18. बडी-बडी चचिननयों से ननकलता है धुआँ,
इंसानो की जजंदगी को कर रहा है खत्ि।
धूल उडाती बडी गाडडयाँ,
फे फडे के मलये बन रही है बीिाररयाँ।
प्रदूषण जो तेजी से बढ़ रहा है,
नई-नई बीिाररयाँ पैदा कर रहा है।
र्ाहनों की संख्या तेज रफ्तार से बढ़ रही है,
लोगोँ की िौत की नई पररभाषा गढ़ रही है।
र्ायु प्रदूषण
19. जल ही जीर्न
जल है जीर्न का आधार,
इसी से चलता है संसार।
जल को न हि करे बेकार,
अच्छे से करे इसका इस्तेिाल।
सभी लोग पीते है जल को,
खुशी-खुशी रहते है लोग।
जल है प्रकृ नत का उपहार,
इससे धरती का श्ृंगार।
जल वर्चध के वर्धान का अस्र,
इसकी किी से दुननया रस्र।
जल की किी सभी को खलती,
दुननया इससे फू लती-फलती।
जल का हिें करना चाहहए सही इस्तेिाल,
नहीं तो हजारों लोग पडेंगे बीिार।
आक्सीजन और हाईड्रोजन का,
यह संचचत भण्डार।
जल है जीर्न का सहारा,
इसके बबना जीर्न कबाडा।
जीर्-जंतु र् पशु-पक्षी,
ये है सबका पालनहार।
जल ही जीर्न
20. धरती बचाओ, धरती बचाओ,
र्ातार्रण को सुंदर बनाओ।
पेडो से हररयाली होती है,
जन-जन िें खुशहाली होती है।
भूमि प्रदूषण से होते है बहुत लोग
बीिार,
बन जाती है हिारे और प्रकृ नत के
बीच दीर्ार।
कु छ लोगों का है धरती को गंदा
करना काि,
और इसके कारण जाती है बहुत
लोगों की जान।
धरती
बचाओ
21. जल से ही है सर्वस्र्,
इसके बबना नहीं कोई
र्चवस्र्।
िनुष्य कर रहा है इसे
गन्दा,
और शुद्ध जल बेचकर
कर रहा धंधा।
जल प्रदूषण
22. र्ायु प्रदूषण
र्ायु है अिूल्य देन,
नहीं होता इसका पैसों
से लेन-देन।
र्ायु से िनुष्य का
संसार,
र्ायु न हो तो होंगे हि
िृत्यु के द्र्ार।
23. पेड लगाओ, पेड लगाओ,
जीर्न को हरा-भरा
बनाओ।
छाया ये हि को देते है,
फल ये हि को देते है।
बाढ़ से यह हिको बचाते,
प्रदूषण दूर भगाते।
हि भी पेड लगाएँगे,
संसार हरा-भरा बनाएँगे।
24. पानी बचाओ, पानी बचाओ,
पानी है अनिोल।
जल के बबना जीर्न न चले,
इसके बबना दुननया उजडी सी
लगे।
जल को हि करेंगे खराब,
तो नहीं रहेगा यह साफ़।
जल है बहुत िहत्तर्पूणव,
इसे ित करो बबावद।
जल है तो कल है
जल प्रदूषण