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संघ की राजभाषा नीति
संघ की राजभाषा त ंदी और तिति देवनागरी ै । संघ क
े शासकीय
प्रयोजनों क
े तिए प्रयोग ोने वािे अंकों का रूि भारिीय अंकों का
अंिराष्ट्र ीय रूि ै {संतवधान का अनुच्छे द 343 (1)} । िरन्तु त ंदी क
े
अतिररक्त अंग्रेजी भाषा का प्रयोग भी सरकारी कामकाज में तकया जा
सकिा ै (राजभाषा अतधतनयम की धारा 3) ।
संसद का कायय त ंदी में या अंग्रेजी में तकया जा सकिा ै । िरन्तु
राज्यसभा क
े सभािति म ोदय या िोकसभा क
े अध्यक्ष म ोदय तवशेष
िररस्थिति में सदन क
े तकसी सदस्य को अिनी मािृभाषा में सदन को
संबोतधि करने की अनुमति दे सकिे ैं । {संतवधान का अनुच्छे द 120}
तकन प्रयोजनों क
े तिए क
े वि त ंदी का प्रयोग तकया जाना ै, तकन क
े तिए
त ंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक ै और तकन कायों
क
े तिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग तकया जाना ै, य राजभाषा अतधतनयम
1963, राजभाषा तनयम 1976 और उनक
े अंिगयि समय समय िर
राजभाषा तवभाग, गृ मंत्रािय की ओर से जारी तकए गए तनदेशों द्वारा
तनधायररि तकया गया ै ।
संवैधातनक प्रावधान
भारि क
े संतवधान में राजभाषा से संबंतधि भाग-17
अनुच्छे द 120. संसद् में प्रयोग की जाने वािी भाषा - (1)
भाग 17 में तकसी बाि क
े ोिे हुए भी, तक
ं िु अनुच्छे द 348
क
े उिबंधों क
े अधीन र िे हुए, संसद् में कायय त ंदी में या
अंग्रेजी में तकया जाएगा
िरंिु, यिास्थिति, राज्य सभा का सभािति या िोक सभा
का अध्यक्ष अिवा उस रूि में कायय करने वािा व्यस्क्त
तकसी सदस्य को, जो त ंदी में या अंग्रेजी में अिनी ियायप्त
अतभव्यस्क्त न ीं कर सकिा ै, अिनी मािृ-भाषा में सदन
को संबोतधि करने की अनुज्ञा दे सक
े गा ।
अनुच्छे द 210: तवधान-मंडि में प्रयोग की
जाने वािी भाषा
• (1) भाग 17 में तकसी बाि क
े ोिे हुए भी, तक
ं िु अनुच्छे द
348 क
े उिबंधों क
े अधीन र िे हुए, राज्य क
े तवधान-मंडि
में कायय राज्य की राजभाषा या राजभाषाओं में या त ंदी में
या अंग्रेजी में तकया जाएगा
• िरंिु, यिास्थिति, तवधान सभा का अध्यक्ष या तवधान िररषद्
का सभािति अिवा उस रूि में कायय करने वािा व्यस्क्त
तकसी सदस्य को, जो िूवोक्त भाषाओं में से तकसी भाषा में
अिनी ियायप्त अतभव्यस्क्त न ीं कर सकिा ै, अिनी
मािृभाषा में सदन को संबोतधि करने की अनुज्ञा दे सक
े गा
।
अनुच्छे द 343. संघ की राजभाषा
• (1) संघ की राजभाषा त ंदी और तिति देवनागरी ोगी, संघ क
े शासकीय
प्रयोजनों क
े तिए प्रयोग ोने वािे अंकों का रूि भारिीय अंकों का
अंिरायष्ट्र ीय रूि ोगा।
• (2) खंड (1) में तकसी बाि क
े ोिे हुए भी, इस संतवधान क
े प्रारंभ से िंद्र
वषय की अवतध िक संघ क
े उन सभी शासकीय प्रयोजनों क
े तिए अंग्रेजी
भाषा का प्रयोग तकया जािा र ेगा तजनक
े तिए उसका ऐसे प्रारंभ से ठीक
ि िे प्रयोग तकया जा र ा िा :
• िरन्तु राष्ट्र िति उक्त अवतध क
े दौरान, आदेश द्वारा, संघ क
े शासकीय
प्रयोजनों में से तकसी क
े तिए अंग्रेजी भाषा क
े अतिररक्त त ंदी भाषा का
और भारिीय अंकों क
े अंिरायष्ट्र ीय रूि क
े अतिररक्त देवनागरी रूि का
प्रयोग प्रातधक
ृ ि कर सक
े गा।
• (3) इस अनुच्छे द में तकसी बाि क
े ोिे हुए भी, संसद् उक्त िन्द्र वषय की
अवतध क
े िश्चाि्, तवतध द्वारा
• (क) अंग्रेजी भाषा का, या
• (ख) अंकों क
े देवनागरी रूि का,
• ऐसे प्रयोजनों क
े तिए प्रयोग उिबंतधि कर सक
े गी जो ऐसी तवतध में
तवतनतदयष्ट् तकए जाएं ।
अनुच्छे द 344. राजभाषा क
े संबंध में आयोग और संसद की सतमति
• (1) राष्ट्र िति, इस संतवधान क
े प्रारंभ से िांच वषय की समास्प्त िर और ित्पश्चाि् ऐसे प्रारंभ से दस वषय की
समास्प्त िर, आदेश द्वारा, एक आयोग गतठि करेगा जो एक अध्यक्ष और आठवीं अनुसूची में तवतनतदयष्ट्
तवतभन्न भाषाओं का प्रतितनतधत्व करने वािे ऐसे अन्य सदस्यों से तमिकर बनेगा तजनको राष्ट्र िति तनयुक्त
करे और आदेश में आयोग द्वारा अनुसरण की जाने वािी प्रतिया िररतनतश्चि की जाएगी।
• (2) आयोग का य कियव्य ोगा तक व राष्ट्र िति को--
• (क) संघ क
े शासकीय प्रयोजनों क
े तिए त ंदी भाषा क
े अतधकातधक प्रयोग,
• (ख) संघ क
े सभी या तकन्ीं शासकीय प्रयोजनों क
े तिए अंग्रेजी भाषा क
े प्रयोग िर तनबंधनों,
• (ग) अनुच्छे द 348 में उस्िस्खि सभी या तकन्ीं प्रयोजनों क
े तिए प्रयोग की जाने वािी भाषा,
• (घ) संघ क
े तकसी एक या अतधक तवतनतदयष्ट् प्रयोजनों क
े तिए प्रयोग तकए जाने वािे अंकों क
े रूि,
• (ड़) संघ की राजभाषा ििा संघ और तकसी राज्य क
े बीच या एक राज्य और दू सरे राज्य क
े बीच ित्रातद
की भाषा और उनक
े प्रयोग क
े संबंध में राष्ट्र िति द्वारा आयोग को तनदेतशि तकए गए तकसी अन्य तवषय,
क
े बारे में तसफाररश करे।
• (3) खंड (2) क
े अधीन अिनी तसफाररशें करने में, आयोग भारि की औद्योतगक, सांस्क
ृ तिक और
वैज्ञातनक उन्नति का और िोक सेवाओं क
े संबंध में अत ंदी भाषी क्षेत्रों क
े व्यस्क्तयों क
े न्यायसंगि दावों
और त िों का सम्यक ध्यान रखेगा।
• (4) एक सतमति गतठि की जाएगी जो िीस सदस्यों से तमिकर बनेगी तजनमें से बीस िोक सभा क
े
सदस्य ोंगे और दस राज्य सभा क
े सदस्य ोंगे जो िमशः िोक सभा क
े सदस्यों और राज्य सभा क
े
सदस्यों द्वारा आनुिातिक प्रतितनतधत्व िद्धति क
े अनुसार एकि संिमणीय मि द्वारा तनवायतचि ोंगे।
• (5) सतमति का य कियव्य ोगा तक व खंड (1)क
े अधीन गतठि आयोग की तसफाररशों की िरीक्षा करे
और राष्ट्र िति को उन िर अिनी राय क
े बारे में प्रतिवेदन दे।
• (6) अनुच्छे द 343 में तकसी बाि क
े ोिे हुए भी, राष्ट्र िति खंड (5) में तनतदयष्ट् प्रतिवेदन िर तवचार करने
क
े िश्चाि् उस संिूणय प्रतिवेदन क
े या उसक
े तकसी भाग क
े अनुसार तनदेश दे सक
े गा।
अध्याय 2- प्रादेतशक भाषाएं
• अनुच्छे द 345. राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं --
• अनुच्छे द 346 और अनुच्छे द 347 क
े उिबंधों क
े अधीन र िे हुए, तकसी राज्य का तवधान-
मंडि, तवतध द्वारा, उस राज्य में प्रयोग ोने वािी भाषाओं में से तकसी एक या अतधक
भाषाओं को या त ंदी को उस राज्य क
े सभी या तकन्ींशासकीय प्रयोजनों क
े तिए प्रयोग की
जाने वािी भाषा या भाषाओं क
े रूि में अंगीकार कर सक
े गाः
• िरंिु जब िक राज्य का तवधान-मंडि, तवतध द्वारा, अन्यिा उिबंध न करे िब िक राज्य क
े
भीिर उन शासकीय प्रयोजनों क
े तिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग तकया जािा र ेगा तजनक
े तिए
उसका इस संतवधान क
े प्रारंभ से ठीक ि िे प्रयोग तकया जा र ा िा।
• अनुच्छे द 346. एक राज्य और दू सरे राज्य क
े बीच या तकसी राज्य और संघ क
े बीच ित्रातद
की राजभाषा--
• संघ में शासकीय प्रयोजनों क
े तिए प्रयोग तकए जाने क
े तिए ित्समय प्रातधक
ृ ि भाषा, एक
राज्य और दू सरे राज्य क
े बीच ििा तकसी राज्य और संघ क
े बीच ित्रातद की राजभाषा ोगी :
• िरंिु यतद दो या अतधक राज्य य करार करिे ैं तक उन राज्यों क
े बीच ित्रातद की राजभाषा
त ंदी भाषा ोगी िो ऐसे ित्रातद क
े तिए उस भाषा का प्रयोग तकया जा सक
े गा।
• अनुच्छे द 347. तकसी राज्य की जनसंख्या क
े तकसी अनुभाग द्वारा बोिी जाने वािी भाषा क
े
संबंध में तवशेष उिबंध--
• यतद इस तनतमत्त मांग तकए जाने िर राष्ट्र िति का य समाधान ो जािा ै तक तकसी राज्य की
जनसंख्या का ियायप्त भाग य चा िा ै तक उसक
े द्वारा बोिी जाने वािी भाषा को राज्य
द्वारा मान्यिा दी जाए िो व तनदेश दे सक
े गा तक ऐसी भाषा को भी उस राज्य में सवयत्र या
उसक
े तकसी भाग में ऐसे प्रयोजन क
े तिए, जो व तवतनतदयष्ट् करे, शासकीय मान्यिा दी जाए।
•
अध्याय 3 - उच्चिम न्यायािय, उच्च न्यायाियों आतद की भाषा
• अनुच्छे द 348. उच्चिम न्यायािय और उच्च न्यायाियों में और अतधतनयमों, तवधेयकों आतद क
े तिए
प्रयोग की जाने वािी भाषा--
• (1) इस भाग क
े िूवयगामी उिबंधों में तकसी बाि क
े ोिे हुए भी, जब िक संसद् तवतध द्वारा अन्यिा
उिबंध न करे िब िक--
• (क) उच्चिम न्यायािय और प्रत्येक उच्च न्यायािय में सभी काययवात यां अंग्रेजी भाषा में ोंगी,
• (ख) (i) संसद् क
े प्रत्येक सदन या तकसी राज्य क
े तवधान-मंडि क
े सदन या प्रत्येक सदन में िुरःथिातिि
तकए जाने वािे सभी तवधेयकों या प्रस्तातवि तकए जाने वािे उनक
े संशोधनों क
े ,
• (ii) संसद या तकसी राज्य क
े तवधान-मंडि द्वारा िाररि सभी अतधतनयमों क
े और राष्ट्र िति या तकसी राज्य
क
े राज्यिाि द्वारा प्रख्यातिि सभी अध्यादेशों क
े ,और
(iii) इस संतवधान क
े अधीन अिवा संसद या तकसी राज्य क
े तवधान-मंडि द्वारा बनाई गई तकसी तवतध क
े
अधीन तनकािे गए या बनाए गए सभी आदेशों, तनयमों, तवतनयमों और उितवतधयों क
े , प्रातधक
ृ ि िाठ
अंग्रेजी भाषा में ोंगे।
• (2) खंड(1) क
े उिखंड (क) में तकसी बाि क
े ोिे हुए भी, तकसी राज्य का राज्यिाि राष्ट्र िति की िूवय
स मति से उस उच्च न्यायािय की काययवात यों में, तजसका मुख्य थिान उस राज्य में ै, त न्दी भाषा का
या उस राज्य क
े शासकीय प्रयोजनों क
े तिए प्रयोग ोने वािी तकसी अन्य भाषा का प्रयोग प्रातधक
ृ ि कर
सक
े गाः
• िरंिु इस खंड की कोई बाि ऐसे उच्च न्यायािय द्वारा तदए गए तकसी तनणयय, तडिी या आदेश को िागू
न ीं ोगी।
• (3) खंड (1) क
े उिखंड (ख) में तकसी बाि क
े ोिे हुए भी, ज ां तकसी राज्य क
े तवधान-मंडि ने,उस
तवधान-मंडि में िुरःथिातिि तवधेयकों या उसक
े द्वारा िाररि अतधतनयमों में अिवा उस राज्य क
े
राज्यिाि द्वारा प्रख्यातिि अध्यादेशों में अिवा उस उिखंड क
े िैरा (iv) में तनतदयष्ट् तकसी आदेश, तनयम,
तवतनयम या उितवतध में प्रयोग क
े तिए अंग्रेजी भाषा से तभन्न कोई भाषा तवत ि की ै व ां उस राज्य क
े
राजित्र में उस राज्य क
े राज्यिाि क
े प्रातधकार से प्रकातशि अंग्रेजी भाषा में उसका अनुवाद इस
अनुच्छे द क
े अधीन उसका अंग्रेजी भाषा में प्रातधक
ृ ि िाठ समझा जाएगा।
अध्याय 4-- तवशेष तनदेश
• अनुच्छे द 350. व्यिा क
े तनवारण क
े तिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वािी भाषा--
• प्रत्येक व्यस्क्त तकसी व्यिा क
े तनवारण क
े तिए संघ या राज्य क
े तकसी अतधकारी या
प्रातधकारी को, यिास्थिति, संघ में या राज्य में प्रयोग ोने वािी तकसी भाषा में
अभ्यावेदन देने का कदार ोगा।
• अनुच्छे द 350 क. प्राितमक स्तर िर मािृभाषा में तशक्षा की सुतवधाएं --
• प्रत्येक राज्य और राज्य क
े भीिर प्रत्येक थिानीय प्रातधकारी भाषाई अल्पसंख्यक-
वगों क
े बािकों को तशक्षा क
े प्राितमक स्तर िर मािृभाषा में तशक्षा की ियायप्त
सुतवधाओं की व्यवथिा करने का प्रयास करेगा और राष्ट्र िति तकसी राज्य को ऐसे
तनदेश दे सक
े गा जो व ऐसी सुतवधाओं का उिबंध सुतनतश्चि कराने क
े तिए
आवश्यक या उतचि समझिा ै।
• अनुच्छे द 350 ख. भाषाई अल्पसंख्यक-वगों क
े तिए तवशेष अतधकारी--
• (1) भाषाई अल्पसंख्यक-वगों क
े तिए एक तवशेष अतधकारी ोगा तजसे राष्ट्र िति
तनयुक्त करेगा।
• (2) तवशेष अतधकारी का य कियव्य ोगा तक व इस संतवधान क
े अधीन भाषाई
अल्पसंख्यक-वगों क
े तिए उिबंतधि रक्षोिायों से संबंतधि सभी तवषयों का अन्वेषण
करे और उन तवषयों क
े संबंध में ऐसे अंिरािों िर जो राष्ट्र िति तनतदयष्ट् करे,
राष्ट्र िति को प्रतिवेदन दे और राष्ट्र िति ऐसे सभी प्रतिवेदनों को संसद् क
े प्रत्येक
सदन क
े समक्ष रखवाएगा और संबंतधि राज्यों की सरकारों को तभजवाएगा।
अनुच्छे द 351. त ंदी भाषा क
े तवकास क
े तिए तनदेश
• संघ का य कियव्य ोगा तक व त ंदी भाषा का प्रसार
बढ़ाए, उसका तवकास करे तजससे व भारि की सामातसक
संस्क
ृ ति क
े सभी ित्वों की अतभव्यस्क्त का माध्यम बन सक
े
और उसकी प्रक
ृ ति में स्तक्षेि तकए तबना त ंदुथिानी में
और आठवीं अनुसूची में तवतनतदयष्ट् भारि की अन्य भाषाओं
में प्रयुक्त रूि, शैिी और िदों को आत्मसाि करिे हुए
और ज ां आवश्यक या वांछनीय ो व ां उसक
े शब्द-
भंडार क
े तिए मुख्यिः संस्क
ृ ि से और गौणिः अन्य
भाषाओं से शब्द ग्र ण करिे हुए उसकी समृस्द्ध सुतनतश्चि
करे।
राजभाषा अतधतनयम, 1963 (यिासंशोतधि,1967)
(1963 का अतधतनयम संख्यांक 19)
• 1. संतक्षप्त नाम और प्रारम्भ-
• (1) य अतधतनयम राजभाषा अतधतनयम, 1963 क ा जा सक
े गा।
• (2) धारा 3, जनवरी, 1965 क
े 26 वें तदन को प्रवृत्त ोगी और इस
अतधतनयम क
े शेष उिबन्ध उस िारीख को प्रवृत्त ोंगे तजसे क
े न्द्रीय
सरकार, शासकीय राजित्र में अतधसूचना द्वारा तनयि करे और इस
अतधतनयम क
े तवतभन्न उिबन्धों क
े तिए तवतभन्न िारीखें तनयि की जा
सक
ें गी।
• 2. िररभाषाएं --इस अतधतनयम में जब िक तक संदभय से अन्यिा
अिेतक्षि न ो,
• (क) 'तनयि तदन' से, धारा 3 क
े सम्बन्ध में, जनवरी, 1965 का 26वां
तदन अतभप्रेि ै और इस अतधतनयम क
े तकसी अन्य उिबन्ध क
े
सम्बन्ध में व तदन अतभप्रेि ै तजस तदन को व उिबन्ध प्रवृत्त ोिा
ै;
• (ख) 'त न्दी' से व त न्दी अतभप्रेि ै तजसकी तिति देवनागरी ै।
राजभाषा अतधतनयम, 1963 यिासंशोतधि,1967)
की प्रमुख बािें
1. संघ क
े राजकीय प्रयोजनों क
े तिए और संसद में प्रयोग क
े तिए अंग्रेजी भाषा का
र ना
2. उिधारा (1) में अन्ततवयष्ट् तकसी बाि क
े ोिे हुए भी, ज ां ित्रातद क
े प्रयोजनों क
े
तिए त न्दी या अंग्रेजी भाषा
• (3) उिधारा (1)में अन्ततवयष्ट् तकसी बाि क
े ोिे हुए भी त न्दी और अंग्रेजी भाषा
दोनों ी--
(i) संकल्पों, साधारण आदेशों, तनयमों, अतधसूचनाओं, प्रशासतनक या अन्य
प्रतिवेदनों या प्रेस तवज्ञस्प्तयों क
े तिए, जो क
े न्द्रीय सरकार द्वारा या उसक
े तकसी
मंत्रािय, तवभाग या कायायिय द्वारा या क
े न्द्रीय सरकार क
े स्वातमत्व में क
े या
तनयंत्रण में क
े तकसी तनगम या कम्पनी द्वारा या ऐसे तनगम या कम्पनी क
े तकसी
कायायिय द्वारा तनकािे जािे ैं या तकए जािे ैं ;
• (ii) संसद क
े तकसी सदन या सदनों क
े समक्ष रखे गए प्रशासतनक ििा अन्य
प्रतिवेदनों और राजकीय कागज-ित्रों क
े तिए ;
• (iii) क
े न्द्रीय सरकार या उसक
े तकसी मंत्रािय, तवभाग या कायायिय द्वारा या
उसकी ओर से या क
े न्द्रीय सरकार क
े स्वातमत्व में क
े या तनयंत्रण में क
े तकसी
तनगम या
कम्पनी द्वारा या ऐसे तनगम या कम्पनी क
े तकसी कायायिय द्वारा तनष्पातदि
संतवदाओं और करारों क
े तिए ििा तनकािी गई अनुज्ञप्त्तााायों, अनुज्ञाित्रों,
सूचनाओं और तनतवदा-प्ररूिों क
े तिए, प्रयोग में िाई जाएगी।
राजभाषा क
े सम्बन्ध में सतमति
• (1) तजस िारीख को धारा 3 प्रवृत्त ोिी ै उससे दस वषय की समास्प्त
क
े िश्चाि, राजभाषा क
े सम्बन्ध में एक सतमति, इस तवषय का संकल्प
संसद क
े तकसी भी सदन में राष्ट्र िति की िूवय मंजूरी से प्रस्तातवि और
दोनों सदनों द्वारा िाररि तकए जाने िर, गतठि की जाएगी।
• (2) इस सतमति में िीस सदस्य ोंगे तजनमें से बीस िोक सभा क
े
सदस्य ोंगे ििा दस राज्य सभा क
े सदस्य ोंगे, जो िमशः िोक
सभा क
े सदस्यों ििा राज्य सभा क
े सदस्यों द्वारा आनुिातिक
प्रतितनतधत्व िद्धति क
े अनुसार एकि संिमणीय मि द्वारा तनवायतचि
ोंगे।
• (3) इस सतमति का कियव्य ोगा तक व संघ क
े राजकीय प्रयोजनों
क
े तिए त न्दी क
े प्रयोग में की गई प्रगति का िुनतवयिोकन करें और
उस िर तसफाररशें करिे हुए राष्ट्र िति को प्रतिवेदन करें और राष्ट्र िति
उस प्रतिवेदन को संसद् क
े र एक सदन क
े समक्ष रखवाएगा और
सभी राज्य सरकारों को तभजवाएगा ।
• (4) राष्ट्र िति उिधारा (3) में तनतदयष्ट् प्रतिवेदन िर और उस िर राज्य
सरकारों ने यतद कोई मि अतभव्यक्त तकए ों िो उन िर तवचार करने
क
े िश्चाि् उस समस्त प्रतिवेदन क
े या उसक
े तकसी भाग क
े अनुसार
तनदेश तनकाि सक
े गा :
क
े न्द्रीय अतधतनयमों आतद का प्रातधक
ृ ि त न्दी अनुवाद
• (1) तनयि तदन को और उसक
े िश्चाि् शासकीय राजित्र में राष्ट्र िति क
े
प्रातधकार से प्रकातशि--
(क) तकसी क
े न्द्रीय अतधतनयम का या राष्ट्र िति द्वारा प्रख्यातिि तकसी
अध्यादेश का, अिवा
• (ख) संतवधान क
े अधीन या तकसी क
े न्द्रीय अतधतनयम क
े अधीन
तनकािे गए तकसी आदेश, तनयम, तवतनयम या उितवतध का त न्दी में
अनुवाद उसका त न्दी में प्रातधक
ृ ि िाठ समझा जाएगा ।
• (2) तनयि तदन से ी उन सब तवधेयकों क
े , जो संसद क
े तकसी भी
सदन में िुरःथिातिि तकए जाने ों और उन सब संशोधनों क
े , जो
उनक
े समबन्ध में संसद क
े तकसी भी सदन में प्रस्तातवि तकए जाने ों,
अंग्रेजी भाषा क
े प्रातधक
ृ ि िाठ क
े साि-साि उनका त न्दी में अनुवाद
भी ोगा जो ऐसी रीति से प्रातधक
ृ ि तकया जाएगा, जो इस अतधतनयम
क
े अधीन बनाए गए तनयमों द्वारा तवत ि की जाए।
क
े न्द्रीय अतधतनयमों आतद का प्रातधक
ृ ि त न्दी अनुवाद
1. कतििय दशाओं में राज्य अतधतनयमों का
प्रातधक
ृ ि त न्दी अनुवाद-
2. उच्च न्यायालय ों क
े निर्णय ों आनि में निन्दी या
अन्य राजभाषा का वैकल्पिक प्रय ग
3. नियम बिािे की शल्पि
4. कनिपय उपबन् ों का जम्मू-कश्मीर क लागू ि
ि िा-
5. धारा 6 और धारा 7 क
े उपबन् जम्मू-कश्मीर
राज्य क लागू ि ि ोंगे।
राजभाषा (सोंघ क
े शासकीय प्रय जि ों क
े
नलए प्रय ग)नियम,1976 (यथा सोंश नधि,
1987)
• 1. संतक्षप्त नाम, तवस्तार और प्रारम्भ--
• (क) इन तनयमों का संतक्षप्त नाम राजभाषा
(संघ क
े शासकीय प्रयोजनों क
े तिए प्रयोग)
तनयम, 1976 ै।
• (ख) इनका तवस्तार, ितमिनाडु राज्य क
े
तसवाय सम्पूणय भारि िर ै।
• (ग) ये राजित्र में प्रकाशन की िारीख को
प्रवृत्त ोंगे।
राजभाषा तनयम की िररभाषाएं
• 2. िररभाषाएं -- इन तनयमों में, जब िक तक संदभय से अन्यिा अिेतक्षि न ोः-
• (क) 'अतधतनयम' से राजभाषा अतधतनयम, 1963 (1963 का 19) अतभप्रेि ै;
(ख) 'क
े न्द्रीय सरकार क
े कायायिय' क
े अन्तगयि तनम्नतिस्खि भी ै, अिायिः-
• (क) क
े न्द्रीय सरकार का कोई मंत्रािय, तवभाग या कायायिय;
• (ख) क
े न्द्रीय सरकार द्वारा तनयुक्त तकसी आयोग, सतमति या अतधकरण का कोई
कायायिय; और
• (ग) क
े न्द्रीय सरकार क
े स्वातमत्व में या तनयंत्रण क
े अधीन तकसी तनगम या कम्पनी का
कोई कायायिय;
• (ग) 'कमयचारी' से क
े न्द्रीय सरकार क
े कायायिय में तनयोतजि कोई व्यस्क्त अतभप्रेि ै;
• (घ) 'अतधसूतचि कायायिय' से तनयम 10 क
े
उितनयम (4) क
े अधीन अतधसूतचि कायायिय, अतभप्रेि ै;
• (ड़) 'त न्दी में प्रवीणिा' से तनयम 9 में वतणयि प्रवीणिा अतभप्रेि ै ;
• (च) 'क्षेत्र क' से तब ार, ररयाणा, त माचि प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजथिान और उत्तर प्रदेश
राज्य ििा अंडमान और तनकोबार द्वीि समू , तदिी संघ राज्य क्षेत्र अतभप्रेि ै;
• (छ) 'क्षेत्र ख' से गुजराि, म ाराष्ट्र और िंजाब राज्य और चंडीगढ़ संघ राज्य क्षेत्र अतभप्रेि
ै;
• (ज) 'क्षेत्र ग' से खंड (च) और (छ) में तनतदयष्ट् राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से तभन्न राज्य
ििा संघ राज्य क्षेत्र अतभप्रेि ै;
• (झ) 'त न्दी का काययसाधक ज्ञान' से तनयम 10 में वतणयि काययसाधक ज्ञान अतभप्रेि ै ।
राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें
(3) राज्यों आतद और क
े न्द्रीय सरकार क
े
कायायियों से तभन्न कायायियों क
े साि ित्रातद-
(4) क
े न्द्रीय सरकार क
े कायायियों क
े बीच
ित्रातद-
(5) त न्दी में प्राप्त ित्रातद क
े उत्तर-- तनयम 3
और तनयम 4 में तकसी बाि क
े ोिे हुए भी,
त न्दी में ित्रातद क
े उत्तर क
े न्द्रीय सरकार क
े
कायायिय से त न्दी में तदए जाएं गे ।
राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें
6. त न्दी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग-
अतधतनयम की धारा 3 की उिधारा (3) में तनतदयष्ट्
सभी दस्तावेजों क
े तिए त न्दी और अंग्रेजी दोनों का
प्रयोग तकया जाएगा और ऐसे दस्तावेजों िर
स्ताक्षर करने वािे व्यस्क्तयों का य उत्तरदातयत्व
ोगा तक वे य सुतनतश्चि कर िें तक ऐसी दस्तावेजें
त न्दी और अंग्रेजी दोनों ी में िैयार की जािी ैं,
तनष्पातदि की जािी ैं और जारी की जािी ैं।
राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें
• 7. आवेदन, अभ्यावेदन आतद-
• (1) कोई कमयचारी आवेदन, अिीि या अभ्यावेदन त न्दी या
अंग्रेजी में कर सकिा ै।
• (2) जब उितनयम (1) में तवतनतदयष्ट् कोई आवेदन, अिीि या
अभ्यावेदन त न्दी में तकया गया ो या उस िर त न्दी में
स्ताक्षर तकए गए ों, िब उसका उत्तर त न्दी में तदया
जाएगा।
• (3) यतद कोई कमयचारी य चा िा ै तक सेवा संबंधी
तवषयों (तजनक
े अन्तगयि अनुशासतनक काययवात यां भी ैं)
से संबंतधि कोई आदेश या सूचना, तजसका कमयचारी िर
िामीि तकया
जाना अिेतक्षि ै, यिास्थिति, त न्दी या अंग्रेजी में ोनी
चात ए िो व उसे असम्यक तविम्ब क
े तबना उसी भाषा में
दी जाएगी।
राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें
• 8. क
े न्द्रीय सरकार क
े कायायियों में तिप्पणों का तिखा जाना -
• (1) कोई कमयचारी तकसी फाइि िर तिप्पण या काययवृत्त त ंदी या
अंग्रेजी में तिख सकिा ै और उससे य अिेक्षा न ीं की जाएगी तक
व उसका अनुवाद दू सरी भाषा में प्रस्तुि करे।
• (2) क
े न्द्रीय सरकार का कोई भी कमयचारी, जो त न्दी का काययसाधक
ज्ञान रखिा ै, त न्दी में तकसी दस्तावेज क
े अंग्रेजी अनुवाद की मांग
िभी कर सकिा ै, जब व दस्तावेज तवतधक या िकनीकी प्रक
ृ ति
का ै, अन्यिा न ीं।
• (3) यतद य प्रश्न उठिा ै तक कोई तवतशष्ट् दस्तावेज तवतधक या
िकनीकी प्रक
ृ ति का ै या न ीं िो तवभाग या कायायिय का प्रधान
उसका तवतनश्चय करेगा।
• (4) उितनयम (1) में तकसी बाि क
े ोिे हुए भी, क
े न्द्रीय सरकार,
आदेश द्वारा ऐसे अतधसूतचि कायायियों को तवतनतदयष्ट् कर सकिी ै
ज ां ऐसे कमयचाररयों द्वारा,तजन्ें त न्दी में प्रवीणिा प्राप्त ै, तिप्पण,
प्रारूिण और ऐसे अन्य शासकीय प्रयोजनों क
े तिए, जो आदेश में
तवतनतदयष्ट् तकए जाएं , क
े वि त न्दी का प्रयोग तकया जाएगा ।
राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें
• 9. त न्दी में प्रवीणिा-
• यतद तकसी कमयचारी ने-
• (क) मैतिरक िरीक्षा या उसकी समिुल्य या उससे उच्चिर
कोई िरीक्षा त न्दी क
े माध्यम से उत्तीणय कर िी ै;या
• (ख) स्नािक िरीक्षा में अिवा स्नािक िरीक्षा की समिुल्य
या उससे उच्चिर तकसी अन्य िरीक्षा में त न्दी को एक
वैकस्ल्पक तवषय क
े रूि में तिया ो; या
• (ग) यतद व इन तनयमों से उिाबद्ध प्ररूि में य घोषणा
करिा ै तक उसे त न्दी में प्रवीणिा प्राप्त ै;
• िो उसक
े बारे में य समझा जाएगा तक उसने त न्दी में
प्रवीणिा प्राप्त कर िी ै ।
राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें
• 10. त न्दी का काययसाधक ज्ञान-
• (1) (क) यतद तकसी कमयचारी ने-
• (i) मैतिरक िरीक्षा या उसकी समिुल्य या उससे उच्चिर िरीक्षा त न्दी
तवषय क
े साि उत्तीणय कर िी ै; या
• (ii) क
े न्द्रीय सरकार की त न्दी िरीकाा योजना क
े अन्तगयि आयोतजि प्राज्ञ
िरीक्षा या यतद उस सरकार द्वारा तकसी तवतशष्ट् प्रवगय क
े िदों क
े सम्बन्ध में उस योजना क
े अन्तगयि
कोई तनम्निर िरीक्षा तवतनतदयष्ट् ै, व िरीक्षा उत्तीणय कर िी ै;या
• (iii) क
े न्द्रीय सरकार द्वारा उस तनतमत्त तवतनतदयष्ट् कोई अन्य िरीक्षा उत्तीणय
कर िी ै; या
• (ख) यतद व इन तनयमों से उिाबद्ध प्ररूि में य घोषणा करिा ै तक उसने ऐसा ज्ञान प्राप्त कर तिया
ै;
• िो उसक
े बारे में य समझा जाएगा तक उसने त न्दी का काययसाधक ज्ञान प्राप्त कर तिया ै।
• (2) यतद क
े न्द्रीय सरकार क
े तकसी कायायिय में कायय करने वािे कमयचाररयों में से अस्सी प्रतिशि ने
त न्दी का ऐसा ज्ञान प्राप्त कर तिया ै िो उस कायायिय क
े कमयचाररयों क
े बारे में सामान्यिया
य समझा जाएगा तक उन्ोंने त न्दी का काययसाधक ज्ञान प्राप्त कर तिया ै।
• (3) क
े न्द्रीय सरकार या क
े न्द्रीय सरकार द्वारा इस तनतमत्त तवतनतदयष्ट् कोई अतधकारी य अवधाररि कर
सकिा ै तक क
े न्द्रीय सरकार क
े तकसी कायायिय क
े कमयचाररयों ने त न्दी का काययसाधक ज्ञान प्राप्त
कर तिया ै या न ीं।
• (4) क
े न्द्रीय सरकार क
े तजन कायायियों में कमयचाररयों ने त न्दी का काययसाधक ज्ञान प्राप्त कर तिया ै
उन कायायियों क
े नाम राजित्र में अतधसूतचि तकए जाएं गे;
• िरन्तु यतद क
े न्द्रीय सरकार की राय ै तक तकसी अतधसूतचि कायायिय में काम करने वािे और त न्दी
का काययसाधक ज्ञान रखने वािे कमयचाररयों का प्रतिशि तकसी िारीख में से
उितनयम (2) में तवतनतदयष्ट् प्रतिशि से कम ो गया ै, िो व राजित्र में अतधसूचना द्वारा घोतषि कर
सकिी ै तक उक्त कायायिय उस िारीख से अतधसूतचि कायायिय न ीं र जाएगा ।
राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें
11. मैनुअि, संत िाएं , प्रतिया संबंधी अन्य सात त्य, िेखन सामग्री
आतद-
• (1) क
े न्द्रीय सरकार क
े कायायियों से संबंतधि सभी मैनुअि, संत िाएं
और प्रतिया संबंधी अन्य सात त्य, त न्दी और अंग्रेजी में तद्वभातषक
रूि में यिास्थिति, मुतद्रि या साइक्लोस्टाइि तकया जाएगा और
प्रकातशि तकया जाएगा।
• (2) क
े न्द्रीय सरकार क
े तकसी कायायिय में प्रयोग तकए जाने वािे
रतजस्टरों क
े प्ररूि और शीषयक त न्दी और अंग्रेजी में ोंगे।
• (3) क
े न्द्रीय सरकार क
े तकसी कायायिय में प्रयोग क
े तिए सभी
नामिट्ट, सूचना िट्ट, ित्रशीषय और तिफाफों िर उत्कीणय िेख ििा
िेखन सामग्री की अन्य मदें त न्दी और अंग्रेजी में तिखी जाएं गी,
मुतद्रि या उत्कीणय ोंगी;
• िरन्तु यतद क
े न्द्रीय सरकार ऐसा करना आवश्यक समझिी ै िो व ,
साधारण या तवशेष आदेश द्वारा, क
े न्द्रीय सरकार क
े तकसी कायायिय
को इस तनयम क
े सभी या तकन्ीं उिबन्धों से छ
ू ि दे सकिी ै।
राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें
• 12. अनुिािन का उत्तरदातयत्व-
• (1) क
े न्द्रीय सरकार क
े प्रत्येक कायायिय क
े प्रशासतनक
प्रधान का य उत्तरदातयत्व ोगा तक व --
• (i) य सुतनतश्चि करे तक अतधतनयम और इन तनयमों क
े
उिबंधों और उितनयम (2) क
े अधीन जारी तकए गए
तनदेशों का समुतचि रूि से अनुिािन ो र ा ै;और
• (ii) इस प्रयोजन क
े तिए उियुक्त और प्रभावकारी जांच क
े
तिए उिाय करे ।
• (2) क
े न्द्रीय सरकार अतधतनयम और इन तनयमों क
े
उिबन्धों क
े सम्यक अनुिािन क
े तिए अिने कमयचाररयों
और कायायियों को समय-समय िर आवश्यक तनदेश जारी
कर सकिी ै ।
राजभाषा संकल्प,1968
• “जब‡क संतवधान क
े अनुच्छे द 343 क
े अनुसार संघ की राजभाषा
त ंदी र ेगी और उसक
े अनुच्छे द 351 क
े अनुसार त ंदी भाषा का
प्रसार, वृस्द्ध करना और उसका तवकास करना िातक व भारि की
सामातसक संस्क
ृ ति क
े सब ित्वों की अतभव्यस्क्त का माध्यम ो सक
े ,
संघ का कियव्य ै :
• य सभा संकल्प करिी ै तक त ंदी क
े प्रसार एं व तवकास की गति
बढ़ाने क
े ेिु ििा संघ क
े तवतभन्न राजकीय प्रयोजनों क
े तिए
उत्तरोत्तर इसक
े प्रयोग ेिु भारि सरकार द्वारा एक अतधक ग न एवं
व्यािक काययिम िैयार तकया जाएगा और उसे कायायस्न्वि तकया
जाएगा और तकए जाने वािे उिायों एवं की जाने वािी प्रगति की
तवस्तृि वातषयक मूल्यांकन ररिोिय संसद की दोनों सभाओं क
े ििि िर
रखी जाएगी और सब राज्य सरकारों को भेजी जाएगी ।
राजभाषा संकल्प,1968
• य सभा संकल्प करिी ै तक त ंदी क
े साि-साि इन सब
भाषाओं क
े समस्न्वि तवकास ेिु भारि सरकार द्वारा राज्य
सरकारों क
े स योग से एक काययिम िैयार तकया जाएगा
और उसे कायायस्न्वि तकया जाएगा िातक वे शीघ्र समृद्ध ो
और आधुतनक ज्ञान क
े संचार का प्रभावी माध्यम बनें ।
• य सभा संकल्प करिी ै तक त ंदी भाषी क्षेत्रों में त ंदी ििा
अंग्रेजी क
े अतिररक्त एक आधुतनक भारिीय भाषा क
े ,
दतक्षण भारि की भाषाओं में से तकसी एक को िरजी देिे
हुए, और अत ंदी भाषी क्षेत्रों में प्रादेतशक भाषाओं एवं
अंग्रेजी क
े साि साि त ंदी क
े अध्ययन क
े तिए उस सूत्र क
े
अनुसार प्रबन्ध तकया जाना चात ए ।
राजभाषा संकल्प,1968
य सभा संकल्प करिी ै तक-
• (क) तक उन तवशेष सेवाओं अिवा िदों को छोड़कर तजनक
े तिए
ऐसी तकसी सेवा अिवा िद क
े कत्तयव्यों क
े संिोषजनक तनष्पादन ेिु
क
े वि अंग्रेजी अिवा क
े वि त ंदी अिवा दोनों जैसी तक स्थिति ो, का
उच्च स्तर का ज्ञान आवश्यक समझा जाए, संघ सेवाओं अिवा िदों
क
े तिए भिी करने ेिु उम्मीदवारों क
े चयन क
े समय त ंदी अिवा
अंग्रेजी में से तकसी एक का ज्ञान अतनवाययि ोगा; और
• (ख) तक िरीक्षाओं की भावी योजना, प्रतिया संबंधी ि िुओं एवं
समय क
े तवषय में संघ िोक सेवा आयोग क
े तवचार जानने क
े िश्चाि
अस्खि भारिीय एवं उच्चिर क
े न्द्रीय सेवाओं संबंधी िरीक्षाओं क
े
तिए संतवधान की आठवीं अनुसूची में सस्म्मतिि सभी भाषाओं ििा
अंग्रेजी को वैकस्ल्पक माध्यम क
े रूि में रखने की अनुमति ोगी ।”

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  • 1. संघ की राजभाषा नीति संघ की राजभाषा त ंदी और तिति देवनागरी ै । संघ क े शासकीय प्रयोजनों क े तिए प्रयोग ोने वािे अंकों का रूि भारिीय अंकों का अंिराष्ट्र ीय रूि ै {संतवधान का अनुच्छे द 343 (1)} । िरन्तु त ंदी क े अतिररक्त अंग्रेजी भाषा का प्रयोग भी सरकारी कामकाज में तकया जा सकिा ै (राजभाषा अतधतनयम की धारा 3) । संसद का कायय त ंदी में या अंग्रेजी में तकया जा सकिा ै । िरन्तु राज्यसभा क े सभािति म ोदय या िोकसभा क े अध्यक्ष म ोदय तवशेष िररस्थिति में सदन क े तकसी सदस्य को अिनी मािृभाषा में सदन को संबोतधि करने की अनुमति दे सकिे ैं । {संतवधान का अनुच्छे द 120} तकन प्रयोजनों क े तिए क े वि त ंदी का प्रयोग तकया जाना ै, तकन क े तिए त ंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक ै और तकन कायों क े तिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग तकया जाना ै, य राजभाषा अतधतनयम 1963, राजभाषा तनयम 1976 और उनक े अंिगयि समय समय िर राजभाषा तवभाग, गृ मंत्रािय की ओर से जारी तकए गए तनदेशों द्वारा तनधायररि तकया गया ै ।
  • 2. संवैधातनक प्रावधान भारि क े संतवधान में राजभाषा से संबंतधि भाग-17 अनुच्छे द 120. संसद् में प्रयोग की जाने वािी भाषा - (1) भाग 17 में तकसी बाि क े ोिे हुए भी, तक ं िु अनुच्छे द 348 क े उिबंधों क े अधीन र िे हुए, संसद् में कायय त ंदी में या अंग्रेजी में तकया जाएगा िरंिु, यिास्थिति, राज्य सभा का सभािति या िोक सभा का अध्यक्ष अिवा उस रूि में कायय करने वािा व्यस्क्त तकसी सदस्य को, जो त ंदी में या अंग्रेजी में अिनी ियायप्त अतभव्यस्क्त न ीं कर सकिा ै, अिनी मािृ-भाषा में सदन को संबोतधि करने की अनुज्ञा दे सक े गा ।
  • 3. अनुच्छे द 210: तवधान-मंडि में प्रयोग की जाने वािी भाषा • (1) भाग 17 में तकसी बाि क े ोिे हुए भी, तक ं िु अनुच्छे द 348 क े उिबंधों क े अधीन र िे हुए, राज्य क े तवधान-मंडि में कायय राज्य की राजभाषा या राजभाषाओं में या त ंदी में या अंग्रेजी में तकया जाएगा • िरंिु, यिास्थिति, तवधान सभा का अध्यक्ष या तवधान िररषद् का सभािति अिवा उस रूि में कायय करने वािा व्यस्क्त तकसी सदस्य को, जो िूवोक्त भाषाओं में से तकसी भाषा में अिनी ियायप्त अतभव्यस्क्त न ीं कर सकिा ै, अिनी मािृभाषा में सदन को संबोतधि करने की अनुज्ञा दे सक े गा ।
  • 4. अनुच्छे द 343. संघ की राजभाषा • (1) संघ की राजभाषा त ंदी और तिति देवनागरी ोगी, संघ क े शासकीय प्रयोजनों क े तिए प्रयोग ोने वािे अंकों का रूि भारिीय अंकों का अंिरायष्ट्र ीय रूि ोगा। • (2) खंड (1) में तकसी बाि क े ोिे हुए भी, इस संतवधान क े प्रारंभ से िंद्र वषय की अवतध िक संघ क े उन सभी शासकीय प्रयोजनों क े तिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग तकया जािा र ेगा तजनक े तिए उसका ऐसे प्रारंभ से ठीक ि िे प्रयोग तकया जा र ा िा : • िरन्तु राष्ट्र िति उक्त अवतध क े दौरान, आदेश द्वारा, संघ क े शासकीय प्रयोजनों में से तकसी क े तिए अंग्रेजी भाषा क े अतिररक्त त ंदी भाषा का और भारिीय अंकों क े अंिरायष्ट्र ीय रूि क े अतिररक्त देवनागरी रूि का प्रयोग प्रातधक ृ ि कर सक े गा। • (3) इस अनुच्छे द में तकसी बाि क े ोिे हुए भी, संसद् उक्त िन्द्र वषय की अवतध क े िश्चाि्, तवतध द्वारा • (क) अंग्रेजी भाषा का, या • (ख) अंकों क े देवनागरी रूि का, • ऐसे प्रयोजनों क े तिए प्रयोग उिबंतधि कर सक े गी जो ऐसी तवतध में तवतनतदयष्ट् तकए जाएं ।
  • 5. अनुच्छे द 344. राजभाषा क े संबंध में आयोग और संसद की सतमति • (1) राष्ट्र िति, इस संतवधान क े प्रारंभ से िांच वषय की समास्प्त िर और ित्पश्चाि् ऐसे प्रारंभ से दस वषय की समास्प्त िर, आदेश द्वारा, एक आयोग गतठि करेगा जो एक अध्यक्ष और आठवीं अनुसूची में तवतनतदयष्ट् तवतभन्न भाषाओं का प्रतितनतधत्व करने वािे ऐसे अन्य सदस्यों से तमिकर बनेगा तजनको राष्ट्र िति तनयुक्त करे और आदेश में आयोग द्वारा अनुसरण की जाने वािी प्रतिया िररतनतश्चि की जाएगी। • (2) आयोग का य कियव्य ोगा तक व राष्ट्र िति को-- • (क) संघ क े शासकीय प्रयोजनों क े तिए त ंदी भाषा क े अतधकातधक प्रयोग, • (ख) संघ क े सभी या तकन्ीं शासकीय प्रयोजनों क े तिए अंग्रेजी भाषा क े प्रयोग िर तनबंधनों, • (ग) अनुच्छे द 348 में उस्िस्खि सभी या तकन्ीं प्रयोजनों क े तिए प्रयोग की जाने वािी भाषा, • (घ) संघ क े तकसी एक या अतधक तवतनतदयष्ट् प्रयोजनों क े तिए प्रयोग तकए जाने वािे अंकों क े रूि, • (ड़) संघ की राजभाषा ििा संघ और तकसी राज्य क े बीच या एक राज्य और दू सरे राज्य क े बीच ित्रातद की भाषा और उनक े प्रयोग क े संबंध में राष्ट्र िति द्वारा आयोग को तनदेतशि तकए गए तकसी अन्य तवषय, क े बारे में तसफाररश करे। • (3) खंड (2) क े अधीन अिनी तसफाररशें करने में, आयोग भारि की औद्योतगक, सांस्क ृ तिक और वैज्ञातनक उन्नति का और िोक सेवाओं क े संबंध में अत ंदी भाषी क्षेत्रों क े व्यस्क्तयों क े न्यायसंगि दावों और त िों का सम्यक ध्यान रखेगा। • (4) एक सतमति गतठि की जाएगी जो िीस सदस्यों से तमिकर बनेगी तजनमें से बीस िोक सभा क े सदस्य ोंगे और दस राज्य सभा क े सदस्य ोंगे जो िमशः िोक सभा क े सदस्यों और राज्य सभा क े सदस्यों द्वारा आनुिातिक प्रतितनतधत्व िद्धति क े अनुसार एकि संिमणीय मि द्वारा तनवायतचि ोंगे। • (5) सतमति का य कियव्य ोगा तक व खंड (1)क े अधीन गतठि आयोग की तसफाररशों की िरीक्षा करे और राष्ट्र िति को उन िर अिनी राय क े बारे में प्रतिवेदन दे। • (6) अनुच्छे द 343 में तकसी बाि क े ोिे हुए भी, राष्ट्र िति खंड (5) में तनतदयष्ट् प्रतिवेदन िर तवचार करने क े िश्चाि् उस संिूणय प्रतिवेदन क े या उसक े तकसी भाग क े अनुसार तनदेश दे सक े गा।
  • 6. अध्याय 2- प्रादेतशक भाषाएं • अनुच्छे द 345. राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं -- • अनुच्छे द 346 और अनुच्छे द 347 क े उिबंधों क े अधीन र िे हुए, तकसी राज्य का तवधान- मंडि, तवतध द्वारा, उस राज्य में प्रयोग ोने वािी भाषाओं में से तकसी एक या अतधक भाषाओं को या त ंदी को उस राज्य क े सभी या तकन्ींशासकीय प्रयोजनों क े तिए प्रयोग की जाने वािी भाषा या भाषाओं क े रूि में अंगीकार कर सक े गाः • िरंिु जब िक राज्य का तवधान-मंडि, तवतध द्वारा, अन्यिा उिबंध न करे िब िक राज्य क े भीिर उन शासकीय प्रयोजनों क े तिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग तकया जािा र ेगा तजनक े तिए उसका इस संतवधान क े प्रारंभ से ठीक ि िे प्रयोग तकया जा र ा िा। • अनुच्छे द 346. एक राज्य और दू सरे राज्य क े बीच या तकसी राज्य और संघ क े बीच ित्रातद की राजभाषा-- • संघ में शासकीय प्रयोजनों क े तिए प्रयोग तकए जाने क े तिए ित्समय प्रातधक ृ ि भाषा, एक राज्य और दू सरे राज्य क े बीच ििा तकसी राज्य और संघ क े बीच ित्रातद की राजभाषा ोगी : • िरंिु यतद दो या अतधक राज्य य करार करिे ैं तक उन राज्यों क े बीच ित्रातद की राजभाषा त ंदी भाषा ोगी िो ऐसे ित्रातद क े तिए उस भाषा का प्रयोग तकया जा सक े गा। • अनुच्छे द 347. तकसी राज्य की जनसंख्या क े तकसी अनुभाग द्वारा बोिी जाने वािी भाषा क े संबंध में तवशेष उिबंध-- • यतद इस तनतमत्त मांग तकए जाने िर राष्ट्र िति का य समाधान ो जािा ै तक तकसी राज्य की जनसंख्या का ियायप्त भाग य चा िा ै तक उसक े द्वारा बोिी जाने वािी भाषा को राज्य द्वारा मान्यिा दी जाए िो व तनदेश दे सक े गा तक ऐसी भाषा को भी उस राज्य में सवयत्र या उसक े तकसी भाग में ऐसे प्रयोजन क े तिए, जो व तवतनतदयष्ट् करे, शासकीय मान्यिा दी जाए। •
  • 7. अध्याय 3 - उच्चिम न्यायािय, उच्च न्यायाियों आतद की भाषा • अनुच्छे द 348. उच्चिम न्यायािय और उच्च न्यायाियों में और अतधतनयमों, तवधेयकों आतद क े तिए प्रयोग की जाने वािी भाषा-- • (1) इस भाग क े िूवयगामी उिबंधों में तकसी बाि क े ोिे हुए भी, जब िक संसद् तवतध द्वारा अन्यिा उिबंध न करे िब िक-- • (क) उच्चिम न्यायािय और प्रत्येक उच्च न्यायािय में सभी काययवात यां अंग्रेजी भाषा में ोंगी, • (ख) (i) संसद् क े प्रत्येक सदन या तकसी राज्य क े तवधान-मंडि क े सदन या प्रत्येक सदन में िुरःथिातिि तकए जाने वािे सभी तवधेयकों या प्रस्तातवि तकए जाने वािे उनक े संशोधनों क े , • (ii) संसद या तकसी राज्य क े तवधान-मंडि द्वारा िाररि सभी अतधतनयमों क े और राष्ट्र िति या तकसी राज्य क े राज्यिाि द्वारा प्रख्यातिि सभी अध्यादेशों क े ,और (iii) इस संतवधान क े अधीन अिवा संसद या तकसी राज्य क े तवधान-मंडि द्वारा बनाई गई तकसी तवतध क े अधीन तनकािे गए या बनाए गए सभी आदेशों, तनयमों, तवतनयमों और उितवतधयों क े , प्रातधक ृ ि िाठ अंग्रेजी भाषा में ोंगे। • (2) खंड(1) क े उिखंड (क) में तकसी बाि क े ोिे हुए भी, तकसी राज्य का राज्यिाि राष्ट्र िति की िूवय स मति से उस उच्च न्यायािय की काययवात यों में, तजसका मुख्य थिान उस राज्य में ै, त न्दी भाषा का या उस राज्य क े शासकीय प्रयोजनों क े तिए प्रयोग ोने वािी तकसी अन्य भाषा का प्रयोग प्रातधक ृ ि कर सक े गाः • िरंिु इस खंड की कोई बाि ऐसे उच्च न्यायािय द्वारा तदए गए तकसी तनणयय, तडिी या आदेश को िागू न ीं ोगी। • (3) खंड (1) क े उिखंड (ख) में तकसी बाि क े ोिे हुए भी, ज ां तकसी राज्य क े तवधान-मंडि ने,उस तवधान-मंडि में िुरःथिातिि तवधेयकों या उसक े द्वारा िाररि अतधतनयमों में अिवा उस राज्य क े राज्यिाि द्वारा प्रख्यातिि अध्यादेशों में अिवा उस उिखंड क े िैरा (iv) में तनतदयष्ट् तकसी आदेश, तनयम, तवतनयम या उितवतध में प्रयोग क े तिए अंग्रेजी भाषा से तभन्न कोई भाषा तवत ि की ै व ां उस राज्य क े राजित्र में उस राज्य क े राज्यिाि क े प्रातधकार से प्रकातशि अंग्रेजी भाषा में उसका अनुवाद इस अनुच्छे द क े अधीन उसका अंग्रेजी भाषा में प्रातधक ृ ि िाठ समझा जाएगा।
  • 8. अध्याय 4-- तवशेष तनदेश • अनुच्छे द 350. व्यिा क े तनवारण क े तिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वािी भाषा-- • प्रत्येक व्यस्क्त तकसी व्यिा क े तनवारण क े तिए संघ या राज्य क े तकसी अतधकारी या प्रातधकारी को, यिास्थिति, संघ में या राज्य में प्रयोग ोने वािी तकसी भाषा में अभ्यावेदन देने का कदार ोगा। • अनुच्छे द 350 क. प्राितमक स्तर िर मािृभाषा में तशक्षा की सुतवधाएं -- • प्रत्येक राज्य और राज्य क े भीिर प्रत्येक थिानीय प्रातधकारी भाषाई अल्पसंख्यक- वगों क े बािकों को तशक्षा क े प्राितमक स्तर िर मािृभाषा में तशक्षा की ियायप्त सुतवधाओं की व्यवथिा करने का प्रयास करेगा और राष्ट्र िति तकसी राज्य को ऐसे तनदेश दे सक े गा जो व ऐसी सुतवधाओं का उिबंध सुतनतश्चि कराने क े तिए आवश्यक या उतचि समझिा ै। • अनुच्छे द 350 ख. भाषाई अल्पसंख्यक-वगों क े तिए तवशेष अतधकारी-- • (1) भाषाई अल्पसंख्यक-वगों क े तिए एक तवशेष अतधकारी ोगा तजसे राष्ट्र िति तनयुक्त करेगा। • (2) तवशेष अतधकारी का य कियव्य ोगा तक व इस संतवधान क े अधीन भाषाई अल्पसंख्यक-वगों क े तिए उिबंतधि रक्षोिायों से संबंतधि सभी तवषयों का अन्वेषण करे और उन तवषयों क े संबंध में ऐसे अंिरािों िर जो राष्ट्र िति तनतदयष्ट् करे, राष्ट्र िति को प्रतिवेदन दे और राष्ट्र िति ऐसे सभी प्रतिवेदनों को संसद् क े प्रत्येक सदन क े समक्ष रखवाएगा और संबंतधि राज्यों की सरकारों को तभजवाएगा।
  • 9. अनुच्छे द 351. त ंदी भाषा क े तवकास क े तिए तनदेश • संघ का य कियव्य ोगा तक व त ंदी भाषा का प्रसार बढ़ाए, उसका तवकास करे तजससे व भारि की सामातसक संस्क ृ ति क े सभी ित्वों की अतभव्यस्क्त का माध्यम बन सक े और उसकी प्रक ृ ति में स्तक्षेि तकए तबना त ंदुथिानी में और आठवीं अनुसूची में तवतनतदयष्ट् भारि की अन्य भाषाओं में प्रयुक्त रूि, शैिी और िदों को आत्मसाि करिे हुए और ज ां आवश्यक या वांछनीय ो व ां उसक े शब्द- भंडार क े तिए मुख्यिः संस्क ृ ि से और गौणिः अन्य भाषाओं से शब्द ग्र ण करिे हुए उसकी समृस्द्ध सुतनतश्चि करे।
  • 10. राजभाषा अतधतनयम, 1963 (यिासंशोतधि,1967) (1963 का अतधतनयम संख्यांक 19) • 1. संतक्षप्त नाम और प्रारम्भ- • (1) य अतधतनयम राजभाषा अतधतनयम, 1963 क ा जा सक े गा। • (2) धारा 3, जनवरी, 1965 क े 26 वें तदन को प्रवृत्त ोगी और इस अतधतनयम क े शेष उिबन्ध उस िारीख को प्रवृत्त ोंगे तजसे क े न्द्रीय सरकार, शासकीय राजित्र में अतधसूचना द्वारा तनयि करे और इस अतधतनयम क े तवतभन्न उिबन्धों क े तिए तवतभन्न िारीखें तनयि की जा सक ें गी। • 2. िररभाषाएं --इस अतधतनयम में जब िक तक संदभय से अन्यिा अिेतक्षि न ो, • (क) 'तनयि तदन' से, धारा 3 क े सम्बन्ध में, जनवरी, 1965 का 26वां तदन अतभप्रेि ै और इस अतधतनयम क े तकसी अन्य उिबन्ध क े सम्बन्ध में व तदन अतभप्रेि ै तजस तदन को व उिबन्ध प्रवृत्त ोिा ै; • (ख) 'त न्दी' से व त न्दी अतभप्रेि ै तजसकी तिति देवनागरी ै।
  • 11. राजभाषा अतधतनयम, 1963 यिासंशोतधि,1967) की प्रमुख बािें 1. संघ क े राजकीय प्रयोजनों क े तिए और संसद में प्रयोग क े तिए अंग्रेजी भाषा का र ना 2. उिधारा (1) में अन्ततवयष्ट् तकसी बाि क े ोिे हुए भी, ज ां ित्रातद क े प्रयोजनों क े तिए त न्दी या अंग्रेजी भाषा • (3) उिधारा (1)में अन्ततवयष्ट् तकसी बाि क े ोिे हुए भी त न्दी और अंग्रेजी भाषा दोनों ी-- (i) संकल्पों, साधारण आदेशों, तनयमों, अतधसूचनाओं, प्रशासतनक या अन्य प्रतिवेदनों या प्रेस तवज्ञस्प्तयों क े तिए, जो क े न्द्रीय सरकार द्वारा या उसक े तकसी मंत्रािय, तवभाग या कायायिय द्वारा या क े न्द्रीय सरकार क े स्वातमत्व में क े या तनयंत्रण में क े तकसी तनगम या कम्पनी द्वारा या ऐसे तनगम या कम्पनी क े तकसी कायायिय द्वारा तनकािे जािे ैं या तकए जािे ैं ; • (ii) संसद क े तकसी सदन या सदनों क े समक्ष रखे गए प्रशासतनक ििा अन्य प्रतिवेदनों और राजकीय कागज-ित्रों क े तिए ; • (iii) क े न्द्रीय सरकार या उसक े तकसी मंत्रािय, तवभाग या कायायिय द्वारा या उसकी ओर से या क े न्द्रीय सरकार क े स्वातमत्व में क े या तनयंत्रण में क े तकसी तनगम या कम्पनी द्वारा या ऐसे तनगम या कम्पनी क े तकसी कायायिय द्वारा तनष्पातदि संतवदाओं और करारों क े तिए ििा तनकािी गई अनुज्ञप्त्तााायों, अनुज्ञाित्रों, सूचनाओं और तनतवदा-प्ररूिों क े तिए, प्रयोग में िाई जाएगी।
  • 12. राजभाषा क े सम्बन्ध में सतमति • (1) तजस िारीख को धारा 3 प्रवृत्त ोिी ै उससे दस वषय की समास्प्त क े िश्चाि, राजभाषा क े सम्बन्ध में एक सतमति, इस तवषय का संकल्प संसद क े तकसी भी सदन में राष्ट्र िति की िूवय मंजूरी से प्रस्तातवि और दोनों सदनों द्वारा िाररि तकए जाने िर, गतठि की जाएगी। • (2) इस सतमति में िीस सदस्य ोंगे तजनमें से बीस िोक सभा क े सदस्य ोंगे ििा दस राज्य सभा क े सदस्य ोंगे, जो िमशः िोक सभा क े सदस्यों ििा राज्य सभा क े सदस्यों द्वारा आनुिातिक प्रतितनतधत्व िद्धति क े अनुसार एकि संिमणीय मि द्वारा तनवायतचि ोंगे। • (3) इस सतमति का कियव्य ोगा तक व संघ क े राजकीय प्रयोजनों क े तिए त न्दी क े प्रयोग में की गई प्रगति का िुनतवयिोकन करें और उस िर तसफाररशें करिे हुए राष्ट्र िति को प्रतिवेदन करें और राष्ट्र िति उस प्रतिवेदन को संसद् क े र एक सदन क े समक्ष रखवाएगा और सभी राज्य सरकारों को तभजवाएगा । • (4) राष्ट्र िति उिधारा (3) में तनतदयष्ट् प्रतिवेदन िर और उस िर राज्य सरकारों ने यतद कोई मि अतभव्यक्त तकए ों िो उन िर तवचार करने क े िश्चाि् उस समस्त प्रतिवेदन क े या उसक े तकसी भाग क े अनुसार तनदेश तनकाि सक े गा :
  • 13. क े न्द्रीय अतधतनयमों आतद का प्रातधक ृ ि त न्दी अनुवाद • (1) तनयि तदन को और उसक े िश्चाि् शासकीय राजित्र में राष्ट्र िति क े प्रातधकार से प्रकातशि-- (क) तकसी क े न्द्रीय अतधतनयम का या राष्ट्र िति द्वारा प्रख्यातिि तकसी अध्यादेश का, अिवा • (ख) संतवधान क े अधीन या तकसी क े न्द्रीय अतधतनयम क े अधीन तनकािे गए तकसी आदेश, तनयम, तवतनयम या उितवतध का त न्दी में अनुवाद उसका त न्दी में प्रातधक ृ ि िाठ समझा जाएगा । • (2) तनयि तदन से ी उन सब तवधेयकों क े , जो संसद क े तकसी भी सदन में िुरःथिातिि तकए जाने ों और उन सब संशोधनों क े , जो उनक े समबन्ध में संसद क े तकसी भी सदन में प्रस्तातवि तकए जाने ों, अंग्रेजी भाषा क े प्रातधक ृ ि िाठ क े साि-साि उनका त न्दी में अनुवाद भी ोगा जो ऐसी रीति से प्रातधक ृ ि तकया जाएगा, जो इस अतधतनयम क े अधीन बनाए गए तनयमों द्वारा तवत ि की जाए।
  • 14. क े न्द्रीय अतधतनयमों आतद का प्रातधक ृ ि त न्दी अनुवाद 1. कतििय दशाओं में राज्य अतधतनयमों का प्रातधक ृ ि त न्दी अनुवाद- 2. उच्च न्यायालय ों क े निर्णय ों आनि में निन्दी या अन्य राजभाषा का वैकल्पिक प्रय ग 3. नियम बिािे की शल्पि 4. कनिपय उपबन् ों का जम्मू-कश्मीर क लागू ि ि िा- 5. धारा 6 और धारा 7 क े उपबन् जम्मू-कश्मीर राज्य क लागू ि ि ोंगे।
  • 15. राजभाषा (सोंघ क े शासकीय प्रय जि ों क े नलए प्रय ग)नियम,1976 (यथा सोंश नधि, 1987) • 1. संतक्षप्त नाम, तवस्तार और प्रारम्भ-- • (क) इन तनयमों का संतक्षप्त नाम राजभाषा (संघ क े शासकीय प्रयोजनों क े तिए प्रयोग) तनयम, 1976 ै। • (ख) इनका तवस्तार, ितमिनाडु राज्य क े तसवाय सम्पूणय भारि िर ै। • (ग) ये राजित्र में प्रकाशन की िारीख को प्रवृत्त ोंगे।
  • 16. राजभाषा तनयम की िररभाषाएं • 2. िररभाषाएं -- इन तनयमों में, जब िक तक संदभय से अन्यिा अिेतक्षि न ोः- • (क) 'अतधतनयम' से राजभाषा अतधतनयम, 1963 (1963 का 19) अतभप्रेि ै; (ख) 'क े न्द्रीय सरकार क े कायायिय' क े अन्तगयि तनम्नतिस्खि भी ै, अिायिः- • (क) क े न्द्रीय सरकार का कोई मंत्रािय, तवभाग या कायायिय; • (ख) क े न्द्रीय सरकार द्वारा तनयुक्त तकसी आयोग, सतमति या अतधकरण का कोई कायायिय; और • (ग) क े न्द्रीय सरकार क े स्वातमत्व में या तनयंत्रण क े अधीन तकसी तनगम या कम्पनी का कोई कायायिय; • (ग) 'कमयचारी' से क े न्द्रीय सरकार क े कायायिय में तनयोतजि कोई व्यस्क्त अतभप्रेि ै; • (घ) 'अतधसूतचि कायायिय' से तनयम 10 क े उितनयम (4) क े अधीन अतधसूतचि कायायिय, अतभप्रेि ै; • (ड़) 'त न्दी में प्रवीणिा' से तनयम 9 में वतणयि प्रवीणिा अतभप्रेि ै ; • (च) 'क्षेत्र क' से तब ार, ररयाणा, त माचि प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजथिान और उत्तर प्रदेश राज्य ििा अंडमान और तनकोबार द्वीि समू , तदिी संघ राज्य क्षेत्र अतभप्रेि ै; • (छ) 'क्षेत्र ख' से गुजराि, म ाराष्ट्र और िंजाब राज्य और चंडीगढ़ संघ राज्य क्षेत्र अतभप्रेि ै; • (ज) 'क्षेत्र ग' से खंड (च) और (छ) में तनतदयष्ट् राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से तभन्न राज्य ििा संघ राज्य क्षेत्र अतभप्रेि ै; • (झ) 'त न्दी का काययसाधक ज्ञान' से तनयम 10 में वतणयि काययसाधक ज्ञान अतभप्रेि ै ।
  • 17. राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें (3) राज्यों आतद और क े न्द्रीय सरकार क े कायायियों से तभन्न कायायियों क े साि ित्रातद- (4) क े न्द्रीय सरकार क े कायायियों क े बीच ित्रातद- (5) त न्दी में प्राप्त ित्रातद क े उत्तर-- तनयम 3 और तनयम 4 में तकसी बाि क े ोिे हुए भी, त न्दी में ित्रातद क े उत्तर क े न्द्रीय सरकार क े कायायिय से त न्दी में तदए जाएं गे ।
  • 18. राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें 6. त न्दी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग- अतधतनयम की धारा 3 की उिधारा (3) में तनतदयष्ट् सभी दस्तावेजों क े तिए त न्दी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग तकया जाएगा और ऐसे दस्तावेजों िर स्ताक्षर करने वािे व्यस्क्तयों का य उत्तरदातयत्व ोगा तक वे य सुतनतश्चि कर िें तक ऐसी दस्तावेजें त न्दी और अंग्रेजी दोनों ी में िैयार की जािी ैं, तनष्पातदि की जािी ैं और जारी की जािी ैं।
  • 19. राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें • 7. आवेदन, अभ्यावेदन आतद- • (1) कोई कमयचारी आवेदन, अिीि या अभ्यावेदन त न्दी या अंग्रेजी में कर सकिा ै। • (2) जब उितनयम (1) में तवतनतदयष्ट् कोई आवेदन, अिीि या अभ्यावेदन त न्दी में तकया गया ो या उस िर त न्दी में स्ताक्षर तकए गए ों, िब उसका उत्तर त न्दी में तदया जाएगा। • (3) यतद कोई कमयचारी य चा िा ै तक सेवा संबंधी तवषयों (तजनक े अन्तगयि अनुशासतनक काययवात यां भी ैं) से संबंतधि कोई आदेश या सूचना, तजसका कमयचारी िर िामीि तकया जाना अिेतक्षि ै, यिास्थिति, त न्दी या अंग्रेजी में ोनी चात ए िो व उसे असम्यक तविम्ब क े तबना उसी भाषा में दी जाएगी।
  • 20. राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें • 8. क े न्द्रीय सरकार क े कायायियों में तिप्पणों का तिखा जाना - • (1) कोई कमयचारी तकसी फाइि िर तिप्पण या काययवृत्त त ंदी या अंग्रेजी में तिख सकिा ै और उससे य अिेक्षा न ीं की जाएगी तक व उसका अनुवाद दू सरी भाषा में प्रस्तुि करे। • (2) क े न्द्रीय सरकार का कोई भी कमयचारी, जो त न्दी का काययसाधक ज्ञान रखिा ै, त न्दी में तकसी दस्तावेज क े अंग्रेजी अनुवाद की मांग िभी कर सकिा ै, जब व दस्तावेज तवतधक या िकनीकी प्रक ृ ति का ै, अन्यिा न ीं। • (3) यतद य प्रश्न उठिा ै तक कोई तवतशष्ट् दस्तावेज तवतधक या िकनीकी प्रक ृ ति का ै या न ीं िो तवभाग या कायायिय का प्रधान उसका तवतनश्चय करेगा। • (4) उितनयम (1) में तकसी बाि क े ोिे हुए भी, क े न्द्रीय सरकार, आदेश द्वारा ऐसे अतधसूतचि कायायियों को तवतनतदयष्ट् कर सकिी ै ज ां ऐसे कमयचाररयों द्वारा,तजन्ें त न्दी में प्रवीणिा प्राप्त ै, तिप्पण, प्रारूिण और ऐसे अन्य शासकीय प्रयोजनों क े तिए, जो आदेश में तवतनतदयष्ट् तकए जाएं , क े वि त न्दी का प्रयोग तकया जाएगा ।
  • 21. राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें • 9. त न्दी में प्रवीणिा- • यतद तकसी कमयचारी ने- • (क) मैतिरक िरीक्षा या उसकी समिुल्य या उससे उच्चिर कोई िरीक्षा त न्दी क े माध्यम से उत्तीणय कर िी ै;या • (ख) स्नािक िरीक्षा में अिवा स्नािक िरीक्षा की समिुल्य या उससे उच्चिर तकसी अन्य िरीक्षा में त न्दी को एक वैकस्ल्पक तवषय क े रूि में तिया ो; या • (ग) यतद व इन तनयमों से उिाबद्ध प्ररूि में य घोषणा करिा ै तक उसे त न्दी में प्रवीणिा प्राप्त ै; • िो उसक े बारे में य समझा जाएगा तक उसने त न्दी में प्रवीणिा प्राप्त कर िी ै ।
  • 22. राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें • 10. त न्दी का काययसाधक ज्ञान- • (1) (क) यतद तकसी कमयचारी ने- • (i) मैतिरक िरीक्षा या उसकी समिुल्य या उससे उच्चिर िरीक्षा त न्दी तवषय क े साि उत्तीणय कर िी ै; या • (ii) क े न्द्रीय सरकार की त न्दी िरीकाा योजना क े अन्तगयि आयोतजि प्राज्ञ िरीक्षा या यतद उस सरकार द्वारा तकसी तवतशष्ट् प्रवगय क े िदों क े सम्बन्ध में उस योजना क े अन्तगयि कोई तनम्निर िरीक्षा तवतनतदयष्ट् ै, व िरीक्षा उत्तीणय कर िी ै;या • (iii) क े न्द्रीय सरकार द्वारा उस तनतमत्त तवतनतदयष्ट् कोई अन्य िरीक्षा उत्तीणय कर िी ै; या • (ख) यतद व इन तनयमों से उिाबद्ध प्ररूि में य घोषणा करिा ै तक उसने ऐसा ज्ञान प्राप्त कर तिया ै; • िो उसक े बारे में य समझा जाएगा तक उसने त न्दी का काययसाधक ज्ञान प्राप्त कर तिया ै। • (2) यतद क े न्द्रीय सरकार क े तकसी कायायिय में कायय करने वािे कमयचाररयों में से अस्सी प्रतिशि ने त न्दी का ऐसा ज्ञान प्राप्त कर तिया ै िो उस कायायिय क े कमयचाररयों क े बारे में सामान्यिया य समझा जाएगा तक उन्ोंने त न्दी का काययसाधक ज्ञान प्राप्त कर तिया ै। • (3) क े न्द्रीय सरकार या क े न्द्रीय सरकार द्वारा इस तनतमत्त तवतनतदयष्ट् कोई अतधकारी य अवधाररि कर सकिा ै तक क े न्द्रीय सरकार क े तकसी कायायिय क े कमयचाररयों ने त न्दी का काययसाधक ज्ञान प्राप्त कर तिया ै या न ीं। • (4) क े न्द्रीय सरकार क े तजन कायायियों में कमयचाररयों ने त न्दी का काययसाधक ज्ञान प्राप्त कर तिया ै उन कायायियों क े नाम राजित्र में अतधसूतचि तकए जाएं गे; • िरन्तु यतद क े न्द्रीय सरकार की राय ै तक तकसी अतधसूतचि कायायिय में काम करने वािे और त न्दी का काययसाधक ज्ञान रखने वािे कमयचाररयों का प्रतिशि तकसी िारीख में से उितनयम (2) में तवतनतदयष्ट् प्रतिशि से कम ो गया ै, िो व राजित्र में अतधसूचना द्वारा घोतषि कर सकिी ै तक उक्त कायायिय उस िारीख से अतधसूतचि कायायिय न ीं र जाएगा ।
  • 23. राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें 11. मैनुअि, संत िाएं , प्रतिया संबंधी अन्य सात त्य, िेखन सामग्री आतद- • (1) क े न्द्रीय सरकार क े कायायियों से संबंतधि सभी मैनुअि, संत िाएं और प्रतिया संबंधी अन्य सात त्य, त न्दी और अंग्रेजी में तद्वभातषक रूि में यिास्थिति, मुतद्रि या साइक्लोस्टाइि तकया जाएगा और प्रकातशि तकया जाएगा। • (2) क े न्द्रीय सरकार क े तकसी कायायिय में प्रयोग तकए जाने वािे रतजस्टरों क े प्ररूि और शीषयक त न्दी और अंग्रेजी में ोंगे। • (3) क े न्द्रीय सरकार क े तकसी कायायिय में प्रयोग क े तिए सभी नामिट्ट, सूचना िट्ट, ित्रशीषय और तिफाफों िर उत्कीणय िेख ििा िेखन सामग्री की अन्य मदें त न्दी और अंग्रेजी में तिखी जाएं गी, मुतद्रि या उत्कीणय ोंगी; • िरन्तु यतद क े न्द्रीय सरकार ऐसा करना आवश्यक समझिी ै िो व , साधारण या तवशेष आदेश द्वारा, क े न्द्रीय सरकार क े तकसी कायायिय को इस तनयम क े सभी या तकन्ीं उिबन्धों से छ ू ि दे सकिी ै।
  • 24. राजभाषा तनयम की प्रमुख बािें • 12. अनुिािन का उत्तरदातयत्व- • (1) क े न्द्रीय सरकार क े प्रत्येक कायायिय क े प्रशासतनक प्रधान का य उत्तरदातयत्व ोगा तक व -- • (i) य सुतनतश्चि करे तक अतधतनयम और इन तनयमों क े उिबंधों और उितनयम (2) क े अधीन जारी तकए गए तनदेशों का समुतचि रूि से अनुिािन ो र ा ै;और • (ii) इस प्रयोजन क े तिए उियुक्त और प्रभावकारी जांच क े तिए उिाय करे । • (2) क े न्द्रीय सरकार अतधतनयम और इन तनयमों क े उिबन्धों क े सम्यक अनुिािन क े तिए अिने कमयचाररयों और कायायियों को समय-समय िर आवश्यक तनदेश जारी कर सकिी ै ।
  • 25. राजभाषा संकल्प,1968 • “जब‡क संतवधान क े अनुच्छे द 343 क े अनुसार संघ की राजभाषा त ंदी र ेगी और उसक े अनुच्छे द 351 क े अनुसार त ंदी भाषा का प्रसार, वृस्द्ध करना और उसका तवकास करना िातक व भारि की सामातसक संस्क ृ ति क े सब ित्वों की अतभव्यस्क्त का माध्यम ो सक े , संघ का कियव्य ै : • य सभा संकल्प करिी ै तक त ंदी क े प्रसार एं व तवकास की गति बढ़ाने क े ेिु ििा संघ क े तवतभन्न राजकीय प्रयोजनों क े तिए उत्तरोत्तर इसक े प्रयोग ेिु भारि सरकार द्वारा एक अतधक ग न एवं व्यािक काययिम िैयार तकया जाएगा और उसे कायायस्न्वि तकया जाएगा और तकए जाने वािे उिायों एवं की जाने वािी प्रगति की तवस्तृि वातषयक मूल्यांकन ररिोिय संसद की दोनों सभाओं क े ििि िर रखी जाएगी और सब राज्य सरकारों को भेजी जाएगी ।
  • 26. राजभाषा संकल्प,1968 • य सभा संकल्प करिी ै तक त ंदी क े साि-साि इन सब भाषाओं क े समस्न्वि तवकास ेिु भारि सरकार द्वारा राज्य सरकारों क े स योग से एक काययिम िैयार तकया जाएगा और उसे कायायस्न्वि तकया जाएगा िातक वे शीघ्र समृद्ध ो और आधुतनक ज्ञान क े संचार का प्रभावी माध्यम बनें । • य सभा संकल्प करिी ै तक त ंदी भाषी क्षेत्रों में त ंदी ििा अंग्रेजी क े अतिररक्त एक आधुतनक भारिीय भाषा क े , दतक्षण भारि की भाषाओं में से तकसी एक को िरजी देिे हुए, और अत ंदी भाषी क्षेत्रों में प्रादेतशक भाषाओं एवं अंग्रेजी क े साि साि त ंदी क े अध्ययन क े तिए उस सूत्र क े अनुसार प्रबन्ध तकया जाना चात ए ।
  • 27. राजभाषा संकल्प,1968 य सभा संकल्प करिी ै तक- • (क) तक उन तवशेष सेवाओं अिवा िदों को छोड़कर तजनक े तिए ऐसी तकसी सेवा अिवा िद क े कत्तयव्यों क े संिोषजनक तनष्पादन ेिु क े वि अंग्रेजी अिवा क े वि त ंदी अिवा दोनों जैसी तक स्थिति ो, का उच्च स्तर का ज्ञान आवश्यक समझा जाए, संघ सेवाओं अिवा िदों क े तिए भिी करने ेिु उम्मीदवारों क े चयन क े समय त ंदी अिवा अंग्रेजी में से तकसी एक का ज्ञान अतनवाययि ोगा; और • (ख) तक िरीक्षाओं की भावी योजना, प्रतिया संबंधी ि िुओं एवं समय क े तवषय में संघ िोक सेवा आयोग क े तवचार जानने क े िश्चाि अस्खि भारिीय एवं उच्चिर क े न्द्रीय सेवाओं संबंधी िरीक्षाओं क े तिए संतवधान की आठवीं अनुसूची में सस्म्मतिि सभी भाषाओं ििा अंग्रेजी को वैकस्ल्पक माध्यम क े रूि में रखने की अनुमति ोगी ।”