SlideShare une entreprise Scribd logo
1  sur  40
व्याकरण
सूची
• संज्ञा
• सर्वनाम
• क्रिया
• क्रर्शेषण
• संक्रि
• कारक
संज्ञा
संज्ञा
संज्ञा उस क्रर्कारी शब्द को कहते
है, क्रिससे क्रकसी क्रर्शेष र्स्तु, भार्
और िीर् के नाम का बोि हो, उसे
संज्ञा कहते है।
िैसे-
प्राक्रणयों के नाम- मोर, घोड़ा, अक्रनल, क्रकरण, िर्ाहरलाल
नेहरू आक्रद।
र्स्तुओ के नाम- अनार, रेक्रियो, क्रकताब, सन्दूक, आक्रद।
स्थानों के नाम- कु तुबमीनार, नगर, भारत, मेरठ आक्रद
भार्ों के नाम- र्ीरता, बुढ़ापा, क्रमठास आक्रद
संज्ञा के भेद
• संज्ञा के पााँच भेद होते है-
(1)व्यक्रिर्ाचक
(2)िाक्रतर्ाचक
(3)भार्र्ाचक
(4)समूहर्ाचक
(5)द्रव्यर्ाचक
व्यक्रिर्ाचक संज्ञा:-क्रिस शब्द से क्रकसी क्रर्शेष व्यक्रि, र्स्तु या स्थान के
नाम का बोि हो उसे व्यक्रिर्ाचक संज्ञा कहते हैं।
िाक्रतर्ाचक संज्ञा :- बच्चा, िानर्र, नदी, अध्यापक, बािार, गली,
पहाड़, क्रिड़की, स्कू टर आक्रद शब्द एक ही प्रकार प्राणी, र्स्तु और स्थान
का बोि करा रहे हैं। इसक्रलए ये 'िाक्रतर्ाचक संज्ञा' हैं।
भार्र्ाचक संज्ञा :-थकान, क्रमठास, बुढ़ापा, गरीबी, आिादी, हाँसी,
चढ़ाई, साहस, र्ीरता आक्रद शब्द-भार्, गुण, अर्स्था तथा क्रिया के
व्यापार का बोि करा रहे हैं। इसक्रलए ये 'भार्र्ाचक संज्ञाएाँ' हैं।
(4)समूहर्ाचक संज्ञा :- क्रिस संज्ञा शब्द से र्स्तुओंके समूह
या समुदाय का बोि हो, उसे समूहर्ाचक संज्ञा कहते है।
(5)द्रव्यर्ाचक संज्ञा :- क्रिन संज्ञा शब्दों से क्रकसी िातु, द्रर्
या पदाथव का बोि हो, उन्हें द्रव्यर्ाचक संज्ञा कहते है।
सर्वनाम
सर्वनाम
•क्रिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर
क्रकया िाता है उन्हें सर्वनाम कहते हैं ।
•उदाहरण : मैं, तू, आप (स्र्यं), यह, र्ह,
िो, कोई, कु छ, कौन, क्या ।
सर्वनाम के भेद
• सर्वनाम के मुख्य रूप से छ: भेद हैं :
(१) पुरुषर्ाचक सर्वनाम
(२) क्रनिर्ाचक सर्वनाम
(३) क्रनश्चयर्ाचक सर्वनाम
(४) अक्रनश्चयर्ाचक सर्वनाम
(५) सम्बन्िर्ाचक सर्वनाम
(६) प्रश्नर्ाचक सर्वनाम
पुरुषर्ाचक सर्वनाम
क्रिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग व्यक्रिर्ाचक संज्ञा के स्थान पर क्रकया
िाता है उन्हें पुरुषर्ाचक सर्वनाम कहते हैं । िैसे - मैं, तुम, हम, आप, र्े ।
पुरुषर्ाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं :
उत्तम पुरुष (प्रथम परुष)
मध्यम पुरुष
अन्य पुरुष
क्रनिर्ाचक सर्वनाम
िो सर्वनाम शब्द करता के स्र्यं के क्रलए प्रयुि होते हैं उन्हें क्रनिर्ाचक
सर्वनाम कहते हैं । िैसे :स्र्यं, आप ही, िुद, अपने आप ।
क्रनश्चयर्ाचक सर्वनाम
क्रिन सर्वनाम शब्दों से क्रकसी क्रनक्रश्चत व्यक्रि या र्स्तु का बोि होता है उसे
क्रनश्चयकर्ाचक सर्वनाम कहते हैं । िैसे : यह, र्ह, ये, र्े ।
अक्रनश्चयर्ाचक सर्वनाम
क्रिन सर्वनाम शब्दों से क्रकसी क्रनक्रश्चत व्यक्रि या र्स्तु का बोि नहीं होता है उसे
अक्रनश्चयर्ाचक सर्वनाम कहते हैं । िैसे : कु छ, क्रकसी ने (क्रकसने), क्रकसी को,
क्रकन्ही ने, कोई, क्रकन्ही को ।
सम्बन्िर्ाचक सर्वनाम
क्रिस सर्वनाम से र्ाक्य में क्रकसी दूसरे सर्वनाम से सम्बन्ि ज्ञात होता है
उसे सम्बन्िर्ाचक सर्वनाम कहते हैं । िैसे : िो-सो, िहााँ-र्हााँ, िैसा-
र्ैसा, िौन-तौन ।
प्रश्नर्ाचक सर्वनाम
क्रिन सर्वनाम से र्ाक्य में प्रश्न का बोि होता है उसे प्रश्नर्ाचक सर्वनाम
कहते हैं । िैसे : कौन, कहााँ, क्या, कै से ।
क्रिया
क्रिया
•क्रिस शब्द से क्रकसी कायव का करना
या होना पाया िाता है उसे क्रिया
कहते हैं ।
•उदाहरण : पढना, िेलना, दौड़ना,
िाना, पीना, सोना ।
क्रिया के भेद
• क्रिया के मुख्य रूप से दो भेद होते हैं :
(१) आकमवक क्रिया
(२) सकमवक क्रिया
• अकमवक क्रिया
• क्रिस क्रिया का कायव कताव तक ही सीक्रमत रहे अथावत िहााँ कमव का आभार्
होता है उसे अकमवक क्रिया कहते हैं ।
उदाहरण :
मीरा गाती है ।
मोहन िेलता है ।
• सकमवक क्रिया
• क्रिस क्रिया के कायव का फल कताव से क्रनकलकर दूसरी र्स्तु पर पड़ता है
अथर्ा क्रिसमे कमव भी होता है उसे सकमवक क्रिया कहते हैं ।
उदाहरण :
मीरा भिन गाती है ।
मोहन फु टबाल िेलता है ।
क्रर्शेषण
क्रर्शेषण
• िो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की क्रर्शेषता बताते हैं उन्हें क्रर्शेषण कहते
हैं । िो शब्द क्रर्शेषता बतलाते हैं उन्हें क्रर्शेषण कहते हैं और क्रिनकी
क्रर्शेषता बताई िाती है उन्हें क्रर्शेष्य कहते हैं ।
• िैसे : गोरा, काला, अच्छा, बुरा, सुन्दर, मीठा ।
उदाहरण : आसमान का रंग नीला है :- इसमें नीला क्रर्शेषण है और
आकाश क्रर्शेष्य है ।
क्रर्शेषण के भेद
• क्रर्शेषण के मुख्य रूप से चार भेद हैं :
(१) गुणात्मक क्रर्शेषण
(२) पररणाम र्ाचक क्रर्शेषण
(३) संख्या र्ाचक क्रर्शेषण
(४) सार्वनाक्रमक क्रर्शेषण
• गुणर्ाचक क्रर्शेषण
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण धमव, स्र्ाभार् आदद का बोध कराते हैं उन्हें
गुणर्ाचक दर्शेषण कहते हैं ।
• जैसे : अच्छा, पुराना, झूठा, सफ़ेद ।
• संख्यार्ाचक क्रर्शेषण
।जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध कराते हैं उन्हें संख्यार्ाचक
दर्शेषण कहते हैं ।
• जैसे : दस दकताब, चार दमत्र, कुछ छात्र, कई लोग, सात ददन, दस र्षव
• सार्वनाक्रमक क्रर्शेषण
र्े सर्वनाम जो दकसी संज्ञा की ओर संके त करते हैं उन्हें संके तर्ाचक दर्शेषण
या सार्वनादमक दर्शेषण कहते हैं ।
• उदाहरण :
यह दकताब दहंदी व्याकरण की है ।
र्ह आदमी घर जा रहा है ।
• पररणाम र्ाचक क्रर्शेषण
दजन दर्शेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम के पररमाण (माप-तौल) का बोध होता
है उन्हें पररमाणर्ाचक दर्शेषण कहते हैं ।
• जैसे : एक दकलो घी, दो दकलो दूध, तीन दकलोमीटर, कम लोग, थोडा पानी ।
संक्रि
संक्रि
• संक्रि शब्द का अथव है मेल। दो क्रनकटर्ती र्णों के
परस्पर मेल से िो क्रर्कार (पररर्तवन) होता है र्ह
संक्रि कहलाता है।
• उदाहरण : सम् + तोष = संतोष, देर् + इंद्र = देर्ेंद्र,
भानु + उदय = भानूदय ।
संक्रि के भेद
• संक्रि के मुख्य रूप से तीन भेद होते हैं :
(१) स्र्र संक्रि
(२) व्यंिन संक्रि
(३) क्रर्सगव संक्रि
स्र्र संक्रि
• दो स्र्रों के मेल से होने र्ाले क्रर्कार (पररर्तवन) को स्र्र-संक्रि कहते हैं।
• उदाहरण : क्रर्द्या + आलय = क्रर्द्यालय ।
स्र्र संक्रि को क्रनम्नक्रलक्रित पााँच भागों में क्रर्भाक्रित क्रकया गया है :
दीघव संक्रि
गुण संक्रि
र्ृक्रि संक्रि
यण संक्रि
अयाक्रद संक्रि
व्यंिन संक्रि
• व्यंजन का व्यंजन से अथर्ा दकसी स्र्र से मेल होने पर जो पररर्तवन होता है
उसे व्यंजन संदध कहते हैं ।
• उदाहरण : शरत् + चंद्र = शरच्चंद्र ।
क्रर्सगव संक्रि
• दर्सगव (:) के बाद स्र्र या व्यंजन आने पर दर्सगव में जो दर्कार (पररर्तवन)
होता है उसे दर्सगव-संदध कहते हैं ।
• उदाहरण : मनः + अनुकूल = मनोनुकूल ।
कारक
कारक
• िो शब्द क्रकसी शब्द का क्रिया के साथ सम्बन्ि बताए र्ह कारक
कहलाते हैं ।
कारक के आठ भेद हैं क्रिनका क्रर्र्रण इस प्रकार है ।
कारक चचन्ह
•
1. कताव - ने
2. कमव - को
3. करण - से , के द्वारा
4. सम्प्रदान - को , के क्रल
5. अपादान - से (अलग करना )
6. सम्बन्ि - का , की , के
7. अक्रिकरण - में , पर
8. सम्बोिन - हे , अरे
व्याकरण Hindi grammer
व्याकरण Hindi grammer

Contenu connexe

Tendances

सर्वनाम P.P.T.pptx
सर्वनाम P.P.T.pptxसर्वनाम P.P.T.pptx
सर्वनाम P.P.T.pptx
TARUNASHARMA57
 
समास
समाससमास
समास
vivekvsr
 
Shabd vichar
Shabd vicharShabd vichar
Shabd vichar
amrit1489
 
Adjectives HINDI
Adjectives HINDIAdjectives HINDI
Adjectives HINDI
Somya Tyagi
 
hindi ppt for class 8
hindi ppt for class 8hindi ppt for class 8
hindi ppt for class 8
Ramanuj Singh
 

Tendances (20)

हिंदी व्याकरण
हिंदी व्याकरणहिंदी व्याकरण
हिंदी व्याकरण
 
kaal
kaalkaal
kaal
 
ppt on visheshan
ppt on visheshanppt on visheshan
ppt on visheshan
 
सर्वनाम P.P.T.pptx
सर्वनाम P.P.T.pptxसर्वनाम P.P.T.pptx
सर्वनाम P.P.T.pptx
 
Hindi ppt
Hindi pptHindi ppt
Hindi ppt
 
हिंदी सर्वनाम
हिंदी सर्वनामहिंदी सर्वनाम
हिंदी सर्वनाम
 
समास
समाससमास
समास
 
Sandhi and its types PPT in Hindi
Sandhi and its types PPT in Hindi Sandhi and its types PPT in Hindi
Sandhi and its types PPT in Hindi
 
Hindi avyay ppt
Hindi avyay pptHindi avyay ppt
Hindi avyay ppt
 
upsarg
upsargupsarg
upsarg
 
Hindi grammar
Hindi grammarHindi grammar
Hindi grammar
 
सर्वनाम
सर्वनामसर्वनाम
सर्वनाम
 
Multimedia hindi 1
Multimedia hindi 1Multimedia hindi 1
Multimedia hindi 1
 
Visheshan
VisheshanVisheshan
Visheshan
 
विशेषण
विशेषणविशेषण
विशेषण
 
Shabd vichar
Shabd vicharShabd vichar
Shabd vichar
 
वचन
वचनवचन
वचन
 
Adjectives HINDI
Adjectives HINDIAdjectives HINDI
Adjectives HINDI
 
सर्वनाम
सर्वनामसर्वनाम
सर्वनाम
 
hindi ppt for class 8
hindi ppt for class 8hindi ppt for class 8
hindi ppt for class 8
 

Similaire à व्याकरण Hindi grammer

hindi-141005233719-conversion-gate02.pdf
hindi-141005233719-conversion-gate02.pdfhindi-141005233719-conversion-gate02.pdf
hindi-141005233719-conversion-gate02.pdf
ShikharMisra4
 
पाठ 11 प्रश्न उत्तर (1) (1)
पाठ 11   प्रश्न उत्तर (1) (1)पाठ 11   प्रश्न उत्तर (1) (1)
पाठ 11 प्रश्न उत्तर (1) (1)
Koteswaran Chandra Mohan
 

Similaire à व्याकरण Hindi grammer (13)

ayush Dewangan.pptx
ayush Dewangan.pptxayush Dewangan.pptx
ayush Dewangan.pptx
 
Hindi (Kirya, visheshan, Visheshay)
Hindi (Kirya, visheshan, Visheshay)Hindi (Kirya, visheshan, Visheshay)
Hindi (Kirya, visheshan, Visheshay)
 
sangya-140117084944-phpapp01 (1).pdf
sangya-140117084944-phpapp01 (1).pdfsangya-140117084944-phpapp01 (1).pdf
sangya-140117084944-phpapp01 (1).pdf
 
noun( संज्ञा).pptx
noun( संज्ञा).pptxnoun( संज्ञा).pptx
noun( संज्ञा).pptx
 
समास पीपीटी 2.pptx
समास पीपीटी 2.pptxसमास पीपीटी 2.pptx
समास पीपीटी 2.pptx
 
hindi-141005233719-conversion-gate02.pdf
hindi-141005233719-conversion-gate02.pdfhindi-141005233719-conversion-gate02.pdf
hindi-141005233719-conversion-gate02.pdf
 
alankar
alankaralankar
alankar
 
केंद्रीय विद्यालय
केंद्रीय विद्यालयकेंद्रीय विद्यालय
केंद्रीय विद्यालय
 
Four Noble Truths (Pratitya Samutpada, Concept of Nirvana and Ashtangik Marg)
Four Noble Truths (Pratitya Samutpada, Concept of Nirvana and Ashtangik Marg)Four Noble Truths (Pratitya Samutpada, Concept of Nirvana and Ashtangik Marg)
Four Noble Truths (Pratitya Samutpada, Concept of Nirvana and Ashtangik Marg)
 
पाठ 11 प्रश्न उत्तर (1)
पाठ 11   प्रश्न उत्तर (1)पाठ 11   प्रश्न उत्तर (1)
पाठ 11 प्रश्न उत्तर (1)
 
पाठ 11 प्रश्न उत्तर (1) (1)
पाठ 11   प्रश्न उत्तर (1) (1)पाठ 11   प्रश्न उत्तर (1) (1)
पाठ 11 प्रश्न उत्तर (1) (1)
 
Presentation1
Presentation1Presentation1
Presentation1
 
समास - hindi
समास - hindiसमास - hindi
समास - hindi
 

व्याकरण Hindi grammer

  • 2. सूची • संज्ञा • सर्वनाम • क्रिया • क्रर्शेषण • संक्रि • कारक
  • 4. संज्ञा संज्ञा उस क्रर्कारी शब्द को कहते है, क्रिससे क्रकसी क्रर्शेष र्स्तु, भार् और िीर् के नाम का बोि हो, उसे संज्ञा कहते है।
  • 5. िैसे- प्राक्रणयों के नाम- मोर, घोड़ा, अक्रनल, क्रकरण, िर्ाहरलाल नेहरू आक्रद। र्स्तुओ के नाम- अनार, रेक्रियो, क्रकताब, सन्दूक, आक्रद। स्थानों के नाम- कु तुबमीनार, नगर, भारत, मेरठ आक्रद भार्ों के नाम- र्ीरता, बुढ़ापा, क्रमठास आक्रद
  • 6.
  • 7. संज्ञा के भेद • संज्ञा के पााँच भेद होते है- (1)व्यक्रिर्ाचक (2)िाक्रतर्ाचक (3)भार्र्ाचक (4)समूहर्ाचक (5)द्रव्यर्ाचक
  • 8. व्यक्रिर्ाचक संज्ञा:-क्रिस शब्द से क्रकसी क्रर्शेष व्यक्रि, र्स्तु या स्थान के नाम का बोि हो उसे व्यक्रिर्ाचक संज्ञा कहते हैं। िाक्रतर्ाचक संज्ञा :- बच्चा, िानर्र, नदी, अध्यापक, बािार, गली, पहाड़, क्रिड़की, स्कू टर आक्रद शब्द एक ही प्रकार प्राणी, र्स्तु और स्थान का बोि करा रहे हैं। इसक्रलए ये 'िाक्रतर्ाचक संज्ञा' हैं। भार्र्ाचक संज्ञा :-थकान, क्रमठास, बुढ़ापा, गरीबी, आिादी, हाँसी, चढ़ाई, साहस, र्ीरता आक्रद शब्द-भार्, गुण, अर्स्था तथा क्रिया के व्यापार का बोि करा रहे हैं। इसक्रलए ये 'भार्र्ाचक संज्ञाएाँ' हैं।
  • 9. (4)समूहर्ाचक संज्ञा :- क्रिस संज्ञा शब्द से र्स्तुओंके समूह या समुदाय का बोि हो, उसे समूहर्ाचक संज्ञा कहते है। (5)द्रव्यर्ाचक संज्ञा :- क्रिन संज्ञा शब्दों से क्रकसी िातु, द्रर् या पदाथव का बोि हो, उन्हें द्रव्यर्ाचक संज्ञा कहते है।
  • 11. सर्वनाम •क्रिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर क्रकया िाता है उन्हें सर्वनाम कहते हैं । •उदाहरण : मैं, तू, आप (स्र्यं), यह, र्ह, िो, कोई, कु छ, कौन, क्या ।
  • 12.
  • 13. सर्वनाम के भेद • सर्वनाम के मुख्य रूप से छ: भेद हैं : (१) पुरुषर्ाचक सर्वनाम (२) क्रनिर्ाचक सर्वनाम (३) क्रनश्चयर्ाचक सर्वनाम (४) अक्रनश्चयर्ाचक सर्वनाम (५) सम्बन्िर्ाचक सर्वनाम (६) प्रश्नर्ाचक सर्वनाम
  • 14. पुरुषर्ाचक सर्वनाम क्रिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग व्यक्रिर्ाचक संज्ञा के स्थान पर क्रकया िाता है उन्हें पुरुषर्ाचक सर्वनाम कहते हैं । िैसे - मैं, तुम, हम, आप, र्े । पुरुषर्ाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं : उत्तम पुरुष (प्रथम परुष) मध्यम पुरुष अन्य पुरुष
  • 15. क्रनिर्ाचक सर्वनाम िो सर्वनाम शब्द करता के स्र्यं के क्रलए प्रयुि होते हैं उन्हें क्रनिर्ाचक सर्वनाम कहते हैं । िैसे :स्र्यं, आप ही, िुद, अपने आप । क्रनश्चयर्ाचक सर्वनाम क्रिन सर्वनाम शब्दों से क्रकसी क्रनक्रश्चत व्यक्रि या र्स्तु का बोि होता है उसे क्रनश्चयकर्ाचक सर्वनाम कहते हैं । िैसे : यह, र्ह, ये, र्े । अक्रनश्चयर्ाचक सर्वनाम क्रिन सर्वनाम शब्दों से क्रकसी क्रनक्रश्चत व्यक्रि या र्स्तु का बोि नहीं होता है उसे अक्रनश्चयर्ाचक सर्वनाम कहते हैं । िैसे : कु छ, क्रकसी ने (क्रकसने), क्रकसी को, क्रकन्ही ने, कोई, क्रकन्ही को ।
  • 16. सम्बन्िर्ाचक सर्वनाम क्रिस सर्वनाम से र्ाक्य में क्रकसी दूसरे सर्वनाम से सम्बन्ि ज्ञात होता है उसे सम्बन्िर्ाचक सर्वनाम कहते हैं । िैसे : िो-सो, िहााँ-र्हााँ, िैसा- र्ैसा, िौन-तौन । प्रश्नर्ाचक सर्वनाम क्रिन सर्वनाम से र्ाक्य में प्रश्न का बोि होता है उसे प्रश्नर्ाचक सर्वनाम कहते हैं । िैसे : कौन, कहााँ, क्या, कै से ।
  • 18. क्रिया •क्रिस शब्द से क्रकसी कायव का करना या होना पाया िाता है उसे क्रिया कहते हैं । •उदाहरण : पढना, िेलना, दौड़ना, िाना, पीना, सोना ।
  • 19.
  • 20. क्रिया के भेद • क्रिया के मुख्य रूप से दो भेद होते हैं : (१) आकमवक क्रिया (२) सकमवक क्रिया
  • 21. • अकमवक क्रिया • क्रिस क्रिया का कायव कताव तक ही सीक्रमत रहे अथावत िहााँ कमव का आभार् होता है उसे अकमवक क्रिया कहते हैं । उदाहरण : मीरा गाती है । मोहन िेलता है । • सकमवक क्रिया • क्रिस क्रिया के कायव का फल कताव से क्रनकलकर दूसरी र्स्तु पर पड़ता है अथर्ा क्रिसमे कमव भी होता है उसे सकमवक क्रिया कहते हैं । उदाहरण : मीरा भिन गाती है । मोहन फु टबाल िेलता है ।
  • 23. क्रर्शेषण • िो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की क्रर्शेषता बताते हैं उन्हें क्रर्शेषण कहते हैं । िो शब्द क्रर्शेषता बतलाते हैं उन्हें क्रर्शेषण कहते हैं और क्रिनकी क्रर्शेषता बताई िाती है उन्हें क्रर्शेष्य कहते हैं । • िैसे : गोरा, काला, अच्छा, बुरा, सुन्दर, मीठा । उदाहरण : आसमान का रंग नीला है :- इसमें नीला क्रर्शेषण है और आकाश क्रर्शेष्य है ।
  • 24.
  • 25. क्रर्शेषण के भेद • क्रर्शेषण के मुख्य रूप से चार भेद हैं : (१) गुणात्मक क्रर्शेषण (२) पररणाम र्ाचक क्रर्शेषण (३) संख्या र्ाचक क्रर्शेषण (४) सार्वनाक्रमक क्रर्शेषण
  • 26. • गुणर्ाचक क्रर्शेषण जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण धमव, स्र्ाभार् आदद का बोध कराते हैं उन्हें गुणर्ाचक दर्शेषण कहते हैं । • जैसे : अच्छा, पुराना, झूठा, सफ़ेद । • संख्यार्ाचक क्रर्शेषण ।जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध कराते हैं उन्हें संख्यार्ाचक दर्शेषण कहते हैं । • जैसे : दस दकताब, चार दमत्र, कुछ छात्र, कई लोग, सात ददन, दस र्षव
  • 27. • सार्वनाक्रमक क्रर्शेषण र्े सर्वनाम जो दकसी संज्ञा की ओर संके त करते हैं उन्हें संके तर्ाचक दर्शेषण या सार्वनादमक दर्शेषण कहते हैं । • उदाहरण : यह दकताब दहंदी व्याकरण की है । र्ह आदमी घर जा रहा है । • पररणाम र्ाचक क्रर्शेषण दजन दर्शेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम के पररमाण (माप-तौल) का बोध होता है उन्हें पररमाणर्ाचक दर्शेषण कहते हैं । • जैसे : एक दकलो घी, दो दकलो दूध, तीन दकलोमीटर, कम लोग, थोडा पानी ।
  • 29. संक्रि • संक्रि शब्द का अथव है मेल। दो क्रनकटर्ती र्णों के परस्पर मेल से िो क्रर्कार (पररर्तवन) होता है र्ह संक्रि कहलाता है। • उदाहरण : सम् + तोष = संतोष, देर् + इंद्र = देर्ेंद्र, भानु + उदय = भानूदय ।
  • 30.
  • 31. संक्रि के भेद • संक्रि के मुख्य रूप से तीन भेद होते हैं : (१) स्र्र संक्रि (२) व्यंिन संक्रि (३) क्रर्सगव संक्रि
  • 32. स्र्र संक्रि • दो स्र्रों के मेल से होने र्ाले क्रर्कार (पररर्तवन) को स्र्र-संक्रि कहते हैं। • उदाहरण : क्रर्द्या + आलय = क्रर्द्यालय । स्र्र संक्रि को क्रनम्नक्रलक्रित पााँच भागों में क्रर्भाक्रित क्रकया गया है : दीघव संक्रि गुण संक्रि र्ृक्रि संक्रि यण संक्रि अयाक्रद संक्रि
  • 33. व्यंिन संक्रि • व्यंजन का व्यंजन से अथर्ा दकसी स्र्र से मेल होने पर जो पररर्तवन होता है उसे व्यंजन संदध कहते हैं । • उदाहरण : शरत् + चंद्र = शरच्चंद्र । क्रर्सगव संक्रि • दर्सगव (:) के बाद स्र्र या व्यंजन आने पर दर्सगव में जो दर्कार (पररर्तवन) होता है उसे दर्सगव-संदध कहते हैं । • उदाहरण : मनः + अनुकूल = मनोनुकूल ।
  • 35. कारक • िो शब्द क्रकसी शब्द का क्रिया के साथ सम्बन्ि बताए र्ह कारक कहलाते हैं । कारक के आठ भेद हैं क्रिनका क्रर्र्रण इस प्रकार है ।
  • 36.
  • 37. कारक चचन्ह • 1. कताव - ने 2. कमव - को 3. करण - से , के द्वारा 4. सम्प्रदान - को , के क्रल
  • 38. 5. अपादान - से (अलग करना ) 6. सम्बन्ि - का , की , के 7. अक्रिकरण - में , पर 8. सम्बोिन - हे , अरे