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राष्ट्रीय एकता दिवस.pptx

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राष्ट्रीय एकता दिवस.pptx

  1. 1. WEL- COME
  2. 2. राष्ट्रीय एकता दिवस : 31 अक्तूबर 2022 दवषय : दवदवधता में एकता
  3. 3.  31 अक्टू बर को सरिार बल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई जाती है दजन्हें हमलोग भारत का लौह पुरुष क े नाम से जानते है I बल्लभ भाई पटेल की जयन्ती को यािगार बनाने क े दलए 2014 से हर साल 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है I सरिार बल्लभ भाई पटेल ने 565 ररयासतों का दवलय कर भारत को एक राष्ट्र बनाया था यही कारण है, की प्रत्येक वषष 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है I
  4. 4.  भारत जैसा िेश जो दवदवधताओ से भरा है I जहााँ धमं, जाती, भाषा , सभ्यता और संस्क ृ दतयााँ , एकता को बनायें रखना बहुत महत्वपूणष है I इसदलए राष्ट्र की एकता को स्थादपत करने क े दलए भारत सरकार ने में रादष्ट्रय एकता दिवस का प्रस्ताव रखा I सरिार पटेल एकता क े दलए ही जाने जाते है I िेश की आजािी क े बाि सरिार पटेल पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री बने थे
  5. 5.  सरिार पटेल का जन्म 31 अक्टू बर 1875 को गुजरात क े नादियाड में हुआ था , तथा इनका दनधन 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में हुआ था I साल 1991 में सरिार पटेल को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मादनत दकया गया I सरिार पटेल की स्मृदत में भारत सरकार ने गुजरात में नमषिा निी क े पास भारत क े लौह पुरुष की एक दवशाल मूदतष का दनमाषण दकया है इस दिन िेश क े दवदभन्न दहस्ों में सेमीनार एवं वेदबनार आयोदजत दकये जाते है I
  6. 6.  रास्ट्रीय एकता दिवस पुरे िेश में असाधारण जोश एवं उत्साह क े साथ मनाया जाता है हर जगह लोग भारत क े लौह पुरुष को श्रधांजदल िेते है और राजदनदतक रूप से भारत क े एकीक ृ त में उनको याि करते है  यह दिन भारतीय प्रशासदनक सेवाओं क े दलए भी खास महत्व रखता है I क्योदक आधुदनक अखखल भारतीय सेवा प्रणाली की शुरुआत करने वाले व्यखक्त सरिार पटेल ही थे , दजन्हें पहले भारतीय दसदवल सेवा क े रूप में जाना जाता था सरिार पटेल ए क े वल एक महान स्वंत्रता सेनानी थे बखि एक महान प्रशासक भी थे I
  7. 7. “दवदवधता में एकता”। भारत एक ऐसा िेश है जो “दवदवधता में एकता” की अवधारणा को अच्छे तरीक े से सादबत करता है। भारत एक अदधक जनसंख्या वाला िेश है तथा पूरे दवश्व में प्रदसद्ध है क्योंदक यहााँ “दवदवधता में एकता” का चररत्र िेखा जाता है। “दवदवधता में एकता” भारत की शखक्त और मजबूती है जो आज एक महत्वपूणष गुण क े रुप में भारत की पहचान करता है।
  8. 8. भारत दवदभन्न संस्क ृ दत, नस्ल, भाषा और धमष का िेश है। ये “दवदवधता में एकता” की भूदम है जहााँ अलग-अलग जीवन-शैली और तरीकों क े लोग एकसाथ रहते हैं। वो अलग आस्था, धमष और दवश्वास से संबंध रखते हैं। इन दभन्नताओं क े बावजूि भी वो भाईचारे और मानवता क े संबंध क े साथ रहते हैं। “दवदवधता में एकता” भारत की एक अलग दवशेषता है जो इसे पूरे दवश्व भर में प्रदसद्ध करती है। आमतौर पर, अपनाने और उिार होने क े महान प्राचीन भारतीय संस्क ृ दत का अनुसरण भारत क े लोग करते हैं जो स्वाभाव में उन्हें समादवष्ट्क बनाता है।
  9. 9. दवदवधता में एकता का महत्व: •“दवदवधता में एकता” लोगों की कायषस्थल, संगठन और समुिाय में मनोबल को बढाता है। •ये लोगों क े बीच में िल भावना, ररश्ते, समूह कायष को बढाने में मिि करता है इसकी वजह से प्रिशषन, कायषक ु शलता, उत्पािकता और जीवन शैली में सुधार आता है। •बुरी पररखस्थदत में भी ये प्रभावशाली संवाि बनाता है। •सामादजक परेशादनयों से लोगों को िू र रखता है और मुखिलों से लड़ने में आसानी से मिि करता है। •मानव ररश्तों में अच्छा सुधार लाता है तथा सभी क े मानव अदधकारों की रक्षा करता है।
  10. 10. •कई तरीकों में असमान होने क े बावजूि भी िेश क े लोगों क े बीच राष्ट्रीय एकीकरण की आित को ये बढावा िेता है। •भारत की सांस्क ृ दतक दवरासत को मजबूत और समृद्ध बनाने क े साथ ही ये िेश क े संपन्न दवरासत को महत्व िेता है। •दवदभन्न फसलों क े द्वारा क ृ दष क े क्षेत्र में संपन्न बनाने में ये मिि करता है दजससे अथषव्यवस्था में वृखद्ध होती है। •िेश क े दलये दवदभन्न क्षेत्रों में कौशल और उन्नत पेशेवरों क े साधन है। •भारत में “दवदवधता में एकता” पयषटन क े स्रोत उपलब्ध कराता है। पूरी िुदनया से अदधक यादत्रयों और पयषटकों को दवदभन्न संस्क ृ दत, परंपरा, भोजन, धमष और पररधान क े लोग आकदषषत करते हैं।
  11. 11. दनष्कषष मनोवैज्ञादनक, वैचाररक, राजनीदतक, धादमषक, बहु- भाषी, शारीररक, सामादजक, सांस्क ृ दतक आदि क े ढेर सारे दभन्नताओं क े बावजूि भी एकता क े अखस्तत्व पर “दवदवधता में एकता” ध्यान क े खित करता है। ज्यािा दवदवधता से एकता में ज्यािा जदटलता होती है। नस्ल, धमष, जादत, उप-जादत, समुिाय, भाषा और बोली की अदधक दवदवधता क े बावजूि भी भारत में लोग एक हो क े रहते हैं। भारत में लोग बहुत ही आध्याखिक और स्वाभाव में भगवान से डरने वाले होते हैं इसदलये वो सभी क े धमष को आिर िेते हैं।

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