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सूक्ष्म शिक्षण
MICRO TEACHING
11TH FACULTY INDUCTION PROGRAMME – UGC- HRD
UNIVERSITY OF ALLAHABAD
FEBRUARY, 1 TO MARCH, 2, 2023
DR. MADHURI KUMARI
ASSISTANT PROFESSOR
DEPARTMENT OF EDUCATION (M.ED.)
B.N.M. UNIVERSITY, MADHEPURA, BIHAR
MADHURIKUMARI1980@GMAIL.COM
सूक्ष्म शिक्षण
• सूक्ष्म शिक्षण वह प्रभावी उपागम है जो सामान्य रूप से मानव अशिगम की
प्रशिया और शविेष रुप से शिक्षण कौिल क
े अशिगम क
े अध्ययन की ओर
अग्रसर करता है।
• अध्यापकोों में शिक्षण कौिल का शवकास करने क
े शलए सूक्ष्म शिक्षण को
प्रभाविाली तकनीक माना गया है।
• सूक्ष्म शिक्षण शिक्षण कौिल को शवकशसत करने में अनुरूप तकनीक जैसा
ही है।
• इस उपागम का उपयोग प्रभाविाली पुनर्बलन व्यवस्था क
े आिार पर
अध्यापक क
े व्यवहार को आकार प्रदान करने में होता है।
सूक्ष्म शिक्षण - पररभाषा
•“ सूक्ष्म शिक्षण से तात्पयब शिक्षण शिया क
े उस सरलीकरण
लघु रूप से है शजसे थोडे शवद्याशथबयोों वाली कक्षा क
े सामने
अल्प समय में सोंपन्न शकया जाता है।”- एलन
• “ सूक्ष्म शिक्षण व प्रशिक्षण तकनीक है शजससे छात्रा
अध्यापकोों से अपेक्षा की जाती है शक उनक
े द्वारा शकसी एक
सोंप्रदाय को थोडे से शवद्याशथबयोों को अल्प समय में शवशिष्ट
कौिलोों का प्रयोग करक
े पढाया जाए।”- र्ी. क
े . पासी
सूक्ष्म शिक्षण कायबप्रणाली की अवस्थाएों
1. ज्ञान प्राप्ति अवस्था ( Knowledge Acquisition Phase):
• सूक्ष्म शिक्षण लागू करने की पहली अवस्था।
• इस अवस्था में दो कार्य होते हैं- प्रदियनात्मक कौिलोों का शनरीक्षण और प्रदियन से
सोंबोंध में चचाय एवों शवश्लेषण।
2. कौिल प्राप्ति(Skill Acquisition Phase):
• इस अवस्था में वास्तशवक कौिलोों को प्राि करना होता है।
• इस अवस्था में तीन कार्य करने होते हैं- सूक्ष्म पाठ र्ोजना तैर्ार करना, सूक्ष्म
कौिलोों का अभ्यास और शनदियन का मूल्ाोंकन ।
3. अोंतरण अवस्था (Transfer Phase):
• अोंशतम अवस्था में सामान्य कक्षा पररप्तस्थशतर्ोों से प्राि कौिलोों का प्रर्ोग करने हेतु
अध्यापकोों को अवसर प्रदान शकर्ा जाता है।
• वास्तशवक शिक्षण पररप्तस्थशत में कौिल का स्थानाोंतरण शकर्ा जाता है।
सूक्ष्म शिक्षण चि
1.पाठ प्रस्तावना कौिल ( Skill of Introducting the Lesson)
2. श्यामपट्ट प्रयोग कौिल ( Skill of using Blackboard)
3. व्याख्या कौिल ( Skill of Explaining)
4. प्रश्न कौिल ( Skill Of Questioning)
5. उद्दीपन पररवतबन कौिल (Skill of Stimulus Variation)
6. पुनससबजन कौिल (Skill of Reinforcement)
7. दृष्टाोंत कौिल (Skill of Illustrating with Example)
8. मानशचत्र पठन कौिल (Map Reading Skill).
सूक्ष्म शिक्षण कौिल
प्रश्न कौिल (SKILL OF QUESTIONING)
• प्रश्न पूछना एक कला है जो प्राचीन काल से ही शिक्षा प्रदान करने
हेतु प्रयोग में लाई जाती है।
• आज क
े वैज्ञाशनक और तकनीकी उपकरणोों क
े युग में भी प्रश्न पूछने
की कला का महत्व कम नहीों हुआ है र्ल्कि कक्षा अोंतः शिया की
दृशष्ट से और भी ज्यादा र्ढ गया है।
• कक्षा में शवद्याशथबयोों क
े पूवब ज्ञान की जानकारी, शवद्याशथबयोों क
े ज्ञान
एवों अवर्ोि का स्तर, उनकी शवषय क
े प्रशत रुशच, प्राप्त ज्ञान का
स्तर, शिक्षण शवशि की सफलता तथा अपने अध्यापन कायब की
प्रभाविीलता आशद सभी र्ातोों की जानकारी अध्यापक को प्रश्नोों क
े
द्वारा ही भली भाोंशत प्राप्त हो सकती है।
प्रश्न कौिल क
े िटक
1. प्रश्न शनमाबण
• साथबकता एवों प्रासाोंशगकता
• स्पष्टता
• सोंशक्षप्तता
• शवशिष्टता
• व्याकरशणक िुद्धता
2. प्रश्नोों की प्रस्तुतीकरण
• अध्यापक का स्वर
• प्रश्न पूछने की गशत
• प्रश्नोों का शवतरण
• अध्यापक व्यवहार
प्रश्न कौिल आिाररत सूक्ष्म पाठ योजना
छात्राध्यापक का नाम : अ रोल नों.- 11 कक्षा – 6 शिक्षण सत्र – शिक्षण
शवषय : शहोंदी (व्याकरण) उप शवषय: सवबनाम अवशि: 6 शमनट शदनाोंक:
18.02.2023
अध्यापक शिर्ाएों छात्र शिर्ाएों
र्च्ोों ! सोंज्ञा की पररभाषा र्ताओ र्च्े उत्तर देते हैं – शकसी व्यल्कि, वस्तु या स्थान का र्ोि
कराने वाले िब्ोों को सोंज्ञा कहते हैं।
रमा, सोंज्ञा क
े क
ु छ उदाहरण दो। राम, पुस्तक, आगरा, पटना आशद।
गीता, ये िब् सोंज्ञा क्ोों हैं? क्ोोंशक ये िब् व्यल्कि, वस्तु, और स्थान का र्ोि करा रहे
हैं।
एक चाटब पर शलखे हुए तीन वाक् र्च्ोों को शदखाकर
पूछती है शक इनमें र्च्ोों को क्ा त्रुशट नजर आ रही
िमिः
मोहन छठी कक्षा में पढ़ता है।
मोहन आज अस्वस्थ है।
मोहन की माों मोहन को डाक्टर क
े पास ले गई है।
इन वाक्ोों में मोहन िब्द बार-बार आर्ा है। इससे र्े
वाक् अटपटे लगते हैं और इनका सौोंदर्य नष्ट हो रहा है।
पूरी कक्षा से, इन वाक्ोों को प्रभाविाली र्नाने क
े शलए
इनमें क्ा पररवतबन करना चाशहए।
दू सरे वाक्ोों में मोहन क
े स्थान पर 'वह’ तथा तीसरे वाक् में
मोहन क
े स्थान पर उसकी तथा उसको या उसे िब् आना
चाशहए।
मोहन िब् व्याकरण की दृशष्ट से क्ा है? सोंज्ञा
जो िब् सोंज्ञा की पुनरुल्कि को दू र करने क
े शलए उसक
े
स्थान पर प्रयुि शकए जाते हैं उन्हें क्ा कहते हैं।
सवबनाम
सवबनाम िब्ोों क
े प्रयोग से क्ा लाभ होता है? मीना तुम
र्ताओ।
मीणा हाथ उठाती है और र्ताती है, सवबनाम िब् वाक्ोों
में होने वाली सोंज्ञा की पुनरुल्कि को दू र करक
े उसकी
सुोंदरता र्ढाते हैं।
सवबनाम क
े क
ु छ उदाहरण दो। वह, उसका, उसे, तुम, मैं, हम आशद
सोंज्ञा और सवबनाम में क्ा अोंतर है? सोंज्ञा िब् व्यल्कि, वस्तु और स्थान का र्ोि कराते हैं जर्शक
सवबनाम िब् सोंज्ञा क
े स्थान पर प्रयुि शकए जाते हैं।
िन्यवाद
सूक्ष्म शिक्षण

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  • 2. सूक्ष्म शिक्षण • सूक्ष्म शिक्षण वह प्रभावी उपागम है जो सामान्य रूप से मानव अशिगम की प्रशिया और शविेष रुप से शिक्षण कौिल क े अशिगम क े अध्ययन की ओर अग्रसर करता है। • अध्यापकोों में शिक्षण कौिल का शवकास करने क े शलए सूक्ष्म शिक्षण को प्रभाविाली तकनीक माना गया है। • सूक्ष्म शिक्षण शिक्षण कौिल को शवकशसत करने में अनुरूप तकनीक जैसा ही है। • इस उपागम का उपयोग प्रभाविाली पुनर्बलन व्यवस्था क े आिार पर अध्यापक क े व्यवहार को आकार प्रदान करने में होता है।
  • 3. सूक्ष्म शिक्षण - पररभाषा •“ सूक्ष्म शिक्षण से तात्पयब शिक्षण शिया क े उस सरलीकरण लघु रूप से है शजसे थोडे शवद्याशथबयोों वाली कक्षा क े सामने अल्प समय में सोंपन्न शकया जाता है।”- एलन • “ सूक्ष्म शिक्षण व प्रशिक्षण तकनीक है शजससे छात्रा अध्यापकोों से अपेक्षा की जाती है शक उनक े द्वारा शकसी एक सोंप्रदाय को थोडे से शवद्याशथबयोों को अल्प समय में शवशिष्ट कौिलोों का प्रयोग करक े पढाया जाए।”- र्ी. क े . पासी
  • 4. सूक्ष्म शिक्षण कायबप्रणाली की अवस्थाएों 1. ज्ञान प्राप्ति अवस्था ( Knowledge Acquisition Phase): • सूक्ष्म शिक्षण लागू करने की पहली अवस्था। • इस अवस्था में दो कार्य होते हैं- प्रदियनात्मक कौिलोों का शनरीक्षण और प्रदियन से सोंबोंध में चचाय एवों शवश्लेषण। 2. कौिल प्राप्ति(Skill Acquisition Phase): • इस अवस्था में वास्तशवक कौिलोों को प्राि करना होता है। • इस अवस्था में तीन कार्य करने होते हैं- सूक्ष्म पाठ र्ोजना तैर्ार करना, सूक्ष्म कौिलोों का अभ्यास और शनदियन का मूल्ाोंकन । 3. अोंतरण अवस्था (Transfer Phase): • अोंशतम अवस्था में सामान्य कक्षा पररप्तस्थशतर्ोों से प्राि कौिलोों का प्रर्ोग करने हेतु अध्यापकोों को अवसर प्रदान शकर्ा जाता है। • वास्तशवक शिक्षण पररप्तस्थशत में कौिल का स्थानाोंतरण शकर्ा जाता है।
  • 6. 1.पाठ प्रस्तावना कौिल ( Skill of Introducting the Lesson) 2. श्यामपट्ट प्रयोग कौिल ( Skill of using Blackboard) 3. व्याख्या कौिल ( Skill of Explaining) 4. प्रश्न कौिल ( Skill Of Questioning) 5. उद्दीपन पररवतबन कौिल (Skill of Stimulus Variation) 6. पुनससबजन कौिल (Skill of Reinforcement) 7. दृष्टाोंत कौिल (Skill of Illustrating with Example) 8. मानशचत्र पठन कौिल (Map Reading Skill). सूक्ष्म शिक्षण कौिल
  • 7. प्रश्न कौिल (SKILL OF QUESTIONING) • प्रश्न पूछना एक कला है जो प्राचीन काल से ही शिक्षा प्रदान करने हेतु प्रयोग में लाई जाती है। • आज क े वैज्ञाशनक और तकनीकी उपकरणोों क े युग में भी प्रश्न पूछने की कला का महत्व कम नहीों हुआ है र्ल्कि कक्षा अोंतः शिया की दृशष्ट से और भी ज्यादा र्ढ गया है। • कक्षा में शवद्याशथबयोों क े पूवब ज्ञान की जानकारी, शवद्याशथबयोों क े ज्ञान एवों अवर्ोि का स्तर, उनकी शवषय क े प्रशत रुशच, प्राप्त ज्ञान का स्तर, शिक्षण शवशि की सफलता तथा अपने अध्यापन कायब की प्रभाविीलता आशद सभी र्ातोों की जानकारी अध्यापक को प्रश्नोों क े द्वारा ही भली भाोंशत प्राप्त हो सकती है।
  • 8. प्रश्न कौिल क े िटक 1. प्रश्न शनमाबण • साथबकता एवों प्रासाोंशगकता • स्पष्टता • सोंशक्षप्तता • शवशिष्टता • व्याकरशणक िुद्धता 2. प्रश्नोों की प्रस्तुतीकरण • अध्यापक का स्वर • प्रश्न पूछने की गशत • प्रश्नोों का शवतरण • अध्यापक व्यवहार
  • 9. प्रश्न कौिल आिाररत सूक्ष्म पाठ योजना छात्राध्यापक का नाम : अ रोल नों.- 11 कक्षा – 6 शिक्षण सत्र – शिक्षण शवषय : शहोंदी (व्याकरण) उप शवषय: सवबनाम अवशि: 6 शमनट शदनाोंक: 18.02.2023 अध्यापक शिर्ाएों छात्र शिर्ाएों र्च्ोों ! सोंज्ञा की पररभाषा र्ताओ र्च्े उत्तर देते हैं – शकसी व्यल्कि, वस्तु या स्थान का र्ोि कराने वाले िब्ोों को सोंज्ञा कहते हैं। रमा, सोंज्ञा क े क ु छ उदाहरण दो। राम, पुस्तक, आगरा, पटना आशद। गीता, ये िब् सोंज्ञा क्ोों हैं? क्ोोंशक ये िब् व्यल्कि, वस्तु, और स्थान का र्ोि करा रहे हैं। एक चाटब पर शलखे हुए तीन वाक् र्च्ोों को शदखाकर पूछती है शक इनमें र्च्ोों को क्ा त्रुशट नजर आ रही
  • 10. िमिः मोहन छठी कक्षा में पढ़ता है। मोहन आज अस्वस्थ है। मोहन की माों मोहन को डाक्टर क े पास ले गई है। इन वाक्ोों में मोहन िब्द बार-बार आर्ा है। इससे र्े वाक् अटपटे लगते हैं और इनका सौोंदर्य नष्ट हो रहा है। पूरी कक्षा से, इन वाक्ोों को प्रभाविाली र्नाने क े शलए इनमें क्ा पररवतबन करना चाशहए। दू सरे वाक्ोों में मोहन क े स्थान पर 'वह’ तथा तीसरे वाक् में मोहन क े स्थान पर उसकी तथा उसको या उसे िब् आना चाशहए। मोहन िब् व्याकरण की दृशष्ट से क्ा है? सोंज्ञा जो िब् सोंज्ञा की पुनरुल्कि को दू र करने क े शलए उसक े स्थान पर प्रयुि शकए जाते हैं उन्हें क्ा कहते हैं। सवबनाम सवबनाम िब्ोों क े प्रयोग से क्ा लाभ होता है? मीना तुम र्ताओ। मीणा हाथ उठाती है और र्ताती है, सवबनाम िब् वाक्ोों में होने वाली सोंज्ञा की पुनरुल्कि को दू र करक े उसकी सुोंदरता र्ढाते हैं। सवबनाम क े क ु छ उदाहरण दो। वह, उसका, उसे, तुम, मैं, हम आशद सोंज्ञा और सवबनाम में क्ा अोंतर है? सोंज्ञा िब् व्यल्कि, वस्तु और स्थान का र्ोि कराते हैं जर्शक सवबनाम िब् सोंज्ञा क े स्थान पर प्रयुि शकए जाते हैं।