इस अधिनियम के जरिए यह व्यवस्था दी गई कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को दुर्भावनापूर्ण कृत्य के माध्यम से नुकसान पहुंचाता है तो उस दंड एवं निषेधात्मक कार्रवाई की जाएगी।
2. NEED & OBJECTS
जुलूस, विरोध-प्रदर्शन या दंगों क
े दौरान दंगाई बहुत बार
सरकारी संपवियों को वनर्ाना बना देते हैं। उन्हें जला देते हैं या
तोड़ फोड़ कर देते हैं। इसे देखते हुए इस पर रोक लगाने क
े वलए
1984 में लोक संपवि नुकसान वनिारण अवधवनयम यानी
Prevention of Damage to Public Property Act लाया गया।
इस अवधवनयम क
े जररए यह व्यिस्था दी गई वक अगर कोई
व्यक्ति वकसी भी सािशजवनक संपवि को दुभाशिनापूणश क
ृ त्य क
े
माध्यम से नुकसान पहुंचाता है तो उस दंड एिं वनषेधात्मक
कारशिाई की जाएगी।
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3. लोक संपत्ति नुकसान त्तनवारण अत्तित्तनयम 1984 क
े मुतात्तिक लोक
संपत्तियों में त्तिन संपत्तियों को शात्तमल त्तकया गया है, वे इस प्रकार से
हैं-
लोक संपवि नुकसान वनिारण अवधवनयम 1984 क
े मुतावबक
लोक संपवियों में वजन संपवियों को र्ावमल वकया गया है, िे इस
प्रकार से हैं-
कोई भी ऐसा भिन या संपवि वजसका प्रयोग जल, प्रकार्, र्क्ति या
उजाश क
े उत्पादन और वितरण में वकया जाता है।
लोक पररिहन या दू र-संचार का कोई भी साधन या इस संबंध में
उपयोग वकया जाने िाला कोई भिन, प्रवतष्ठान और संपवि।
खान अथिा कारखाना।
सीिेज संबंधी कायशस्थल।
तेल संबंधी प्रवतष्ठान।
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4. धारा 02 – Definitions पररभाषाएँ
धारा 2 (क) - ररवि - भा0द0सं0 की धारा 425 में बताई गई
पररभाषा ।
भा0द0सं0 धारा 425 - ररवि- यवद कोई व्यक्ति यह जानते हुए वक
िह वकसी लोक को या वकसी व्यक्ति को सदोष हावन/नुकसान
पहुंचाता है या वकसी संपवि का इस प्रकार नाष या उसकी क्तस्थवत में
पररितशन करता है वजससे उस संपवि का मूल्य या उपयोवगता कम हो
जाती है तो माना जायेगा वक िह ररवि करता है।
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5. धारा 2 (ख) - लोक संपवि - ऐसी चल या अचल
संपवि जो वनम्न में से वकसी क
े कब्जें में या
स्वावमत्व में हो -
क
े न्द्रीय सरकार/राज्य सरकार/कोई स्थानीय प्रावधकारी
क
े न्द्रीय, प्रान्तीय या राज्य क
े अवध0 द्वारा स्थावपत वनगम
कम्पनी अवध0, 1956 क
े अधीन स्थावपत कोई कम्पनी
कोई संस्थान वजसे राज्य सरकार, र्ासकीय राजपत्र में
अवधसूचना द्वारा स्थावपत वकया गया है।
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6. धारा 3 - लोक संपवि को नुकसान
पहुंचाने िाली ररवि
1. जो कोई उपधारा (2) में बताई गई लोक संपवि क
े अलािा वकसी
संपवि को नुकसान पंहुचाता है तो िह ऐसी अिवध क
े कारािास से जो
05 िषश तक की हो सक
े गी और जुमाशने से भी दक्तित वकया जायेगा।
2. जो कोई नीचे बताई गई लोक संपवि को नुकसान पहुंचाता है -
क. जल, प्रकाष, वबजली या ऊजाश क
े उत्पदन, वितरण या आपूवतश क
े
संबंध में प्रयुि कोई भिन, प्रवतष्ठान या अन्य संपवि ।
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7. ख. कोई तेल प्रवतष्ठान
ग. क
े ाई खान या कारखाना
घ. कोई मल संकमश
ड़. लोक पररिहन या दू र संचार का कोई साधन अथिा उनसे संबंवधत
कोई भिन या प्रवतष्ठान या अन्य संपवि
वह ऐसी अवत्ति क
े कारावास से िो 06 मास से कम
की नही होगी त्तकन्तु 05 साल तक की हो सक
े गी और िुमााने से
भी दण्डित त्तकया िायेगा।
परन्तु न्यायालय अपने त्तनणाय में कारणों को लेखिद्व करने
क
े िाद ही 06 मास से कम अवत्ति का कारावास का दंड दे
सक
े गा।
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8. धारा 4 - अवि या विस्फोटक पदाथश द्वारा
लोक संपवि को ररवि पहुंचाना
जो कोई धारा 03 का अपराध अवि या विस्फोटक पदाथश द्वारा
काररत करता है तो िह ऐसी अिवध क
े कारािास से 01 साल से
कम की नही होगी वकन्तु जो 10 साल तक की हो सक
े गी और
जुमाशने से भी दक्तित वकया जायेगा।
परन्तु न्यायालय अपने कारणों को लेखबद्व कर क
े ही 01
साल से कम कारािास का दंड दे सक
े गें।
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9. धारा 05 - जमानत क
े बारें में विषेष
उपबंध
धारा 03 और 04 क
े अपराध क
े
अवभयुि या वसद्वदोष व्यक्ति को
जमानत पर तब तक नही छोड़ा जायेगा
जब तक अवभयोजन को जमानत का
विरोध करने का अिसर नही दे वदया
जाता है।
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