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Hanuman Gatha | हनुमान गाथा क
े अनमोल
फायदे
"हनुमान गाथा" एक श्रद्धेय हिंदू भक्ति भजन है जो हिंदू पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण
देवता भगवान हनुमान की गौरवशाली कथाओं को बताता है। यह एक काव्य रचना है जो हनुमान
क
े असाधारण जीवन और दिव्य गुणों का जश्न मनाती है, उनकी शक्ति, भक्ति और भगवान राम
क
े प्रति अटूट निष्ठा पर जोर देती है।
हनुमान गाथा प्राचीन भारतीय महाकाव्य, रामायण में गहराई से निहित है। यह हनुमान क
े जीवन
क
े विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करता है, जो उनक
े जन्म से शुरू होता है। हिंदू पौराणिक कथाओं क
े
अनुसार, हनुमान को अंजना और क
े सरी का पुत्र माना जाता है, और उनका जन्म भगवान शिव
और अन्य देवताओं क
े दैवीय हस्तक्षेप का परिणाम था। गाथा में हनुमान क
े बचपन क
े कारनामों,
उनक
े चंचल स्वभाव और देवताओं क
े साथ उनकी बातचीत का वर्णन है।
हनुमान गाथा में चित्रित सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक हनुमान की सुरसा क
े साथ मुठभेड़ है,
एक दानव जो लंका की अपनी यात्रा क
े दौरान अपने रास्ते को अवरुद्ध करने का प्रयास करता है।
सुरसा मांग करती है कि गुजरने की शर्त क
े रूप में हनुमान उसक
े मुंह में प्रवेश करें। अपनी
अविश्वसनीय बुद्धि और चपलता क
े साथ, हनुमान ने अपने आकार को एक विशाल पैमाने पर
फ
ै ला दिया, जिससे सुरसा क
े पास आत्मसमर्पण करने क
े अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। यह
प्रकरण हनुमान की बुद्धिमत्ता और बाधाओं को आसानी से दूर करने की उनकी क्षमता पर प्रकाश
डालता है।
गाथा भी भगवान राम की पत्नी सीता की खोज में हनुमान की महत्वपूर्ण भूमिका पर क
ें द्रित है,
जिसे राक्षस राजा रावण ने अपहरण कर लिया था। हनुमान, अपनी अटूट भक्ति और निष्ठा क
े
साथ, लंका तक पहुँचने क
े लिए विशाल समुद्र को पार करने का खतरनाक कार्य करते हैं। अपनी
असाधारण छलांग क
े माध्यम से, जिसे "हनुमान चालीसा" क
े रूप में जाना जाता है, वह देवताओं
और मनुष्यों क
े बीच समान रूप से विस्मय और विस्मय को प्रेरित करता है। यह प्रतिष्ठित घटना
हनुमान की अविश्वसनीय शक्ति और अपने कर्तव्य को पूरा करने की उनकी अटूट प्रतिबद्धता का
उदाहरण है।
इसक
े अलावा, हनुमान गाथा विभिन्न पात्रों क
े साथ हनुमान की बातचीत को याद करती है, जिसमें
बुद्धिमान ऋषि वाल्मीकि भी शामिल हैं, जिन्होंने महाकाव्य रामायण और भगवान राम क
े नेतृत्व
वाली शक्तिशाली वानर सेना की रचना की थी। हनुमान क
े ज्ञान, साहस और निःस्वार्थता को उनक
े
मुलाकातों और बातचीत क
े माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है, जो उन्हें भक्ति और धार्मिकता क
े
अवतार क
े रूप में स्थापित करता है।
हनुमान गाथा न क
े वल कहानियों का संग्रह है बल्कि भक्तों क
े लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत
भी है। यह भक्ति, विनम्रता और समर्पण क
े गुणों को बढ़ाता है। माना जाता है कि गाथा का पाठ
करने या सुनने से हनुमान का आशीर्वाद और सुरक्षा मिलती है, साथ ही साहस, विश्वास और
आध्यात्मिक उत्थान होता है।
हनुमान गाथा क
े काव्य छंद हनुमान क
े लिए भक्ति, श्रद्धा और प्रेम की गहरी भावना से
प्रतिध्वनित होते हैं। वे उनक
े निस्वार्थ कार्यों और भगवान राम क
े प्रति अटूट निष्ठा को दर्शाते हैं,
जो विश्वास, दृढ़ता और बुराई पर अच्छाई की जीत क
े कालातीत मूल्यों को रेखांकित करते हैं।
भारत भर क
े मंदिरों और घरों में, हनुमान गाथा धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों में एक विशेष
स्थान रखती है। भक्त अक्सर हनुमान जयंती, हनुमान क
े जन्म का जश्न मनाने वाले त्योहार
और मंगलवार क
े दिन गाथा का पाठ करते हैं, जो भगवान हनुमान की पूजा क
े लिए शुभ माने जाते
हैं।
हनुमान गाथा लाखों भक्तों को प्रेरित करती रहती है, जो हनुमान क
े दैवीय गुणों की याद दिलाती
है। यह भक्ति और श्रद्धा की गहरी भावना को बढ़ावा देते हुए, भक्त और देवता क
े बीच क
े बंधन
को मजबूत करता है। हनुमान गाथा क
े जप और चिंतन क
े माध्यम से, भक्त अपनी आध्यात्मिक
यात्रा और दैनिक जीवन में हनुमान क
े मार्गदर्शन और सुरक्षा की मांग करते हुए उनका आशीर्वाद
प्राप्त करते हैं।
1. हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं लिरिक्स
हिंदी में
हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
वीरों क
े वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं
हम कथा सुनाते हैं
जो रोम-रोम में सिया राम की छवि बासाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
वीरों क
े वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
पुंजिकस्थला नाम था जिसका स्वर्ग की थी सुंदरी
वानर राज को जर क
े जन्मी नाम हुआ अंजनी
कपि राज क
े सरी ने उससे ब्याह रचाया था
गिरी नामक संगपर क्या आनंद मंगल छाया था
राजा क
े सरी को अंजना का रूप लुभाया था
देख देख अंजनी को उनका मान हार्षया था
वैसे तो उनक
े जीवन में थी सब खुशहाली
परन्तु गोद अंजनी माता की संतान से थी खाली
अब सुनो हनुमंत क
ै से पवन क
े पुत्र कहते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
पुत्र प्राप्ति कारण आंजना तप कीन्हा भारी
मतंग मुनि प्रसन्न हुए अंजना क
े हितकारी
बोले मुनि वक्टा चली जाओ हे देवी अंजना
वक्तेश्वर भगवान को जप और तप से प्रशन्न करना
अंजना ने आकाश गंग का पावन जल पिया
घोर तपस्या करक
े वायु देव को प्रसन्न किया
अंजनी मां को स्पर्श किया वायु का एक झोंका
पवन देव हो प्रकट उन्हें फिर पुत्र प्रदान किया
इस कारण बजरंग पवन क
े पुत्र कहाते हैं
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
राजा क
े सरी और अंजना करते नित शिव पूजा
शिव भक्ति क
े बिना नहीं था काम उन्हें दूजा
हो प्रशन शिव प्रकट हुए तब अंजना वर मांगी
हे शिव शंकर पुत्र मेरा हो आपक
े जैसा ही
शिवजी बोले अंजना होगी पूर्ण तेरी इच्छा
मेरे अंश का 11वा रुद्र ही पुत्र तेरा होगा
जन्म लिया बजरंगी घट गए संकट क
े बादल
चैत्र शुक्ल की 15 की और दिन था शुभ मंगल
बजरंगी तब से शंकर क
े अवतार कहाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
क
े सरी नंदन का है भक्तो प्यारा था बचपन
झूल रहे थे चंदन क
े पालने में सुख रंजन
कामकाज में लगी हुई थी तब अंजना रानी
सूरज को फल समझ उन्होंने खाने की ठाणी
उड़ने की शक्ति पवन देव ने उनको दे ही दी थी
उड़ने लगे सूरज का फल खाने वाले बजरंगी
वायु देव को चिंता हुई मेरा बच्चा जल ना जाए
सूर्य देव की किरणों से मेरा फ
ू ल झुलस ना जाए
बर्फ क
े जैसी वायु देव यूं हवा चलाते हैं
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
सूर्य देव ने उनको आते देखा अपनी ओर
समझ गए वो पवन पुत्र है नहीं बालक कोई और
शीतल कर ली सूर्य देव ने अपनी गरम किरणें
पवन पुत्र गुरु रथ पर चढ़कर सूर्य लगे डसने
अमावस्या को राहु सूर्य डसने को जब आया
बजरंगी का खेल देखक
े बड़ा ही घबराया
इंद्रदेव को आकर सारा हाल था बतलाया
बोला एक बालक से मैं तो प्राण छ
ु ड़ा लाया
इंद्रदेव को साथ में लेकर राहु आते हैं
पावन कथा सुनाते है
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
साथ साथ इंद्र को लेकर वापस राहु जब आया
बालाजी की मार से खुद को बचा नहीं पाया
मार मार कर राहु को जब कर डाला बेहाल
दौड़े ऐरावत को खाने माँ अंजनी क
े लाल
ऐरावत की रक्षा करने इंद्र बने फिर ढाल
बालाजी की शक्ति की जब देखे इंद्र कमाल
समझ खिलौना बाला ऐरावत को पकड़ लिए
इंद्र देवता को भी अपनी भुजा में जकड लिए
इंद्र देव क्या करते है आगे बतलाते है
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
वार किया जब वज्र से इंद्र ने उनकी ठोड़ी पर
मूर्छित होकर पवन पुत्र गिर गए गिरी क
ं दरा पर
इंद्र देवता क्रोधित होकर गति रोक ली अपनी
तीनो लोक क
े प्राणी करने करने त्राहि त्राहि
सारे देवताओ को ना सूझी जब कोई भी आस
ब्रह्मा जी को लेकर पहुंचे पवन देव क
े पास
ब्रह्मा जी ने हाथ जब उनक
े अंगो पर फ
े रा
क्षण दूर हुई बाला बजरंगी की मूर्छा
वरदान उन्हें दे देक
े सारे देव मनाते है
पावन कथा सुनाते है
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
ब्रह्म देव ने बजरंगी को यह वरदान दिया
ब्रह्म कभी नहीं लगेगा इसको ऐलान किया
बोले इंद्र तेरा शरीर होगा वज्र क
े जैसा कठोर
सूर्य देवता बोले देख क
े सेह से उनकी ओर
मेरे तेज से होगा बाला तू तो शतावधान
वरुण ने अपने पाश और जल से बचने का दिया वरदान
कहने लगे यमराज तू मेरे दंड से रहेगा दूर
और बोहोत से देवो ने वरदान दिए भरपूर
इस कारण बजरंग सब देवो क
े देव कहाते है
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
ब्रह्म देवता बोले होगा तू ऐसा ज्ञानी
झुक जाएंगे तेरे आगे बड़े बड़े अभिमानी
तुझे युद्ध में कोई पराजित कर नहीं पायेगा
तू जैसा चाहेगा वैसा रूप बनाएगा
संकटहारी तू सबका ही होगा हितकारी
कहने लगे फिर इंद्र देव हे बजरंग बलधारी
तेरी हनु टूटी जो बालक लागा वज्र मेरा
इस कारण हनुमान रखा मैं आज से नाम तेरा
हनु टूटने क
े कारण हनुमान कहाते है
पावन कथा सुनाते है
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
नटखट चंचल ऐसे थे बालापन में हनुमान
बजरंगी की चंचलता से ऋषि मुनि थे हैरान
ऋषियों ने सोचा बालक में नहीं अच्छा अभिमान
श्राप दिया इस कारण इसका हो जाये कल्याण
होकर बड़ा करना है इसे राम प्रभु का कार
ऋषिवर बाबा बजरंग का यूं करते थे सत्कार
ठीक समय पर इसे जो शक्ति याद दिलाएगा
हम ऋषियों क
े श्राप से छ
ु टकारा मिल जाएगा
ऋषि मुनि साधू संत इनकी जयकार लगाते है
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
मातृ शिक्षा से राम चरित्र का पूरा ज्ञान मिला
बजरंगी को सब देवो से ही वरदान मिला
अंजनी माँ आदर्श चरित्र की कथा सुनाया करती
भक्त का और भगवान का अंतर उन्हें बताया करती
एक दिन अंजनी माता बोली जाओ मेरे लाला
सूर्य देव से शिक्षा लो ये है आदेश मेरा
माँ इच्छा को रख आँखों पर धरकर शक्तिमान
सूर्य देव से शिक्षा लेने जा पहुंचे हनुमान
सूर्यदेव से शिक्षा लेने बजरंगी जाते है
पावन कथा सुनाते है
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
राम रूप में धरती पर विष्णु अवतार लिए
अवधपुरी में धूम मची जग पे उपकार किये
शिवशंकर बनक
े मदारी पहुंचे राजद्वार
साथ में एक वानर था जिसकी सुंदरता अपार
नाच देखने राम सहित आ पहुंचे चारो भाई
नाच नाच बजरंग ने अपने प्रभु को हंसी दिलाई
राम जी बोले हमसे चाहे क
ु छ भी लेलो मदारी
ये वानर देदो हमको ये है इच्छा हमारी
भक्त क
े संग भगवान ये क
ै से खेल रचाते है
बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
हम कथा सुनाते हैं
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
हे ग्यानी गुण क
े निधान
जय महावीर हनुमान
दोस्तों आशा करता हु आप सभी को हनुमान गाथा अच्छा लगा होगा। ज्यादा भक्ति भजन
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  • 2. मुलाकातों और बातचीत क े माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है, जो उन्हें भक्ति और धार्मिकता क े अवतार क े रूप में स्थापित करता है। हनुमान गाथा न क े वल कहानियों का संग्रह है बल्कि भक्तों क े लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत भी है। यह भक्ति, विनम्रता और समर्पण क े गुणों को बढ़ाता है। माना जाता है कि गाथा का पाठ करने या सुनने से हनुमान का आशीर्वाद और सुरक्षा मिलती है, साथ ही साहस, विश्वास और आध्यात्मिक उत्थान होता है। हनुमान गाथा क े काव्य छंद हनुमान क े लिए भक्ति, श्रद्धा और प्रेम की गहरी भावना से प्रतिध्वनित होते हैं। वे उनक े निस्वार्थ कार्यों और भगवान राम क े प्रति अटूट निष्ठा को दर्शाते हैं, जो विश्वास, दृढ़ता और बुराई पर अच्छाई की जीत क े कालातीत मूल्यों को रेखांकित करते हैं। भारत भर क े मंदिरों और घरों में, हनुमान गाथा धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों में एक विशेष स्थान रखती है। भक्त अक्सर हनुमान जयंती, हनुमान क े जन्म का जश्न मनाने वाले त्योहार और मंगलवार क े दिन गाथा का पाठ करते हैं, जो भगवान हनुमान की पूजा क े लिए शुभ माने जाते हैं। हनुमान गाथा लाखों भक्तों को प्रेरित करती रहती है, जो हनुमान क े दैवीय गुणों की याद दिलाती है। यह भक्ति और श्रद्धा की गहरी भावना को बढ़ावा देते हुए, भक्त और देवता क े बीच क े बंधन को मजबूत करता है। हनुमान गाथा क े जप और चिंतन क े माध्यम से, भक्त अपनी आध्यात्मिक यात्रा और दैनिक जीवन में हनुमान क े मार्गदर्शन और सुरक्षा की मांग करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 1. हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं लिरिक्स हिंदी में हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं पावन कथा सुनाते हैं वीरों क े वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं हम कथा सुनाते हैं जो रोम-रोम में सिया राम की छवि बासाते हैं पावन कथा सुनाते हैं वीरों क े वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं हम कथा सुनाते हैं
  • 3. हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान पुंजिकस्थला नाम था जिसका स्वर्ग की थी सुंदरी वानर राज को जर क े जन्मी नाम हुआ अंजनी कपि राज क े सरी ने उससे ब्याह रचाया था गिरी नामक संगपर क्या आनंद मंगल छाया था राजा क े सरी को अंजना का रूप लुभाया था देख देख अंजनी को उनका मान हार्षया था वैसे तो उनक े जीवन में थी सब खुशहाली परन्तु गोद अंजनी माता की संतान से थी खाली अब सुनो हनुमंत क ै से पवन क े पुत्र कहते हैं पावन कथा सुनाते हैं बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान पुत्र प्राप्ति कारण आंजना तप कीन्हा भारी मतंग मुनि प्रसन्न हुए अंजना क े हितकारी बोले मुनि वक्टा चली जाओ हे देवी अंजना वक्तेश्वर भगवान को जप और तप से प्रशन्न करना अंजना ने आकाश गंग का पावन जल पिया घोर तपस्या करक े वायु देव को प्रसन्न किया अंजनी मां को स्पर्श किया वायु का एक झोंका पवन देव हो प्रकट उन्हें फिर पुत्र प्रदान किया इस कारण बजरंग पवन क े पुत्र कहाते हैं बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान राजा क े सरी और अंजना करते नित शिव पूजा
  • 4. शिव भक्ति क े बिना नहीं था काम उन्हें दूजा हो प्रशन शिव प्रकट हुए तब अंजना वर मांगी हे शिव शंकर पुत्र मेरा हो आपक े जैसा ही शिवजी बोले अंजना होगी पूर्ण तेरी इच्छा मेरे अंश का 11वा रुद्र ही पुत्र तेरा होगा जन्म लिया बजरंगी घट गए संकट क े बादल चैत्र शुक्ल की 15 की और दिन था शुभ मंगल बजरंगी तब से शंकर क े अवतार कहाते हैं पावन कथा सुनाते हैं बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान क े सरी नंदन का है भक्तो प्यारा था बचपन झूल रहे थे चंदन क े पालने में सुख रंजन कामकाज में लगी हुई थी तब अंजना रानी सूरज को फल समझ उन्होंने खाने की ठाणी उड़ने की शक्ति पवन देव ने उनको दे ही दी थी उड़ने लगे सूरज का फल खाने वाले बजरंगी वायु देव को चिंता हुई मेरा बच्चा जल ना जाए सूर्य देव की किरणों से मेरा फ ू ल झुलस ना जाए बर्फ क े जैसी वायु देव यूं हवा चलाते हैं बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान सूर्य देव ने उनको आते देखा अपनी ओर समझ गए वो पवन पुत्र है नहीं बालक कोई और शीतल कर ली सूर्य देव ने अपनी गरम किरणें पवन पुत्र गुरु रथ पर चढ़कर सूर्य लगे डसने अमावस्या को राहु सूर्य डसने को जब आया बजरंगी का खेल देखक े बड़ा ही घबराया
  • 5. इंद्रदेव को आकर सारा हाल था बतलाया बोला एक बालक से मैं तो प्राण छ ु ड़ा लाया इंद्रदेव को साथ में लेकर राहु आते हैं पावन कथा सुनाते है बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान साथ साथ इंद्र को लेकर वापस राहु जब आया बालाजी की मार से खुद को बचा नहीं पाया मार मार कर राहु को जब कर डाला बेहाल दौड़े ऐरावत को खाने माँ अंजनी क े लाल ऐरावत की रक्षा करने इंद्र बने फिर ढाल बालाजी की शक्ति की जब देखे इंद्र कमाल समझ खिलौना बाला ऐरावत को पकड़ लिए इंद्र देवता को भी अपनी भुजा में जकड लिए इंद्र देव क्या करते है आगे बतलाते है बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान वार किया जब वज्र से इंद्र ने उनकी ठोड़ी पर मूर्छित होकर पवन पुत्र गिर गए गिरी क ं दरा पर इंद्र देवता क्रोधित होकर गति रोक ली अपनी तीनो लोक क े प्राणी करने करने त्राहि त्राहि सारे देवताओ को ना सूझी जब कोई भी आस ब्रह्मा जी को लेकर पहुंचे पवन देव क े पास ब्रह्मा जी ने हाथ जब उनक े अंगो पर फ े रा क्षण दूर हुई बाला बजरंगी की मूर्छा वरदान उन्हें दे देक े सारे देव मनाते है पावन कथा सुनाते है बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
  • 6. हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान ब्रह्म देव ने बजरंगी को यह वरदान दिया ब्रह्म कभी नहीं लगेगा इसको ऐलान किया बोले इंद्र तेरा शरीर होगा वज्र क े जैसा कठोर सूर्य देवता बोले देख क े सेह से उनकी ओर मेरे तेज से होगा बाला तू तो शतावधान वरुण ने अपने पाश और जल से बचने का दिया वरदान कहने लगे यमराज तू मेरे दंड से रहेगा दूर और बोहोत से देवो ने वरदान दिए भरपूर इस कारण बजरंग सब देवो क े देव कहाते है बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान ब्रह्म देवता बोले होगा तू ऐसा ज्ञानी झुक जाएंगे तेरे आगे बड़े बड़े अभिमानी तुझे युद्ध में कोई पराजित कर नहीं पायेगा तू जैसा चाहेगा वैसा रूप बनाएगा संकटहारी तू सबका ही होगा हितकारी कहने लगे फिर इंद्र देव हे बजरंग बलधारी तेरी हनु टूटी जो बालक लागा वज्र मेरा इस कारण हनुमान रखा मैं आज से नाम तेरा हनु टूटने क े कारण हनुमान कहाते है पावन कथा सुनाते है बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान
  • 7. नटखट चंचल ऐसे थे बालापन में हनुमान बजरंगी की चंचलता से ऋषि मुनि थे हैरान ऋषियों ने सोचा बालक में नहीं अच्छा अभिमान श्राप दिया इस कारण इसका हो जाये कल्याण होकर बड़ा करना है इसे राम प्रभु का कार ऋषिवर बाबा बजरंग का यूं करते थे सत्कार ठीक समय पर इसे जो शक्ति याद दिलाएगा हम ऋषियों क े श्राप से छ ु टकारा मिल जाएगा ऋषि मुनि साधू संत इनकी जयकार लगाते है बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान मातृ शिक्षा से राम चरित्र का पूरा ज्ञान मिला बजरंगी को सब देवो से ही वरदान मिला अंजनी माँ आदर्श चरित्र की कथा सुनाया करती भक्त का और भगवान का अंतर उन्हें बताया करती एक दिन अंजनी माता बोली जाओ मेरे लाला सूर्य देव से शिक्षा लो ये है आदेश मेरा माँ इच्छा को रख आँखों पर धरकर शक्तिमान सूर्य देव से शिक्षा लेने जा पहुंचे हनुमान सूर्यदेव से शिक्षा लेने बजरंगी जाते है पावन कथा सुनाते है बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान राम रूप में धरती पर विष्णु अवतार लिए अवधपुरी में धूम मची जग पे उपकार किये शिवशंकर बनक े मदारी पहुंचे राजद्वार साथ में एक वानर था जिसकी सुंदरता अपार नाच देखने राम सहित आ पहुंचे चारो भाई
  • 8. नाच नाच बजरंग ने अपने प्रभु को हंसी दिलाई राम जी बोले हमसे चाहे क ु छ भी लेलो मदारी ये वानर देदो हमको ये है इच्छा हमारी भक्त क े संग भगवान ये क ै से खेल रचाते है बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान हे ग्यानी गुण क े निधान जय महावीर हनुमान दोस्तों आशा करता हु आप सभी को हनुमान गाथा अच्छा लगा होगा। ज्यादा भक्ति भजन लिरिक्स क े लिए यहाँ क्लिक करे।