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श्री शंकराचार्य,महाविद्र्ालर्,
जुनिानी भिलाई
बी.कॉम - िाग दो
विषर् श्रीमती भमश्रा मंजू
हहन्दी िाषा सहार्क प्राध्र्ापक
(हहंदी वििाग)
laKk(NOUN)
संज्ञा का अर्थ होता है ‘नाम ‘
• संसार में जितने भी व्यजतत या वस्तुएं हैं । उनका कोई ना कोई नाम अवश्य
होता है ।
• वह शब्द जिससे ककसी ववशेष व्यजतत, वस्तु ,भाव ,स्र्ान , िीव के नाम का
बोध हो ,उसे संज्ञा कहते हैं ।
1.मोहन स्कू ल िा रहा है --- तो मोहन ककसी व्यजतत का नाम है | स्कू ल एक स्र्ान
का नाम है
2.आम मीठा है । आम फल का नाम है| ममठास एक गुण का नाम है ।
3.मोर नाच रहा है। मोर एक पक्षी का नाम है
• यह सब प्राणी , पदार्थ , पक्षी ,स्र्ान और भाव आदद के नाम हैं । तो नाम
का दूसरा नाम संज्ञा है ।
संज्ञा की पररभाषा :-
• ककसी व्यजतत वस्तु स्र्ान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं.
• िैसे :. कमला , पटना , अंगूर , चमेली ,दहमालय ,गंगा ,आदद
संज्ञा के भेद या प्रकार
• संज्ञा के पांच भेद होते हैं।
1.व्यजततवाचक संज्ञा
2.िाततवाचक संज्ञा
3.द्रव्यवाचक संज्ञा
4.समूहवाचक संज्ञा
5.भाववाचक संज्ञा
व्यजततवाचक संज्ञा
• व्यजततवाचक संज्ञा के वल एक ही व्यजतत या वस्तु का बोध होता
है ।
• िैसे :- व्यजततयों के नाम राम ,श्याम, गीता ,सीता आदद
िाततवाचक संज्ञा
• िाततवाचक संज्ञा से व्यजततयों या वस्तुओं की या पूरी िातत का
बोध होता है ,उसे िाततवाचक संज्ञा कहते हैं
।
• िैसे :- 1. लड़का ,लड़की ,आदमी ,औरत,
2. पशु, पक्षी ,घोड़ा, गाय ,मोर ,तोता, टेबल, कु सी,
आदद
द्रव्यवाचक संज्ञा
द्रव्यवाचक संज्ञा से द्रव्य या पदार्थ का बोध होता है , उन्हें द्रव्यवाचक
संज्ञा कहते हैं ।जिसे हम नाप या तौल सकते हैं पर गगन नहीं
सकते हैं ।
िैसे :- 1. धातुओं और खतनिों के नाम - लोहा, सोना, चांदी,
2. खाने पीने की वस्तुओं का नाम -. दूध ,पानी, घी,तेल,
समूहवाचक संज्ञा
• जिस संज्ञा में अनेक वस्तुए या प्राणणयों के समूह का बोध होता है उसे
समूहवाचक संज्ञा कहते हैं l िैसे :-
1.सेना ,पुमलस ,सभा, यह व्यजततयों का समूह रूप ,
2. वस्तुओं का समूह:- चाबी का गुच्छा , कु मसथयां , तलास, अंगूर का गुच्छा,
आदद
भाववाचक संज्ञा
• भाववाचक संज्ञा उस नाम को कहते हैं, िो शब्द भाव, दशा, धमथ ,गुण
,कायथ ,का बोध कराये तो भाव वाचक संज्ञा कहलाता है ।
• िैसे ;- क्रोध ,लोभ, मोह ,वीरता ,मलखाई, पढाई ,ये सब शब्द भाववाचक
है।
• भाव वाचक संज्ञा का संबंध हमारे भाव से होता है । इनका कोई रूप या
आकार नहीं होता । के वल महसूस ककये िाने वाले शब्द होते हैं।
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  • 1. श्री शंकराचार्य,महाविद्र्ालर्, जुनिानी भिलाई बी.कॉम - िाग दो विषर् श्रीमती भमश्रा मंजू हहन्दी िाषा सहार्क प्राध्र्ापक (हहंदी वििाग)
  • 3. संज्ञा का अर्थ होता है ‘नाम ‘ • संसार में जितने भी व्यजतत या वस्तुएं हैं । उनका कोई ना कोई नाम अवश्य होता है । • वह शब्द जिससे ककसी ववशेष व्यजतत, वस्तु ,भाव ,स्र्ान , िीव के नाम का बोध हो ,उसे संज्ञा कहते हैं । 1.मोहन स्कू ल िा रहा है --- तो मोहन ककसी व्यजतत का नाम है | स्कू ल एक स्र्ान का नाम है 2.आम मीठा है । आम फल का नाम है| ममठास एक गुण का नाम है । 3.मोर नाच रहा है। मोर एक पक्षी का नाम है • यह सब प्राणी , पदार्थ , पक्षी ,स्र्ान और भाव आदद के नाम हैं । तो नाम का दूसरा नाम संज्ञा है । संज्ञा की पररभाषा :- • ककसी व्यजतत वस्तु स्र्ान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं. • िैसे :. कमला , पटना , अंगूर , चमेली ,दहमालय ,गंगा ,आदद
  • 4. संज्ञा के भेद या प्रकार • संज्ञा के पांच भेद होते हैं। 1.व्यजततवाचक संज्ञा 2.िाततवाचक संज्ञा 3.द्रव्यवाचक संज्ञा 4.समूहवाचक संज्ञा 5.भाववाचक संज्ञा
  • 5. व्यजततवाचक संज्ञा • व्यजततवाचक संज्ञा के वल एक ही व्यजतत या वस्तु का बोध होता है । • िैसे :- व्यजततयों के नाम राम ,श्याम, गीता ,सीता आदद िाततवाचक संज्ञा • िाततवाचक संज्ञा से व्यजततयों या वस्तुओं की या पूरी िातत का बोध होता है ,उसे िाततवाचक संज्ञा कहते हैं । • िैसे :- 1. लड़का ,लड़की ,आदमी ,औरत, 2. पशु, पक्षी ,घोड़ा, गाय ,मोर ,तोता, टेबल, कु सी, आदद
  • 6. द्रव्यवाचक संज्ञा द्रव्यवाचक संज्ञा से द्रव्य या पदार्थ का बोध होता है , उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं ।जिसे हम नाप या तौल सकते हैं पर गगन नहीं सकते हैं । िैसे :- 1. धातुओं और खतनिों के नाम - लोहा, सोना, चांदी, 2. खाने पीने की वस्तुओं का नाम -. दूध ,पानी, घी,तेल,
  • 7. समूहवाचक संज्ञा • जिस संज्ञा में अनेक वस्तुए या प्राणणयों के समूह का बोध होता है उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं l िैसे :- 1.सेना ,पुमलस ,सभा, यह व्यजततयों का समूह रूप , 2. वस्तुओं का समूह:- चाबी का गुच्छा , कु मसथयां , तलास, अंगूर का गुच्छा, आदद भाववाचक संज्ञा • भाववाचक संज्ञा उस नाम को कहते हैं, िो शब्द भाव, दशा, धमथ ,गुण ,कायथ ,का बोध कराये तो भाव वाचक संज्ञा कहलाता है । • िैसे ;- क्रोध ,लोभ, मोह ,वीरता ,मलखाई, पढाई ,ये सब शब्द भाववाचक है। • भाव वाचक संज्ञा का संबंध हमारे भाव से होता है । इनका कोई रूप या आकार नहीं होता । के वल महसूस ककये िाने वाले शब्द होते हैं।