श्री साईं व्रत के नियम, उद्यापन विधि व कथा - http://spiritualworld.co.in
• साईं व्रत कोई भी कर सकतें हैं चाहे - स्त्री, पुरुष और बच्चे|
• यह व्रत किसी भी जाति - पाति के भेद भाव बिना कोई भी व्यक्ति कर सकता है|
• यह व्रत बहुत ही चमत्कारी है| 1, 9, 11, अथवा 21 करने से निश्चित ही इच्छुक फल प्राप्त होता है|
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Shirdi Shri Sai Baba Ji - Vrat Niyam, Udhyapan Vidhi & Katha 006
1.
2. वत के िनयम
• साई वत कोई भी कर सकते है चाहे - स्त्री, पुरुष और
बच्चे|
• यह वत िकसी भी जाित - पाित के भेद भाव िबना
कोई भी व्यक्तिक कर सकता है|
• यह वत बहुत ही चमत्कारी है| 1, 9, 11, अथवा 21
करने से िनिश्चित ही इच्छुक फल प्राप होता है|
• इस वत को श्री साई बाबा जी का नाम लेकर िकसी भी
गुरुवार से आरम्भ कर सकते है| िजस कायर के िलए वत
िकया गया हो उसके िलए श्री साई बाबा जी से सच्चे हरदे
से प्राथना करनी चािहए|
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3. • िकसी आसन पर पीला कपड़ा िबछाकर उस पर श्री
साई बाबा जी की तस्वीर रखकर स्वच्छ जल से पोंछकर
चन्दन या कुंकुम का ितलक लगाना चािहए और उन पर
पीला फू ल या हार चढ़ाकर प्रसाद मे कोई भी फल या
िमठाई बंटी जा सकती है|
• यह वत फलाहार लेकर िकया जा सकता है जैसे दूध,
चाय, फल, िमठाई आिद लेकर अथवा एक समय भोजक
करके िकया जा सकता है| िबल्कुल भूखे रहकर उपवास
नही करना चािहए|
• प्रत्यके गुरुवार हो सके तो साई बाबा के मिन्दर जाकर
दशनरन करने चािहए| साई बाबा के मिन्दर ना जा सके तो
श्रद्धापूवरक घर मे ही साई बाबा की पूजा की जा सकती
है|
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4. • यिद िकसी करणवशन गुरुवार को कही जाना हो तो वत
को िनयमनुसार सुचार रखना चािहए|
• यिद िकसी कारणवशन िकसी गुरुवार वत ना कर पाये
तो उस गुरुवार को िगनती मे ना लेते हए मन मे िकसी
प्रकार की शनंका ना रखते हुए, अगले गुरुवार से वत
जारी रखे| मन्नत माने हए गुरुवार पूरे कर वत का
उध्यापर करे|
• एक बार मन्नत अनुसार वत पूणर करने के बाद िफर
मन्नत कर सकते है, और िफर वत कर सकते है|
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5. उदापन िविध
• 9 वे गुरवार को उदापन करना चािहए इसमे पांच
गरीब को भोजन िकया जाए (भोजन अपनी यथाशिक
देना या करवाना)
• साई बाबा की मिहमा एवं वत का फै लाव करने के
िलए अपने सगे-समबनधी या पडोिसयो को यह िकताबे
5, 11, 21 अपनी यथाशिक भेट दी जाए इस तरह वत
का उदापन िकया जाय
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6. • 9 वे गुरवार को जो िकताबे भेट देनी है उसका
यथाशिक पूजा मे रिखए और बाद मे ही भेट दी जाए
िजससे आपकी एवं अनय विकयो की भी मनोकामना
पूणर हो उपरोक िविध से वत करने से एवं िविधपूवरक
उदापन करने से िनिशत हो आपकी मनोकामना पूणर
होगी ऐसा साई भको का िवशास है
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7. वत कथा
कोिकला बहन और उनके पित महेशभाई शहर मे रहते
थे दोनो को एक-दुसरे के प्रतित प्रतेम-भाव था परनतु
महेशभाई का स्वाभाव झगडालू था बोलने की तमीज ही
न थी आदोसी-पडोसी उनके स्वाभाव से परेशान थे,
लेिकन कोिकला बहन बहुत ही धािमक स्त्री थी, भगवान
पर िवशास रखती एवं िबना कुछ कहे सब कुछ सह लेती
धीरे-धीरे उनके पित का धंधा-रोजगार ठप हो गया कुछ
भी कमाई नही होती थी महेशभाई अब िदन-भर घर पर
ही रहते और अब उनहोने गलत राह पकड ली अब
उनका स्वभाव पहले से भी अिधक िचडिचडा हो गया
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8. दोपहर का समय था एक वृद महाराज
दरवाजे पर आकार खडे हो गए चेहरे पर
गजब का तेज था और आकर उनहोने दल-
चावल की मांग की कोिकला बहन ने दल-
चावल िदये और दोनो हाथो से उस वृद बाबा
को नमस्कार िकया, वृद ने कहा साई सुखी
रखे कोिकला बहन ने कहा महाराज सुख
कीमत मे नही है और अपने दुखी जीवन का
वणरन िकया|
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9. महाराज ने श्री साई के व्रत के बारे मे बताया 9
गुरूवार (फलाहार) या एक समय भोजन करना,
हो सके तो बेटा साई मंदिदिर जाना, घर पर साई
बाबा की 9 गुरूवार पूजा करना, साई व्रत करना
और िविध से उद्यापन करना भूखे को भोजन दिेना,
साई व्रत की िकताबे 5, 11, 21 यथाशक्तिक लोगो
को भेट दिेना और इस तरह साई व्रतका फै लाव
करना साईबाबा तेरी सभी मनोकामना पूण र करता
है, लेिकन साईबाबा पर अटूट श्रद्धा रखना जरुरी
है धीरज रखनी चािहए जो उपरोक िविध से व्रत
और उद्यापन करेगा साईबाबा उनकी मनोकामना
जरुर पूण र करेगे
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10. कोिकला बहन ने भी गुरुवारर का व्रत िलया 9 वे गुरूवार को
गरीबो को भोजन िदिया सैव्रत की पुस्तके भेट दिी उनके घर
से झगडे दिूर हुए घर मे बहुत ही सुख शक्तांदित हो गई, जैसे
महेशक्तभाई का स्वाभाव ही बदिल गया हो उनका धंदधा-
रोजगार िफर से चालू हो गया थोड़े समय मे ही सुख समृधिध
बढ गई दिोनो पित पत्नी सुखी जीवन िबताने लगे एक िदिन
कोिकला बहन के जेठ जेठानी सूरत से आए बातो बातो मे
उन्होने बताया के उनके बच्चे पढाई नही करते परीक्षा मे
फ़े ल हो गए है कोिकला बहन ने 9 गुरूवार की मिहमा
बताई साई बाबा के भिक से बच्चे अच्छी तरह अभ्यास कर
पाएँगे लेिकन इसके िलए साई बाबा पर िवश्वास रखना
ज़रूरी है साई सबको सहायता करते है उनकी जेठानी ने
व्रते की िविध बताने के िलए कहा कोिकला बहन ने कहा की
9 गुरूवार फलाहार करके अथवा एक समय भोजन करके
यह व्रत िकया जा सकता है और 9 गुरूवार तक हो सके तो
साई मंदिदिर के दिशक्तरन के िलए जाने को कहा और यह कहा की
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11. • यह व्रत स्त्री, पुरुष या बच्चे कोई भी कर सकते है 9
गुरूवार साई फोटो की पूजा करना
• फू ल चढाना, दिीपक, अगरबत्ती अिदि करना प्रसादि
चढाना एवंद साई बाबा का स्मरण करना आरती करना
अिदि िविध बताई
• साई व्रत कथा, साई स्मरण , साई चालीसा अिदि का
पात करना
•9 वे गुरुवार को गरीबो को भोजन दिेना
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12. • 9 वे गुरुवार यह साई व्रत की िकताबे अपने सगे-
समबन्धी, अडोसी-पडोसी को भेट दिेना
सूरत से उनकी जेठानी का थोड़े िदिनो मे पत आया की
उनके बच्चे साई व्रत करने लगे है और बहुत अच्छे तरह से
पढते है उन्होने भी व्रत िकया था और व्रत की िकताबे
जेठ के ऑफिफस मे दिे थी इस बारे मे उन्होने िलखा के
उनके सहेली की बेटी शक्तादिी साई व्रत करने से बहुत ही
अच्छी जगह तै हो गई उनके पडोसी का गहेनो का डब्बा
दिम हो गया वह महीने के बादि गहनो का िडब्बा न जाने
कोन वापस रख गया एसा अदभुत चमत्कार हुआ था
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कोकिकला बहन ने साई बाबा की महिहमहा महहान है वह
जान िलया था
हे साई बाबा जैसे सभी लोकगो पर प्रसन होकते है, वैसे हमह
पर भी होकना............