1. वो ज़िन्दगी ही क्या ज़िसमे देशभक्ति ना हो।
और वो मौत ही क्या िो ज़तरंगे में ना ज़िपटी हो..
आि 15 अगस्त क
े शुभ अवसर पर आए यहां सभी अज़तज़िगण को मेरा हाज़दिक अज़भनंदन है।
आि स्वतंत्रता दिवस क
े इस शुभ अवसर पर मुझे स्वतंत्रता दिवस पर क
ु छ पंक्तियााँ कहना का बड़ा ही
भाग्यशािी अवसर ज़मिा। आप सभी का सम्पूणि ज़दि से धन्यवाद।
यह हमारा 75वां स्वतंत्रता ज़दवस समारोह है। आि से ठीक 75 वर्ि पूवि, हमें आिादी ज़मिी िी। हमारे आिादी क
े
संघर्ि की गािा बहुत बड़ी है ज़िसका वणिन एक ज़दन में नहीं हो सकता है। हर भारतीय क
े ज़िए स्वतंत्रता ज़दवस
बहुत महत्व रखता है।
आि, हमारे देश क
े एक ज़हस्से से दू सरे ज़हस्से तक हर कोई "िय भारत माता" क
े नारे िगा रहा है। यह वास्तव
में स्वतंत्रता और भूज़म क
े प्रज़त प्रेम की भावना है। िेज़कन, हम सभी िानते हैं, यह स्वतंत्रता कज़ठन है। उन सभी
क
े पीछे दशकों का बज़िदान और संघर्ि है। ज़िस भूज़म पर हम सांस िेते हैं, वह प्रज़सद्ध महापुरुर्ों की अगुवाई में
हमारे महापुरुर्ों क
े संघर्ि की बदौित है।
आदरणीय महोदय, स्वतंत्रता एक उपहार है। यह हमारे पूवििों द्वारा ज़कए गए बज़िदानों, रातों की नींद, क्र
ू र
यातनाओं और संघर्ों का उपहार है। इज़तहास एक खुिा अध्याय है। यह हमें इस भूज़म क
े ज़िए हमारे पूवििों क
े
बज़िदानों क
े बारे में बताता है। यह स्वतंत्रता बाबू महात्मा गांधी िी क
े संघर्ों क
े कारण है। वह िोगों क
े
अज़धकारों क
े ज़िए चट्टान की तरह खड़ा िा। उन्हें कई बार िेि में डािा गया। उन्हें कई कज़ठनाइयों का सामना
करना पड़ा, ज़िर भी वह पीछे हट गए। इस स्वतंत्रता का श्रेय हमारे महान नेता पंज़डत नेहरू िाि को है। उन्होंने
कभी भी िोगों क
े अज़धकारों से समझौता नहीं ज़कया। उन्होंने प्रत्येक और सब क
ु छ का त्याग ज़कया और स्वतंत्रता
क
े कारण का समििन ज़कया।
आि हम दुज़नया भर क
े सभी महत्वपूणि अंतरराष्ट्र ीय मामिों में एक महत्वपूणि भूज़मका ज़नभाते हैं। हमारे युवा
प्रौद्योज़गकी और इंिीज़नयररंग में दुज़नया का नेतृत्व कर रहे हैं। वास्तव में, आिादी क
े ज़दन से िेकर आि तक
हमने िीवन क
े हर क्षेत्र में बहुत ज़वकास ज़कया है। हमें स्वीकार करना चाज़हए ज़क आि हम ज़िस देश का आनंद
िे रहे हैं, वह हमारे नेताओं क
े संघर्ों क
े बज़िदान क
े ज़बना मुि हो गया िा।
आि का ज़दन भारत क
े इज़तहास में एक ऐज़तहाज़सक ज़दन है। यह ज़दन हमें एक राष्ट्र क
े रूप में हमारे वास्तज़वक
मूल्य और मूल्य की याद ज़दिाता है। इस ज़दन, हमें अपने देशवाज़सयों की सेवा करने क
े ज़िए अपनी प्रज़तबद्धताएं
ज़नभानी होगी। अभी भी हमारे सामने बहुत सारी चुनौज़तयााँ और कज़ठनाइयााँ हैं। एक शक्तिशािी और िोकज़प्रय
भारत क
े सपने को पूरा करने क
े ज़िए हमारी स्वतंत्रता को अज़धक बज़िदानों और संघर्ों की आवश्यकता है।
ज़प्रय दोस्तों, आइए हम प्रज़तबद्धताओं को नए ज़सरे से तय करें, एकिुट होने और कड़ी मेहनत करें
आइए रंग, पंि और कास्ट क
े अंतर को भूि िाएं और अपनी भूज़म पर प्रगज़त, समृक्तद्ध, शांज़त और न्याय क
े
व्यापक उद्देश्यों क
े ज़िए खड़े हों।
आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा ज़तरंगा, अपनी ये पहचान है!