1. हस्ती
क्या हस्ती है उन लोगों की,
जो अपना इसे समझते हैं,
क्या चाहत है उन लोगों की,
जो ऐसा वैसा करते हैं | १ |
उन्हें शायद मालूम नह ीं,
ददन हर ककसी का किरता है,
जो आज कह ीं पर रहता है,
कल और कह ीं पर होता है | २ |
अपना अपनों का गुणा-भाग,
जो करते यूूँ रह जाते हैं ,
दुननयाूँ में जाने ककतनों का,
वो हर पल ह्रदय दुखाते हैं | ३ |
जो खुद को ह पसींद नह ीं,
औरों से वो क्यों करते हैं,
आखखर ऐसे कु छ गगने चुने,
ऊपर वाले से न डरते हैं ? | ४ |
अब समय आ गया ऐ प्यारों,
तुम खुद को अब तैयार करो,
लगने वाल है वाट अभी,
अब कु सी अपनी साफ़ करो | ५ |
जो हैं लायक उस पदवी के ,
अब के वल वो ह बैठेंगे,
कहना है वो ह कहेंगे,
करना है वो ह करेंगे | ६ |
गोपाल कृ ष्ण शमाा
gopalkrishnasharma@outlook.com