में कहा है कि
कोविड-19 महामारी ने मानवीय जीवन
के हर क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित
किया हुआ है। लाकडाउन के चलते सभी
शिक्षण संस्थान अनिश्चित समय के लिए
बंद हो गए। ऐसी परिस्थितियों में यदि
हम उच्च शिक्षा की ही बात करें तो जो
विद्यार्थी इंटर के बाद विभिन्न पाठ्यक्रम
की नियमित शिक्षा ले रहे थे उनकी शिक्षा
पूरी तरह से ठप हो गई। कालेजों और
विश्वविद्यालयों के सामने बड़ी चुनौती
यह थी कि इन विद्यार्थियों का कोर्स कैसे
पूरा कराया जाय। इन हालातों में संस्कृति
विवि ने तत्परता बरतते हुए आगे कदम
बढ़ाया और सभी संकाय के सदस्यों को
आन लाइन पाठ्यक्रम तैयार करने और
विद्यार्थियों के साथ आन लाइन ही क्लास
शुरू करने की पहल की। हमने सभी डीन,
फैकल्टी को मार्च में लॉक डाउन शुरू
होते ही इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए
थे। इसका लाभ यह हुआ कि विवि के
शिक्षकों ने एक सप्ताह के अंदर ही विभिन्न
एप्स के माध्यम से लाइव क्लासेज शुरू
कर कोर्स पूरे कराने प्रारंभ कर दिए।
कुलपति डा. राणा का कहना है कि
संस्कृति विवि द्वारा विद्यार्थियों को अपने
विषय में विशेष ज्ञान से लाभान्वित करने
के लिए देश-दुनिया के विषय विशेषज्ञों के
लेक्चर आयोजित कराए गए। कोरोना की
विभीषिका को ध्यान में रखते हुए सामान्य
ज्ञान और भविष्य की चुनौतियों के प्रति
तैयार करने के लिए एक्सपर्ट की वेबिनार
आयोजित की गईं। ऐसा करने के पीछे
विवि प्रशासन का उद्देश्य यही है कि हमारे
विद्यार्थी इन वेबिनार से आवश्यक और
अतिरिक्त कौशल हासिल करें और आने
वाले भविष्य के लिए अपने आपको पूरी
तरह से तैयार कर सकें।
उन्होंने कहा है कि हमें यह बताते हुए हर्ष
हो रहा है कि संस्कृति विवि के द्वारा लॉक
डाउन के दौरान रिकार्ड 60 से अधिक
विषय संबंधी और जरूरत के मुताबिक
महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय
वेबिनार आयोजित की जा चुकी हैं। इसके
अलावा संस्कृति विवि की फैकल्टी द्वारा
32 हजार पांच सौ के करीब लेक्चर दिए
जा चुके हैं। 110 फैकल्टी डवलपमेंट
प्रोग्राम और 45 से अधिक फैकल्टी
मीटिंग की जा चुकी हैं। यह सभी आन
लाइन ही हुई हैं। आज संस्कृति विवि का
विद्यार्थी भले ही विवि नहीं खुल सका हो,
आवश्यक सभी पाठ्यक्रम पूरे कर चुका
है। इतना ही नहीं वह वर्तमान हालातों
और भविष्य की चुनौतियों से भलीभांति
वाकिफ है।
यहां हम यह भी बताना चाहते हैं कि
माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद जब
विद्य़ार्थी अपने भविष्य की शिक्षा के लिए
विषय और क्षेत्र का चयन करने जाएगा
तो यहां भी उसे संस्कृति विवि द्वारा हर
सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। संस्कृति
विवि ने आनलाइन काउंसलिंग की पूरी
सुविधा दी हुई है, इसका लाभ अन्य उन
राज्यों के विद्यार्थी उठा भी रहे हैं जहां
माध्यमिक परीक्षाएं हो चुकी हैं। विद्यार्थियों
की सुविधा के लिए संस्कृति विवि ने
आनलाइन प्रवेश के लिए व्यापक प्रवेश
प्रणाली तैयारी की है। विद्यार्थी प्रवेश
के लिए अपना रजिस्ट्रेशन वेबसाइट
https://www.sanskriti.edu.
in/register, ई. मेल admission@
sanskriti.edu.in, व्हाट्सएप नंबर
9690899944, या फिर हेल्प लाइन
9358512345, 9359688848 से
संपर्क कर करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन का
काम जारी है और विद्यार्थी आन लाइन
प्रवेश भी ले रहे हैं।
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लॉक डाउन के दौरान रिकार्ड
60 से अधिक राष्ट्रीय और
अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन
n	 कुलपति डा.राणा सिंह संस्कृति विश्वविद्यालय
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मथुरा | संस्कृति विवि के विद्यार्थी जो रोजगार चाहते हैं उनके
लिए यहां भरपूर अवसर हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां
कैंपस प्लेसमेंट के लिए आती हैं। अच्छे वेतनमान के साथ दुनिया की
नामी गिरामी कंपनियों में काम करने का सपना इस विश्वविद्यालय से
अध्ययन करने के बाद मिलता है। वर्तमान सत्र (2019-20) में
विश्वविद्यालय के 90% छात्र-छात्राओं को नौकरी मिल चुकी है। कैंपस
प्लेसमेंट के लिए लगातार कंपनियां आ रही हैं। उसे अच्छा रोजगार मिले
या फिर वह रोजगार देने वाला बन सके। इन दोनों ही सपनों को साकार
करने में संस्कृति विवि खरा उतर रहा है। यही वजह है कि अभिभावकों
के साथ-साथ छात्र-छात्राओं की पहली पसंद संस्कृति विवि बना हुआ है।
संस्कृति विवि ने छात्र-छात्राओं को कौशलपरक शिक्षा के क्षेत्र में दक्ष
करने के लिए अपने शैक्षिक पाठ्यक्रम में आधुनिक टेक्निक और प्रोसेस
को समाहित किया है। यहां के छात्र-छात्राओं को निरंतर नेशनल और
मल्टी नेशनल कंपनियों के अधिकारी आकर अपने अनुभव और कौशल
से अवगत कराते रहते हैं। इसके लिए विवि में वर्षभर सेमिनार आयोजित
की जाती हैं। प्रैक्टीकल जानकारी के लिए कंपनियों की कार्यप्रणाली को
सामने देखने के लिए शैक्षिक भ्रमण आयोजित किये जाते हैं। आवश्यकता
पड़ने पर मल्टीनेशनल कंपनियों में प्रशिक्षण के लिए भी भेजा जाता है।
वर्ष 2019 में संस्कृति विश्वविद्यालय
ने अर्जित की बड़ी सफलता
n	संस्कृति विवि द्वारा आयोजित वेबिनार में
बोलते निदेशक उत्तर प्रदेश आयुर्वेदिक
सेवाएं प्रोफेसर एसएन सिंह।
मथुरा | संस्कृति विश्वविद्यालय का मुख्य
मैदान बालीवुड स्टार और लोकप्रिय गायक
हिमेश रेशमिया के दमदारों गानों से देर रात तक गूंजता
रहा। युवा पीढ़ी की लगातार मांग पर हिमेश एक के बाद
एक गीतों की फरमाइश पूरी करते रहे। संस्कृति विवि के
माहौल से ओत-प्रोत हिमेश रेशमिया ने अपने गीतों के
बीच बार-बार कहा कि यहां बृज भूमि में आकर मुझे
इतना आनंद और मन की शांति मिली है, जितनी
विश्वभर में कहीं नहीं मिली। आज मैं बहुत खुश हूं और
आपको मेरे गानों में यह महसूस भी हो रहा होगा।
फ्लैश लाइटों के सतरंगी प्रकाश में अत्याधुनिक साउंड
सिस्टम की धमक ने मौजूद श्रोताओं की धड़कनें बढ़ा
दी थीं, और उसपर जब हिमेश ने अपने लोकप्रिय गीत,
झलक दिखला जा, एक बार आ जा, गीत से शुरुआत
की तो संस्कृति विवि के छात्र-छात्राएं व अन्य युवा
पीढ़ी का इतना जबर्दस्त हूट हुआ कि राष्ट्रीय राजमार्ग
पर चल रहे तेज वाहन में बैठे लोग भी रुककर इस दृश्य
को देखने के लिए मजबूर हो उठे। आशिकी में मेरी, जा
जा जाएगी जान मेरी, आशिक बनाया, आशिक बनाया
आपने, जैसे हिट गीतों पर युवा दीवाने हो उठे। गाने की
एक एक लाइन पर साथ देती युवा पीढ़ी नाचने के लिए
मंच के नजदीक तक पहुंच गई। हिमेश भी अपने
इतने सारे फैन के इस प्यार पर मुग्ध होकर पूरे जोश
से नजदीक पहुंच कर गायकी लुत्फ ले रहे थे।
इन रोमांटिक गीतों के बीच-बीच में मेरी तेरी, तेरी मेरी
और तेरा फितूर जब से चढ़ गया है, एक हसीना थी,
दिल दिवाना था जैसे दर्द में पिरोए हुए गीतों को भी पूरी
शिद्दत से हिमेश ने गाए तो लोगों ने उसी शिद्धत से
उनको सुनकर तालियों के दौरा अपनी भावनाए व्यक्त
कीं। यह दौर चलता रहा और कब रात हो गई पता ही
नहीं लगा। हजारों लोग देर रात तक जमे रहे जो हिमेश
की लोकप्रियता का ही सबूत था। इस दौरान संस्कृति
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सचिन गुप्ता और प्रति
कुलाधिपति राजेश गुप्ता ने संस्कृति विश्वविद्यालय में
उनके आगमन पर मूमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया।
×ÍéÚUæ|w®w® 4www.sanskriti.edu.in
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ãñŒÂè ãæÇèü °´Ç ãèÚU ·¤´âÅUü ×ð´ ¥ÂÙð »æÙô´ ·¤è ÂýSÌéçÌ ÎðÌð çã×ðàæ ÚUðàæç×Øæ, ×æòÇçÜ´» ·¤ÂÅUèàæÙ ·¤æØü·ý × Öè â‹Ù...प्रस्तुति
n	 बालीवुड के लोकप्रिय गायक और कलाकार हिमेश
रेशमिया का स्वागत करते संस्कृति विवि के चांसलर सचिन
गुप्ता, प्रो चांसलर राजेश गुप्ता।
n	 संस्कृति विवि में हैप्पी हार्डी एंड हीर कंसर्ट में अपने गानों की प्रस्तुति देते हिमेश रेशमिया
नए गायकों को कंपोजिंग भी
सीखनी चाहिए-हिमेश रेशमिया
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मथुरा | संस्कृति यूनिवर्सिटी मथुरा के सभागार में श्री राधे मोशन
पिक्चर्स द्वारा आयोजित टॉप मॉडल कम्पटीशन में छात्र एवं
छात्राओं ने जमकर धमाल मचाया। इस अवसर पर श्री राधे  मोशन
पिक्चर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री शिवाजी भी मौजूद रहे।  कार्यक्रम का
सञ्चालन प्रसिद्ध रोटेरियन श्री मोहन नागपाल जी ने किया। इस मॉडलिंग
कम्पटीशन में लड़कों में बेस्ट मॉडल का पुरस्कार हिमांशु को
मिला।  लड़को में बेस्ट
पर्सनलटी का पुरस्कार सुरेंद्र
सिंह को मिला। लड़कियों
में बेस्ट स्माइल कैटेगिरी
में ख़ुशी पराशर को
बेस्ट मॉडल का
पुरस्कार मिला।
बेस्ट हेयर
केटेगरी में
बेस्ट मॉडल का
पुरस्कार सुश्री सीधी
शर्मा को मिला। मोस्ट
ग्लोइंग स्किन केटेगरी में
बेस्ट मॉडल का पुरस्कार
सुश्री  पूजा सोलंकी को
मिला।  बेस्ट ड्रेस केटेगरी में
बेस्ट मॉडल का पुरस्कार सुश्री
तारा सिंह को मिला। लड़कियों में 
ओवरआल बेस्ट मॉडल का
पुरस्कार सुश्री तिशा शर्मा को
मिला। इस कार्यक्रम की मुख्य
आकर्षण इंटरनल जूरी मेंबर
सुश्री सांद्रा ज़ेमैटेक रहीं
जोकि 2018 में मिस
यूनाइटेड किंगडम का
अवार्ड जीत चुकीं हैं।

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  • 1. मथुरा | वर्तमान दौर में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे अथवा उच्च शिक्षा के लिए विषय संबंधी योजना बना रहे विद्यार्थियों के लिए निसंदेह बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। विश्व जिन हालातों से गुजर रहा है उसको देखते हुए उच्च शिक्षा में भी व्यापक परिवर्तन का परिदृश्य बन रहा है। इसको ध्यान में रख कर ही हमारी आने वाली पीढ़ी को अपनी शैक्षिक योजना तैयार करनी चाहिए। यह बात विद्यार्थियों के नाम से जारी एक संदेश में संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ने कही है। उन्होंने कहा कि आज का समय ऐसा है जिसमें की हम घर पर बैठे ही अपने भविष्य को निर्धारित कर सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थी जोकि उच्च शिक्षा में पदार्पण करने वाले हैं, उनको सबसे पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करना होगा। अपने लक्ष्य के अनुसार विषय का चयन करना होगा। विषय चयन करने के बाद उनको वह शिक्षण संस्थान तलाशना होगा जिससे कि वह अपने भविष्य का निर्माण कर सकें। उन्होंने अपने संदेश में जानकारी देते हुए बताया कि संस्कृति विश्वविद्यालय ने कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए प्रारंभ में ही ऑनलाइन शिक्षा की तैयारियां शुरू कर दी थीं। यह सब छात्रों की आवश्यकता और सुविधा की दृष्टि से किया गया था। विश्वविद्यालय की एकेडमिक टीम ने सभी विषयों के पाठ्यक्रम को ऑनलाइन के लिए सहज बनाते हुए, तैयार किया है। आज संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा सभी पाठ्यक्रम विभिन्न ऐप के माध्यम से विषय के अनुसार लोड किए जा चुके हैं। ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था है और विशेष दक्षता हासिल करने के लिए निरंतर वेबिनार आयोजित की जा रही हैं, जिनके द्वारा विषय विशेषज्ञ विषय संबंधी नवीनतम जानकारियां उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि संस्कृति विश्वविद्यालय के माध्यम से विद्यार्थी अपनी कक्षाएं, विषय संबंधी पाठ्यक्रम, विषय विशेषज्ञों की सेमिनार और फैकल्टी से सीधे संपर्क कर अपने विषय संबंधी समस्याओं का निराकरण ऑनलाइन कर रहे हैं और कर सकते हैं। कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने अपने संदेश में स्पष्ट करते हुए कहा है कि हमने सिर्फ विद्याध्ययन के लिए ही नहीं बल्कि उच्च शिक्षा के लिए योजना बना रहे विद्यार्थियों के प्रवेश हेतु भी विस्तृत प्रवेश प्रणाली तैयार की हुई है। विद्यार्थी उन रोजगारपरक पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन प्रवेश सहजता से ले सकता है, जिसमें कि उसकी रुचि है। प्रवेश संबंधी प्रक्रिया अथवा अन्य कोई भी जानकारी संस्कृति विश्वविद्यालय की वेबसाइट से , दिए गए फोन नंबरों से की जा सकती है। कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने सभी विद्यार्थियों को वर्तमान स्थिति से ना घबराते हुए अपनी शिक्षा को निरंतर जारी रखने की अपील करते हुए कहा है कि इस देश को योग्य और कुशल विद्यार्थियों की बहुत जरूरत है। यही विद्यार्थी हमारे देश का भविष्य निर्माण करेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से यह भी कहा है कि वह इस महामारी के दौरान आने वाली समस्याओं का सरकार के दिए गए निर्देशों के अनुरूप ही समाधान करें। स्वयं तो उनका पालन करें ही साथ में अपने परिवार और आसपास के लोगों को इस महामारी की गंभीरता से परिचय कराते हुए सावधान रहने के लिए और आवश्यक सभी निर्देशों का पालन करने के लिए प्रेरित करते रहें। www.sanskriti.edu.in ASSOCHAM THE TIMES OF INDIA EstablishednUnder Section 2(f) of UGC Act, 1956 03 04â´S·ë çÌ çßàßçßlæÜØ ×ð´ ¥æØôçÁÌ â´SÍæÙ ·Ô¤ ~ßð´ SÍæÂÙæ çÎßâ â×æÚUôã ×ð´ ãé§ü´ ¥Ùð·¤ ÚU´»æÚU´» ÂýSÌéçÌØæ â´S·ë çÌ çßçß ×ð´ âÚU ¿É¸·¤ÚU ÕôÜæ çã×ðàæ ·¤æ ÁæÎê çàæÿææ ¥ÂÙð ·ý ôÏ Øæ ¥ÂÙð ¥æˆ× çßàßæâ ·¤ô ¹ôØð çÕÙæ ֻܻ ·é À Öè âéÙÙð ·¤è ÿæ×Ìæ ãñ. -ÚUæÕÅUü Èý ôSÅU अनमोल विचार çßlæÍèü ¥ÂÙè çÁ×ðÎæÚUè â×Ûæð´ âãè çÎàææ ×ð´ Üð´ çàæÿææ â´S·ë çÌ çßàßçßlæÜØ ·¤æ ÎéçÙØæ ·Ô¤ ¿éçÙ´Îæ çßàßçßlæÜØô´ âð àæñÿæç‡æ·¤ ·¤ÚUæÚU, â´S·ë çÌ çßàßçßlæÜØ çßàß ·Ô¤ ŸæðD ©‘¿ çàæÿæ‡æ â´SÍæÙô´ ×ð´ âð °· ...समझौता Awarded "MostPreferred Universitywith Exposure"BY Institutes-Research Capabilityby inEmerging Engg. Ranked Thetimesofindia मथुरा| उत्तर प्रदेश के विश्वविख्यात शहर मथुरा की तहसील छाता स्थित संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में लगातार कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं। भारतीय शिक्षा संस्कृति की मजबूत नींव के साथ खड़े हुए इस विवि की टीम द्वारा ऐसे प्रोफेशनल तैयार किए जा रहे हैं जिनकी विश्व की नामी गिरामी कंपनियों को जरूरत है। विश्वविद्यालय ने थोड़े ही समय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कामयाबी हासिल करने में सफलता अर्जित की है। विभिन्न मौकों पर विश्वविद्यालय का दौरा करने वाले विदेशी और देश की ख्याति प्राप्त कंपनियों के विशेषज्ञों ने इस सच्चाई की खुले मंच पर स्वीकारोक्ति की है। सफलताओं ने विश्वविद्यालय को और आधुनिक संसाधनों से युक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया है। आज संस्कृति विश्वविद्यालय का दुनिया के चुनिंदा विश्वविद्यालयों से शैक्षणिक करार है, जिसके कारण विवि के विद्यार्थियों को दुनिया की ताजातरीन तकनीक की जानकारी तो हासिल होती ही है साथ ही उन्हें अत्याधुनिक शोध के मौके भी मिलते हैं। संस्कृति विश्वविद्यालय विश्व के श्रेष्ठ उच्च शिक्षण संस्थानों में स्थान पाने के संकल्प तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। ऐसा देखने में आया है और यह प्रमाणित भी है कि देश में जिन क्षेत्रों में समृद्ध और संकल्पित शिक्षण संस्थान हैं, उस क्षेत्र के नौजवानों ने तेजी से तरक्की की है और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित की है। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही ब्रज क्षेत्र में उच्च शिक्षा के संपूर्ण साधन संपन्न केंद्र के रूप में संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सचिन गुप्ता का कहना है कि हमारा लक्ष्य है कि देश का कोई भी युवा जो उच्च शिक्षा के क्षेत्र एक मुकाम हासिल करना चाहता है, वह यहां अध्ययन कर अपना सपना पूरा करे। आज ब्रज में रहने वाला हर विद्यार्थी जो उच्च शिक्षा हासिल कर रोजगार पाना चाहता है, गर्व के साथ कह सकता है कि उसे अब कहीं और जाने की जरूरत नहीं क्योंकि उसके अपने क्षेत्र में ही संस्कृति विश्वविद्यालय है। छात्र-छात्राओं को प्रवेश लेने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई न आए, इसके लिए विश्वविद्यालय में प्रवेश की सहज प्रक्रिया निर्धारित की गई है। विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा मिले इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा फैकल्टी चयन की विशेष और विस्तृत प्रक्रिया अपनाई जाती है। विवि विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय संसाधन और शैक्षणिक माहौल देने के लिए संकल्पित हैं। अंतरराष्ट्रीय जरूरतों के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर बदलाव हो रहे हैं। रोजगारपरक शिक्षा के आज के पाठ्यक्रम कल के लिए पुराने हो रहे हैं। इस तेजी से बदलाव के दौर में शिक्षण संस्थानों के सामने भी कड़ी चुनौतियां हैं। कंपनियों और अपना व्यवसाय चुनने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के सामने यदि जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा है तो मौके भी अनेक हैं, नया कुछ करने के। संस्कृति विश्वविद्यालय इस मायने में ऐसे विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए एक उपयुक्त केंद्र सिद्ध हो रहा है। विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति राजेश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही शिक्षा का ढांचा ऐसा तैयार किया गया है जो अंतर्राष्ट्रीय जरूरतों के मुताबिक हो। निसंदेह यह कठिन कार्य था। एक तो ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों को अत्याधुनिक शिक्षा के लिए तैयार करना और दूसरा उनको इस योग्य बनाना ताकि वे विश्व के उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों के समकक्ष उसी योग्यता और कौशल के साथ खड़े हो सकें। हमारे विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने इस चुनौती का डटकर सामना किया और उसपर खरे उतर रहे हैं। आज संस्कृति विश्वविद्यालय से पढ़ने वाले छात्र विश्व की नामी गिरामी कंपनियों में अच्छे पैकेज पर नौकरियां पा रहे हैं। इससे अधिक खुशी का विषय तो यह है कि यहां अध्ययन पाए छात्र अपना रोजगार खड़ा करने में अधिक रुचि रख रहे हैं और रोजगार देने वाले बन रहे हैं। निकट भविष्य में विश्वविद्यालय की योजना अन्य तमाम ऐसे पाठ्यक्रम शुरू करने की है जो आज की जरूरतों के मुताबिक महत्व रखते हैं। ©‘¿ çàæÿææ ·¤æ ¥ÙêÆæ ·Ô´ Îý ãñ â´S·ë çÌ çßàßçßlæÜØ çßàßçßlæÜØ ·ñ´ Ââ N 28 K. M. Stone, Mathura – Delhi Highway, Chhata, Mathura (U.P.) ×ôÕæ§Ü N ~{~®}~~~yy ×ðÜN enquiry@sanskriti.edu.in, admission@sanskriti.edu.in, ÃãæÅU÷â°Â Ù´ÕÚU N ~{~®}~~~yy ãðËÂÜæ§Ù N ~xz}zvwxyz, ~xz~{}}}y} ÅUôÜ Èý è Ù´ÕÚU N v}®® vw® w}}® ©‘¿ çàæÿææ ·Ô¤ çÜ° §‘Àé·¤ Àæ˜æ- Àæ˜ææ°´ çßàßçßlæÜØ ·¤è ßðÕ âæ§ÅU www. sanskriti.edu.in âð Çæ©ÙÜôÇ ·¤ÚU, çâÅUè ¥æçÈ âðâ âð Øæ ÚUæCþèØ ÚUæÁ×æ»ü- w ×ÍéÚUæ- ÎËÜè ·Ô¤ Õè¿ w} ç·¤Üô×èÅUÚU ÂÚU ÀæÌæ ×ð´ çSÍÌ â´S·ë çÌ çßàßçßlæÜØ ·Ô¤ ·¤æØæüÜØ âð Âýßðàæ È æ×ü Üð·¤ÚU ÖÚU â·¤Ìð ãñ´Ð ÚUçÁSÅþðàæÙ È èâ ·Ô¤ âæÍ Øã È æ×ü Á×æ ç·¤Øæ Áæ°»æÐ Âýßðàæ ÜðÙð ·Ô¤ çÜ° Øãæ´ ·¤ÚUð´ â´Â·ü विवि विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय संसाधन और शैक्षणिक माहौल देने के लिए संकल्पित सचिन गुप्ता कुलाधिपति संस्कृति विश्वविद्यालय ¥´ÌÚUÚUæCþèØ âãØô» ¥õlôç»·¤ ÅUæ§ü-¥Â Santhigiri Ashram भारतीय चिकित्सा प्रणाली को प्रतिष्ठापित करने के साथ ही ब्रजवासियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा तथा सिद्धा प्रणाली के जरिये निरोगी रखने के लिए संस्कृति यूनिवर्सिटी ने शांतिगिरि आश्रम से अनुबंध किया है। इस अनुबंध से ब्रज क्षेत्र ही नहीं समूचे उत्तर भारत में आयुर्वेदिक चिकित्सा को नया आयाम मिलेगा। MoU with ICAR, Government of India कृषि एवं बायोटेक्नोलाजी के छात्र- छात्राओं के सपनों को नया आयाम देने के लिए संस्कृति यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत कार्यरत राष्ट्रीय पादप आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो से अनुबंध किया है। इस अनुबंध से संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्र- छात्राएं लाभान्वित हो सकेंगे। Nayati Medicity छात्र-छात्राओं के विश्वस्तरीय ज्ञान- कौशल एवं क्षमताओं को विकसित करनेकेलिएसंस्कृतिविश्वविद्यालय ने चिकित्सा क्षेत्र में देश के अग्रणी अस्पतालों में शुमार नयति मेडिसिटी के साथ दीर्घकालिक अनुबंध किया है। यह छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण क्षमता विकास में मील का पत्थर साबितहोगा।इससेयुवापीढ़ीकेलिए अनेकसम्भावनाओंकेद्वारखुलेंगे। NIESBUD ई-कॉमर्स में कारोबार के बढ़ते अवसरों को देखते हुए संस्कृति यूनिवर्सिटी ने नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एण्ड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट (निसबड) से अनुबंध किया है। इस महत्वाकांक्षी निर्णय से अब युवा पीढ़ी ई-कॉमर्स बिजनेस शुरू कर सकती है। इस अनुबंध से संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो सकेंगे। Red Hat Academy रेड हैट एकेडमी के साथ हमारी सहयोगात्मक साझेदारी हमारे छात्रों को खुले स्रोत और रेड हैट प्रौद्योगिकियों के भीतर एक आशाजनक कैरियर मार्ग स्थापित करने के लिए सशक्त बनाना है। रेड हैट एकेडमी एक सम्मानित एकेडमी में से एक है। इस अनुबंध से संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्राें के लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे। MSME (CNC) सूक्ष्म,लघुऔरमध्यमउद्यम(एमएसएमई) भारत सरकार का उपक्रम है। एमएसएमई के सहयोग से संस्कृति यूनिवर्सिटी में खुले सेण्टर आफ एक्सीलेंस का लाभ तकनीकी शिक्षा के छात्र-छात्राओं को स्मार्ट इंजीनियर बनने में मददगार है। आज की इंडस्ट्रियल डिमांड को देखते हुए संस्कृति यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं को आटोकैड, एन्सिस और मैन्यूफैक्चरिंग में सीएनसी की ट्रेनिंग भी प्रदान की जा रही है। MSME (Agriculture) बेरोजगारी हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या है। इस समस्या से निजात के लिए संस्कृति यूनिवर्सिटी ने एमएसएमई के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोला है ताकि छात्र-छात्राओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर स्वावलम्बी बनाया जा सके। इकोलॉजिकल फॉर्मिंग सेण्टर में देश के किसी भी राज्य का छात्र तथा किसान प्रशिक्षण हासिल कर अपने सपनों को पंख लगा सकता है। कृषि युवा पीढ़ी को रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है। MSME for setting up Centre of Excellence संस्कृति यूनिवर्सिटी में संचालित सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस में अध्ययन-अध्यापन के साथ लेटेस्ट टेक्नीक में दक्षता हासिल करने की सभी तरह की व्यवस्थाएं हैं। मानव विकास के क्रम में सीएनसी मशीन और रोबोटिक्स की कार्यप्रणाली एक महत्वपूर्ण अध्याय है। भविष्यकेअधिकांशअनुसंधानअबपूरीतरह सीएनसी मशीन और रोबोटिक तकनीक पर हीआधारितहोंगे।रोबोटमेंकम्प्यूटरप्रोग्राम कार्यविशेषकेलिएआवश्यकहैं। Sri Aurobindo Society संस्कृति यूनिवर्सिटी और श्री अरबिन्दो सोसाइटी फॉर इण्डियन कल्चर (सैफिक) पांडिचेरी के साथ अनुबंध होना ब्रज मण्डल के लिएकिसीसौगातसेकमनहींहै।फाउण्डेशन भारतीय संस्कृति, शिक्षा, अनुसंधान में विनिमय और सहयोग प्रदान करेगा। दोनों संस्थानमिलकरडिग्री-डिप्लोमासहितविभिन्न पाठ्यक्रम तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर भारतीय संस्कृति और संस्कारों पर आधारित वैज्ञानिक शिक्षण को आगे बढ़ाएंगे। संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों से किए गए समझौते शिक्षण प्रक्रिया के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। यह समझौते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त शिक्षण संस्थानों से किए गए हैं। इनका लाभ उठाकर विश्वविद्यालय के छात्र अनेक उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। इन समझौतों से विश्व विद्यालय की शिक्षण क्षमताओं में भी बड़ी वृद्धि हुई है। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह विश्वास है कि विशेषज्ञता और अनुभव से शिक्षण कार्य के उत्तरोत्तर विकास में बड़ा सहयोग मिलता है। इसी सोच पर विश्वास करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थानों से अपने समझौतों और पार्टनरशिप को लगातार विस्तार दे रहा है ताकि विश्वस्तरीय शिक्षण कार्य और व्यवसायों के ज्ञान क्षेत्र का लाभ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को मिल सके।
  • 2. ×ÍéÚUæ|w®w® 2www.sanskriti.edu.inâ´¿æçÜÌ ·¤ôâðüâ COURSES TO INSPIRE YOU Name of the Programme Minimum Duration Branch/ Specialization Eligibility Annual Fee (R) Semester Fee (R) School of Engineering & Information Technology B.Tech. 4 Years CS&E / CE / EE / ECE / ME 10+2 with minimum 50% marks in PCM. (Admission on merit of SEE/ JEE/ Qualifying exam) 1,15,000/- 59,500/- B.Tech. in collaboration with Xcelerator 4 Years Computer Science & Engineering (CS&E) with specialization in: • Cloud Computing & DevOps • Data Science 10+2 with minimum 50% marks in PCM.(Admission on merit of SEE/ JEE/Qualifying exam) 1,30,000/- 65,000/- B.Tech. in collaboration with MSME 4 Years • Artificial Intelligence • Internet of Things (IOT) 10+2 with minimum 50% marks. 1,15,000/- 59,500/- B.Tech. (Lateral Entry)/ Migration 3 Years • Computer Science & Engineering • Civil Enginedering • Mechanical Engineering Lateral Entry: Minimum 55% marks in 3 years Diploma recognized by Board of technical education in appropriate branch of Engineering/B.Sc. (PCM) with minimum 60% marks in the above subjects taken together. Migration: Clear pass in B.Tech. first year from a recognized University in the same discipline, subject to matching of courses. 1,15,000/- 59,500/- M.Tech. 2 Years • CS&E • CE (Structural Engineering) • EE (Power System & Engineering) • ECE (VLSI) • ME B.Tech. with Minimum 55% marks in the relevant branch or 60% in MCA for Computer Science & Engineering. 60,000/- 32,000/- Manufacturing Technology & Automation [In Collaboration with MSME-Technology Development Centre (PPDC), Govt. of India] B.Tech. or B.E. in Metallurgy/ Mechanical/ Material Science/ Production/Mechatronics or equivalent with a minimum 55% marks in aggregate. 70,000/- (Tuition fee waiver Rs. 60000/- for SC/ST students) BCA 3 Years • Computer Applications 10+2 with Mathematics/ Computer Science/ Information Practices etc. with minimum 50% marks in best four subjects including the above subjects. 50,000/- 27,500/- MCA 3 Years • Computer Applications BCA/Bachelor degree with Mathematics at 10+2 level or at graduation level, with minimum 50% marks in aggregate. 60,000/- 32,000/- MCA (Lateral Entry) 2 Years • Computer Applications BCA with minimum 50% marks in aggregate. 60,000/- 32,000/- Integrated BCA + MCA 5 Years • Computer Applications 10+2 with Mathematics/Computer Science/ Information Practices etc. With minimum 50% marks in best four subjects including the above subjects 50,000/- 27,000/- University Polytechnic Diploma in Engineering 3 Years • CS&E/CE/EE/ECE • ME (Automobile/Production) 10th with minimum 35% marks in aggregate. 42,000/- 23,000/- Diploma in Engineering in collaboration with MSME 3 Years • Foundry Technology 10th with minimum 50% marks in aggregate. 42,000/- 23,000/- Lateral Entry in 2nd year of Diploma in Engineering After 10+2 2 Years • CS&E / CE / EE / ECE • ME (Automobile/ Production) • Foundry Technology 10+2 with Science/ Mathematics/ Vocational subject or 10th + 2 Year ITI in appropriate Specialization with 50% marks. 45,000/- 24,500/- School of Management & Commerce BBA 3 Years 10+2 with minimum 50% marks in best four relevant subjects. 45,000/- 24,500/- B.Com. 3 Years 10+2 with minimum 50% marks in best four relevant subjects. 30,000/- 17,000/- B.Com. (Hons.) 3 Years 10+2 with minimum 50% marks in best four relevant subjects. 45,000/- 24,500/- M.Com. 2 Years B.Com. (pass) or B.Com. (Hons.) with minimum 50% marks in aggregate. 30,000/- 17,000/- MBA 2 Years With Dual Specialization in any two of below: • Human Resource • Finance • International Business • Marketing Management • Hospital & Health Care • Hospitality & Tourism Bachelor’s Degree (any discipline) with 50% marks in aggregate. Preference will be given to candidates who qualified CAT/ MAT/XAT/ NMAT with good score. 1,15,000/- 59,500/- Integrated BBA+MBA 5 Years 10+2 with minimum 50% marks in best four relevant subjects. 50,000/- 27,500/- School of Tourism & Hospitality B.Sc. 3 Years • Hotel Management 10+2 with minimum 50% marks in best four subjects. 60,000/- 32,000/- P.G. Diploma 1 Year • Hotel Management Graduate in any stream with minimum 50% marks in aggregate. 60,000/- 32,000/- School of Agriculture B.Sc. 4 Years • Agriculture 10+2 with PCM/PCB/Agriculture with minimum 50% marks in aggregate. 67,000/- 35,500/- M.Sc. 2 Years • Agriculture (Agronomy) Graduate in relevant subject with minimum 50% marks in aggregate. 50,000/- 27,000/- School of Education BA B.Ed / B.Sc. B.Ed. 4 Years • Education 10+2 with at least 50% aggregate marks in Humanities/ Science. 40,000/- 22,000/- B.Ed. 2 Years • Education Graduation in any stream with minimum 50% marks in aggregate. 60,000/- 32,000/- D.El.Ed. 2 Years • Education Graduation in any stream with minimum 50% marks in aggregate. (Through state Govt. Counselling) - - B. El Ed. 4 Years • Education 10+2 in any stream with minimum 50% marks in aggregate. 40,000/- 22,000/- M.Ed. 2 Years • Education B.Ed. with 50% marks in aggregate or equivalent. 50,000/- 27,000/- School of Rehabilitation (Approved by RCI) B.Ed. (Spl.) 2 Years • Special Education (LD, HI & MR) Candidates with at least 50% marks either in the Bachelors Degree and / or in the Master degree in Sciences/ Social Sciences/ Humanities/ Bachelors in engineering or Technology With Specialization in science and Mathematics with 55% marks or any other qualification equivalent thereto, are eligible for admission to the programme. (As per RCI Norms) 60,000/- 32,000/- D.Ed. (Spl.) 2 Years • Special Education (CP, ASD & MR) 10+2 with minimum 50% marks. (As per RCI Norms) - - School of Law & Legal Studies LLB (Hons.) 3 Years • Law Graduate in any stream with minimum 45% marks in aggregate. 75,000/- 39,500/- BA LLB (Hons.) Integrated 5 Years • Law 10+2 with minimum 45% marks in aggregate. 80,000/- 42,000/- B. Com LLB (Hons.) Integrated 5 Years • Law 10+2 with minimum 45% marks in aggregate. 80,000/- 42,000/- School of Humanities & Social Science B.A. (Pass) 3 Years 10+2 with minimum 50% marks in best four subjects. 30,000/- 17,000/- B.A. 3 Years • Indian Cultural Studies • Psychology 10+2 with minimum 50% marks in best four subjects. 30,000/- 17,000/- M.A. 2 Years • Economics Bachelor’s degree or equivalent with relevant subjects with minimum 50% marks in aggregate. 25,000/- 14,500/- Name of the Programme Minimum Duration Branch/ Specialization Eligibility Annual Fee (R) Semester Fee (R) School of Fashion Designing Diploma 3 Years • Fashion Designing 10th with minimum 50% marks in aggregate. 42,000/- 23,000/- Lateral Entry in 2nd year of Diploma After 10+2 2 Years • Fashion Designing 10+2 with minimum 50% marks in best four subjects. 45,000/- 24,500/- B.A. 3 Years • Fashion Designing 10+2 with minimum 50% marks in best four subjects. 50,000/- 27,000/- School of Yoga & Naturopathy BNYS 4.5 Years • Naturopathy and Yogic Sciences 10+2 with Physics, Chemistry & Biology as compulsory subjects, having obtained minimum 50% marks in the above subjects taken together. 1,20,000/- 62,000/- B.Sc. Yoga & Naturopathy 3 Years • Yoga & Naturopathy 10+2 with Science with Minimum 50% Marks in aggregate. 40,000/- 22,000/- Post Graduate Diploma 1 Year (including 6 months internship) • Yoga & Naturopathy Graduate in any stream with minimum 45% marks in aggregate. 24,000/- 14,000/- School of Basic & Applied Sciences B.Sc. 3 Years • Biotech • General (PCM) • General (ZBC) 10+2 or equivalent with Agriculture/ Biology/ Biotechnology/PCM with minimum 50% marks in best four including the relevant subject. 45,000/- 24,500/- B.Sc. 3 Years • Forensic Science Pass with 60% aggregate marks in 10+2 with English, Physics, Chemistry and Maths/ Biology/ Biotechnology or equivalent subject. 1,00,000/- 52,000/- M.Sc. 2 Years • Biotech • Industrial Chemistry Graduation in science with minimum 50% marks in aggregate with relevant subject. 30,000/- 17,000/- M.Sc. 2 Years • Solar Technology Graduation in science with minimum 50% marks in aggregate. 60,000/- 32,000/- School of Medical & Allied Sciences DMLT 3 Years • Medical Lab Technology 10th with minimum 50% marks in aggregate. 50,000/- 27,000/- DMLT 2 Years • Medical Lab Technology 10+2 examination with Physics, Chemistry & Biology as compulsory subjects, having obtained minimum 50% marks in the above subjects taken together. 50,000/- 27,000/- BPT 4.5 Years including 6 months Internship • Physiotherapy 10+2 with Physics, Chemistry & Biology as compulsory subjects having obtained minimum 50% marks in the above subjects taken together. 75,000/- 40,000/- B.Sc. (MLT) 3 Years • Medical Lab Technology 10+2 with Physics, Chemistry & Biology as compulsory subjects, having obtained minimum 50% marks in the above subjects taken together. 60,000/- 32,000/- Bachelor of Optometry (B.Optom.) 4 Years • Optometry 10+2 with Physics, Chemistry & Biology/ Mathematics as compulsory subjects, having obtained minimum 50% marks in the above subjects taken together. 60,000/- 32,000/- B.Sc. 3 Years • Cardiovascular Technology 10+2 with Physics, Chemistry & Biology as compulsory subjects, having obtained minimum 50% marks in the above subjects taken together. 60,000/- 32,000/- MPT 2 Years • Orthopedics • Sports • Neurology • Pediatrics BPT with minimum 50% marks in aggregate and completion of compulsory internship of 6 months. 50,000/- 27,000/- Sanskriti Ayurvedic Medical College & Hospital [Approved by CCIM, New Delhi, Ministry of AYUSH (GOI) & Govt. of U.P.] BAMS 5.5 Years 100 Seats • Ayurvedic Medicine & Surgery 10+2 examination with Physics, Chemistry, & Biology as compulsory subjects, having obtained minimum 50% marks in the above subjects taken together. (As per Council/ Ayush/ NEET/ CET/ CPAT norms - - Sanskriti Unani Medical College & Hospital [Approved by CCIM, New Delhi, Ministry of AYUSH (GOI) & Govt. of U.P.] BUMS 5.5 Years 60 Seats • Unani Medicine & Surgery 10+2 examination with Physics, Chemistry, & Biology as compulsory subjects, having obtained minimum 50% marks in the above subjects taken together. (As per Council/ Ayush/NEET/CET/CPAT norms) - - School of Pharmacy (Approved by PCI) B.Pharm. 4 Years • Pharmacy Passed 10+2 examination with English as one of the subjects and PCM and/or PCB/ PCMB As optional subjects individually (As per PCI norms). 1,00,000/- 52,000/- B.Pharm. Lateral Entry (to second year/ third semester) 3 Years • Pharmacy Pass in D. Pharm course from an institution approved by PCI under section 12 of the Pharmacy Act. (As per PCI norms) 1,10,000/- 57,000/- D.Pharm. 2 Years • Pharmacy As per PCI norms. 1,25,000/- 64,500/- Ph.D Programme Full Time Part Time Ph.D. Min. 3 Years including course work for full time students & 4 Years including course work for part time students Please visit our website Masters degree in relevant subjects with a minimum of 55% marks (CGPA 5.5 on a 10 point scale) or equivalent from a recognized University/Institution. 75,000/- 60,000/- Rankings & Awards
  • 3. ×ÍéÚUæ|w®w® 3www.sanskriti.edu.in मथुरा | संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल द्वारा आयोजित “इम्युनिटी बूस्टर एंड कोविड-19 प्रिंवेटिव मेसर्स फार चिल्डरन” विषयक सेमिनार में मुख्यवक्ता यूपी यूनिवर्सिटी आफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सैफईं इटावा के कुलपति प्रोफेसर (डा.) राजकुमार ने विश्व को झकझोरने वाली महामारी कोरोना से बचाव के लिए आयुर्वेद के प्रभावकारी इस्तेमाल के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि आयुर्वेद में उल्लेखित ऐसी अनेक जड़ी बूटियां हैं जिनका इस्तेमाल कर लोग इस कोविड-19 के प्रकोप से अपना बचाव कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के माध्यम से शीघ्र ही विश्व कोरोना से मुक्त पाएगा। हमने इससे निपटने के लिए औषधि तैयार कर ली है, लगातार प्रशिक्षण चल रहे हैं। इस औषधि का नाम ‘राज निर्वाण’ बूटी दिया गया है। सेमिनार में गेस्ट आफ आनर निदेशक उप्र आयुर्वेदिक सेवाएं ने कहा कि आज कोरोना महामारी से जूझने में आयुर्वेद एक बड़ी भूमिका निर्वाह कर रहा है। संस्कृति विवि के चेयरमैन और देश के सबसे युवा कुलाधिपति सचिन गुप्ता के नेतृत्व में संस्कृति आयुर्वेद कालेज बच्चों की इम्युनिटी में सरकार के कार्यक्रमों में विशेष सहयोग प्रदान कर सकता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की आयुर्वेदिक सेवाओं द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसमें आयुष आपके द्वार, स्कूल हेल्थ प्रोग्राम, स्वर्ण पाशन्न संस्कार आदि हैं। इनके द्वारा आयुर्वेद के उपयोगी प्रयोग के प्रति लोगों को जागरूक तो किया ही जा रहा है, साथ ही साथ उनको स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं भी दी जा रही हैं। संस्कृति विवि द्वारा भी ग्रामीण क्षेत्र में आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार तैयार काढ़ा वितरित किया गया है। जहां तक बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने की बात है तो उसके लिए हमारे कार्यक्रमों द्वारा बच्चों के खानपान, व्यायाम तथा आयुर्वेद की औषधियों की जानकारी दी जा रही है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को आयुर्वेद के पारंपरिक तरीकों को अपनाकर बढ़ाया जा सकता है। इस बारे में वेबिनार में ज्ञानवर्धक जानकारी भी दी। साथ ही भारत में कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए पारंपरिक उपचार पद्धति में आयुर्वेद के प्रयोग की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। राजकीय आयुर्वेदिक कालेज लखनऊ में कौमार्य भृत्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डा.) मिथलेश वर्मा ने बाल स्वास्थ्य पर कोविड-19 के संदर्भ में उपयोगी वक्तव्य दिया। आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद नई दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर ने बच्चों पर इस महामारी के कारण पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर विस्तार से प्रकाश डाला और बच्चों की देखभाल के लिए रसायन के प्रयोग के महत्व को बताया। वेबिनार में आयुर्वेद कालेज के सभी छात्र-छात्राओं और चिकित्सकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इससे पूर्व संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राणा सिंह व एकेडमिक डीन सुरेश कासवान में अतिथियों का परिचय देते हुए स्वागत किया। वेबिनार का समापन संस्कृति विवि की विशेष कार्याधिकार मीनाक्षी शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। मथुरा |संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड कामर्स द्वारा 'कैरियर अपोर्चुनिटीस पोस्ट कोविड-19' विषयक एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार को दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर, अंतरराष्ट्रीय मोटिवेटर डा. संजय सिंह बघेल द्वारा मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया गया। जूम ऐप पर संचालित यह वेबिनार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यू ट्यूब के द्वारा प्रसारित हुई। वेबिनार में अनेक पुरस्कारों से पुरस्कृत डॉक्टर संजय सिंह बघेल ने कोरोना की विभीषिका की जानकारी देते हुए कहा कि इस महामारी से पूरा यूरोप जूझ रहा है और भारत पर भी इसका काफी प्रभाव हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय रोजगार के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण होगा। ऐसे समय में हमारे देश में छात्र-छात्राओं को रोजगार के अवसर तलाश कर विश्व में अपनी एक पहचान बनाना ही उचित है। शिक्षकों को चाहिए कि वे इस काम में विद्यार्थियों की मदद करें, उनकी समस्याओं का समाधान करें, उन्हें वह रास्ते बताएं जिससे कि वे अपने रोजगार को आगे बढ़ा सकें। उन्हें वह क्षेत्र बताएं जहां पर कि वह अपने उत्पादों का सरलता से व्यवसाय कर सकें। ऐसा करने से हमारा देश न केवल मजबूत होगा वरन विश्व में एक बड़े उत्पादनकर्ता के रूप में पहचान बनाएगा। अंत में विद्यार्थियों ने अनेक प्रश्न पूछकर अपनी समस्याओं का समाधान किया। वेबीनार में जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर(मध्यप्रदेश), डीएबीवीवीइंदौर,दिल्लीविश्वविद्यालय दिल्ली, एमसीआरपीवी विश्वविद्यालय भोपाल, एमिटी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर, आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी राजस्थान, एलएनपीई यूनिवर्सिटी ग्वालियर ग्वालियर, हिन्दुस्तान यूनिवर्सिटी चेन्नई, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी पंजाब आदि के शिक्षकों, विद्यार्थियों ने भाग लिया। वेबिनार में 105 फैकल्टीज और 514 विद्यार्थी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे। संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सेमिनार में संस्कृति विश्वविद्यालय के डीन डॉ. कल्याण कुमार, डॉ. डीसी वशिष्ठ, डॉ. जयदेव शर्मा, डा. निर्मल कुंडू, डॉ. पल्लवी श्रीवास्तव, डॉ. अनामिका सक्सेना, डा.मृणाल पालीवाल, डॉ.प्रवीन कुमार, डॉ. दुर्गेश बाधवा, डॉक्टर हरविंदर कौर, डॉ. गोपाल अरोड़ा, सुधांशु शाह, प्रवीण शर्मा आदि अनेक शिक्षक एवं तकनीक विशेषज्ञ उपस्थित थे। वेबिनार में भाग ले रहे प्रमुख लोगों का परिचय संस्कृति विवि के स्कूल आफ मैनेजमेंट के विभागाध्यक्ष डा.सीपी वर्मा ने कराया। छाता (मथुरा) | वास्तुकला की सुंदरता बिखेरता संस्कृति विश्वविद्यालय सोमवार को अपने स्थापना दिवस समारोह पर जगमगा रहा था। मुख्य आयोजन स्थल के मंच से मुंबई के ख्यातिप्राप्त गायक तोषी साबरी और शारिब साबरी के सुर हवाओं में रूमानियत बिखेर रहे थे तो दूसरी ओर आकर्षक रैंप वाक करने वाले माडल खादी की सुंदरता को बता रहे थे। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा भारत की विविध संस्कृति को अपने नृत्य और गायन से प्रस्तुत किय़ा। दीप प्रज्ज्वलन के बाद विश्वविद्यालय के चेयरमैन सचिन गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने शिक्षण-प्रशिक्षण के साथ उच्च आदर्शों को स्थापित करने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। विश्वविद्यालय परिवार चाहे वे कुलपति हों, प्रोफेसर हों या लेक्चरर सभी अंतर्राष्ट्रीय जरूरतों और वर्तमान चुनौतियों के अनुरूप प्रोफेशनल तैयार करने में जुटे हैं। हमारा मानना है कि शिक्षा मानव के व्यक्तित्व निर्माण के साथ ही किसी भी मुल्क के विकास की आधार शिला है। इस मौके पर विशेष रूप से उपस्थित नाइजीरिया दूतावास के प्रथम सचिव मुस्तफा अबूबकर ने संस्कृति विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए विश्वविद्यालय के चेयरमैन सचिन गुप्ता और शैक्षणिक टीम को शुभकामनाएं दी। समारोह के दौरान छात्र-छात्राओं को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित व पुरुस्कृत किया गया। इसी क्रम में मुंबई से आए ख्यातिप्राप्त गायक तोषी और शारिब साबरी ने अपनी सूफियाना गायकी से उपस्थित श्रोताओं का दिल जीत लिया। विद्यालय के छात्र- छात्राओं ने खादी के बने वस्त्र पहनकर रैंप वाक की। एकल गायन, समूह गायन, एकल नृत्य, समूह नृत्य का सिलसिला देर रात तक अनवरत चलता रहा। °·¤ ãÁæÚU âð ¥çÏ·¤ àæôϘæ ãé° ÌñØæÚU, ÁÙüÜ ×ð´ Âý·¤æàæÙ ·Ô¤ çÜ° ãé° çÜSÅUðÇप्रकाशन ·¤ôÚUôÙæ ·¤è çßÂçžæ ·Ô¤ ÕæÎ ·ñ¤çÚUØÚU ·¤è â´ÖæßÙæ°´ â´S·ë çÌ çßàßçßlæÜØ ·Ô¤ ~ßð´ SÍæÂÙæ çÎßâ â×æÚUôã ×ð´ ãé§ü´ ¥Ùð·¤ ÚU´»æÚU´» ÂýSÌéçÌØæ´ ¥æØéßðüÎ ·¤æ §SÌð×æÜ Õ¿æ â·¤Ìæ ãñ ·¤ôÚUôÙæ âðÑ Çæ. ÚæÁ·é ×æÚU â´S·ë çÌ çß.çß. Ùð »Ì ßáü Îæç¹Ü ç·¤° 150 âð ¥çÏ·¤ ÂðÅUñ´ÅU मथुरा |संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2019 के दिसंबर माह तक 150 से अधिक पेटैंट(बौद्धिक संपदा) के मामले दाखिल किए हैं, स्वीकृत होने की प्रक्रिया में हैं। गत वर्ष में विवि के विभिन्न विभागों से जुड़े लगभग एक हजार शोध पत्र जर्नल के लिए तैयार किये गए हैं। शैक्षणिक और शोध की दृष्टि से किसी विवि के द्वारा अर्जित की गई बड़ी सफलता है। विश्वविद्यालय के एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर पीसी छाबड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि विवि द्वारा डोर एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, सिस्टम फार इमेजिंग बाइलोजिकल माइक्रोमोलिक्यूल्स, आटोमैटिक इर्रिगेशन सिस्टम, लिक्विड फ्लो मैनेजमेंट सिस्टम, फाल प्रोटेक्शन सिस्टम, डाइग्नोसिस एंड मैटेनैंस सिस्टम फार आटोमोबाइल्स, काम्पैक्ट इलेक्ट्रिसिटी जनरेटिंग डिवाइस, आप्टीमल पावर जनरेटिंग डिवाइस, एक्जास्ट गैस फिल्ट्रेशन सिस्टम, ड्रायर कम वाटर हीटिंग सिस्टम, क्लोजर सिस्टम फार प्रैशर वैसेल्स, सिस्टम एंड मैथड फार एनहांसिंग सिक्योरिटी क्लाउड कंप्युटिंग, हेल्थ मैनेजमैंट डिवाइस फार एक्वाटिक एनिमल्स, कंटेनर क्लीनिंग एपरेटस, इलेक्ट्रि प्रोपल्सन जेट इंजिन, सिस्टम एंड मैथड फार कंडक्टिंग प्वाइंट आफ सेल ट्रांसेक्शन्स, मैथड फार इन्हेबिशन आफ कोरोसन, आटोमैटिक पैराशूट रिलीज सिस्टम, आटोमैटिक फिल्टर क्लीनिंग डिवाइस जैसे महत्वपूर्ण 45 से अधिक पेटैंट (बौद्धिक संपदा) का स्वामित्व हासिल करने लिए दाखिल किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों का किसी भी देश की तरक्की में बड़ा योगदान होता है। ये वो स्थान हैं जहां नई-नई खोजों के लिए शोध किए जाते हैं। पेटैंट (बौद्धिक संपदा) कानून इन खोजों के दुरुपयोग को रोकने के लिए संरक्षण प्रदान करता है। विश्व में आज पेटैंट (बौद्धिक संपदा) का महत्व तेजी से बढ़ता जा रहा है। यह ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का आधार है। अर्थ व्यवस्था के सभी क्षेत्रों में इसका महत्व होने के कारण यह उद्यमों की प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरोत्तर प्रासंगिक व महत्वपूर्ण होती जा रही है। पेटैंट (बौद्धिक संपदा) में ऐसी वस्तुएं आती हैं जो व्यक्ति द्वारा बुद्धि के प्रयोग से उत्पन्न होती हैं। किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा सृजित कोई मौलिक कृति, डिजाइन, ट्रेडमार्क इत्यादि बौद्धिक संपदा है। विश्वविद्यालयों द्वारा होने वाली शोध से अर्जित बौद्धिक संपदा का स्वामित्व हासिल करने के लिए पेटैंट कानून के तहत आवेदन किया जाता है। भौतिक धन की तरह ही बौद्धिक संपदा का स्वामित्व लिया जा सकता है। स्वामित्व के लिए बौद्धिक संपदा कानून बनाए गए हैं। इसके अंतर्गत कोई अपनी बौद्धिक संपदा का नियंत्रण कर सकता है और साथ ही उसका उपयोग करके बौद्धिक संपदा अर्जित कर सकता है। किसी विवि द्वारा शिक्षण, प्रशिक्षण, अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत बनाना और बौद्धिक संपदा अधिकारों में कौशल निर्माण करना महत्वपूर्ण कार्य है। संस्कृति विवि ने इस कार्य में गंभीरता बरतते हुए विशेष उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष विवि के एग्रीकल्चर, मैनेजमैंट, इंजीनियरिंग आदि विभागों में एक हजार से अधिक शोध पत्र लिखे गए हैं। ये शोधपत्र जर्नल में प्रकाशित होने के लिए स्वीकृत और स्कोपस (SCOPUS, SCI, SSCI) जर्नल में लिस्टेड हो चुके हैं। ईडी छाबड़ा ने बताया कि संस्कृति विश्वविद्यालय के शिक्षकों की टीम द्वारा लगातार विवि को ऊंचाइयां देने के लिए प्रयास किया जा रहा है। आज विवि अपने अनूठे शैक्षणिक कार्यों के लिए देश में अलग पहचान बना चुका है। मथुरा | संस्कृति विश्वविद्यालय में पूर्व से ही व्यक्तिगत रूप से, फोन से अथवा आनलाइन काउंसलिंग और प्रवेश की सुविधा दी जा रही है। वर्तमान परिस्थितियों और विद्यार्थियों की सुविधा को देखते हुए विश्वविद्यालय ने आनलाइन प्रवेश प्रक्रिया को और आसान व सुविधाजनक बनाया है। देश-विदेश के किसी भी हिस्से में रहने वाले विद्यार्थी निर्धारित वेबसाइट और फोन नंबरों पर संपर्क करके अपने चयनित पाठ्यक्रमों में आसानी से प्रवेश ले सकते हैं। संस्कृति विवि के कुलपति डा. राणा सिंह ने जारी एक बयान में कहा है कि कोविड-19 महामारी ने मानवीय जीवन के हर क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया हुआ है। लाकडाउन के चलते सभी शिक्षण संस्थान अनिश्चित समय के लिए बंद हो गए। ऐसी परिस्थितियों में यदि हम उच्च शिक्षा की ही बात करें तो जो विद्यार्थी इंटर के बाद विभिन्न पाठ्यक्रम की नियमित शिक्षा ले रहे थे उनकी शिक्षा पूरी तरह से ठप हो गई। कालेजों और विश्वविद्यालयों के सामने बड़ी चुनौती यह थी कि इन विद्यार्थियों का कोर्स कैसे पूरा कराया जाय। इन हालातों में संस्कृति विवि ने तत्परता बरतते हुए आगे कदम बढ़ाया और सभी संकाय के सदस्यों को आन लाइन पाठ्यक्रम तैयार करने और विद्यार्थियों के साथ आन लाइन ही क्लास शुरू करने की पहल की। हमने सभी डीन, फैकल्टी को मार्च में लॉक डाउन शुरू होते ही इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए थे। इसका लाभ यह हुआ कि विवि के शिक्षकों ने एक सप्ताह के अंदर ही विभिन्न एप्स के माध्यम से लाइव क्लासेज शुरू कर कोर्स पूरे कराने प्रारंभ कर दिए। कुलपति डा. राणा का कहना है कि संस्कृति विवि द्वारा विद्यार्थियों को अपने विषय में विशेष ज्ञान से लाभान्वित करने के लिए देश-दुनिया के विषय विशेषज्ञों के लेक्चर आयोजित कराए गए। कोरोना की विभीषिका को ध्यान में रखते हुए सामान्य ज्ञान और भविष्य की चुनौतियों के प्रति तैयार करने के लिए एक्सपर्ट की वेबिनार आयोजित की गईं। ऐसा करने के पीछे विवि प्रशासन का उद्देश्य यही है कि हमारे विद्यार्थी इन वेबिनार से आवश्यक और अतिरिक्त कौशल हासिल करें और आने वाले भविष्य के लिए अपने आपको पूरी तरह से तैयार कर सकें। उन्होंने कहा है कि हमें यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि संस्कृति विवि के द्वारा लॉक डाउन के दौरान रिकार्ड 60 से अधिक विषय संबंधी और जरूरत के मुताबिक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित की जा चुकी हैं। इसके अलावा संस्कृति विवि की फैकल्टी द्वारा 32 हजार पांच सौ के करीब लेक्चर दिए जा चुके हैं। 110 फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम और 45 से अधिक फैकल्टी मीटिंग की जा चुकी हैं। यह सभी आन लाइन ही हुई हैं। आज संस्कृति विवि का विद्यार्थी भले ही विवि नहीं खुल सका हो, आवश्यक सभी पाठ्यक्रम पूरे कर चुका है। इतना ही नहीं वह वर्तमान हालातों और भविष्य की चुनौतियों से भलीभांति वाकिफ है। यहां हम यह भी बताना चाहते हैं कि माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद जब विद्य़ार्थी अपने भविष्य की शिक्षा के लिए विषय और क्षेत्र का चयन करने जाएगा तो यहां भी उसे संस्कृति विवि द्वारा हर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। संस्कृति विवि ने आनलाइन काउंसलिंग की पूरी सुविधा दी हुई है, इसका लाभ अन्य उन राज्यों के विद्यार्थी उठा भी रहे हैं जहां माध्यमिक परीक्षाएं हो चुकी हैं। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए संस्कृति विवि ने आनलाइन प्रवेश के लिए व्यापक प्रवेश प्रणाली तैयारी की है। विद्यार्थी प्रवेश के लिए अपना रजिस्ट्रेशन वेबसाइट https://www.sanskriti.edu. in/register, ई. मेल admission@ sanskriti.edu.in, व्हाट्सएप नंबर 9690899944, या फिर हेल्प लाइन 9358512345, 9359688848 से संपर्क कर करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन का काम जारी है और विद्यार्थी आन लाइन प्रवेश भी ले रहे हैं। â´S·ë çÌ çßçß ×ð´ Üð â·¤Ìð ãñ´ ·¤ãè´ âð Öè ¥æÙÜæ§Ù Âýßðàæ लॉक डाउन के दौरान रिकार्ड 60 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन n कुलपति डा.राणा सिंह संस्कृति विश्वविद्यालय â´S·ë çÌ çßçß ·¤è âÁ»Ìæ Ùð çßlæçÍüØô´ ·¤ô Âãé´¿æØæ ÕǸæ ÜæÖसजगता ·ñ¤´Ââ âðÜð€UàæÙ ßÌü×æÙ â˜æ ×ð´ çßçß ·Ô¤ 90% çßlæç‰æüØô´ ·¤ô ç×Ü ¿é·¤æ ãñ ÚUôÁ»æÚU मथुरा | संस्कृति विवि के विद्यार्थी जो रोजगार चाहते हैं उनके लिए यहां भरपूर अवसर हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट के लिए आती हैं। अच्छे वेतनमान के साथ दुनिया की नामी गिरामी कंपनियों में काम करने का सपना इस विश्वविद्यालय से अध्ययन करने के बाद मिलता है। वर्तमान सत्र (2019-20) में विश्वविद्यालय के 90% छात्र-छात्राओं को नौकरी मिल चुकी है। कैंपस प्लेसमेंट के लिए लगातार कंपनियां आ रही हैं। उसे अच्छा रोजगार मिले या फिर वह रोजगार देने वाला बन सके। इन दोनों ही सपनों को साकार करने में संस्कृति विवि खरा उतर रहा है। यही वजह है कि अभिभावकों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं की पहली पसंद संस्कृति विवि बना हुआ है। संस्कृति विवि ने छात्र-छात्राओं को कौशलपरक शिक्षा के क्षेत्र में दक्ष करने के लिए अपने शैक्षिक पाठ्यक्रम में आधुनिक टेक्निक और प्रोसेस को समाहित किया है। यहां के छात्र-छात्राओं को निरंतर नेशनल और मल्टी नेशनल कंपनियों के अधिकारी आकर अपने अनुभव और कौशल से अवगत कराते रहते हैं। इसके लिए विवि में वर्षभर सेमिनार आयोजित की जाती हैं। प्रैक्टीकल जानकारी के लिए कंपनियों की कार्यप्रणाली को सामने देखने के लिए शैक्षिक भ्रमण आयोजित किये जाते हैं। आवश्यकता पड़ने पर मल्टीनेशनल कंपनियों में प्रशिक्षण के लिए भी भेजा जाता है। वर्ष 2019 में संस्कृति विश्वविद्यालय ने अर्जित की बड़ी सफलता n संस्कृति विवि द्वारा आयोजित वेबिनार में बोलते निदेशक उत्तर प्रदेश आयुर्वेदिक सेवाएं प्रोफेसर एसएन सिंह।
  • 4. मथुरा | संस्कृति विश्वविद्यालय का मुख्य मैदान बालीवुड स्टार और लोकप्रिय गायक हिमेश रेशमिया के दमदारों गानों से देर रात तक गूंजता रहा। युवा पीढ़ी की लगातार मांग पर हिमेश एक के बाद एक गीतों की फरमाइश पूरी करते रहे। संस्कृति विवि के माहौल से ओत-प्रोत हिमेश रेशमिया ने अपने गीतों के बीच बार-बार कहा कि यहां बृज भूमि में आकर मुझे इतना आनंद और मन की शांति मिली है, जितनी विश्वभर में कहीं नहीं मिली। आज मैं बहुत खुश हूं और आपको मेरे गानों में यह महसूस भी हो रहा होगा। फ्लैश लाइटों के सतरंगी प्रकाश में अत्याधुनिक साउंड सिस्टम की धमक ने मौजूद श्रोताओं की धड़कनें बढ़ा दी थीं, और उसपर जब हिमेश ने अपने लोकप्रिय गीत, झलक दिखला जा, एक बार आ जा, गीत से शुरुआत की तो संस्कृति विवि के छात्र-छात्राएं व अन्य युवा पीढ़ी का इतना जबर्दस्त हूट हुआ कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे तेज वाहन में बैठे लोग भी रुककर इस दृश्य को देखने के लिए मजबूर हो उठे। आशिकी में मेरी, जा जा जाएगी जान मेरी, आशिक बनाया, आशिक बनाया आपने, जैसे हिट गीतों पर युवा दीवाने हो उठे। गाने की एक एक लाइन पर साथ देती युवा पीढ़ी नाचने के लिए मंच के नजदीक तक पहुंच गई। हिमेश भी अपने इतने सारे फैन के इस प्यार पर मुग्ध होकर पूरे जोश से नजदीक पहुंच कर गायकी लुत्फ ले रहे थे। इन रोमांटिक गीतों के बीच-बीच में मेरी तेरी, तेरी मेरी और तेरा फितूर जब से चढ़ गया है, एक हसीना थी, दिल दिवाना था जैसे दर्द में पिरोए हुए गीतों को भी पूरी शिद्दत से हिमेश ने गाए तो लोगों ने उसी शिद्धत से उनको सुनकर तालियों के दौरा अपनी भावनाए व्यक्त कीं। यह दौर चलता रहा और कब रात हो गई पता ही नहीं लगा। हजारों लोग देर रात तक जमे रहे जो हिमेश की लोकप्रियता का ही सबूत था। इस दौरान संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सचिन गुप्ता और प्रति कुलाधिपति राजेश गुप्ता ने संस्कृति विश्वविद्यालय में उनके आगमन पर मूमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया। ×ÍéÚUæ|w®w® 4www.sanskriti.edu.in Address J 28 K.M. Stone, Mathura - Delhi Highway, Chhata, Mathura (U.P.) |Helpline J 9358512345, 7248111234 e-mail J enquiry@sanskriti.edu.in | Website J www.sanskriti.edu.in | Toll Free J 1800 120 2880 âæ´S·ë çÌ·¤ ·¤æØü·ý × ãñŒÂè ãæÇèü °´Ç ãèÚU ·¤´âÅUü ×ð´ ¥ÂÙð »æÙô´ ·¤è ÂýSÌéçÌ ÎðÌð çã×ðàæ ÚUðàæç×Øæ, ×æòÇçÜ´» ·¤ÂÅUèàæÙ ·¤æØü·ý × Öè â‹Ù...प्रस्तुति n बालीवुड के लोकप्रिय गायक और कलाकार हिमेश रेशमिया का स्वागत करते संस्कृति विवि के चांसलर सचिन गुप्ता, प्रो चांसलर राजेश गुप्ता। n संस्कृति विवि में हैप्पी हार्डी एंड हीर कंसर्ट में अपने गानों की प्रस्तुति देते हिमेश रेशमिया नए गायकों को कंपोजिंग भी सीखनी चाहिए-हिमेश रेशमिया â´S·ë çÌ çßàßçßlæÜØ ×ð´ âÚU ¿É¸·¤ÚU ÕôÜæ çã×ðàæ ·¤æ ÁæÎê ÅUæò ×æòÇÜ ·¤ÂÅUèàæÙ ×ð´ Àæ˜æô´ Ùð ׿æØæ Ï×æÜ â´S·ë çÌ çßàßçßlæÜØ ×ð´ ×æòÇçÜ´» ·¤ÂÅUèàæÙ ·¤æØü·ý × â‹٠मथुरा | संस्कृति यूनिवर्सिटी मथुरा के सभागार में श्री राधे मोशन पिक्चर्स द्वारा आयोजित टॉप मॉडल कम्पटीशन में छात्र एवं छात्राओं ने जमकर धमाल मचाया। इस अवसर पर श्री राधे  मोशन पिक्चर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री शिवाजी भी मौजूद रहे।  कार्यक्रम का सञ्चालन प्रसिद्ध रोटेरियन श्री मोहन नागपाल जी ने किया। इस मॉडलिंग कम्पटीशन में लड़कों में बेस्ट मॉडल का पुरस्कार हिमांशु को मिला।  लड़को में बेस्ट पर्सनलटी का पुरस्कार सुरेंद्र सिंह को मिला। लड़कियों में बेस्ट स्माइल कैटेगिरी में ख़ुशी पराशर को बेस्ट मॉडल का पुरस्कार मिला। बेस्ट हेयर केटेगरी में बेस्ट मॉडल का पुरस्कार सुश्री सीधी शर्मा को मिला। मोस्ट ग्लोइंग स्किन केटेगरी में बेस्ट मॉडल का पुरस्कार सुश्री  पूजा सोलंकी को मिला।  बेस्ट ड्रेस केटेगरी में बेस्ट मॉडल का पुरस्कार सुश्री तारा सिंह को मिला। लड़कियों में  ओवरआल बेस्ट मॉडल का पुरस्कार सुश्री तिशा शर्मा को मिला। इस कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण इंटरनल जूरी मेंबर सुश्री सांद्रा ज़ेमैटेक रहीं जोकि 2018 में मिस यूनाइटेड किंगडम का अवार्ड जीत चुकीं हैं।