http://spiritualworld.co.in गुरु जी को गोपाल पांधे के पास पढ़ना: बाबा कालू जी ने शुभ दिन वार पूछ कर आपको नए वस्त्र पहना कर पांधे के पास भेज दिया| आप उनके लिए कुछ नकदी व मिष्ठान भी साथ लेकर गए| महिता कालू जी गोपाल पांधे के साथ हिन्दी पढ़ाने की बात पक्की करके घर आ गए| पांधा भी गुरु जी को बुलार के पटवारी कालू चन्द का पुत्र समझ कर बड़े प्यार से पढ़ाने लगा| आपकी स्मरण शक्ति को देखकर पांधा प्रशंसा करते व कालू जी को बताते कि आपका पुत्र कितना होनहार है| more on http://spiritualworld.co.in