2. अंशतः एक शोध आधा रत
बड़े शहर म मल का पु न पयोगः
द ण भारत का एक शहर
Elisabeth Kvarnström, Vectura Consulting, Inc.
Joep Verhagen, IRC
Mats Nilsson, MN Context
Vishwanath Srikantaiah, Biome (responsible for this slide show)
Karan Singh, Biome
Shubha Ramachandran, Biome
Minakshi Arora, Projected in Hindi
4. भारतीय से नटे शन(जनगणना 2011)
सेि टक टक पट शौचालय
• ( म लयन) • ( म लयन)
• शहर 30.09 • शहर 55.97
• ामीण 24.67 • ामीण 17.68
• कल
ु 54.76 • कल
ु 73 .65
• कल
ु 128.41
5. सेि टक टक और पट शौचालय
भ व य म ामीण इलाक म 113
म लयन और शहर इलाक म 14
म लयन शौचालय बनाए जाएंगे उनम
भी अ धकांश पट शौचालय ह ह गे
यह अपने आप म मल बंधन क े
लये बड़ी चु नौती है
6. बगलौर शहर म से नटे शन(जनगणना 2011)
सेि टक टक 169,406 पट शौचालय 325,175
•
• कल
ु 494,581
7. से नटे शन क वतमान नयम
े
द ए लॉयमट ऑव मैनु अल कवजस एंड क
े ं शन ऑव ाई
लैटर स ( ो ह बशम) ए ट 1993
• कनाटक ने इस अ ध नयम को 1997 म अपनाया।
• सभी शौचालय म कम से कम 20 सेमी. क वाटर सील होनी
चा हये।
• हाथ से कसी भी मनु य का मैला नह ं उठाया जाएगा।
• 208,323 + 586,087 = 794,410 लोग इस काम म लगे थे
8. शहर सु वधाओं क उपयो गता
• 100 एमएलडी सीवेज म से मा 400
एमएलडी को ह इक ा कया जाता है।
• इक ा कये गए 400 एमएलड़ी म से मा
180 एमएलडी को ह प र कृ त कया जाता है।
• से नटे शन पर सि सडी है लोग को सीवेज के
लये मा 15 ह चु काने पड़ते ह।
• नतीजतन दन दन बढ़ता न दय का दू षण
33. बगलोर वाटर स लाई एंड सीवेज बोड
(बोड क एसट पी
े ांगण म ि थत सीवर म हनीसकस क मा यम से घरे ल ू अप श
े जल –मल क न तारण
े
सं बं धी दशा नदश)
• 6 माह म एसट पी म दये जाने वाले जल-मल क बराबर 50
े
. त कलो ल . क अनु पात म नॉन रफडेबल धनरा श जमा
े ं
करना।
• 50 . त कलो. ल . तमाह
• घरे लू अप श जल जो एसट पी ांगण क सीवर म न ता रत
े
कया जाएगा उस पर बोड ारा तय कये गए मानक लागू
ह गे।
• अभी तक 1एमएलडी क लये 75 पर मट दये गए ह।
े
(जब क 494,581 घर म सेि टक टक या पट शौचालय ह)
37. क पो ट 2500 से 3500 तक बकता है
एक े टर म (4 क.मी.) लोड होता है
38. पर ण क लये क पो ट क नमू ने
े े
इक ा कये जाते ह
39. सीवेज मल का उवरक के प म
मह व
पोषक त व औसत पोषक त व
1000 kg of sewage sludge 1000 kg of farm yard
(10% TS) grams manure grams
N 5.5 17.5
P2O5 17.5 17.5
K2 O 0.75 65
S (Total) 12.5 25
MgO 30 15
Cu (Total) 1.2 0.03
Zn (Total) 1.5 0.15
Mn (Total) 0.6 0.4
Mo (Total) 0.01 0.001
B (Total) 0.03 0.035
Source: Ludwig Sasse, BORDA, 1998, DEWATS Decentralised Wastewater Treatment in Developing Countries
46. अथशा
क क लये
े
• एक हनी सकर क क मत 800,000 /-
• त प पर 1500 क वसू ल
• एक दन म 5 प कर सकते ह
• एक दन म आय 7500 मा सक आय 225,000
• वाषक आय 2.7 म लयन
• बंधन आ द पर खचा - 400,000
• 6 मह ने म ह नवे शत धन क वसू ल
• एक क 20,000 क जनसं या क लये काम कर
े
सकता है (बशत ग ढा त दे वष पर खाल करना हो)
47. अथशा
येक घर क लये
े
• 1500 त 2 वष पर
• लगभग 60 तमाह
• सीवेज से जु ड़ा होने पर मा 15
48. अथशा
कसान क लये
े
• मु त उवरक
• मजदू र पर खच 5000
• त एकड़ बचतः 20,000 से 50,000
तक कवल खाद से ( त वष त एकड़ म
े
10-25 े टर लोड होते ह)
49. पोषक क ा ता क लये जमीन क
े
आव यकता
• त हे टे यर म 250 क लोड होते ह
• एक हे टे यर म 2500 लोग क पोषक त व
े
• 50,000 क जनसं या क लये 20 हे. जमीन
े
• 100,000 - 40 हे .
• 1 म लयन या 10 लाख- 400 हे टे यर
50. अब आगे…
• बजनेस और से नटे शन क से दे श म
व मान अनु भव क बेहतर समझ बनाना
• सभी शहरवा सय को से नटे शन सेवा उपल ध
कराने क लये इस अनु भव को सरकार तर
े
पर वीकायता दे ना
51. अब आगे…
• भारत म गैर-सीवरे ज या जमीन आधा रत
से नटे शन यव था को शा मल करने करने के
लये ोटोकोल वक सत करना
• जमीन आधा रत से नटे शन यव था से पोषक क े
रखरखाव, प रवहन, कपोि टं ग और इ तेमाल क
ं े
लये कानू नी ेमवक और ोटोकोल वक सत
करना
• पोषक त व क पु न पयोग क लये पोषक -
े े
रोगाणु ओं क बेहतर समझ और सु र त इ तेमाल
क लये शोध काय
े
52. अब आगे…
• अ धका रय ारा भवन योजनाओं क वीकृ त क े
समय सीवेज नपटान यव था को शा मल करना
• जमीन उपयोग क योजनाओं म जल-मल क
कपोि टं ग क लये थान का च ह करण करना
ं े
• शौचालय और े-वाटर क लये अलग-अलग
े
यव था
• ग ढे और भू मगत जल क संबंध को समझना
े
और गैर- दू षण आधा रत डजाइन यव था
बनाना
53. Guidelines for the safe use of
wastewater, excreta and grey water
Cost-effective strategies for controlling negative health impacts
• Treatment of wastewater, excreta and greywater is used to prevent the contaminants
from entering the environment.
• Crop/produce restriction is used to minimize health risks to product consumers.
• Waste application techniques (e.g. drip irrigation) and withholding periods aim to reduce
contamination of the products or allow sufficient time for pathogen dieoff in the
environment prior to harvest.
• Exposure control methods (e.g. protective equipment, good hygiene) will prevent
environmental contamination from reaching exposed groups.
• Produce washing/rinsing/disinfection and cooking reduce exposures for product
consumers.
• Vector control reduces exposures for workers and local communities.
• Chemotherapy and immunization can either prevent illness for those who are exposed or
treat those who are ill and thus reduce future pathogen inputs into the wastewater,
excreta or greywater.
Source: WHO 2006
54. ध यवाद!
Minakshi Arora/ Siraj Kesar
Yamuna Waterkeeper
Trust For Research on Earth & Environment- TREE
Delhi