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​ ​ि व जरलड म य जातं
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यह साम ी वशेष प से श ण और सीखने को बढ़ाने के शै णक उ दे य ​के लए है। ​आ थक / ​वा णि यक अथवा
कसी अ य उ दे य के लए इसका उपयोग ​पूणत: ​ तबंध है। ​साम ी के उपयोगकता इसे कसी और के साथ वत रत,
सा रत या ​साझा नह ं करगे और इसका उपयोग यि तगत ान क उ न त के लए ह करगे। ​इस ई - ​कं टट म जो
जानकार क गई है वह ामा णक है और मेरे ान के अनुसार सव म है।
वारा- डॉ टर ममता उपा याय
एसो सएट ोफे सर, राजनी त व ान
कु मार मायावती राजक य म हला नातको र महा व यालय
बादलपुर, गौतम बु ध नगर, उ र देश
जातं एक आधु नक शासन यव था है िजसका ारंभ यूरोप म हुए पुनजागरण एवं
पुनसुधार आंदोलन के बाद टेन एवं ांस जैसे देश म हुआ। राजतं एवं कु ल नतं ीय
यव था मे शासक के नरंकु श आचरण एवं वग वशेष के वच व के व ध यह शासन
यव था अि त व मे आई । इं लड क गौरवपूण ां त, 1789 क ांसीसी ां त एवं
अमर क ां तय ने इसके वकास म योगदान दया, िजनके मा यम से आम जनता के
अ धकार क मांग क गई। “जनता के शासन’’[democracy -Demos+kratos] के
प म प रभा षत लोकतं समय के साथ कई प म वक सत हुआ है। आधु नक
लोकतं के व भ न प म- य लोकतं , अ य या त न ध मूलक लोकतं ,
संघा मक लोकतं , एका मक लोकतं , संसद य लोकतं , अ य ा मक लोकतं ,
संवैधा नक लोकतं , उदारवाद लोकतं , समाजवाद लोकतं , या मक लोकतं ,
वमश मक लोकतं आ द मुख ह । 2009 म का शत पु तक” लाइफ एंड डेथ ऑफ
डेमो े सी’’ मे राज वै ा नक जॉन क न ने एक नए तरह के जातं के वकास का
व लेषण कया है, िजसे वे नर ण मक लोकतं [monitoring democracy] कहते
ह, िजसम सरकार नरंतर यि तगत एवं लोक अ भकरण के नर णाधीन रहती है।
लोकतं के सभी प सामा यतः चार मु य स धांत पर आधा रत ह। ये ह -
● यि त के वजूद और उसक मता म व वास
● तक एवं ग त म व वास जो इस व वास पर आधा रत है क ग त या वकास
मानवता के लए एक वाभा वक दशा है और राजनी त समझौते क कला है।
● सवस म त पर आधा रत समाज म व वास जो सहयोग और सु यव था का
ल य रखता है।
● राजनी तक शि त या स ा क भागीदार म व वास जो कसी भी तरह क शि त
के क करण के त संदेह पर आधा रत है।
य लोकतं या है और य आव यक है-
य लोकतं , लोकतं का वह व प है, जो शासन संबंधी नणय- नमाण क या
म आम नाग रक को सीधे तौर पर भागीदार बनाता है। य लोकतं के लए
आव यक नह ं है क जनता शासन संबंधी सभी काय म सीधे भागीदार बने, बि क
व भ न साधन के मा यम से शासन संबंधी मह वपूण नणय म उसका सुझाव लया
जाए और उन सुझाव को मह व दया जाए, यह य लोकतं का सार है। यह कारण
है क आज हम िजन देश म य लोकतं देखते ह, वहां त न ध सं थाओं अथात
वधान मंडल एवं कायपा लका का अि त व भी होता है। आधु नक युग म य
लोकतं क आव यकता न नां कत कारण से अनुभव क जाती है।
● जन त न धय म जवाबदेह क कमी को दूर करने के लए।
● नणय नमाण या म जनता क सहभा गता सु नि चत कर उपयोगी एवं
नवीन वचार पर आधा रत जनक याणकार नी तय का नमाण।
● शासक पर नरंतर जन- नयं ण क यव था बनाए रखने के लए।
● व भ न सामािजक वग के म य बढ़ते हुए शि त- संघष को समायोिजत करने के
लए।
● सव स ावाद शासन से जातां क शासन क तरफ प रवतन क या को ग त
दान करने के लए।
य लोकतं का इ तहास-
य य प लोकतं को एक आधु नक शासन यव था माना जाता है, कं तु य
लोकतं क जड़ अ यंत ाचीन है। ाचीन यूनान के नगर रा य वशेष प से
एथस म य लोकतं का संदभ मलता है जहां एक हजार पु ष नाग रक से
यु त असबल िजसे ‘ए ले शया’ कहते थे, वारा शासन संबंधी नणय लया
जाता था । एथस पर रोम का अ धकार हो जाने पर जनतं का यह प धीरे-धीरे
वलु त हो गया।ईसा पूव पांचवी शता द म रोम मे जनतं के य और
त न धमूलक दोन प देखने को मलते ह। ाचीन रोमन गणतं म नाग रक
वारा कानून बनाने और वधा यका वारा न मत कानून पर नषेध अ धकार के
योग के उदाहरण मलते ह,िजसका उ लेख अनेक इ तहासकार ने कया है।
छठ शता द ईसा पूव म भारत म 16 गणरा य का अि त व य लोकतं के
भाव से प रपूण था। ाचीन भारतीय धम ंथ म’ सभा’ और ‘ स म त’ जैसी
सं थाओं का उ लेख मलता है,िजनके मा यम से आमजन के वारा शासन
संबंधी नणय म भागीदार नभाई जाती थी। आधु नक युग म रा य रा य का
वकास होने के साथ य लोकतं को यवहा रक नह ं पाया गया य क
रा य रा य का व प े फल और जनसं या क ि ट से बहुत वशाल होता
है। बड़ी जनसं या को शासन संबंधी सभी नणय म सि म लत करना यावहा रक
ि ट से संभव नह ं होता, इस लए य लोकतं के थान पर अ य लोकतं
का वकास हुआ है। आज दु नया के व भ न लोकतां क देश त न ध मूलक
लोकतं को ह अपनाए हुए ह, कं तु त न ध मूलक लोकतं के वातावरण म भी
ि व जरलड एक ऐसा देश है, जहाँ स दय से य लोकतं के साधन
सफलतापूवक अपनाए जाते रहे ह। यो तो लै टन अमर क देश , पूव यूरोप के देश
जैसे लाट वया, बोल वया, लोवा कया तथा संयु त रा य अमे रका म थानीय
नगर य शासन म भी लोकतं के साधन अपनाए जा रहे ह। ांस जैसे देश म
भी हा लया वष म ये साधन लोक य हुए ह, क तु ि व जरलड म रा य तर
पर इन साधन को यापक प म अपनाया जा रहा है और आम जनता नरंतर
शासन संबंधी नणय म अपनी सहभा गता सु नि चत कर रह है।इसे देखते हुए ह
ि व जरलड को ‘ य जातं का घर’ कहा जाता है। आधु नक य लोकतं
अमे रका क मूल जनजा त ‘ ो नैशन’म भी देखने को मलता है,जहां 1948 के
सं वधान म पहल बार जनसभा का उ लेख कया गया । दाश नक ि ट से
अराजकतावा दय एवं मा सवाद समाजवा दय ने त न ध मूलक लोकतं को
अपूण मानते हुए य लोकतं का समथन कया है। समाजवा दय ने
उदारवाद लोकतं को’ बुजुआ लोकतं ’ क सं ा द है।
य ​लोकतं के साधन या उपकरण-
1848 म न मत एवं 1874 म संशो धत सं वधान के साथ-साथ 1999 के सं वधान
के अनु छेद 138 से 142 तक म य लोकतं के उपकरण का ावधान कया
गया है। इन ावधान के अनुसार य लोकतं के मुख उपकरण न न वत ह-
जनसभाएं-[ ल सजीमाइंड]
ि व जरलड क कु छ कट स जैसे- लेरस,ऑबवालद , नदवालद ,इनेर अपेनजल ,
आउटर अपजेल मे जनसभाएं काय करती ह । यहाँ कोई वधानमंडल नह ं है और
वधानमंडल का काय यह जनसभाएं ह करती ह। जनसभा का सद य येक
वय क नाग रक होता है, िजसे वाद ववाद म भाग लेने और मत देने का अ धकार
होता है। वष म एक बार या आव यकतानुसार जनसभा का आयोजन कया जाता
है, इसम अगले वष तक ह शास नक काय संप न करने हेतु कायका रणी प रषद
का चुनाव कया जाता है, िजसका धान ‘ल समैन’ कहलाता है। कायका रणी
प रषद जनसभा के स मुख गत वष के शास नक काय क रपोट और आगामी
वष के लए बजट तुत करती है। जनसभा बजट पा रत करती है । साथ ह यह
कटन के यायाधीश और अ य सरकार अ धका रय तथा सीनेट के लए
त न ध भी चुनती है। जनसभाओं के वारा व अ य सभी काय कए जाते ह,
अ य कं टस म वधानमंडल करते ह। इस कार जनसभाओं क यव था लोकतं
का सव म प कह जा सकती है, य क नाग रक इसके मा यम से य प
से शासन यव था का संचालन करते ह।
लोक नणय-[ Referendum]
संवैधा नक न पर लोक नणय क यव था ि व जरलड ने अमे रका क
मैसाचुसे स रा य से हण क है, जहां यह 1778 से भी पूव च लत था , कं तु
ि व जरलड म इस प ध त को वहां क आव यकता के अनुसार वक सत कया
गया है । सं वधान वारा दो कार के लोक नणय क यव था क गई है-
1. अ नवाय लोक नणय-
अ नवाय लोक नणय का ता पय वधान मंडल वारा पा रत सभी वधेयक पर
जनता क वीकृ त मत- सं ह के मा यम से लया जाना है।
● वधान मंडल वारा पा रत ऐसे सभी वधेयक िजनका संबंध सं वधान म
आं शक या पूण ढंग से संशोधन करना हो, अ नवाय प से लोक नणय के
लए जनता के स मुख रखे जाते ह।
● ि व जरलड वारा कसी अंतररा य सं ध या समझौते म सि म लत
होने से संबं धत ताव भी अ नवाय लोक नणय के लए रखे जाते ह।
2001 म जब लोक जनता ने संयु त रा क सद यता का ताव
वीकार कया, तभी 2002 म ि व जरलड संयु त रा संघ का सद य
बना।
● य द नाग रक वारा कसी कानून क पहल क गई हो और वधान मंडल ने
उसे अ वीकार कर दया हो, ऐसे ताव पर भी अ नवाय प से लोक
नणय क यव था सं वधान करता है।
2. ऐि छक लोक नणय-
य द ि व जरलड के नाग रक ऐसा समझते ह क वधान मंडल वारा पा रत कोई
वधेयक जन हतकार नह ं है या उसम कु छ ु टयां रह गई ह, तो कानून पा रत
होने के 100 दन के भीतर 50000 मतदाताओं के ह ता र या 8 से अ धक
कट स वारा मांग कए जाने पर ऐि छक लोक नणय कराया जाता है। 2004
तक कसी भी ऐि छक लोक नणय क मांग नह ं क गई। पहल बार इसक मांग
कट स वारा मई, 2004 म क गई।
● आरंभक -[initiative]
आरंभक का ता पय है जनता वारा वयं कानून नमाण का ताव
तुत कर उसक पहल कया जाना है। आरंभक क शु आत 18 91 म
हुई। 2006 से पहले तक के वल सं वधान संशोधन संबंधी ताव ह
नाग रक अपनी पहल पर बना कर भेज सकते थे, कं तु 2006 के बाद
सामा य कानून के वषय म भी यह यव था लागू कर द गई। य द
नाग रक को ऐसा लगता है क वधान मंडल का यान कसी मह वपूण
वषय क तरफ नह ं जा पा रहा है, जब क देश को उस वषय म कानून
नमाण क आव यकता है,तो नाग रक वयं कानून का ताव बनाकर
वधान मंडल म भेज सकते ह। ऐसे ताव के लए ताव तुत करने
के 18 मह ने के भीतर 100000 मतदाताओं के ह ता र क आव यकता
होती है। इसके साथ- साथ सरकार वयं भी कानून का ताव देकर जनता
क राय जान सकती है। िजस ताव को अ धक सं या म मतदाताओं का
समथन मलता है, वधान मंडल उसे कानून का प दान करता है।
‘ शासक य पहल’का योग करते हुए नाग रक के वारा कु छ शासक य
काय को करने क मांग क जा सकती है। जैसे- कोई नया कू ल या सड़क
बनाने का काय। सामा यतया शास नक पहल का योग उन काय के
लए कया जाता है, िजनम भार मा ा मे लोक न ध से खच कया जाता है
िजनके कारण अ त र त कर- भार जनता पर डाला जाता है।
आरंभक पर तबंध-
सं वधान का अनु छेद 139[ 3] जनता क आरंभक शि त पर 2 तबंध
लगाता है।
1. य द कोई आरंभक देश क एकता या अंतररा य सं ध के अ नवाय
नयम का स मान नह ं करता है तो संघीय संसद आरंभक को संपूण अंश
म या कु छ अंश म अवैध घो षत कर सकतीहै। 2.
सं वधान म पूण संशोधन के ताव को मतदाताओं वारा बहुमत के साथ
वीकार कए जाने पर व यमान संघीय संसद भंग हो जाती है और
नव नवा चत संघीय सभा संशोधन ताव को कानून का प देती है।
य लोकतं के उपयु त साधन के आधार पर ि वस जनता अं तम
प म व ध नमाण क शि त के अ धकार हो गई है। सग ड ने इस
संबंध म लखा है क “ यहां लोकतं य ह रहता है और अपनी
शि तयां सौपते समय ि वस जनता उ ह याग नह ं देती है। वह लोक
नणय के वारा अं तम श द और आरंभक क या वारा शायद थम
श द कहने का अ धकार सदैव अपने पास ह रखती है। ‘’
ि व जरलड म य लोकतं के कायकरण क वशेषताएं-
1. वय क नाग रक को वष म कम से कम 4 बार संघीय लोक नणय का अवसर दया
जाता है।
2. मतदाता थानीय मु द पर भी मत देते ह।
3. लोक- नणय के समय मतदान तशत औसतन 40 तशत रहता है।
4. 1990 से लेकर अब तक यापक वषय पर लोक नणय के अवसर दए गए ह। जैसे -
यूि लयर पावर टेशन के नमाण पर रोक, नए संघीय सं वधान का नमाण, आ जन
नयं ण , थाई सेना क समाि त, संयु त रा संघ क सद यता,काय करने के घंट म
कमी लाना आ द ।
भाव-
य लोकतं के साधन ने ि व जरलड क राजनी तक यव था के व प के
नधारण म क य भू मका नभाई है, फर भी यह न वाभा वक है क यवहार म इन
साधन का कतना भाव है। ाथ मक ि ट से देखने पर यह भाव सी मत ह दखाई
देता है। 1891-2004 तक जनता के के वल 14 कानूनी ताव को कानून का प दया
जा सका । कं तु अ य प से इन साधन का यापक भाव रहा। जनता क पहल से
सावज नक मु द के वषय म जनजागृ त बढ़ है और सरकार पर संबं धत कदम उठाने
का दबाव बढ़ा है । कई बार सरकार कसी वषय पर जनमत सं ह क ि थ त आने से पूव
ह कानून बना देती है । य लोकतं के भाव व प ह ि व जरलड म दल यव था
बहुत मजबूत नह ं बन सक है और देश दल य बुराइय से बच सका है , य क संघीय
वषय को नयं त करने का एकमा उ रदा य व राजनी तक दल का ह नह ं है। इस
यव था के कारण जन त न ध जनता से नरंतर संपक बनाए रखते ह। ाइस के
श द म,” य जातं क प ध तयां नवाचन के अ त र त अ य समय म
जन त न धय का जनता से संपक बनाए रखने का े ठतम साधन है।..... िजस कार
लोक नणय वधान मंडल क ु टय से जनता क र ा करता है उसी कार आरंभक
उनक भूल का उपचार है।”
● आलोचना -
यवहार म ि व जरलड म य लोकतं के कायकरण क न नां कत आधार पर
आलोचना क जाती है-
● साधारण जनता इस का बल नह ं होती क वह ज टल कानून का ताव तैयार कर
सके । डॉ.फाइनर के श द म, “बु धह न व अ श त लोग ने ग तशील कानून
को ायः न ट ह कया है।’’
● लोक नणय और आरंभक के कारण यव था पका के स मान म कमी आई है
और उसमे अपने काय के त उ रदा य व क भावना कम हुई है।
● बार-बार मतदान काय म भाग लेने से जनता थकावट अनुभव करती है, इस लए
लोक नणय के समय बहुत कम मतदान होते ह और उनके मा यम से जो नणय
होते ह, वह अ पमत के नणय होते ह।
● समय और धन का अप यय होता है।
● राजनी तक दल का भाव कम नह ं होता य क लोक नणय के वषय म
जनता का मागदशन करने का काय उ ह ं के वारा कया जाता है और कई बार वे
जनता क अ ानता का लाभ उठाते दखाई देते ह।
● लोक नणय क यव था के अंतगत जनता कसी कानून को या तो पूर तरह
वीकार कर लेती है या पूणतः अ वीकृ त कर देती है। कानून म संशोधन के लए
लोक नणय क यव था नह ं है।
इन क मय के साथ ि व जरलड का य लोकतं सफल कहा जा सकता
है और इसक सफलता के पीछे ि व जरलड क भौगो लक ि थ त, नाग रक क
जाग कता, वतं ेस,दलबंद का अभाव, और जन सं भुता को बनाए रखने क
आकां ा जैसे कारण उतर आई है।
References And Suggested Readings
1. britannica. com
2. K. C. Wheare,Federal Governments
3. Lowell,Government And Politics in Continental Europe
4. Moadoph.gov.au
5.This is howSwitzerland’sdirect democracy works,World
6. Economic Forum,31 July,2017
7. Swiss Constitution,wwwparlament.ch
न-
नबंधा मक-
1. ि व जरलड को य लोकतं का घर य कहा जाता है, ववेचना
क िजए।
2. य लोकतं क आव यकता य अनुभव क जाती है। कन
साधन को अपनाकर आम जनता को नणय- नमाण या म
भागीदार बनाया जा सकता है।
3. य लोकतं से आप या समझते ह। यह त न ध मूलक
लोकतं से कस अथ म भ न है। या य लोकतं के वल छोटे
देश म ह संभव है।
4. जनमत सं ह, लोक नणय, आरंभक एवं जन सभाओं के अलावा
जनता को शासन काय म भागीदार बनाने के लए और शासन पर
नयं ण था पत करने के लए अ य या साधन अपनाए जा सकते
ह।
व तु न ठ न-
1.ि व जरलड म आरंभक क शु आत कब क गई।
[ अ ] 1891 [ब ] 2004 [स ] 2006 [द ] 1848
2. संघीय सभा के आरंभक को अवैध घो षत कर सकती है, य द
[अ ] वह जनता क इ छा के तकू ल हो।
[ ब ] रा य एकता और अंतररा य सं ध के नयम के वपर तहो।
[स ] सं वधान के वपर त हो।
[ द ] संघीय सभा कसी आरंभक को अवैध घो षत नह ं कर सकती।
3. संघीय सभा वारा कोई कानून पा रत कए जाने पर जनता उस पर लोक नणय क
मांग कतने दन के भीतर कर सकती है।
[अ ] 90 [ब ] 100 [ स] 60 [द ] कोई समय सीमा नह ं है।
4. जनता वारा लोक नणय के मा यम से संघीय सभा वारा पा रत कसी पूण
सं वधान संशोधन ताव के अ वीकृ त हो जाने का प रणाम या होता है।
[ अ ] संघीय सभा वारा नया संशोधन ताव लाया जाता है।
[ब ] जनता वारा संशोधन ताव लाया जाता है।
[ स ] व यमान संघीय सभा भंग हो जाती है और नई संघीय सभा का चुनाव होता है जो
नया संशोधन ताव लाती है।
[ द ] उ त म से कोई नह ं
5. वतमान म ि व जरलड के अ त र त अ य कन देश म य लोकतं के साधन
अपनाए जाते ह।
[ अ ] ले टन अमे रका [ ब ] पूव यूरोप के देश [स ] संयु त रा य अमे रका के कु छ
नगर के शासन म [द ] उपरो त सभी म
6. जनसभाओं के वारा या काय कया जाता है।
[ अ ] कानून का नमाण [ ब ] अ धका रय का नवाचन [ स ] सावज नक वषय पर
वाद ववाद [ द ] उपयु त सभी
7. संयु त रा य अमे रका के कस जनजा त के सं वधान म जनसभा का उ लेख
कया गया है।
[ अ ] नेशन [ ब ] आ मश [ स ] दोन म [ द ] इनम से कोई नह ं।
8. अ नवाय लोक नणय कब संप न कराया जाता है ।
[अ ] सं वधान म आं शक या पूण संशोधन के लए [ ब ] अंतररा य सं ध/ समझौत
म वेश हेतु [ स ] सामा य कानून म संशोधन के लए [ द] अ और ब सह है।
9. ि व जरलड म लोके नणय के दौरान मतदान तशत सामा यतया कतना रहता है।
[ अ ] 50% [ ब ] 40% [ स ] 60% [ द ] 70%
10. ाचीन यूनान म जनसभाओं को कस नाम से जाना जाता था ।
[ अ ] सभा [ ब ] स म त [ स ] एकले शया [ द ] नाग रक सभा
उ र- 1. अ 2.ब 3. ब 4. स 5. द 6. द 7.अ 8.द 9. ब 10. स
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Direct democracy in switzerland

  • 1. ​ ​ि व जरलड म य जातं https://i.ytimg.com/vi/BMcNr5mSHnw/maxresdefault.jpg यह साम ी वशेष प से श ण और सीखने को बढ़ाने के शै णक उ दे य ​के लए है। ​आ थक / ​वा णि यक अथवा कसी अ य उ दे य के लए इसका उपयोग ​पूणत: ​ तबंध है। ​साम ी के उपयोगकता इसे कसी और के साथ वत रत, सा रत या ​साझा नह ं करगे और इसका उपयोग यि तगत ान क उ न त के लए ह करगे। ​इस ई - ​कं टट म जो जानकार क गई है वह ामा णक है और मेरे ान के अनुसार सव म है। वारा- डॉ टर ममता उपा याय एसो सएट ोफे सर, राजनी त व ान कु मार मायावती राजक य म हला नातको र महा व यालय बादलपुर, गौतम बु ध नगर, उ र देश
  • 2. जातं एक आधु नक शासन यव था है िजसका ारंभ यूरोप म हुए पुनजागरण एवं पुनसुधार आंदोलन के बाद टेन एवं ांस जैसे देश म हुआ। राजतं एवं कु ल नतं ीय यव था मे शासक के नरंकु श आचरण एवं वग वशेष के वच व के व ध यह शासन यव था अि त व मे आई । इं लड क गौरवपूण ां त, 1789 क ांसीसी ां त एवं अमर क ां तय ने इसके वकास म योगदान दया, िजनके मा यम से आम जनता के अ धकार क मांग क गई। “जनता के शासन’’[democracy -Demos+kratos] के प म प रभा षत लोकतं समय के साथ कई प म वक सत हुआ है। आधु नक लोकतं के व भ न प म- य लोकतं , अ य या त न ध मूलक लोकतं , संघा मक लोकतं , एका मक लोकतं , संसद य लोकतं , अ य ा मक लोकतं , संवैधा नक लोकतं , उदारवाद लोकतं , समाजवाद लोकतं , या मक लोकतं , वमश मक लोकतं आ द मुख ह । 2009 म का शत पु तक” लाइफ एंड डेथ ऑफ डेमो े सी’’ मे राज वै ा नक जॉन क न ने एक नए तरह के जातं के वकास का व लेषण कया है, िजसे वे नर ण मक लोकतं [monitoring democracy] कहते ह, िजसम सरकार नरंतर यि तगत एवं लोक अ भकरण के नर णाधीन रहती है। लोकतं के सभी प सामा यतः चार मु य स धांत पर आधा रत ह। ये ह - ● यि त के वजूद और उसक मता म व वास ● तक एवं ग त म व वास जो इस व वास पर आधा रत है क ग त या वकास मानवता के लए एक वाभा वक दशा है और राजनी त समझौते क कला है। ● सवस म त पर आधा रत समाज म व वास जो सहयोग और सु यव था का ल य रखता है।
  • 3. ● राजनी तक शि त या स ा क भागीदार म व वास जो कसी भी तरह क शि त के क करण के त संदेह पर आधा रत है। य लोकतं या है और य आव यक है- य लोकतं , लोकतं का वह व प है, जो शासन संबंधी नणय- नमाण क या म आम नाग रक को सीधे तौर पर भागीदार बनाता है। य लोकतं के लए आव यक नह ं है क जनता शासन संबंधी सभी काय म सीधे भागीदार बने, बि क व भ न साधन के मा यम से शासन संबंधी मह वपूण नणय म उसका सुझाव लया जाए और उन सुझाव को मह व दया जाए, यह य लोकतं का सार है। यह कारण है क आज हम िजन देश म य लोकतं देखते ह, वहां त न ध सं थाओं अथात वधान मंडल एवं कायपा लका का अि त व भी होता है। आधु नक युग म य लोकतं क आव यकता न नां कत कारण से अनुभव क जाती है। ● जन त न धय म जवाबदेह क कमी को दूर करने के लए। ● नणय नमाण या म जनता क सहभा गता सु नि चत कर उपयोगी एवं नवीन वचार पर आधा रत जनक याणकार नी तय का नमाण। ● शासक पर नरंतर जन- नयं ण क यव था बनाए रखने के लए। ● व भ न सामािजक वग के म य बढ़ते हुए शि त- संघष को समायोिजत करने के लए। ● सव स ावाद शासन से जातां क शासन क तरफ प रवतन क या को ग त दान करने के लए। य लोकतं का इ तहास-
  • 4. य य प लोकतं को एक आधु नक शासन यव था माना जाता है, कं तु य लोकतं क जड़ अ यंत ाचीन है। ाचीन यूनान के नगर रा य वशेष प से एथस म य लोकतं का संदभ मलता है जहां एक हजार पु ष नाग रक से यु त असबल िजसे ‘ए ले शया’ कहते थे, वारा शासन संबंधी नणय लया जाता था । एथस पर रोम का अ धकार हो जाने पर जनतं का यह प धीरे-धीरे वलु त हो गया।ईसा पूव पांचवी शता द म रोम मे जनतं के य और त न धमूलक दोन प देखने को मलते ह। ाचीन रोमन गणतं म नाग रक वारा कानून बनाने और वधा यका वारा न मत कानून पर नषेध अ धकार के योग के उदाहरण मलते ह,िजसका उ लेख अनेक इ तहासकार ने कया है। छठ शता द ईसा पूव म भारत म 16 गणरा य का अि त व य लोकतं के भाव से प रपूण था। ाचीन भारतीय धम ंथ म’ सभा’ और ‘ स म त’ जैसी सं थाओं का उ लेख मलता है,िजनके मा यम से आमजन के वारा शासन संबंधी नणय म भागीदार नभाई जाती थी। आधु नक युग म रा य रा य का वकास होने के साथ य लोकतं को यवहा रक नह ं पाया गया य क रा य रा य का व प े फल और जनसं या क ि ट से बहुत वशाल होता है। बड़ी जनसं या को शासन संबंधी सभी नणय म सि म लत करना यावहा रक ि ट से संभव नह ं होता, इस लए य लोकतं के थान पर अ य लोकतं का वकास हुआ है। आज दु नया के व भ न लोकतां क देश त न ध मूलक लोकतं को ह अपनाए हुए ह, कं तु त न ध मूलक लोकतं के वातावरण म भी ि व जरलड एक ऐसा देश है, जहाँ स दय से य लोकतं के साधन सफलतापूवक अपनाए जाते रहे ह। यो तो लै टन अमर क देश , पूव यूरोप के देश जैसे लाट वया, बोल वया, लोवा कया तथा संयु त रा य अमे रका म थानीय नगर य शासन म भी लोकतं के साधन अपनाए जा रहे ह। ांस जैसे देश म भी हा लया वष म ये साधन लोक य हुए ह, क तु ि व जरलड म रा य तर पर इन साधन को यापक प म अपनाया जा रहा है और आम जनता नरंतर शासन संबंधी नणय म अपनी सहभा गता सु नि चत कर रह है।इसे देखते हुए ह ि व जरलड को ‘ य जातं का घर’ कहा जाता है। आधु नक य लोकतं
  • 5. अमे रका क मूल जनजा त ‘ ो नैशन’म भी देखने को मलता है,जहां 1948 के सं वधान म पहल बार जनसभा का उ लेख कया गया । दाश नक ि ट से अराजकतावा दय एवं मा सवाद समाजवा दय ने त न ध मूलक लोकतं को अपूण मानते हुए य लोकतं का समथन कया है। समाजवा दय ने उदारवाद लोकतं को’ बुजुआ लोकतं ’ क सं ा द है। य ​लोकतं के साधन या उपकरण- 1848 म न मत एवं 1874 म संशो धत सं वधान के साथ-साथ 1999 के सं वधान के अनु छेद 138 से 142 तक म य लोकतं के उपकरण का ावधान कया गया है। इन ावधान के अनुसार य लोकतं के मुख उपकरण न न वत ह- जनसभाएं-[ ल सजीमाइंड] ि व जरलड क कु छ कट स जैसे- लेरस,ऑबवालद , नदवालद ,इनेर अपेनजल , आउटर अपजेल मे जनसभाएं काय करती ह । यहाँ कोई वधानमंडल नह ं है और वधानमंडल का काय यह जनसभाएं ह करती ह। जनसभा का सद य येक वय क नाग रक होता है, िजसे वाद ववाद म भाग लेने और मत देने का अ धकार होता है। वष म एक बार या आव यकतानुसार जनसभा का आयोजन कया जाता है, इसम अगले वष तक ह शास नक काय संप न करने हेतु कायका रणी प रषद का चुनाव कया जाता है, िजसका धान ‘ल समैन’ कहलाता है। कायका रणी प रषद जनसभा के स मुख गत वष के शास नक काय क रपोट और आगामी वष के लए बजट तुत करती है। जनसभा बजट पा रत करती है । साथ ह यह कटन के यायाधीश और अ य सरकार अ धका रय तथा सीनेट के लए त न ध भी चुनती है। जनसभाओं के वारा व अ य सभी काय कए जाते ह, अ य कं टस म वधानमंडल करते ह। इस कार जनसभाओं क यव था लोकतं का सव म प कह जा सकती है, य क नाग रक इसके मा यम से य प से शासन यव था का संचालन करते ह। लोक नणय-[ Referendum]
  • 6. संवैधा नक न पर लोक नणय क यव था ि व जरलड ने अमे रका क मैसाचुसे स रा य से हण क है, जहां यह 1778 से भी पूव च लत था , कं तु ि व जरलड म इस प ध त को वहां क आव यकता के अनुसार वक सत कया गया है । सं वधान वारा दो कार के लोक नणय क यव था क गई है- 1. अ नवाय लोक नणय- अ नवाय लोक नणय का ता पय वधान मंडल वारा पा रत सभी वधेयक पर जनता क वीकृ त मत- सं ह के मा यम से लया जाना है। ● वधान मंडल वारा पा रत ऐसे सभी वधेयक िजनका संबंध सं वधान म आं शक या पूण ढंग से संशोधन करना हो, अ नवाय प से लोक नणय के लए जनता के स मुख रखे जाते ह। ● ि व जरलड वारा कसी अंतररा य सं ध या समझौते म सि म लत होने से संबं धत ताव भी अ नवाय लोक नणय के लए रखे जाते ह। 2001 म जब लोक जनता ने संयु त रा क सद यता का ताव वीकार कया, तभी 2002 म ि व जरलड संयु त रा संघ का सद य बना। ● य द नाग रक वारा कसी कानून क पहल क गई हो और वधान मंडल ने उसे अ वीकार कर दया हो, ऐसे ताव पर भी अ नवाय प से लोक नणय क यव था सं वधान करता है। 2. ऐि छक लोक नणय- य द ि व जरलड के नाग रक ऐसा समझते ह क वधान मंडल वारा पा रत कोई वधेयक जन हतकार नह ं है या उसम कु छ ु टयां रह गई ह, तो कानून पा रत होने के 100 दन के भीतर 50000 मतदाताओं के ह ता र या 8 से अ धक कट स वारा मांग कए जाने पर ऐि छक लोक नणय कराया जाता है। 2004 तक कसी भी ऐि छक लोक नणय क मांग नह ं क गई। पहल बार इसक मांग कट स वारा मई, 2004 म क गई। ● आरंभक -[initiative]
  • 7. आरंभक का ता पय है जनता वारा वयं कानून नमाण का ताव तुत कर उसक पहल कया जाना है। आरंभक क शु आत 18 91 म हुई। 2006 से पहले तक के वल सं वधान संशोधन संबंधी ताव ह नाग रक अपनी पहल पर बना कर भेज सकते थे, कं तु 2006 के बाद सामा य कानून के वषय म भी यह यव था लागू कर द गई। य द नाग रक को ऐसा लगता है क वधान मंडल का यान कसी मह वपूण वषय क तरफ नह ं जा पा रहा है, जब क देश को उस वषय म कानून नमाण क आव यकता है,तो नाग रक वयं कानून का ताव बनाकर वधान मंडल म भेज सकते ह। ऐसे ताव के लए ताव तुत करने के 18 मह ने के भीतर 100000 मतदाताओं के ह ता र क आव यकता होती है। इसके साथ- साथ सरकार वयं भी कानून का ताव देकर जनता क राय जान सकती है। िजस ताव को अ धक सं या म मतदाताओं का समथन मलता है, वधान मंडल उसे कानून का प दान करता है। ‘ शासक य पहल’का योग करते हुए नाग रक के वारा कु छ शासक य काय को करने क मांग क जा सकती है। जैसे- कोई नया कू ल या सड़क बनाने का काय। सामा यतया शास नक पहल का योग उन काय के लए कया जाता है, िजनम भार मा ा मे लोक न ध से खच कया जाता है िजनके कारण अ त र त कर- भार जनता पर डाला जाता है। आरंभक पर तबंध- सं वधान का अनु छेद 139[ 3] जनता क आरंभक शि त पर 2 तबंध लगाता है। 1. य द कोई आरंभक देश क एकता या अंतररा य सं ध के अ नवाय नयम का स मान नह ं करता है तो संघीय संसद आरंभक को संपूण अंश म या कु छ अंश म अवैध घो षत कर सकतीहै। 2. सं वधान म पूण संशोधन के ताव को मतदाताओं वारा बहुमत के साथ वीकार कए जाने पर व यमान संघीय संसद भंग हो जाती है और नव नवा चत संघीय सभा संशोधन ताव को कानून का प देती है।
  • 8. य लोकतं के उपयु त साधन के आधार पर ि वस जनता अं तम प म व ध नमाण क शि त के अ धकार हो गई है। सग ड ने इस संबंध म लखा है क “ यहां लोकतं य ह रहता है और अपनी शि तयां सौपते समय ि वस जनता उ ह याग नह ं देती है। वह लोक नणय के वारा अं तम श द और आरंभक क या वारा शायद थम श द कहने का अ धकार सदैव अपने पास ह रखती है। ‘’ ि व जरलड म य लोकतं के कायकरण क वशेषताएं- 1. वय क नाग रक को वष म कम से कम 4 बार संघीय लोक नणय का अवसर दया जाता है। 2. मतदाता थानीय मु द पर भी मत देते ह। 3. लोक- नणय के समय मतदान तशत औसतन 40 तशत रहता है। 4. 1990 से लेकर अब तक यापक वषय पर लोक नणय के अवसर दए गए ह। जैसे - यूि लयर पावर टेशन के नमाण पर रोक, नए संघीय सं वधान का नमाण, आ जन नयं ण , थाई सेना क समाि त, संयु त रा संघ क सद यता,काय करने के घंट म कमी लाना आ द । भाव- य लोकतं के साधन ने ि व जरलड क राजनी तक यव था के व प के नधारण म क य भू मका नभाई है, फर भी यह न वाभा वक है क यवहार म इन साधन का कतना भाव है। ाथ मक ि ट से देखने पर यह भाव सी मत ह दखाई देता है। 1891-2004 तक जनता के के वल 14 कानूनी ताव को कानून का प दया जा सका । कं तु अ य प से इन साधन का यापक भाव रहा। जनता क पहल से सावज नक मु द के वषय म जनजागृ त बढ़ है और सरकार पर संबं धत कदम उठाने का दबाव बढ़ा है । कई बार सरकार कसी वषय पर जनमत सं ह क ि थ त आने से पूव ह कानून बना देती है । य लोकतं के भाव व प ह ि व जरलड म दल यव था बहुत मजबूत नह ं बन सक है और देश दल य बुराइय से बच सका है , य क संघीय
  • 9. वषय को नयं त करने का एकमा उ रदा य व राजनी तक दल का ह नह ं है। इस यव था के कारण जन त न ध जनता से नरंतर संपक बनाए रखते ह। ाइस के श द म,” य जातं क प ध तयां नवाचन के अ त र त अ य समय म जन त न धय का जनता से संपक बनाए रखने का े ठतम साधन है।..... िजस कार लोक नणय वधान मंडल क ु टय से जनता क र ा करता है उसी कार आरंभक उनक भूल का उपचार है।” ● आलोचना - यवहार म ि व जरलड म य लोकतं के कायकरण क न नां कत आधार पर आलोचना क जाती है- ● साधारण जनता इस का बल नह ं होती क वह ज टल कानून का ताव तैयार कर सके । डॉ.फाइनर के श द म, “बु धह न व अ श त लोग ने ग तशील कानून को ायः न ट ह कया है।’’ ● लोक नणय और आरंभक के कारण यव था पका के स मान म कमी आई है और उसमे अपने काय के त उ रदा य व क भावना कम हुई है। ● बार-बार मतदान काय म भाग लेने से जनता थकावट अनुभव करती है, इस लए लोक नणय के समय बहुत कम मतदान होते ह और उनके मा यम से जो नणय होते ह, वह अ पमत के नणय होते ह। ● समय और धन का अप यय होता है। ● राजनी तक दल का भाव कम नह ं होता य क लोक नणय के वषय म जनता का मागदशन करने का काय उ ह ं के वारा कया जाता है और कई बार वे जनता क अ ानता का लाभ उठाते दखाई देते ह।
  • 10. ● लोक नणय क यव था के अंतगत जनता कसी कानून को या तो पूर तरह वीकार कर लेती है या पूणतः अ वीकृ त कर देती है। कानून म संशोधन के लए लोक नणय क यव था नह ं है। इन क मय के साथ ि व जरलड का य लोकतं सफल कहा जा सकता है और इसक सफलता के पीछे ि व जरलड क भौगो लक ि थ त, नाग रक क जाग कता, वतं ेस,दलबंद का अभाव, और जन सं भुता को बनाए रखने क आकां ा जैसे कारण उतर आई है। References And Suggested Readings 1. britannica. com 2. K. C. Wheare,Federal Governments 3. Lowell,Government And Politics in Continental Europe 4. Moadoph.gov.au 5.This is howSwitzerland’sdirect democracy works,World 6. Economic Forum,31 July,2017 7. Swiss Constitution,wwwparlament.ch न- नबंधा मक- 1. ि व जरलड को य लोकतं का घर य कहा जाता है, ववेचना क िजए। 2. य लोकतं क आव यकता य अनुभव क जाती है। कन साधन को अपनाकर आम जनता को नणय- नमाण या म भागीदार बनाया जा सकता है।
  • 11. 3. य लोकतं से आप या समझते ह। यह त न ध मूलक लोकतं से कस अथ म भ न है। या य लोकतं के वल छोटे देश म ह संभव है। 4. जनमत सं ह, लोक नणय, आरंभक एवं जन सभाओं के अलावा जनता को शासन काय म भागीदार बनाने के लए और शासन पर नयं ण था पत करने के लए अ य या साधन अपनाए जा सकते ह। व तु न ठ न- 1.ि व जरलड म आरंभक क शु आत कब क गई। [ अ ] 1891 [ब ] 2004 [स ] 2006 [द ] 1848 2. संघीय सभा के आरंभक को अवैध घो षत कर सकती है, य द [अ ] वह जनता क इ छा के तकू ल हो। [ ब ] रा य एकता और अंतररा य सं ध के नयम के वपर तहो। [स ] सं वधान के वपर त हो। [ द ] संघीय सभा कसी आरंभक को अवैध घो षत नह ं कर सकती। 3. संघीय सभा वारा कोई कानून पा रत कए जाने पर जनता उस पर लोक नणय क मांग कतने दन के भीतर कर सकती है। [अ ] 90 [ब ] 100 [ स] 60 [द ] कोई समय सीमा नह ं है। 4. जनता वारा लोक नणय के मा यम से संघीय सभा वारा पा रत कसी पूण सं वधान संशोधन ताव के अ वीकृ त हो जाने का प रणाम या होता है। [ अ ] संघीय सभा वारा नया संशोधन ताव लाया जाता है। [ब ] जनता वारा संशोधन ताव लाया जाता है। [ स ] व यमान संघीय सभा भंग हो जाती है और नई संघीय सभा का चुनाव होता है जो नया संशोधन ताव लाती है। [ द ] उ त म से कोई नह ं
  • 12. 5. वतमान म ि व जरलड के अ त र त अ य कन देश म य लोकतं के साधन अपनाए जाते ह। [ अ ] ले टन अमे रका [ ब ] पूव यूरोप के देश [स ] संयु त रा य अमे रका के कु छ नगर के शासन म [द ] उपरो त सभी म 6. जनसभाओं के वारा या काय कया जाता है। [ अ ] कानून का नमाण [ ब ] अ धका रय का नवाचन [ स ] सावज नक वषय पर वाद ववाद [ द ] उपयु त सभी 7. संयु त रा य अमे रका के कस जनजा त के सं वधान म जनसभा का उ लेख कया गया है। [ अ ] नेशन [ ब ] आ मश [ स ] दोन म [ द ] इनम से कोई नह ं। 8. अ नवाय लोक नणय कब संप न कराया जाता है । [अ ] सं वधान म आं शक या पूण संशोधन के लए [ ब ] अंतररा य सं ध/ समझौत म वेश हेतु [ स ] सामा य कानून म संशोधन के लए [ द] अ और ब सह है। 9. ि व जरलड म लोके नणय के दौरान मतदान तशत सामा यतया कतना रहता है। [ अ ] 50% [ ब ] 40% [ स ] 60% [ द ] 70% 10. ाचीन यूनान म जनसभाओं को कस नाम से जाना जाता था । [ अ ] सभा [ ब ] स म त [ स ] एकले शया [ द ] नाग रक सभा उ र- 1. अ 2.ब 3. ब 4. स 5. द 6. द 7.अ 8.द 9. ब 10. स