1. वाच्य
क्रिया क
े उस परिवर्तन को वाच्य कहर्े हैं, क्रिसक
े द्वािा इस बार् का
बोध होर्ा है क्रक वाक्य क
े अन्तर्तर् कर्ात, कर्त या भाव र्ें से क्रकसकी
प्रधानर्ा है। दू सिे शब्ोों र्ें- क्रिया क
े क्रिस रूपान्ति से यह ज्ञार् हो
क्रक वाक्य र्ें प्रयुक्त क्रिया का प्रधान क्रवषय कर्ात, कर्त अथवा भाव
है, उसे वाच्य कहर्े हैं।
3. कर्ततवाच्य :–
• क्रिस वाक्य र्ें कर्ात र्ुख्य हो औि क्रिया कर्ात क
े क्र ोंर्, वचन एवों
पुरूष क
े अनुसाि हो, उसे कर्ततवाच्य कहर्े है।
• िैसे –
•
• a) ड़क्रकया बािाि िा िही है।
• b) र्ै िार्ायण पढ़ िही है।
• c) क
ु र्क
ु र् खाना खाकि सो र्ई।
• इन वाक्योों र्ें िा िही है, पढ़ िहा हूँ, सो र्ई ये सभी क्रियाएों कर्ात क
े
अनुसाि आई है।
4. कर्तवाच्य :–
• क्रिस वाक्य र्ें कर्त र्ुख्य हो र्था इसकी सकर्तक क्रिया क
े क्र ोंर्,
वचन व पुरूष कर्त क
े अनुसाि हो, उसे कर्तवाच्य कहर्े हैं।
• िैसे –
• a) ड़क्रकयोों द्वािा बािाि िाया िा िहा है।
• b) र्ेिे द्वािा िार्ायण पढ़ी िा िही है।
• c) वषात से पुस्तक पढ़ी र्ई।
• इन वाक्योों र्ें पढ़ी िा िहीोंहै, पढी र्ई क्रियाएों कर्त क
े क्र ोंर्, वचन,
पुरूष क
े अनुसाि आई है।
5. भाववाच्य :–
• क्रिस वाक्य र्ें अकर्तक क्रिया का भाव र्ुख्य हो, उसे भाववाच्य
कहर्े हैं |
• िैसे –
• a) हर्से वहाूँ नहीोंठहिा िार्ा।
• b) उससे आर्े क्योों नहीोंपढ़ा िार्ा। ‘
• c) र्ुझसे शोि र्ें नहीोंसोया िार्ा।
• इन वाक्योों र्ें ठहिा िार्ा, पढ़ा िार्ा औि सोया िार्ा क्रियाएों
भाववाच्य की है।
• भाव वाक्य र्ें क्रिया अकर्तक एकवचन, पुक्र ोंर् र्था अन्य पुरुष
होर्ीहै।