1. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
नाम: जसजीत कौि
कार्यक्रम का नाम: बी.ए-बी.एड इंटीग्रेटेड
पाठ्र्क्रम का नाम: हहंदी शिक्षा िास्र
विभाग का नाम: शिक्षा विभाग
विषर् का नाम: र्ह दंतुरित मुसकान
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2. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
बच्चे की दंतुरित मुसकान को देखकि आपक
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मन में कौन से भाि उमड़ते है?
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30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
3. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
बच्चे की दंतुरित मुसकान को देखकि मन
में उमड़ने िाले भाि:
अकसि हमें बच्चे की दंतुरित मुसकान देख कि बहुत सुख औि
ख़ुिी शमलती है औि हमािा सािा गुस्सा औि हदन भि की
थकान दूि हो जाती है|
इस पीपीटी में भी हम एक ऐसी ही कविता का अध्यन किेंगे
जजसका िीर्षक है “र्ह दंतुरित मुसकान” औि इसक
े िचचयता है
नागाजुषन जी|यह दंतुरित मुस्कान कविता में कवि ने एक बच्चे
की मुस्कान का बड़ा ही मनमोहक चचरण ककया है |
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4. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
र्ह दंतुरित मुसकान
कवि: नागार्ुयन र्ी
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5. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
ननम्नललखखत िचनाओं में से नागार्ुयन र्ी
द्िािा ललखी िचनाओं को ढंढे|
टिकि
एल्बम
बादल को निि
ते देखा
नादान दोस्त
फले कदंब
बड़ी अम्मा
की बात
टहमालर् की
बेटिर्ां
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6. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
कहानी कविता-संग्रह
आसमान में युगधािा
चन्दा तािे अपने खेत में
हहमालय की बेहटयां फ
ू ले कदंब
बादल को घििते देखा
उपन्र्ास संस्मिण
नयी पौध एक व्यजतत: एक युग
िरुण क
े बेटे
हीिक जयन्ती
उग्रतािा
नागार्ुयन र्ी द्िािा ललखी अन्र् िचनाएं
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7. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
र्ीिन परिचर्
र्न्म: 11 जून सन
1911,गााँि सतलखा, बबहाि|
मल नाम : िैदयनाथ शमश्र
लिक्षा: संस्कृ त पाठिाला में हु ,
कफि बनािस औि कलकत्ता मैं हु ।
नागाजुषन जी को आधुघनक कबीि भी
कहा जाता है|
पुिस्काि :
साहहत्य अकादमी पुिस्काि ,भाित
भािती सम्मान|
नागार्ुयन र्ी
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8. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
ननम्नललखखत क्रॉसिर्य पहेली में से नागार्ुयन र्ी
क
े र्ीिन संबंधी बबंदुओ पि गोला लगाए |
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9. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
पिीक्षण समर्
ननम्नललखखत कथन सत्र् है र्ा असत्र्
नागाजुषन को आधुघनक कबीि भी कहा
जाता है
(सही/गलत)
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10. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
तुम्हािी यह दंतुरित मुसकान
मृतक में भी डाल देगी जान
धूशल-धूसि तुम्हािे ये गात..
छोड़कि तालाब मेिी झोंपड़ी में
खखल िहे जलजात
पिस पाकि तुम्हािा ही प्राण,
वपिलकि जल बन गया होगा
कहठन पार्ाण
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11. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
नए िब्द
दंतुरित: बच्चों क
े नए नए दांत
गात: गाल
र्लर्ात: कमल का फ
ू ल
पिस: छ
ू ना
र्लर्ात 11
12. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
व्र्ाख्र्ा
इन पंजततयों में कवि एक ऐसे बच्चे की सुंदिता का
बखान किता है जजसक
े अभी एक-दो दााँत ही घनकले हैं;
अथाषत बच्चा छ: से आठ महीने का है। जब ऐसा बच्चा
अपनी मुसकान बबखेिता है तो इससे मुदे में भी जान
आ जाती है।
बच्चे क
े गाल धूल से सने हुए ऐसे लग िहे हैं जैसे
तालाब को छोड़कि कमल का फ
ू ल उस झोंपड़ी में खखल
गया हो। कवि को लगता है कक बच्चे क
े स्पिष को
पाकि ही सख्त पत्थि भी वपिलकि पानी बन गया है।
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13. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
ननम्नललखखत िाक्र्ों में अलंकाि पहचाननए
1. हनुमान की पूंछ में लगन न पा आग, लंका
शसगिी जल ग गए घनिाचि भाग।
2. ििुपघत िािि िाजा िाम।
3. देख लो साक
े त नगिी है यही। स्िगष से शमलने
गगन में जा िही।
4. कि कमल-सा कोमल हैं।
5. मृतक में भी डाल देगी जान 13
14. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
पिीक्षण समर्
सबसे उपर्ुक्त विकल्प चुनें
बच्चे की मुस्कान में ककसे वपिलाने की
िक्क्त है
1) बर्फ
ष
2) क्रोध
3) कठोि व्यजतत का मन
4) पत्थि
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15. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
छ
ू गया तुमसे कक झिने
लग पड़े िेफाशलका क
े फ
ू ल
बााँस था कक बबूल?
तुम मुझे पाए नहीं पहचान?
देखते ही िहोगे अघनमेर्!
थक गए हो?
आाँख लूाँ मैं फ
े ि?
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16. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
नए िब्द
पफ
ू ल: फ
ू ल
बबूल: क
ाँ टीला िृक्ष
अघनमेर्: जस्थिदृजटट
बबल
बााँस 16
17. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
व्र्ाख्र्ा
इन पंजततयों में कवि को ऐसा लगता है कक उस
बच्चे क
े घनश्छल चेहिे में िह जादू है कक उसको छ
ू
लेने से बााँस या बबूल से भी िेफाशलका क
े फ
ू ल
झिने लगते हैं। बच्चा कवि को पहचान नहीं पा
िहा है औि उसे अपलक देख िहा है। कवि उस
बच्चे से कहता है कक यहद िह बच्चा इस तिह
अपलक देखते-देखते थक गया हो तो उसकी सुविधा
क
े शलए कवि उससे आाँखें फ
े ि लेगा।
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18. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
इस पद्र्ांि में एक छोिे बच्चे को कोमल बतार्ा
गर्ा है। इसक
े इलािा आपक
े अनुसाि एक छोिे बच्चे
क
े व्र्िहाि में कौन- कौन से गुण होते हैं ?
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19. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
पिीक्षण समर्
सबसे उपर्ुक्त विकल्प चुनें
कविता क
े अनुसाि ककससे छने से
िेफाललका क
े फल झिने लगे थे?
1.हिा को
2.दंतुरित मुसकान को
3.दल को
4.जल को
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20. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
उपसंहाि
र्ह दंतुरित मुसकान कविता में कवि ने एक बच्चे की
मुस्कान का बड़ा ही मनमोहक चचरण ककया है। कवि क
े
अनुसाि बच्चे की मुस्कान में इतनी िजतत होती है कक िह
ककसी मुदे में भी जान डाल सकती है। कवि क
े अनुसाि एक
बच्चे की मुस्कान को देखकि, हम अपने सब दुुःख भूल जाते
हैं औि हमािा अन्तुःमन प्रसन्न हो जाता है। कवि ने यहााँ
बाल अिस्था में एक बालक दिािा की जाने िाली नटखट औि
प्यािी हिकतों का बहुत ही सुन्दि िणषन ककया है|
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21. 30/04/2022 यह दंतुरित मुसकान कविता का प्रस्तुतीकिण
उत्ति क
ुं र्ी
उत्ति 1) सत्य (स्लाइड नं. 9)
उत्ति 2) कठोि व्यजतत का मन(स्लाइड नं. 14)
उत्ति 3) दंतुरित मुसकान को (स्लाइड नं. 19)
अलंकाि पहचाननए (स्लाइड नं. 13)
1. अघतियोजतत अलंकाि
2. अनुप्रास अलंकाि
3. अघतियोजतत अलंकाि
4. उपमा अलंकाि
5. अघतियोजतत अलंकाि
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