2. स्वामी दयानन्द क
े विचार ों से प्रभावित महापुरुष ों की
सोंख्या असोंख्य है, इनमें प्रमुख नाम हैं- मादाम
वभकाजी कामा,भगत वसोंह पण्डित लेखराम आयय,
स्वामी श्रद्धानन्द, चौधरी छ टू राम पण्डित गुरुदत्त
विद्यार्थी, श्यामजी क
ृ ष्ण िमाय, विनायक दाम दर
सािरकर, लाला हरदयाल, मदनलाल ढीोंगरा, राम
प्रसाद 'विण्डिल', महादेि ग विोंद रानडे, महात्मा
होंसराज, लाला लाजपत राय इत्यावद। स्वामी दयानन्द
क
े प्रमुख अनुयावयय ों में लाला होंसराज ने 1886 में
लाहौर में 'दयानन्द एों ग्ल िैवदक कॉलेज' की स्र्थापना
की तर्था स्वामी श्रद्धानन्द ने 1901 में हररद्वार क
े
वनकट काोंगडी में गुरुक
ु ल की स्र्थापना की।
3. स्वामी दयानोंद सरस्वती जीिनी
वो ना सिर्
फ एक महान सवद्वान और दार्फसनक थे बल्कि वो एक महान
िमाज िुधारक और राजनीसिक सवचार धरा क
े व्यल्कि थे। स्वामी
दयानद िरस्विी जी क
े उच्च सवचारोों और कोसर्र् क
े कारण ही
भारिीय सर्क्षा प्रणाली का पुनरुद्धार हुआ सजिमें एक ही छि क
े नीचे
सवसभन्न स्तर और जासि क
े छात्ोों को लाया गया सजिे आज हम कक्षा
क
े नाम िे जानिे हैं।
स्वामी दयानद िरस्विी जी ने आयफ िमाज की स्थापना की थी और उन्हें
आधुसनक िमाज क
े सनमाफिाओों में िे एक माना जािा है। एक स्वदेर्ी रुख
अपना कर उन्होोंने हमेर्ा एक नया िमाज, धमफ, आसथफक और राजनीसिक
दौर का र्ुरुवाि सकया।
वेदोों िे अच्छी सवचारधारा और प्रेरणा लेकर उन्होोंने िमाज क
े कई
बुरी प्रथाओों को दू र करने का प्रचार र्ुरू सकया था।
4. स्वामी दयानद सरस्वती जी का जन्म, 12 फरिरी सन 1824 मूलशोंकर
नाम से एक रुवििादी ब्राह्मण पररिार में वपता करशनजी लालजी वतिारी
और मााँ यश दािाई क
े घर में म रिी (मुम्बई की म रिी ररयासत) क
े पास
कावियािाड क्षेत्र (वजला राजक ट), गुजरात में हुआ र्था।उनक
े वपता वशि
जी क
े िहुत िडे भक्त र्थे और उनक
े वपता ने दयानद जी क यह भी िताया
र्था की उपिास रखने क
े फायदे क्या हैं इसवलए दयानोंद जी सभी वशिरावत्र
क उपिास रखते र्थे और पूरी रात वशि पूजा में सण्डिवलत रहते र्थे।1846
में अपने घर से भाग गए तावक उनका वििाह िली काल में ना कराया जा
सक
े और उन् ोंने अपना जीिन कई साल तक 1846-1869 तपस्वी क
े रूप
में धमय क
े सत्य क ढू न्ढते हुए भटकते रहे।
22 अक्टू िर 1869 क िाराणसी, में स्वामी दयान्द जी ने एक
27 विद्वान और 12 पोंवडत विशेषज् ों क
े ण्डखलाफ एक िहस में
वजत हावसल वकया। इस िहस क देखने 50,000 से भी ज्यादा
ल ग देखने आये र्थे।