2. िकया-िवशेषण
• जो शब्द िकया की िवशेषता प्रकट करते हैं वे िकया-
िवशेषण कहलाते हैं।
• जैसे-
1.सोहन सुंदर िलखता है।
2.गौरव यहाँ रहता है।
3.संगीता प्रितिदन पढ़ती है।
इन वाक्यों में ‘सुन्दर’, ‘यहाँ’ और ‘प्रितिदन’ शब्द िकया
की िवशेषता बतला रहे हैं। अतः ये शब्द िकया-
िवशेषण हैं।
5. • िजन शब्दों के द्वारा िकया के संपन्न होने की रीित का बोध
होता है वे ‘रीितवाचक िकया-िवशेषण’ कहलाते हैं
इनमें बहुधा ये शब्द प्रयोग में आते हैं- अचानक, सहसा, एकाएक,
झटपट, आप ही, ध्यानपूर्वर्वक, धड़ाधड़, यथा, तथा, ठीक,
सचमुच, अवश्य, वासतव में, िनससंदेह,
बेशक, शायद, संभव हैं, कदािचत्, बहुत करके,
हाँ, ठीक, सच, जी, जरूर, अतएव, िकसिलए,
क्योंिक, नही, न, मत, कभी नही,
कदािप नही आिद।
6. उदारण
• पक्षी पंख फडफडाते हुए उड गए।
• िखलाड़ी दौडते दौडते िगर गया।
• सीमा तेज दौडती है।
• नेहा मीठा बोलती है।
• समय पर पहुँचना हो तो झटपट तैयार हो जाओ।
8. • स्थानवाचक ियाक्रिया-िवशेषण- िजस ियाक्रिया-िवशेषण
शब्द द्वारा ियाक्रिया के होने के स्थान का बोध हो वह
स्थानवाचक ियाक्रिया-िवशेषण कहलाता है।
• इसमें बहुधा ये शब्द प्रयोग में आते है- भीतर, बाहर,
अंदर, यहाँ, वहाँ, ियाकधर, उधर, इधर, कहाँ, जहाँ,
पास, दूर, अन्यत, इस ओर, उस ओर, दाएँ, बाएँ,
ऊपर, नीचे आियाद।
9. उदारण
• यहा पर कौन रहता है |
• वहां पर मेरे नानाजी रहते है |
• तुम कं हा पर रहते हो ?
• सब जगह भगवान है |
14. •पिरमाणवाचक िवशेषण - जो क्रिवशेषण क्रियाकसी क्रवस्तु क्रकी क्रनाप–तौल क्र
या क्रमात्रा क्रका क्रबोध क्रकराते क्रहैं,वे क्रपिरमाणवाचक क्रिवशेषण क्रकहलाते क्रहैं क्र।
जैसे क्र– क्रबहुत क्रआदटिा, लीटिर क्रभर क्रदूध क्रआदियाद क्र।
•इसमें बहुधा थोड़ा-थोड़ा, अत्यंत, अिधक, अल्प, बहुत, कुछ, पयार्याप,
प्रभूत, कम, न्यून, बूँद-बूँद, स्वल्प, केवल, प्रायः अनुमानतः, सवर्याथा आदियाद
शब्द प्रयोग में आदते हैं।
15. पिरमाण वाचक िवशेषण के भेद
(क) िनिशत पिरमाण वाचक - पाँच क्रलीटिर क्रघटी, दस
ियाकलो क्रआदलू क्र। क्रयहाँ क्रिनिशत क्रपिरमाण क्रका क्रबोध क्रकराया
गया क्रहैं क्र।
(ख) अिनिशत पिरमाण वाचक –थोड़ा क्रपानी, कुछ
आदटिा क्रजरा क्रनमक क्रआदियाद क्र।
• यहाँ क्रपिरमाण क्रका क्रज्ञान क्रतो क्रहो क्ररहा क्रहै, ियाकन्तु क्रिनिशत
नही क्र।
16. उदारण
• काफी चीज़ लए हूँ|
• कल बहत बन्दर आये थे |
• कु छ मत लाओ |
• तेल बहत कम है |
17. िकया िवशेषण की रचना
• जो दूसरे शब्द में प्रत्यय लगाने से बनते है उन्हें
यौिगक िवशेषण कहा जाता है |
1. संज्ञा से िनिमत िकया िवशेषण |
2. सवर्वनाम से िनिमत िकया िवशेषण |
3. िवशेषण से िनिमत िकया िवशेषण |
4. िकया से िनिमत िकया िवशेषण |
5. िवपरीताथर्वक शब्द के मेल से |
6. अन्य
18. पहचान कैसे करे ?
• प्रशवाचक शब्द के उत्तर में जो शब्द प्राप्त होते है , वे सभी
िकया िवशेषण है
1. रीितवाचक िकया िवशेषण की पहचान के िलए कैसे
2. स्थानवाचक िकयािवशेषण की पहचान के िलए कहाँ
3. कालवाचक िकया िवशेषण की पहचान के िलए कब
4. पिरमाणर्व िकया िवशेषण की पहचान के िलए िकतना
19. प्रशन
• रिव अच्छे स्वाभाव का है |
• महेश िबहार जा रहा है |
• २ िकलो गेहू ले आना |
• अंकुश बहत लम्बा है|
• मैं कल ताज महल जा रहा ह |
• तुम दरवाज़े से िनकलो |
• तुम्हारा वजन बहत काम है |
िनम्नलिलिखित शब्द में िकया िवशेषण रेखिांिकत करे और उसका
भेद भी बताये |
20. • बनाया गया है -:
• १ ) अनन्या चंदेल
• २ ) अिनकेत चौधरी
• ३ ) अंकुश शमार्व
• 4 )अजुर्वन रस्तोगी