2. संज ा
साँचा:ExamplesSidebar भाषा विविजान वमे,
संज ा वएक विविशाल, वमुक वशािब्दिक वविगर वका वसदिस्य व
है, िजिसके वसदिस्य वविाक्यांश वके वकतार वके वमुख्य वशब्दि, व
ियाक्रिया वके वकमर, या वपूर्विरसगर वके वकमर वके वरूप वमे वमौजिूर्दि व
हो वसकते वहै.
शािब्दिक वविगों वको वइस वसंदिभर वमे वपिरिभािषत वियाकया व
जिाता वहै वियाक वउनके वसदिस्य वअभिभव्यक्तिकयों वके वअभन्य व
प्रकारिों वके वसाथ वियाकस वतरिह वसंयोिजित वहोते वहै. संजा व
के विलए वभाषाविारि वविाक्यात्मक विनयम विभन्न वहोते व
है. वअभंग्रेज़ी वमे, संजा वको वउन वशब्दिों वके वरूप वमे व
पिरिभािषत वियाकया वजिा वसकता वहै, जिो वउपपदि वऔरि व
गुणविाचक विविशेषणों वके वसाथ वहोते वहै वऔरि व
संजा वविाक्यांश वके वशीषर वके वरूप वमे वकायर वकरि वसकते व
है.
3. Nouns की िविभन पिरभाषाएं
वसतुओ के िलए नाम
पहचान मानदं ड ो के साथ predicates
(िवधेय )
आिदपारपतः िनदे श ातमक अिभविकयां
विकवाचक संज ा और जाितवाचक संज ा
जाितवाचक और विकवाचक अथो का
पितचछे द -िबदु
4. वसतुओ के िलए नाम
अक्सर संजाओ की पिरभाषा से सामना होता है
िक वे सभी और के वल वे अिभविकयां हैं जो
विक , सथान , वसतु , घटना , पदाथर , गुणवता ,
माता , या िवचार , आिद से संदभर रखते हैं. यह
अथरगत पिरभाषा है. इसकी ग़ैर सूचनातमक के
रप में समकालीन भाषािवदो द्वारा आलोचना
की गई है.[उदरण वांिछत] समकालीन भाषािवद् आम
तौर पर सहमत हैं िक संजाओ (या अन्य
वाकरिणक श्रेिणयो) की इस आधार पर सफल
पिरभाषा संभव नहीं है िक वे िकन दुिनया की
वसतुओ को संदिभत करते या सूिचत करते हैं.
समसया का अंश है िक संजाएं क्या हैं , इसे
पिरभािषत करने के िलए पिरभाषा अपेक्षाकृ त
सामान्य संजाओ (वसतु , तथय , घटना ) का
उपयोग करती है.
5. पहचान मानदं ड ो के साथ
predicates (िवधेय )
िब्रिटिटिश तर्कर्क शास्त्री पीटिर थॉमस गीच ने nouns के
अधिधक दक्ष अधथर्कगतर् पिरभाषा को प्रस्तर्ािवतर्
िकया.[३] उन्होने देखा िक same जैसे िवशेषण
noun का अधथर्क सीिमतर् कर सकतर्े हैं लेिकन िक्रिया
या िवशेषण जैसे अधन्य शब्द भेदो के नही. इतर्ना
ही नही, िक्रिया और िवशेषणो को रूपांतर्िरतर्
करने वाले एकसमान अधथर्क वाली अधन्य कोई
अधिभव्यक्तिक्तियां भी प्रतर्ीतर् नही होतर्ी. िनम्नलिलिखतर्
उदाहरणो पर िवचार करे .
6. आिदप्रारूपतर्ः िनदे श ातमक अधिभव्यक्तिक्तियां
Nouns की एक और अधथर्कगतर् पिरभाषा है िक वे
आिदप्रारूपतर्ः िनदेशातमक हैं.[५]
हाल ही मे, माकर्क बेकर[६] ने प्रस्तर्ािवतर् िकया है िक
nouns के संबंध मे पहचान मानको के संदभर्क मे
गीच की पिरभाषा nouns की स्वरूपातमक
िवशेषतर्ाओं की व्यक्ताखया अधनुमतर् करतर्ी है. उनका
तर्कर्क है िक nouns (अध)िनश्चयवाचक उपपदो और
संखयाओं के साथ पाए जा सकतर्े हैं, और वे
आिदप्रारूपतर्ः िनदेशातमक हैं कयोिक वे सब और
के वल शब्दभेद के वे अधंश हैं जो पहचान मानक
उपलब्ध करातर्े हैं. बेकर के प्रस्तर्ाव काफी नए हैं,
और भाषािवद् अधब भी उनका मूल्यांकन कर रहे
हैं.