Unlocking the Power of ChatGPT and AI in Testing - A Real-World Look, present...
History of Geographical Thought
1. Online classes
MA Ist sem
History of
Geographical Thought
History of Geographical Thought
Part II
Presented by
Dr Durgesh Kurmi
Assistant Professor of Geography
Institute for Excellence in Higher Education, Bhopal, MP
Geography is an Inter – Disciplinary Science
(भूगोल एक अन्तरा-अनुशासननक निज्ञान क
े रूप
में)
2. Geography is an Inter – Disciplinary Science (भूगोल एक
अन्तरा-अनुशासननक निज्ञान क
े रूप में)
• भूगोल विज्ञान एक अन्तरा – अनुशासवनक विषय है
• भूगोल क
े दो उपागम हैं – 1) क्रमबद्ध भूगोल 2) प्रादेनशक भूगोल
ये दोनोों ही उपागम परस्पर समानिष्ट हैं, अर्ाात् दोनोों विवियाों एक दू सरे में समावहत
रहती हैं । भूगोल की दोनोों विवियाों परस्पर समाविष्ट रहने क
े सार् – सार् भूगोल
विषय की एक विशेषता यह भी है वक भूगोल दू सरे कई विज्ञानोों तर्ा मानिीय विज्ञानोों
में समाया रहता है तर्ा उपविषयोों को परस्पर जोड़ता है ।
उपरोक
् त दोनोों ही उपागमोों में से वकसी भी उपागम यानी रीवत का प्रयोग वकया
जाये, भूगोल सदैि ही एक अन्तरा – अनुशासवनक विज्ञान विषय बना रहता है,
क
् योोंवक भूगोल क
े द्वारा भौवतक विज्ञानोों और मानिीय विज्ञानोों का परस्पर समाकलन
होता है ।
1) परस्पर समानिष्ट – क्रमबद्ध या िगीकरण उपागम (systematic approach) तर्ा
प्रादेवशक उपागम (regional approach) में चाहे वकसी भी एक उपागम क
े आिार
पर अि्ययन वकया जाये, वकन्तु उस उपागम में दू सरा उपागम स्ित: समाविष्ट हो
जाता है ।
2) अन्तरा-अनुशासननक – भूगोल विज्ञान अन्य भौवतक विज्ञानोों तर्ा मानिीय
3. ररचर्ोफ
े न ने उन्नीसिी शताब्दी क
े
अन्त में और हेटनर ने बीसिी
शताब्दी क
े आरम्भ में ही, अन्य
विज्ञानोों में भूगोल को समाकलन
अनुशासन (integrating
discipline) का स्र्ान दे वदया र्ा
।
भूगोल अन्य बहुत से विज्ञानोों को
परस्पर सम्बद्ध करने में एक
श्रोंखला का काया करता है और
बहुत से विज्ञानोों को अपने में
समाविष्ट करक
े एक पूणा इकाई
बनाता है ।
ररचर्ोफ
े न ने भूगोल क
े क्रमबद्ध
उपागम तर्ा प्रादेवशक उपागम
दोनोों क
े समाकलन कायों को
समझाया र्ा ।
हेटनर ने भूगोल वकसी न वकसी रूप
तर्ा मात्रा में दू सरे विज्ञानोों में
समाया हुआ रहता है और दू सरे
विज्ञान वकसी न वकसी रूप और
4. हेटनर क
े उपरोक
् त मत की पुवि जमानी, विटेन, फ्ाोंस, अमेररका, रूस, भारत आवद
क
े प्रमुख भूगोलिेत्ताओों ने की । ररचार्ा हाटाशोना ने अपनी पुस्तक The Nature of
Geography में उक
् त मत की पुष्टी की ।
विवफफर् टेलर ने अपनी पुस्तक Geography in the Twentieth Century में हेटनर
क
े मत की पुष्टी करते हुए भूगोल को एक समाकलन विज्ञान बतलाया र्ा ।
िूल्र्ररज तर्ा ईस्ट ने भी अपनी पुस्तक The Spirit and Purpose of Geography
में भूगोल को अन्तरानुसाशवनक विज्ञान बताया ।
भारतीय भूगोलिेत्ता प्रो. चटजी ने भी भूगोल को अन्तरानुशासवनक विज्ञान बतलाकर
हेटनर क
े मत की पुवि की ।
7. भूगोल की मुख्य संकल्पनाएँ (The Basic Concepts of Geography)
भूगोल क
े अि्ययन में क
ु छ वसद्धाोंतोों और सोंकल्पनाओों क
े आिार पर भौगोवलक अन्िेष्ण और
विश्लेषण वकये जाते हैं । जो इस प्रकार हैं –
परर््िी या भू – तल (earth surface) की सोंकल्पना ।
अिस्थर्वत (location) की सोंकल्पना ।
स्थाननक नितरण (spatial distribution) की संकल्पना ।
स्थाननक अंतनक्र
ि या (spatial interaction) की संकल्पना ।
पाररस्थर्वतक प्रदेश (ecological region) की सोंकल्पना ।
क्षेत्रीय नभन्न्ता (areal differntiation ) की संकल्पना ।
क्षेत्रोों की आोंतररक सम्बद्धता (spatial internal coherence) की सोंकल्पना ।
परर््िी का साोंस्कवतक मूल्याोंकन (cultural appraisal of the earth) की सोंकल्पना ।
समय क
े सार्-सार् पररितान की सोंकल्पना (the concept of temporal change or
succession – time aspect)
मापनी (scale) की सोंकल्पना ।
8. Concept of spatial distribution
स्थाननक नितरणों की संकल्पना
प्रत्येक स्र्ान की परर््िी तल पर एक विशेष अिस्थर्वत होती है । यवद हम उस स्र्ान का
कोई एक तत्ि अर्िा गुण छाोंटकर उसकी तुलना दू सरे स्र्ान क
े िैसे ही तत्िोों या
गुणोों की अिस्थर्वत से करें, तो यह वितरण का उल्लेख कहलायेगा ।
उदा. – गेहुों उत्पादन क
े प्रमुख क्षेत्र, युक्र
े न प्रदेश, सोंयुक
् त राज्य और कनार्ा क
े
प्रेयरी प्रदेश अजेन्टाइना क
े पम्पास, आस्टरेवलया का मरे – र्ावलिंग बेवसन, भारत क
े
पोंजाब हररयाणा, चीन का विशाल मैदान आवद ।
विषुितरेखीय पेटी में सदापणी िन, टैगा पेटी में शोंक
ु िारी िन, सहारा, कालाहारी,
अटाकामा तर्ा र्ार का मरूस्र्ल आवद ये सब भौगोवलक वितरण क
े उदाहरण हैं ।
स्र्ावनक वितरण क
े तीन पक्ष होते हैं – 1. नितरण का घनत्ि (density)
2. निक्षेपण(dispersion) 3. प्रनतरूप (pattern)
घनत्ि का अर्ा वदये हुए अि्ययन क्षेत्र में वकसी तर््य या पररघटना की बारम्बारता
होता है ।
निक्षेपण यह प्रकट करता है वक उस तर््य या लक्षण क
े फ
ै लाि क्षेत्र का विस्तार वकतना
है
वकसी तर््य क
े वितरण का ज्यावमतीय विन्यास उस तर््य क
े वितरण का प्रनतरूप
कहलाता है ।
9. Concept of Spatial Interaction
स्थाननक अंतनक्र
ि या की संकल्पना
परर््िी पर िस्तुओों, विचारोों और मनुष्योों की एक स्र्ान से दुसरे स्र्ान को
गवतशीलता होती रहती है । प्राक
ृ नतक तत्िोों की गवतशीलता िायु और जल द्वारा होती
है, िस्तुओं की गवतशीलता प्राय: पररिहन क
े सािनोों द्वारा होती है, निचारों की
गवतशीलता सोंचार क
े सािनोों, जैसे – र्ाक, तार, टेलीफोन, रेवर्यो, टेलीविजन द्वारा
होती है या मनुष्योों की पारस्पररक सभाओों, सम्भाषणोों आवद क
े द्वारा और समाचार
पत्रोों, पवत्रकाओों, पुस्तकोों क
े द्वारा होती है ।
स्र्ानोों क
े बीच 1. िस्तुओों 2. विचारोों 3. मनुष्योों की गवतशीलता को स्र्ावनक
पारस्पररक वक्रया (spatial interaction) कहते हैं ।
क्षेत्रीय निनभन्नता (areal) differentiation और क्षेत्रीय समाकलन (areal integration)
दोनोों सार् – सार् मौजूद रहते हैं, और इसक
े वलये क्षेत्रोों में पारस्पररक वक्रया की
आिश्यकता होती है । यह पारस्पररक वक्रया प्रदेशोों या क्षेत्रोों में सोंचार प्रिाह क
े द्वारा
होती है । सोंचार सािन विवभन्न क्षेत्रोों का समाकलन(integration) करने से बोंिता है
वकसी स्र्ान क
े स्िरूप वनिाारण में बड़ा भारी महत्ि इस बात का होता है, वक
पररिहन मागों तर्ा सोंचार सािनोों से बने पररसोंचरण जाल में, उस स्र्ान की स्थर्वत
कह ों पर है । स्र्ानोों की क
े न्द्रीय अिस्थर्वत होती है, उनकी अवभगम्यता अर्ाात दू सरे
स्र्ानोों से उन क
े न्द्रीय स्र्ानोों तक की पहुुँच बहुत ऊ
ों चे दजे की होती है ।
10. Concept of Areal Differentiation
क्षेत्रीय नभन्नता की संकल्पना
1898 में जमान भूगोलिेत्ता हैटनर ने अपने लेखोों में क्षेत्रीय वभन्नता की सोंकल्पना को
स्पष्टत: समझाया र्ा । हैटनर क
े मतानुसार भूगोल परर््िी क
े क्षेत्रोों का ज्ञान है, और ये
क्षेत्र एक दू सरे से वभन्न होते हैं । इन्होने बतलाया वक भूगोल परर््िी का क्षेत्रीय विज्ञान
(chorological science) है । भूगोल परर््िी क
े क्षेत्रोों तर्ा स्र्ानोों की वभन्नता का और
उनक
े स्र्ावनक सम्बोंिोों का विज्ञान है ।
Choro (Region) + logy (Study)
Chorology includes the discription of the the causal relation of phenomena
whithin a perticular region.
भूगोल परर््िी तल पर प्रादेवशक अन्तरोों का विज्ञान है ।
विवटश भूगोलिेत्ताओों क
े अनुसार भूगोल िह विज्ञान है जो क्षेत्रों की नभन्नता तर्ा
उनक
े सम्बोंिोों क
े सोंदभा में पृथ्िी तल का िणान करता है ।
अमेररकन भूगोलिेत्ताओों क
े अनुसार भूगोल िह विज्ञान है जो परर््िी तल की क्षेत्रीय
वभन्नता का अि्ययन करता है । यह वभन्नता ऐसे तत्िोों जैसे जलिायु, उच्चािच,
वमटटी, िनस्पवत, जनसोंख्या, भूवम-उपयोग तर्ा कई तत्िोों क
े सस्िश् रूपोों क
े गुण
क्रम अोंतसाम्बोंिोों द्वारा ि्यक
् त होती है ।
भूगोल क
े अोंतगात स्र्ानोों की पररघटनाओों (phenomena) का तर्ा स्र्ानोों की
सदृश्यताओों(likenesses) और अन्तरोों (differences) का अि्ययन होता है ।
11. भूगोल में पर््िी तल क
े क्षेत्रोों की विवििताओों का ज्ञान प्राप्त वकया जाता है । अत: क्षेत्रीय
वभन्नता का िास्तविक अर्ा क्षेत्रोों का अोंतर नहीों है, िरन क्षेत्रोों की विवििता है ।